इश्क़, मुहब्बत, जरूरत, आदत जो भी कहो l
बेपन्हा ओ बेइंतिहा सी चाहत जो भी कहो ll
गर थोड़ा वक्त मिले तो निकाला करो जरा l
दीदार से मिल जाती है राहत जो भी कहो ll
तड़प और तरस हमेशा से चाहत की रहीं हैं l
जो भी प्यार से दोगे उसे दावत जो भी कहो ll
इश्क ने ये क्या जादू कर दिखाया है देखो तो l
दवा से या दुआ से मिले ताकत जो भी कहो ll
प्यार ओ अपनेपन की जो धारा बहती है उसे l
नदी, दरिया, समंदर या सागर जो भी कहो ll
१६-११-२०२३
इश्क़ है तो जताना भी सीख लो l
इश्क़ है तो बताना भी सीख लो ll
प्यार भरी एक आवारा नज़र से l
रूठे हुए को मनाना भी सीख लो ll
प्रेम सपूर्ण समर्पण के तोहफ़े से l
खामोशी को हंसाना भी सीख लो ll
बड़ी आसान हो जाएगी जिंदगी l
दर्द गले से लगाना भी सीख लो ll
जिंदगी में सदाकत को चुनकर l
इज्जत को कमाना भी सीख लो ll
१७-११-२०२३
पुराने लम्हों की याद में दिल में एक टिस सी उठती है l
सुहाने लम्हों की याद में दिल में एक टिस सी उठती है ll
खास शख्स ने पूछा कैसे हो तो हाले दिल बताया वो l
निराले लम्हों की याद में दिल में एक टिस सी उठती है ll
जादू आंसूं का चल गया ओ दिल हाथ से फिसल गया l
दिवाने लम्हों की याद में दिल में एक टिस सी उठती है ll
करार ए रूह छीन गया और धड़कने बेकाबू हुई l
निराले लम्हों की याद में दिल में एक टिस सी उठती है ll
१८-११-२०२३
बात बात पर रंग बदलने वाले रंगीन नहीं है हम l
बेहतरीन नहीं है पर इतने भी संगीन नहीं है हम ll
मुहब्बत तो सदा शाश्वत ही रहती है धड़कनों में l
क्षणिक मात्रा के मिलन से ग़मगीन नहीं है हम ll
दिल का दरिया लुटा देगे जानेमन वादा करते हैं l
आज जो चाहे मांग लो इतने भी दीन नहीं है हम ll
जब से इजहार ए मुहब्बत हुई कभी न कहा व्यस्त हैं l
मग्न हो गये हैं यादों में पर तल्लीन नहीं है हम ll
दिखाने के और चबाने के और रखते हैं आजमा लो l
दिखने को नाजुक दिखते हैं कमसीन नहीं है हम ll
१९-११-२०२३
अभी भी गिरगिट दुनिया का रंग नहीं चढ़ा है l
अंदर ओ बाहिर से एक है सप्तरंगी नहीं है हम ll
सहारे के बग़ैर चल नहीं सकते पर बेसहारा नहीं l
जिंदगी का खेल खेला है पर जंगी नहीं है हम ll
किस्मत ने बेरहमी की पर खुदा की रहम नज़रे है l
खुमारी से जीना चाहते हैं कि दंगी नहीं है हम ll
बेशुमार ज़ख्मों की मिशाल है फ़िर भी मुस्कुराते हैं l
हस्ते हुए ज़ख्मों के साथी संगी नहीं है हम ll
कुछ अपनी समझदारी से काम किया करो l
चाहो तो साथ दे सकते हो, तंगी नहीं है हम ll
हर पल हर लम्हा मुस्कराते रहते हैं क्योंकि l
मन भरके जीना चाहते हैं, रंगी नहीं है हम ll
२०-१२-२०२३
बादलों के पार खूबसूरत निराली दुनिया है l
निर्मल औ पवित्रता भरी अछूती दुनिया है ll
खुदा की इनायत समझकर अनछुआ रखो l
मुकम्मल सच्चाई से भरी अनूठी दुनिया है ll
कभी हवाई जहाज में बैठकर देख आना जरा l
आसमान में दूध सी उजली अनेरी दुनिया है ll
नीले से विस्तृत अम्बर में रोशनी सप्तरंगी है l
आफताब और सितारों की अनोखी दुनिया है ll
वाष्प पुष्पों का बड़ा उड़ता सा ग़ुबार हैं सखी l
घर बना ले वहां सचमुच अलबेली दुनिया है ll
२०-११-२०२३
रिश्ता खुदा से बनाया है तो डर कैसा?
