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सर्जा राजा – भाग 1(बैलों का महान मेला – शुरुआत)लेखक राज फुलवरेअध्याय 1 – बैलों...
घर की दहलीज ,सुबह की पहली किरणें बरामदे में बिछी सफेद चादर पर पड़ रही थीं, लेकिन...
घने जंगल के हृदय में, जहाँ सूरज की रोशनी भी डरते-डरते ज़मीन तक पहुँचती थी, वहाँ...
सवा का महीन था। चारों तरफ हरी चादर पेड़ पौधों को ढके हुए थी । आकाश में काली घटाए...
एपिसोड 1: खामोश पेंटिंग की पहली साँसपुरानी गली की वह कला-दुकान हमेशा की तरह उस श...
1.माया-जाल में फंसे नारदएक बार नारद जी को यह अभिमान हो गया कि उनसे बढ़कर इस पृथ्...
1 एक बुद्धिमान मनुष्य था, बड़े काम करने वाला मनुष्य था, और प्रभु ने उसके प्रति प...
सुबह के चार बजे थे। बाहर अभी भी गहरा अंधेरा छाया हुआ था, और पूरा मोहल्ला गहरी नी...
मुंबई शहर के एक कोर्ट में एक लड़की रजिस्ट्रार के कमरे के बाहर बैठी थी। तभी कमरे...
चाहत की खुशियों का संसार तब बिखर गया जब उसकी शादी के दिन ही वह विधवा हो गई। चाहत...
एपिसोड 51 — “जब पिछले जन्म की गूँज ज़िंदा लौट आई”हवेली में अँधेरा ऐसा छाया था जैसे रात ने खुद अपनी साँसें रोक ली हों।नीली और सुनहरी रोशनी जो कुछ देर पहले हवेली को चमका रही थी—अब पू...
सारा दिन आराम करने के बाद शाम होते ही अजय सिंह अपने दोस्त विजय डोभाल से मिलने के लिए निकल पड़ा,,।इंद्र लोक पबशाम का समय अजय सिंह ने गाड़ी पार्किंग में लगा दी और सीधा पब के अंदर गया...
बॉडीगार्ड की बात सुन जिया उस बॉडीगार्ड के साथ कोर्ट से बाहर चली जाती है।बॉडीगार्ड और जिया जब बाहर आ जाते हैं तो उनके सामने बही गाड़ी आकार रुकती हैं जिसे पहले बॉडीगार्ड उतरा था।बॉडी...
अध्याय 3, III1 जब हनोक ने अपके पुत्रोंको यह समाचार दिया, तब स्वर्गदूतों ने उसे अपके पंखोंपर उठा लिया, और पहिले आकाश पर उठाकर बादलोंपर रख दिया। और मैं ने वहां दृष्टि की, और फिर मैं...
मॉर्निंग टाइमनेहा- रेशमा!! क्या कर रही है? उठ ना यार? कितनी देर तक सोती रहेगी ?तुम्हारा हर रोज का यही नाटक है ,मैं तुम्हें उठाते उठाते थक जाती हूं। तुम खुद लेट होती और मुझे भी...
भूल-86 नेहरू और समान नागरिक संहिता (यू.सी.सी.) भारत में राज्य के नीति-निर्देशक तत्त्व (डी.पी.एस.पी.) का अनुच्छेद-44 समान नागरिक संहिता (यू.सी.सी.) को कार्यान्वित करना राज्य का कर्त...
एक साल बाद.गांव नरकटिया अब शांत था। पीपल का पेड सूख गया था, और उसकी जडें जमीन में गहराई तक सिमट गई थीं। रुखसाना अब गांव की स्कूल में पढाने लगी थी, और जावेद शहर में नौकरी कर रहा था।...
PART — 4 : उस रात सूरज जब घर पहुँचा…उसकी चाल शांत थी, पर दिल में एक नई आग जल चुकी थी।वो अब टूट चुका प्रेमी नहीं था—वो खुद को वापस बनाने वाला इंसान था।कमरे में जाते ही उसन...
चार सहेलियाँशहर के एक साधारण से मोहल्ले में चार सहेलियाँ रहती थीं — आशा, पायल, नेहा और साक्षी। चारों अलग-अलग स्वभाव की थीं, लेकिन उनकी दोस्ती में एक अजीब-सी मजबूती थी, जो समय के सा...
एपिसोड 1: खामोश पेंटिंग की पहली साँसपुरानी गली की वह कला-दुकान हमेशा की तरह उस शाम भी आधी अँधेरे में डूबी हुई थी। बाहर बारिश की हल्की बूँदें पत्थरों से टकरा रही थीं और अंदर हवा में...
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