आध्यात्मिक कथा कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

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श्रीमद्भागवतगीता मेरी समझ में महत्वपूर्ण श्लोक (भाग 2) By Ashish Kumar Trivedi

श्रीमद्भागवतगीता के कुछ महत्वपूर्ण श्लोक (भाग 2) अध्याय 5 श्लोक 16ज्ञानेन तु तदज्ञानं येषां नाशितमात्मनः ।तेषामादित्यवज्ज्ञानं प्रकाशयति तत्परम् ॥जिनका अज्ञान दिव्य ज्ञान द्वारा नष...

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देवाधिदेव By ABHAY SINGH

शिव देवाधिदेव हैं.. वे देवो के देवता है। मनुष्यों के देव हैं, महादेव हैं। लेकिन वे दैत्यों के भी देवता हैं।हर असुर ने उनका पूजन किया, वरदान पाए। शिव ने भक्त भक्त में भेद नही किया।...

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वृंदावन By Gurpreet Singh HR02

वृंदावन ब्रजमंडल में मथुरा, गोकुल, नंदगांव, वृंदावन, बरसाना, गोवर्धन आदि क्षेत्र आते हैं। मथुरा जहां श्रीकृष्‍ण की जन्मभूमि है। वहीं गोकुल उनकी बाललीला की भूमि है। श्रीकृष्‍ण जब थो...

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लंकादहन By Sohu Pramod

सीता माता को छुडाने के लिए हनुमानजी ने रावण की लंका का दहन किया था, आज हम उसकी कथा सुनेंगे ।हनुमानजी माता सीता से लंका में अशोकवाटीका में छोटा रूप धारण कर मिले तथा सीता माता की आज्...

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आत्मज्ञान की यात्रा - प्रकरण 6 By atul nalavade

शिष्य: गुरुजी, चेतना क्या है? गुरु: चेतना अस्तित्व का मूलभूत पहलू है जो हमें अपने आस-पास की दुनिया का अनुभव करने और अनुभव करने की अनुमति देती है। यह जागरूकता है जो सभी विचारों, भाव...

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चैनल की डिश वाला भूत By Aariz Billan

यह कहानी मेरे साथ घटी एक सच्ची घटना है।हारली में कोरोना वाइरस के कारण पूरे भारत भर में लॉकडाउन किया गया था। उसी लॉकडाउन में मेरे साथ यह घटना घटी थी जो अभी मैं आपको बताने जा रहा हु।...

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श्री राँका-बाँका जी By Renu

पण्ढरपुर में लक्ष्मीदत्त नाम के एक ऋग्वेदी ब्राह्मण रहते थे। ये सन्तों की बड़े प्रेम से सेवा किया करते थे। एक बार इनके यहाँ साक्षात् नारायण सन्तरूप से पधारे और आशीर्वाद दे गये कि त...

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मानव भेड़ियाँ और रोहिणी - 7 (अंतिम भाग) By Sonali Rawat

आकाश ने रोहिणी को समझाया कि मैं भी यही चाहता हूँ, परंतु हमें एक श्राप मिला हुआ है, पूर्णिमा की रात को 12 बजे से लेकर 3 बजे तक हमें भेड़ियाँ का रूप अपने आप ही लेना पड़ता है इसको हम रो...

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भक्तमाल सुमेरु गोस्वामी तुलसीदास जी By Renu

कराल कलिकाल के कपटी प्राणियों का उद्धार करने के लिये आदिकवि महर्षि वाल्मीकि ने गोस्वामी श्रीतुलसीदास के रूप में अवतार लिया। आदिकवि ने त्रेतायुग में श्रीरामायण नामक प्रबन्ध महाकाव्य...

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श्री यशोधरजी By Renu

श्रीदिवदासजी के वंश में उत्पन्न श्रीयशोधरजी के घर में अनपायनी भक्ति प्रकट हुई। आपके स्त्री-पुत्र आदि सभी लोग आपके मत से सहमत थे। सभी भगवत्परायण थे। आप भगवान् की एवं उनके भक्तों की...