परमतत्व से मन लगाया है तो डर कैसा?
खुल्ले आम किया है इज़हारे मोहब्बत l
जग के सामने जताया है तो डर कैसा?
खुशी हो या ग़म साथ साथ चले है सदा l
वास्ता दिल से निभाया है तो डर कैसा?
किसीकी भी तमा किये बगैर जहां में l
ढिंढोरा पीट के बताया है तो डर कैसा?
नज़रों से समाके रूह में बसा लिया है l
तन मन ओ धन लुटाया है तो डर कैसा?
२१-११-२०२३
कभी कभी जिंदगी में अश्कों से दोस्ती करनी पड़ती है l
पलभर जरा सा मुस्कुराने की क़ीमत भरनी पड़ती है ll
बिना किताबे पढ़े ही सारी दुनियादारी को सीख लिया l
जब समझने वाला न मिले तब तक सरनी पड़ती है ll
आएंगीं एक बार कयामत तो क़यामत ही आ जाने दो अब l
खुद की और क़ायनात की नीद सखी हरनी पड़ती है ll
२२-११-२०२३
नई कलम नया कलाम लिखो l
कुछ नया ही मेरे नाम लिखो ll
ज़िंदगी निकलीं जा रहीं हैं तो l
वक्त के फर्श पे जाम लिखो ll
अकेले में बैठकर मुस्कराना l
दिल की हसरतें आम लिखो ll
नजरअंदाज करे उसे तुरंत ही l
मुकम्मल नजरे आराम लिखो ll
दिन छोटे और रातें लम्बी है l
यादों के मौसमे शाम लिखो ll
कैसी ओ किस तरह गुज़री l
सूरत ए हाल तमाम लिखो ll
हौसलों को बनाये रखने के l
जज्बातों को सलाम लिखो ll
२३-११-२०२३
रिश्तों को मज़बूत डोर से बांधे रखना चाहिए l
अपनों के साथ अपनेपन से पलना चाहिए ll
जिंदगी जीने का सही तरीका यही है कि l
ऊर्मि भावनाओ को खुल कर कहना चाहिए ll
संबंधो की ज़मीं को ताजा रखने के लिए l
वक़्त रहते बड़े प्यार से सिंचना चाहिए ll
हालत कैसे भी हो भूल जाओ कड़वाहट को l
जरूरत पर एक दूसरे के लिए मिटना चाहिए ll
ऐटिटूड और इगो को साईड में रखकर सखी l
कशमकश को झेलना भी सिखना चाहिए ll
२४-११-२०२३
किस्मत का खेल है मिलना ओ बिछड़ना l
रोक सको तो रोको सबंधों का बिगड़ना ll
हँसकर ज़िंन्दगी के नखरे उठाता रहा है l
दिल तो दिवाना है नहीं जानता सिमटना ll
शर्त है कि मुहब्बत में रूठे को मनाया जाए l
मुँह फुलाकर रात और दिन है सिसकता ll
सखी सुहानी यादों के सहारे जीने के लिए l
खुब आता है दिलों दिमाग पर चिपकना ll
न पूछो क्या होता है पल पल बिताना l
मुश्किल हो जाता है भूलकर खिसकना ll
२५-११-२०२३
खामोश जज़्बातों पर नाज़ हैं l
औ रूह में गूँजती आवाज़ हैं ll
कभी तो आसमाँ छू ही लेगे l
मिरे हौसलों में परवाज़ हैं ll
अपनो से अह्सास से जुड़े हैं l
दुनिया से अलग अंदाज हैं ll
ज़िंन्दगी के रंग हजारों है l
रिश्ते ज़िंदगी के ताज हैं ll
भाइचारे से मेल झोल में l
अपनेपन का साज हैं ll
२६-११-२०२३
ज़िंन्दगी हवा का झोंका हैं l
जीने का खूबसूरत मोका हैं ll
