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ट्रिपलेट्स भाग 1 अमर – प्रेम – राजअध्याय 1 : अंधेरी रात, एक माँ और अधूरा सचबरसात...
Part .1 गाँव की सुबह हमेशा की तरह शांत थी। हल्की धूप खेतों पर फैल रही थी, हवा...
चंदनी लेखक राज फुलवरेसुनहरे चंदन के पेड़ों की लंबी कतारों के बीच, एक छोटी-सी गुफ...
त्योहारों की छुट्टियां और आपका दिल क्या आप ज...
कहते हैं न,कभी-कभी उम्र कम पड़ जाती है प्यार करने के लिए,और कभी-कभी पूरी उम्र भी...
सर्जा राजा – भाग 1(बैलों का महान मेला – शुरुआत)लेखक राज फुलवरेअध्याय 1 – बैलों...
घर की दहलीज ,सुबह की पहली किरणें बरामदे में बिछी सफेद चादर पर पड़ रही थीं, लेकिन...
घने जंगल के हृदय में, जहाँ सूरज की रोशनी भी डरते-डरते ज़मीन तक पहुँचती थी, वहाँ...
सवा का महीन था। चारों तरफ हरी चादर पेड़ पौधों को ढके हुए थी । आकाश में काली घटाए...
एपिसोड 1: खामोश पेंटिंग की पहली साँसपुरानी गली की वह कला-दुकान हमेशा की तरह उस श...
Prologue "मैंने किसी की हत्या की है, सुमित। मुझे यकीन है।"रश्मि की आवाज़ एक फुसफुसाहट से ज़्यादा कुछ नहीं थी, लेकिन उस सन्नाटे में वह किसी धमाके की तरह गूँजी। वह अपने हाथों को इतनी श...
शीर्षक: तारक मेहता का रहस्यमय सफरगोकुलधाम सोसाइटी में उस सुबह कुछ अलग ही बेचैनी थी। आसमान में घने बादल छाए थे, हवा में अजीब सी ठंडक थी और सोसाइटी के पुराने पीपल के पेड़ से रह-रह कर...
ट्रिपलेट्स भाग 1 अमर – प्रेम – राजअध्याय 1 : अंधेरी रात, एक माँ और अधूरा सचबरसात की वह रात जैसे पूरे शहर पर बोझ बनकर उतरी थी।आसमान में बादल नहीं, बल्कि काले इरादे तैर रहे थे।कभी ते...
आरंभिक संदेश अध्याय 17 :Vedānta 2.0 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲 जहाँ सत्य के शब्द और प्रवचन बिकते हैं — वहाँ सत्य नहीं होता। सत्य किसी धर्म का व्यापार नहीं है।जो उसे बेचते हैं, वे शब्द बेचते हैं...
सुबह गाँव में कुछ अलग ही तरह का उजाला था। रात की भारी चुप्पी के बाद यह रोशनी मानो हल्की-सी राहत जैसी लगी। मुर्गे की आवाज़, दूर किसी घर में बर्तन बजने की ध्वनियाँ—कुछ-कुछ सामान्य-सा...
नंदीश संधु सिंह उस रात बंगले से निकल पड़ा आज वह सिर्फ़ एक पति नहीं था , वो वकील भी था और उससे भी ज़्यादा, एक सबूत को सुंघाने वाला शिकारी भी था ...नंदीश की सबसे बड़ी ताक़त उसकी ठं...
एपिसोड 3: रंगों में छुपा अतीतउस रात के बाद आरव की नींद जैसे उससे रूठ गई थी।हर बार आँखें बंद करता, उसे अनाया का चेहरा दिखता—वही उदास आँखें, वही अधूरी मुस्कान।कमरा अब भी वैसा ही था,...
नीलिमा दरवाजे की ओर बढ़ी और उसने धीरे से दरवाजा खोला,बाहर एक लड़का खड़ा था स्टाइलिश कपड़े, स्टाइलिश जूते,आंखों पे काले गॉगल्स ओर हैंडसम। तनु तू ? इसे चीखते हुए नीलिमा उस लड़के...
"यह झुमकियां मुझे राजन जी ने दी है।मेरा बर्थ डे गिफ्ट।।।।।" महक की नाटक भरी बातें सुनने के बाद त्रिशा ने हल्की सी आवाज में शर्माते हुए कहा। भले ही वह यह ना जानती हो कि उसके दिल ने...
वर्षाली हंसकर कहती हैं--वरशाली :- आपके सारे प्रश्नों का उत्तर है पर पहले आप घर के भीतर तो आईये। एकांश हैरानी से पुछता है---एकांश :- क्या घर और यहां ..? पर यहां पर तो मुझे कोई घर दि...
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