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जन्मदिन को खास बनाएं By Sudhir Srivastava

आलेख - जन्मदिन को खास बनाएं•••••••••••••••••••••••••••• सबसे पहले तो आप सबको आने वाले अनगिनत जन्मदिनों की अग्रिम हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करता हूॅं।आप सभी स्वस्थ सानंद रहें, दीर्...

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मोहे रंग दो श्री राम By Dr Yogendra Kumar Pandey

आज होली का दिन है।श्री राम और लक्ष्मण माता सीता की खोज करते हुए किष्किंधा राज्य में हैं।यहां वानरराज सुग्रीव से उनकी मित्रता हो चुकी है।श्री राम और लक्ष्मण पंपा नदी(वर्तमान नाम तुं...

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पावागढ़ मंदिर - भाग 1 By Neelam Kulshreshtha

नीलम कुलश्रेष्ठ एपीसोड --1 [यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल [वर्ल्ड हेरिटेज साइट ]--- चाँपानेर ] क्या आप उत्तरप्रदेश व कश्मीर के पहाड़ देख चुके हैं ? उन के सौंदर्य से हट कर कुछ अलग देखना...

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भगवान् विष्णु के मत्स्य अवतार By Sakshi Rote

भगवान् विष्णु के मत्स्य अवतारमत्स्य अवतार भगवान विष्णु के प्रथम अवतार है। मछली के रूप में अवतार लेकर भगवान विष्णु ने एक ऋषि को सब प्रकार के जीव-जन्तु एकत्रित करने के लिये कहा और पृ...

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सामाजिक और धार्मिक कार्यों में आगे कैसे बढ़ें? By Sudhir Srivastava

आलेख-सामाजिक और धार्मिक कार्यों में आगे कैसे बढ़ें?********************* मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है।जिसका अपना सामाजिक और मानवीय धर्म भी है, जिसका निर्वहन उसे करना ही होता है। चूं...

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बंटवारे की त्रासदी By Vikas rajput

प्रस्तुत कहानी 1947 के विभाजन एम उसके बाद की त्रासदी का वर्णन करती है। मेरा एक सिख मित्र जो अपनी मां को माजी कहता है और मेरे साथ मुंबई में काम करता है। विभाजन से पहले माजी रावलपिंड...

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सनातन धर्म के पुनरुत्थान और आस्था का जन सैलाब  By Sudhir Srivastava

अंततः पांच सौ सालों की लंबी प्रतीक्षा, कई पीढ़ियों के साथ वर्तमान पीढ़ी का भी सपना 22 जनवरी को तब साकार हो गया,जब अयोध्याधाम में भव्य राम मंदिर में हम सबके प्रभु श्रीराम जी के विग्...

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बाबा की चमत्कार और सुनहेड़ा मछली By Wow Mission successful

एक छोटे से गांव में, मनन नाम का एक किसान रहता था। वो अपने बीवी और बाल बच्चों का पालन पोषण करने में सक्षम नहीं था। वो पुरा दिन खेतों में काम करता था। परंतु वो इतना पैसा नहीं कमा पता...

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श्री लक्ष्मी By Rajiya

इसी दिन समुद्र मंथन के समय क्षीर सागर से लक्ष्मी जी प्रकट हुई थीं और भगवान विष्णु को अपना पति स्वीकार किया था। कथा इस प्रकार है- एक बार भगवान शंकर के अंशभूत महर्षि दुर्वासा पृथ्वी...

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अखा भगत By Renu

अखा भगत गुजराती भाषा के प्राचीन कवियों में महत्त्वपूर्ण स्थान है। वे अपने समय के सर्वोत्तम प्रतिभा संपन्न कवि थे। उनका समय 1592 से 1673 ई. तक माना जाता है। वृत्ति की दृष्टि से वे स...

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भाव का भूखा By DINESH KUMAR KEER

भाव का भूखा एक अमीर आदमी बहुत ही संकट में था । उसे लाखों - करोड़ों का नुकसान जो हुआ था, और सारी जीवन की कमाई डूबने के करीब थी ! जीवन की नाव डगमगा रही थी । वह कभी मंदिर नहीं गया था,...

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श्रीधर स्वामी By Renu

श्रीधर स्वामी के विषय में प्रामाणिक सामग्री तो उपलब्ध नहीं है, जो किंवदन्तियां हैं, उन्‍हीं के आधार पर कुछ जानकारी है। महापुरुषों के जीवन के सत्‍य को ऐसी किंवदन्तियां ही बहुत कुछ प...