जुबां हमेशा मीठी रखना l
जी लो किसने रोका हैं ll
जिम्मेदारी निभाना सीख l
समझदारी ने टोका हैं ll
दुनिया की परवा छोड़ l
नज़रें मिला लोका हैं ll
अच्छाई बचाके रखो l
रिश्ता कुछ नोखा हैं ll
२७-११-२०२३
वादा किया है तो वादा निभाना l
चाहे जो भी हो जाए मुस्कुराना ll
मन की मन में न रखना कभी l
बात दिल की खुलकर बताना ll
दिल को बड़ा करके अपनों से l
मेल मिलाप कर रंजिशें मिटाना ll
क़ायनात में नाम छोड़ना हैं तो l
सौई रूह को ढँढोलकर उठाना ll
जीवन को जी भर के जी लेना है तो l
प्यारे रिश्तों को फूलों से सजाना ll
सभी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता l
जो जितना मिल जाये उसे चलाना ll
तक़दीर में जो है वहीं मिलता हैं तो l
हर हाल में खुश रहने को सिखाना ll
२७-११-२०२३
लाख तकलीफ हो अधरों पर मुस्कान बनाये रखना l
दिल में हौसलों और उम्मीदों के दीप जलाये
रखना ll
बड़ी चाहत होनी चाहिये जीने की और जीने दो की l
घर आँगन को खुशियो के फूलों से सजाये रखना ll
अभिनय के बेताब बादशाह बनकर क़ायनात में आज l
दिल के दर्दों को छुपाकर अश्रुओं को दबाये रखना ll
अजीब मुकाम पर खड़ा है काफ़िला ज़िंन्दगी का सखी l
वादा किया है तो निभायेंगे ज़िगर को मनाये रखना ll
गहरी अंधेरी रात जैसे आई है यूँही चली भी जायेगी l
तमन्ना ओर ख्वाबों के चरागों को जगाये रखना ll
२८-११-२०२३
बारिश की नन्ही बूंदें मोतियों सी चमकती है l
ज़मीं पर अमृत बन आसमान से टपकती है ll
धुँधला सा गुलशन ताजगी है हवाओं में और l
बादलों में कल्पना की दुनिया में टहलती है ll
हवाओं के साथ शोर मचाती बेहद खूबसूरत l
वो इठलाती, मचलती,हल्की सी बरसती है ll
मन के तारों को छेड़ यादों को ताज़ा करके l
प्यारा मीठी सा गीत गुनगुनाकर बहकती है ll
बरसात की बूँदों के संग संगीत सजाती है l
मन को भर उठती खुशियों से गरजती है ll
बादलों की छांव में क़ायनात पे मुस्कान सजे l
धरती की गोद में फूलों की महक महकती है ll
२९-११-२०२३
दर्द का दरिया आंखों से छलक ने लगा है l
यादों की सुनामी आने से बरस ने लगा है ll
तेज़ हवाओं के साथ रुख करके जल्द ही l
साहिल से मुलाकात को तड़प ने लगा है ll
टूटते रिश्तों को बचाने के लिए आज फ़िर l
एक प्यारी मीठी पूनम को तरस ने लगा है ll
बात बात पर रूठना लाजमी तो नहीं कि l
दौर ए जुदाई के बोझ से गरज़ ने लगा है ll
दिल में मुहब्बत का अलाव जलाया है तो l
मिलन ने कल्पना मात्र से बहक ने लगा है ll
३०-११-२०२३
दिल के दरिया में जलन बढ़ने लगी है l
गुस्से की हवा से सुनामी चढ़ने लगी है ll