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Featured Books
  • सन्यासी -- भाग - 12

    लखन लाल के साथ अन्याय होता देख जयन्त चुप ना रह सका और उसने कुछ दिन ठहरकर आखिरकार...

  • अदिति

    "आपको जरूर आना हैपत्नी फोन पर बात कर रही थी।मैं भी कमरे में ही बैठा अपनी पत्नी क...

पर्दाफाश - भाग - 5 By Ratna Pandey

अगले ही दिन आहुति ने फिर एस टी डी बूथ से पार्वती को फ़ोन लगाया, “हैलो नानी” “हैलो बेटा, क्या हुआ? सब ठीक तो है ना?” “नानी, आज मैं आपको कुछ और बताने वाली हूं।” उसकी नानी ने घबराहट म...

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सन्यासी -- भाग - 12 By Saroj Verma

लखन लाल के साथ अन्याय होता देख जयन्त चुप ना रह सका और उसने कुछ दिन ठहरकर आखिरकार काँलेज के बाबू सुमेरसिंह की शिकायत प्रिन्सिपल से कर ही दी,जयन्त के शिकायत करने से सुमेर सिंह के ऊपर...

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अनोखी मित्रता By DINESH KUMAR KEER

अनोखी मित्रताराजा रोमपाद अयोध्या के चक्रवर्ती राजा दशरथ के बहुत ही घनिष्ठ मित्र थे। राजा रोमपाद के कोई सन्तान नहीं थी। एक बार राजा रोमपाद अपने मित्र से मिलने अयोध्या पहुँचे। राजा द...

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गुलकंद - पार्ट 9 By श्रुत कीर्ति अग्रवाल

गुलकंद पार्ट - 9 इस दो बित्ते के फ्लैट में कोई भी बात किसी से छिपती नहीं है। अचानक वीरेश की नजर पड़ी, बालकनी के कोने में उदास बैठी अन्नी के गले में बाँहें डाले प्रांशु उसके गले लग,...

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मां से ही बच्चों की दुनियां होती हैं .... By Purnima Kaushik

मां एक ऐसा शब्द है, जिसे कभी भी किसी भी परिभाषा में आंका जाना संभव नहीं है। मां तो अपने में समस्त संसार को समेटे हुए है। जिनके होने से कभी अकेला महसूस नहीं होता और न ही कभी डर भी ल...

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उजाले की ओर –संस्मरण By Pranava Bharti

स्नेहिल नमस्कार मित्रों बहस हो गई उस दिन मित्रों के बीच और जीवन की परिभाषा के बारे में चर्चा होने लगी| उसी चर्चा के कुछ अंश पाठक मित्रों के साथ साझा करने की इच्छा हुई | हमारी सारी...

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बेटा-बेटी (दोनों कुल का नाम करते हैं) By DINESH KUMAR KEER

1. बेटा - बेटीएक छोटे - से गाँव में एक परिवार रहता था । परिवार बहुत ही समझदार और खुशहाल था । परिवार में एक बुजुर्ग दादी माँ थीं, जिनकी बात हर किसी को माननी पड़ती थी । परिवार में ती...

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दूसरे के जीवन में घुसपैठ By bhagirath

दूसरे के जीवन में घुसपैठ   कामना बड़ी जिद्दी लड़की थी। वह बचपन से ही ऐसी थी, कोई चीज चाहिए तो बस चाहिए, जब तक नहीं मिलती रोती रहती और मुंह फुलाकर बैठी रहती। हर बार पिता को उसकी जिद्द...

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अधिकार By prabha pareek

                                                   अधिकारबत्तीस वर्षीय संदीप को दूसरा विवाह करते समय इस बात की पूरी जानकारी थी कि परिवार को बांधे रखने के लिये उन्हें कुछ अलग तरह के...

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दुश्मन By Rakesh Rakesh

समाज सुधारक राजा राममोहन राॅय जी की तरह अगर पूरा देश सोच तो…. “बस बस अपना भाषण बंद करो आपका भाषण गांव के कुत्ते भी नहीं सुन रहे हैं, वह भी एक हड्डी के लिए आपस में युद्ध कर रहे हैं,...

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सर्कस - 20 (अंतिम भाग) By Madhavi Marathe

                                                                                                 सर्कस:२०             दुसरे दिन सुबह छह बजे के बाद भोपाल गॅस दुर्घटना की खबर चारों ओ...

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अदिति By Kishanlal Sharma

"आपको जरूर आना हैपत्नी फोन पर बात कर रही थी।मैं भी कमरे में ही बैठा अपनी पत्नी की बाते सुन रहा था।बाते खत्म होने पर पत्नी बोली,"अदिति का फोन था"क्या कह रही थी"घर खरीदा है।गृहप्रवेश...

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ग़रीबी By Rakesh Rakesh

सेठ जी गाड़ी का एसी खराब होने की जरा सी बात पर आपने अपने पिता के जमाने के ड्राईवर की पीठ पीठ कर हत्या कर दी।” पुलिस इंस्पेक्टर सिद्धार्थ कहता है सेठ होरीलाल अपने वकील के समझाएं हुए...

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कलयुग का उत्कर्ष By नंदलाल मणि त्रिपाठी

समय के साथ समाज मे घटित कुछ घटनाएं समाज पर इतना गहरा प्रभाव छोड़ जाती है जिसके परिणाम स्वरूप समाज त्वरित प्रतिक्रिया देता सकारात्मकता एव नकारात्मकता का विश्लेषण कर अपने आचरण में ही...

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बिग ब्रदर भाग - 2 By अजय भारद्वाज

विजय ने जब दरोगा नरेश को ये बताया ये डेडबॉडी मेरे पिता गोपाल की नही है तो ये सुनकर नरेश ने हैरान होकर विजय से पूछा तुम कैसे कह सकते हो ये डेड बॉडी गोपाल की नही है विजय तुरंत बोला क...

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कंचन मृग - 46. तो कौन बच सकेगा?(भाग-2) By Dr. Suryapal Singh

रात्रि में कुँवर, उदयसिंह, देवा, तालन, धन्वा, व्यूह रचना पर विमर्श ही कर कर रहे थे कि रूपन उपस्थित हुआ। उसने बताया कि कुमार की चिता यहीं जलेगी। माण्डलिक महाराज परमर्दिदेव के साथ प्...

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खुशी का राज By Rakesh Rakesh

कालिया झूठ भी दिल से बोलता था इसलिए उसका झूठ भी इंसानों को नहीं बल्कि पशु पक्षियों को भी सच लगता था, वह शाकाहारी पशुओं के सामने थोड़ा सा चारा डालकर मांसाहारी पशुओं के सामने मांस का...

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पर्दाफाश - भाग - 5 By Ratna Pandey

अगले ही दिन आहुति ने फिर एस टी डी बूथ से पार्वती को फ़ोन लगाया, “हैलो नानी” “हैलो बेटा, क्या हुआ? सब ठीक तो है ना?” “नानी, आज मैं आपको कुछ और बताने वाली हूं।” उसकी नानी ने घबराहट म...

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सन्यासी -- भाग - 12 By Saroj Verma

लखन लाल के साथ अन्याय होता देख जयन्त चुप ना रह सका और उसने कुछ दिन ठहरकर आखिरकार काँलेज के बाबू सुमेरसिंह की शिकायत प्रिन्सिपल से कर ही दी,जयन्त के शिकायत करने से सुमेर सिंह के ऊपर...

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अनोखी मित्रता By DINESH KUMAR KEER

अनोखी मित्रताराजा रोमपाद अयोध्या के चक्रवर्ती राजा दशरथ के बहुत ही घनिष्ठ मित्र थे। राजा रोमपाद के कोई सन्तान नहीं थी। एक बार राजा रोमपाद अपने मित्र से मिलने अयोध्या पहुँचे। राजा द...

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गुलकंद - पार्ट 9 By श्रुत कीर्ति अग्रवाल

गुलकंद पार्ट - 9 इस दो बित्ते के फ्लैट में कोई भी बात किसी से छिपती नहीं है। अचानक वीरेश की नजर पड़ी, बालकनी के कोने में उदास बैठी अन्नी के गले में बाँहें डाले प्रांशु उसके गले लग,...

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मां एक ऐसा शब्द है, जिसे कभी भी किसी भी परिभाषा में आंका जाना संभव नहीं है। मां तो अपने में समस्त संसार को समेटे हुए है। जिनके होने से कभी अकेला महसूस नहीं होता और न ही कभी डर भी ल...

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उजाले की ओर –संस्मरण By Pranava Bharti

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बेटा-बेटी (दोनों कुल का नाम करते हैं) By DINESH KUMAR KEER

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कलयुग का उत्कर्ष By नंदलाल मणि त्रिपाठी

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कंचन मृग - 46. तो कौन बच सकेगा?(भाग-2) By Dr. Suryapal Singh

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खुशी का राज By Rakesh Rakesh

कालिया झूठ भी दिल से बोलता था इसलिए उसका झूठ भी इंसानों को नहीं बल्कि पशु पक्षियों को भी सच लगता था, वह शाकाहारी पशुओं के सामने थोड़ा सा चारा डालकर मांसाहारी पशुओं के सामने मांस का...

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