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नानी बाई रो मायरो By DINESH KUMAR KEER

नानी बाई रो मायरोनानी बाई ने (मायरा) भात भरने के लिए नरसी जी को बुलाया। नरसी जी के पास भात भरने के लिए कुछ नहीं था. वह निर्धन थे लेकिन भगवन की भक्ति का खजाना भरपूर था. वो कहते थे क...

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चोखा मेला By Renu

चोखा मेला महार जाति के थे। मंगलवेढ़ा नामक स्‍थान में रहते थे। बस्‍ती से मरे हुए जानवर उठा ले जाना ही इनका धंधा था। बचपन से ही ये बड़े सरल और धर्मभीरु थे। श्रीविट्ठल जी के दर्शनों क...

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विसोबा सराफ By Renu

पण्‍ढरपुर से पचास कोस की दूरी पर औंढ़िया नागनाथ एक प्रसिद्ध शिवक्षेत्र है। यहीं पर यजुर्वेदी ब्राह्मण कुल में विसोबा का जन्‍म हुआ था। सराफी का काम करने के कारण ये 'सराफ' कह...

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प्रभु श्रीराम By DINESH KUMAR KEER

प्रभु श्रीराम सालों बाद आज अयोध्या नगरी में प्रभु श्रीराम आए हैं ।सूनी आँखों ने आज प्रभु श्रीराम के दर्शन पाए हैं ।बालक - वृद्ध, नर - नारी सभी जश्न मनाते हैं ।देवगण, ऋषिगण - मुनिगण...

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नाम जप साधना - भाग 18 By Charu Mittal

भगवन्नाम महिमाहरिनामपरा ये च घोरे कलियुगे नराः ।त एव कृतकृत्याप्चश्न कलिर्बाधिते हि तान् ॥ “घोर कलियुग में जो मनुष्य हरिनाम परायण हैं वे ही कृतकृत्य हैं। कलियुग उन्हें बाधा नहीं पह...

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श्रीमद्भागवतगीता मेरी समझ में महत्वपूर्ण श्लोक (भाग 2) By Ashish Kumar Trivedi

श्रीमद्भागवतगीता के कुछ महत्वपूर्ण श्लोक (भाग 2) अध्याय 5 श्लोक 16ज्ञानेन तु तदज्ञानं येषां नाशितमात्मनः ।तेषामादित्यवज्ज्ञानं प्रकाशयति तत्परम् ॥जिनका अज्ञान दिव्य ज्ञान द्वारा नष...

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देवाधिदेव By ABHAY SINGH

शिव देवाधिदेव हैं.. वे देवो के देवता है। मनुष्यों के देव हैं, महादेव हैं। लेकिन वे दैत्यों के भी देवता हैं।हर असुर ने उनका पूजन किया, वरदान पाए। शिव ने भक्त भक्त में भेद नही किया।...

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वृंदावन By Gurpreet Singh HR02

वृंदावन ब्रजमंडल में मथुरा, गोकुल, नंदगांव, वृंदावन, बरसाना, गोवर्धन आदि क्षेत्र आते हैं। मथुरा जहां श्रीकृष्‍ण की जन्मभूमि है। वहीं गोकुल उनकी बाललीला की भूमि है। श्रीकृष्‍ण जब थो...

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लंकादहन By Sohu Pramod

सीता माता को छुडाने के लिए हनुमानजी ने रावण की लंका का दहन किया था, आज हम उसकी कथा सुनेंगे ।हनुमानजी माता सीता से लंका में अशोकवाटीका में छोटा रूप धारण कर मिले तथा सीता माता की आज्...

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आत्मज्ञान की यात्रा - प्रकरण 6 By atul nalavade

शिष्य: गुरुजी, चेतना क्या है? गुरु: चेतना अस्तित्व का मूलभूत पहलू है जो हमें अपने आस-पास की दुनिया का अनुभव करने और अनुभव करने की अनुमति देती है। यह जागरूकता है जो सभी विचारों, भाव...

