The difference between village and city book and story is written by Munavvar Ali in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. The difference between village and city is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. गाँव और शहर के दरमियान फर्क Munavvar Ali द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 1.7k Downloads 5.3k Views Writen by Munavvar Ali Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण मैं जब भी रिश्तेदार के वहाँ खाने जाता हूं, तो बहुत दिलचस्प बातें सुनने मिलती है।अब जब मैं मेरे फूफीजी के घर डिनर की दावत खाने गया था, वहाँ पर चूंकि गाँववाले लोग है।सो उनकी बातें भी थोड़ी सी पिछड़ी होती है।मिसाल के तौर पर जब बातें हो रही थी, तब अमियाने कहा,"मेरे ससुरालवाले खाने में काफी तेज़ है। जब मेरे सोहर खाने बैठते है, तब रोटी के चार बड़े टुकड़े कर देते है। फिर एक रोटी सिर्फ 1 मिनटमें कहाँ खत्म कर देते है, पता ही नही चलता।"(अमिया फूफी की लड़की का नाम है।)उसके बाद मुझे कहते है, "तुम More Likes This ज़िंदगी की खोज - 1 द्वारा Neha kariyaal अधूरा इश्क़ एक और गुनाह - 1 द्वारा archana सुकून - भाग 1 द्वारा Sunita आरव और सूरज द्वारा Rohan Beniwal विक्रम और बेताल - 1 द्वारा Vedant Kana Middle Class Boy द्वारा Bikash parajuli तहम्मुल-ए-इश्क - 4 द्वारा M choudhary अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी