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"काल जब करवट लेता है,तो सिर्फ़ समय नहीं,जिंदगी की दिशा, रिश्तों की परिभाषा और सप...
काल कोठरी----------(3) धारावाहिक।सच्ची घटनो पर आधारित ये उपन्यास की तीसरी कड़ी......
प्रतीक्षा️ InkImagination---"कभी-कभी हम किसी का इंतज़ार नहीं कर रहे होते…हम बस उ...
खामोश शहर, बेचैन दिलपाली... एक छोटा सा शांत शहर, जहाँ ज़िंदगी तेज़ नहीं चलती — ल...
Hello guys How are you.Let's start फिर रश्मि और पूनम हंसी-मजाक करते हुए क्ला...
Episode -2 (निगाहें एक ही तस्वीर....)ख़्वाबों को निगाहों से कोई दूर नहीं कर सकत...
जब कोई चीज़ को बार-बार बोलना पड़े, फिर इन सब का मतलब शून्य हो जाता है।कई बार लगत...
2013की समाप्ति होने को थी गाँव के लोग इस बात में डूबे थे कि हमनें 2013में क्या क...
दोनों हास्पिटल से बाहर आए और इस बार मुस्कुराते हुए। पहले जब वो यहां से जा रहे थे...
लिखने से पहले मैं आपसे माफी चाहूंगी क्योंकि मेरे पास शब्दों की गहराई इतनी ज्याद...
रश्मि अपने घर में बैठी अपनी फैमिली के साथ खाना खा रही थी। खाना खाते समय रश्मि अपनी फैमिली से बात करते हुए हंसी मजाक कर रही थी। रश्मि अपनी फैमिली के साथ खुश थी और उसे कल का भी बे...
"कभी-कभी कुछ लोग ज़िंदगी में यूँ दाख़िल होते हैं जैसे हवा— वे नज़र तो नहीं आते, मगर महसूस होते हैं।" कॉलेज का पहला दिन था। नई जगह, नए चेहरे, और पुराने ख़्याल जो मन में उथ...
वो एक कॉलेज का एंट्रेंस था । सारे स्टुडेंट कॉलेज से बाहर आ रहे थे । एक लड़का और लड़की दोनों साथ में बाहर आ रहे थे । लड़की के चेहरे पर कुछ परेशानी थी और लड़का! वो तो कहीं खोया हुआ थ...
यह मेरी नई कहानी है प्लीज इसे जरुर पड़ी है और कमेंट दीजिए आपको कहानी कैसी लगी है। डिस्क्रिमिनेशन यह कहानी सिर्फ मनोरंजन के लिए लिखा गया है इसका वास्तविकता से कोई भी संबंध नहीं ह...
अस्पताल में दवाओं का गंध हमेशा बना रहता था | और रक्तांश खुराना को इससे हमेशा से नफ़रत थी लेकिन इस वक्त वह उस गंध को मेहसूस नही कर पा रहा था | रक्तांश इस वक्त वीआईपी वार्ड...
"हैलो !इशिता" "हाय!पायल " "तेरी फाइटींग की ट्रेनिंग पूरी हो गयी" "हां!" "अब क्या करगी " "मैं सोशल वर्क करूंगी मां की यही इच्छा थी&#...
"ये चौथी लाश है इस महीने की..." पुराने कुएं के पास खड़े ठाकुर राजवीर की आँखों में डर साफ़ झलक रहा था। गांव वाले इकट्ठा थे—हर चेहरा सहमा हुआ, जैसे अब किसी को बोलने की हिम...
बनारस का वो महीना सावन का था, और आसमान में छाई थी हल्की हल्की धुंध। शहर की सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी में पहला दिन था काव्या का। नीली सलवार-कुर्ता, एक हाथ में किताबें, दूसरे में छतरी...
महाभारत की कहानी - भाग- १ शिखंडी की कहानी और भीष्म की इच्छामृत्यु प्रस्तावना संपूर्ण महाभारत पढ़ने वाले लोगों की संख्या बहुत कम है। अधिकांश लोगों ने महाभारत की कुछ कहानी पढ़ी, सु...
दुनिया सीधे लोगों की नहीं हैं.... चलाक बनो.. जानकारी उतनी ही इकठी करो जिसको तुम रख सकते हो.. जयादा जानकारी बहुत सेहत के लिए हानिकारक होती हैं.. हाँ मेरी बात अक्सर त्रिपाठी से होती...
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