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चैनल की डिश वाला भूत By Aariz Billan

यह कहानी मेरे साथ घटी एक सच्ची घटना है।हारली में कोरोना वाइरस के कारण पूरे भारत भर में लॉकडाउन किया गया था। उसी लॉकडाउन में मेरे साथ यह घटना घटी थी जो अभी मैं आपको बताने जा रहा हु।...

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श्री राँका-बाँका जी By Renu

पण्ढरपुर में लक्ष्मीदत्त नाम के एक ऋग्वेदी ब्राह्मण रहते थे। ये सन्तों की बड़े प्रेम से सेवा किया करते थे। एक बार इनके यहाँ साक्षात् नारायण सन्तरूप से पधारे और आशीर्वाद दे गये कि त...

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मानव भेड़ियाँ और रोहिणी - 7 (अंतिम भाग) By Sonali Rawat

आकाश ने रोहिणी को समझाया कि मैं भी यही चाहता हूँ, परंतु हमें एक श्राप मिला हुआ है, पूर्णिमा की रात को 12 बजे से लेकर 3 बजे तक हमें भेड़ियाँ का रूप अपने आप ही लेना पड़ता है इसको हम रो...

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भक्तमाल सुमेरु गोस्वामी तुलसीदास जी By Renu

कराल कलिकाल के कपटी प्राणियों का उद्धार करने के लिये आदिकवि महर्षि वाल्मीकि ने गोस्वामी श्रीतुलसीदास के रूप में अवतार लिया। आदिकवि ने त्रेतायुग में श्रीरामायण नामक प्रबन्ध महाकाव्य...

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श्री यशोधरजी By Renu

श्रीदिवदासजी के वंश में उत्पन्न श्रीयशोधरजी के घर में अनपायनी भक्ति प्रकट हुई। आपके स्त्री-पुत्र आदि सभी लोग आपके मत से सहमत थे। सभी भगवत्परायण थे। आप भगवान् की एवं उनके भक्तों की...

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जन्मदिन को खास बनाएं By Sudhir Srivastava

आलेख - जन्मदिन को खास बनाएं•••••••••••••••••••••••••••• सबसे पहले तो आप सबको आने वाले अनगिनत जन्मदिनों की अग्रिम हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करता हूॅं।आप सभी स्वस्थ सानंद रहें, दीर्...

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मोहे रंग दो श्री राम By Dr Yogendra Kumar Pandey

आज होली का दिन है।श्री राम और लक्ष्मण माता सीता की खोज करते हुए किष्किंधा राज्य में हैं।यहां वानरराज सुग्रीव से उनकी मित्रता हो चुकी है।श्री राम और लक्ष्मण पंपा नदी(वर्तमान नाम तुं...

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पावागढ़ मंदिर - भाग 1 By Neelam Kulshreshtha

नीलम कुलश्रेष्ठ एपीसोड --1 [यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल [वर्ल्ड हेरिटेज साइट ]--- चाँपानेर ] क्या आप उत्तरप्रदेश व कश्मीर के पहाड़ देख चुके हैं ? उन के सौंदर्य से हट कर कुछ अलग देखना...

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भगवान् विष्णु के मत्स्य अवतार By Sakshi Rote

भगवान् विष्णु के मत्स्य अवतारमत्स्य अवतार भगवान विष्णु के प्रथम अवतार है। मछली के रूप में अवतार लेकर भगवान विष्णु ने एक ऋषि को सब प्रकार के जीव-जन्तु एकत्रित करने के लिये कहा और पृ...

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सामाजिक और धार्मिक कार्यों में आगे कैसे बढ़ें? By Sudhir Srivastava

आलेख-सामाजिक और धार्मिक कार्यों में आगे कैसे बढ़ें?********************* मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है।जिसका अपना सामाजिक और मानवीय धर्म भी है, जिसका निर्वहन उसे करना ही होता है। चूं...

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बंटवारे की त्रासदी By Vikas rajput

प्रस्तुत कहानी 1947 के विभाजन एम उसके बाद की त्रासदी का वर्णन करती है। मेरा एक सिख मित्र जो अपनी मां को माजी कहता है और मेरे साथ मुंबई में काम करता है। विभाजन से पहले माजी रावलपिंड...

