Me aur mere ahsaas book and story is written by Darshita Babubhai Shah in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Me aur mere ahsaas is also popular in कविता in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
में और मेरे अहसास - उपन्यास
Darshita Babubhai Shah
द्वारा
हिंदी कविता
में और मेरे अहसास भाग-१ *** ईश्क में तेरे जोगन बन गई lआज राधा जोगन बन गई ll *** गरघर कीदीवार केकर्णहोतेकोई घरखड़ाना होता ll *** काटे नहीं कटता एक पल यहां lकैसे कटेगी एक उम्र भला यहां ll *** बादलो ने फिर सेनशा किया लगता है lघंटों गरजते रहे परबरस ने का नाम ना लिया ll *** प्यार से छेडने में मजा आ गया lहाथ से छेड़ में मज़ा आ गया ll *** चांदनी रात में हुस्न को रूठा देख lजाम से छेड़ में मज़ा आ गया ॥ *** आसमान में चाँद निकला है lआज मेरा चाँद निखरा है lहुस्न
कशिश (दर्शिता बाबुभाई शाह) - कविता संग्रह
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जैसे चलना, बसना, सजना ये मशीन की तरह अपने आप बनते कर्म हो गए है दूसरी और सोचो तो आदमी जैसे किसीके लिए या अपने आप के लिये यह सबकुछ नहीं कर रहा है, फिर भी कर्म कर ...और पढ़ेहै इन काव्यों में वक्त की गुमनाम ख़ामोशी किसी जहर से कम नहीं अजनबी शहर में आदमी अपना मकान ढूंढने की जुर्रत कैसे कर सकता है वक्त का परायापन आदमी को हर बार मात कर देता है ये शहर भी उससे बात नही करता, जो रस्ते भी अपनी जिद पर अड़े हैं, और फिर भी एक आदमी सारी उम्र अजनबी शहर में घर ढूंढता रहता है दर ब दर
1 - रात गुमसुम
2 - मखमली आवाज
3 - पंखी
4 - नाम
5 - बंधन
6 - शिक्षा
7 - मौसम
8 - पत्थरो
9 - छांव
10 - धूप
11 - भारत
12 - जिंदगी
13 - परदों
14 - मुलाकात
15 - प्यार
16 - दर्द का रिस्ता
17 - आस
18 ...और पढ़ेप्रेम की भूखी
19 - तेरी यादें
20 - वजह
21 - ग़ज़ल
22 - चांदनी रात
में और मेरे अहसास भाग-१ ईश्क में तेरे जोगन बन गई lआज राधा जोगन बन गई ll गरघर कीदीवार केकर्णहोतेकोई घरखड़ाना होता ll काटे नहीं कटता एक ...और पढ़ेयहां lकैसे कटेगी एक उम्र भला यहां ll बादलो ने फिर सेनशा किया लगता है lघंटों गरजते रहे परबरस ने का नाम ना लिया ll प्यार से छेडने में मजा आ गया lहाथ से छेड़ में मज़ा आ गया ll चांदनी रात में हुस्न को रूठा देख lजाम से छेड़ में मज़ा आ गया ॥ आसमान में चाँद निकला है lआज मेरा चाँद निखरा है lहुस्न
में और मेरे अहसास भाग २ खुद को खुद की कबर मे देखता हूं lफिर मे तेरी नजर में देखता हूं ll *** एक लम्हा तो गुजरता नहीं lलोग कैसे सदियों इतजार करते हैं ll *** रिसता दिल काहोना ...और पढ़ेनाकि मजबूरी का l प्यार दिल सेहोना चाहिए नाकि मजबूरी से ll *** ढूढ़ना है तोअंदर ढूढ़बाहर कुछना मिलेगा l *** खामोशी में शोर छुपा होता है lमौन में भी शोर छुपा होता है ll *** ढूंढना नहीं चाहते उसे फिर ।से मिलने की उम्मीद नहीं करते ll *** दर्द देने वाले अपने ही होते हैं lबेगानों को परवाह भी