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सनातन धर्म के पुनरुत्थान और आस्था का जन सैलाब  By Sudhir Srivastava

अंततः पांच सौ सालों की लंबी प्रतीक्षा, कई पीढ़ियों के साथ वर्तमान पीढ़ी का भी सपना 22 जनवरी को तब साकार हो गया,जब अयोध्याधाम में भव्य राम मंदिर में हम सबके प्रभु श्रीराम जी के विग्...

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बाबा की चमत्कार और सुनहेड़ा मछली By Wow Mission successful

एक छोटे से गांव में, मनन नाम का एक किसान रहता था। वो अपने बीवी और बाल बच्चों का पालन पोषण करने में सक्षम नहीं था। वो पुरा दिन खेतों में काम करता था। परंतु वो इतना पैसा नहीं कमा पता...

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श्री लक्ष्मी By Rajiya

इसी दिन समुद्र मंथन के समय क्षीर सागर से लक्ष्मी जी प्रकट हुई थीं और भगवान विष्णु को अपना पति स्वीकार किया था। कथा इस प्रकार है- एक बार भगवान शंकर के अंशभूत महर्षि दुर्वासा पृथ्वी...

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अखा भगत By Renu

अखा भगत गुजराती भाषा के प्राचीन कवियों में महत्त्वपूर्ण स्थान है। वे अपने समय के सर्वोत्तम प्रतिभा संपन्न कवि थे। उनका समय 1592 से 1673 ई. तक माना जाता है। वृत्ति की दृष्टि से वे स...

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भाव का भूखा By DINESH KUMAR KEER

भाव का भूखा एक अमीर आदमी बहुत ही संकट में था । उसे लाखों - करोड़ों का नुकसान जो हुआ था, और सारी जीवन की कमाई डूबने के करीब थी ! जीवन की नाव डगमगा रही थी । वह कभी मंदिर नहीं गया था,...

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श्रीधर स्वामी By Renu

श्रीधर स्वामी के विषय में प्रामाणिक सामग्री तो उपलब्ध नहीं है, जो किंवदन्तियां हैं, उन्‍हीं के आधार पर कुछ जानकारी है। महापुरुषों के जीवन के सत्‍य को ऐसी किंवदन्तियां ही बहुत कुछ प...

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नानी बाई रो मायरो By DINESH KUMAR KEER

नानी बाई रो मायरोनानी बाई ने (मायरा) भात भरने के लिए नरसी जी को बुलाया। नरसी जी के पास भात भरने के लिए कुछ नहीं था. वह निर्धन थे लेकिन भगवन की भक्ति का खजाना भरपूर था. वो कहते थे क...

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चोखा मेला By Renu

चोखा मेला महार जाति के थे। मंगलवेढ़ा नामक स्‍थान में रहते थे। बस्‍ती से मरे हुए जानवर उठा ले जाना ही इनका धंधा था। बचपन से ही ये बड़े सरल और धर्मभीरु थे। श्रीविट्ठल जी के दर्शनों क...

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विसोबा सराफ By Renu

पण्‍ढरपुर से पचास कोस की दूरी पर औंढ़िया नागनाथ एक प्रसिद्ध शिवक्षेत्र है। यहीं पर यजुर्वेदी ब्राह्मण कुल में विसोबा का जन्‍म हुआ था। सराफी का काम करने के कारण ये 'सराफ' कह...

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प्रभु श्रीराम By DINESH KUMAR KEER

प्रभु श्रीराम सालों बाद आज अयोध्या नगरी में प्रभु श्रीराम आए हैं ।सूनी आँखों ने आज प्रभु श्रीराम के दर्शन पाए हैं ।बालक - वृद्ध, नर - नारी सभी जश्न मनाते हैं ।देवगण, ऋषिगण - मुनिगण...

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नाम जप साधना - भाग 18 By Charu Mittal

भगवन्नाम महिमाहरिनामपरा ये च घोरे कलियुगे नराः ।त एव कृतकृत्याप्चश्न कलिर्बाधिते हि तान् ॥ “घोर कलियुग में जो मनुष्य हरिनाम परायण हैं वे ही कृतकृत्य हैं। कलियुग उन्हें बाधा नहीं पह...

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