बाल कथाएँ कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Children Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and c...Read More


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  • कौवा बाबा

    कौवा बाबा   गोपी यूँ तो सुबह जल्दी उठने में कंजूसी बरतता था, परन्तु आजकल गर्मियो...

  • आम का बगीचा - भाग 3

    'जन्मदिन, 10 जून... हम तो भूल ही गए थे।' रानी ख़ुशी के मारे तालियां बजान...

  • जादू वाला बर्तन

    डिगरी की सुबह से सिट्टीपिट्टी ग़ुम है। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा कि अब आगे क्या होगा...

पंकज एस चाइल्डहुड ? By PC Publisher

पंकज एस चाइल्डहुड लेखक के बारे में:-मेरा नाम पंकज मोदक है। में एक लघु कहानीकार हुं।‌ मेरा जन्म इंडिया देश के एक गांव चन्दाहा में हुआ। जो झारखंड राज्य में स्थित है। मेरे पिताजी शंकर...

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तेरी मेरी यारी - 9 By Ashish Kumar Trivedi

       (9)केस ज़रा भी आगे नहीं बढ़ पा रहा था। इससे इंस्पेक्टर आकाश की चिंता बढ़ रही थी। उन्होंने एक बार फिर मि.लाल के पुराने पार्टनर मनीष के बारे में पड़ताल की। लेकिन किसी भी तरह स...

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Thursty Crow By Vikash Kumar

 यह एक गर्म गर्मी का दिन था। एक प्यासा कौआ पानी की तलाश में एक गाँव में पहुँचा। कौआ घरों, खेतों और पेड़ों पर उड़ गया। लेकिन उसे कही पानी नहीं मिला। बहुत समय बाद, वह एक खेत में आया।...

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बाल कविताएँ By DINESH KUMAR KEER

बाल कविताएँ ### 1. **सूरज की किरण**सूरज की किरण आई,  संग में उजियारा लाई।  बच्चों ने ताली बजाई,  खुशियों की टोली आई।### 2. **नन्हा तारा**आसमान में तारा चमका,  नन्हा सा वो प्यारा चम...

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कौवा बाबा By Kishore Sharma Saraswat

कौवा बाबा   गोपी यूँ तो सुबह जल्दी उठने में कंजूसी बरतता था, परन्तु आजकल गर्मियों की सुस्ती भरी भोर भी उसे बिस्तर पर रोक पाने में अपने को ठगा सा महसूस कर रही थी। मानो अस्सी वर्ष का...

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आम का बगीचा - भाग 3 By pooja

'जन्मदिन, 10 जून... हम तो भूल ही गए थे।' रानी ख़ुशी के मारे तालियां बजानेमास्टर जी गहरी सोच में डूब गए। सबकुछ तो ठीक है, लेकिन सालों से जिसे आम भेज रहे हैं, वह बेटा उनकी सु...

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एक बस स्टॉप By Birendrapatel

    [Bk] एक बस स्टॉप डरावनी कहानीबच्चों के लिए भूत की कहानियाँ || बस स्टॉप डरावनी कहानी || डरावनी कहानी || असली डरावनी कहानी || भूत उपन्यास  ·अनुसरण करना3 मिनट पढ़ें·26 अगस्त 2024 ...

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जादू वाला बर्तन By Bharati babbar

डिगरी की सुबह से सिट्टीपिट्टी ग़ुम है। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा कि अब आगे क्या होगा या हो सकता है। जो कुछ उसने देखा वह जादू से कम नहीं था। वह अभी तक स्वयं को आश्वस्त नहीं कर पा रही कि...

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विवान द सुपर स्टार - 3 By Himanshu Singh

अपने माता-पिता के इस तरह के व्यवहार से अब विवान बदतमीज भी हो चुका था। वह फोन मे जिस भी तरह की वीडियो देखता या सुनता वह उसी तरह का व्यवहार अपने माता पिता के साथ करने लगा।वह कभी अपने...

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डरावनी गुड़िया By sarita baghela

आशा अपने दोस्तों के साथ में गुड़िया से खेल रही थी।"आशा! जल्दी से मैरे पास आओ, बड़ी दीदी के घर चलना है। वहाँ पर कार्यक्रम है। तैयार हो जाओ।"मां ने प्यार से समझाया।"नहीं मुझे कहीं नह...

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मोर और तितलियों की कहानी By MB (Official)

घने जंगल में एक विशाल नदी बहती थी, जिसका पानी नीला और साफ था। नदी के किनारे हरे-भरे पेड़, रंग-बिरंगे फूल और अनेक प्रकार के जानवर रहते थे। उस जंगल में एक सुंदर और आकर्षक मोर रहता था...

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आपकी मुस्कान By DINESH KUMAR KEER

1. विकास और विशालविकास - "विशाल! तुम्हारे पास मेरी पेन्सिल है क्या?"विशाल - "नहीं दोस्त! मेरे पास तुम्हारी पेन्सिल नहीं है।... ये देखो, केवल मेरे पास मेरी ही पेन्सिल है, जो कि मैंन...

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खरगोश और कछुआ की दोस्ती By DINESH KUMAR KEER

दोस्तीएक समय की बात है। बीहड़ में खरगोश और कछुआ रहते थे। दोनों में दोस्ताना थी। दोनों सुन्दर से बीहड़ में दूर - दूर तक सैर करते। दोनों में से कोई भी अगर समय पर एक निश्चित स्थान पर...

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बाल वाटिका By DINESH KUMAR KEER

बाल वाटिकाएक सुदूर गाँव में एक विद्यालय था। वहाँ ग्रामवासियों का मुख्य कार्य खेती और दिहाड़ी मजदूरी का था। माता - पिता के काम पर जाने के बाद उनके छोटे - छोटे बच्चे वहीं मोहल्ले में...

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असर उत्सव का By DINESH KUMAR KEER

1. असर उत्सव काअगस्त महीने की पन्द्रह तारीख थी। पूरे देश में स्वतन्त्रता दिवस का उत्सव लगभग एक सप्ताह से चल रहा था। विद्यालय तथा ग्राम सभा से निकलने वाली रैलियाँ सबको आकर्षित कर रह...

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कबूतरों का झुण्ड By DINESH KUMAR KEER

1. कबूतरों का झुण्डकबूतरों का झुण्ड भोजन की तलाश में इधर - उधर भटक रहा था। वहीं दूसरी तरफ एक शिकारी पक्षियों को पकड़ने की योजना बना रहा था। बहुत कोशिश करने के बाद भी कबूतरों का झुण...

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बगुला और सांप By DINESH KUMAR KEER

बगुला और सांप की कहानी - अनीश और अमितएक बार एक सुंदर व सुशील लड़का था, जिसका नाम अनीश था । वह बहुत ही नेक और ईमानदार और दयालु था । वह सदा पढ़ाई में आगे रहता था । वह सभी गुरुजनों, अ...

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लोमड़ी और मुर्गी By DINESH KUMAR KEER

बाल कहानी :- लोमड़ी और मुर्गीएक बार एक जंगल में एक मुर्गी और लोमड़ी कहीं बाहर भोजन की तलाश में जा रही थीं। उन दोनों में गहरी दोस्ती थी। मुर्गी पेड़ पर चढ़ जाती और जैसे ही उसे लोमड़...

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एक - दूसरे का सहयोग By DINESH KUMAR KEER

किसानबहुत दिनों की बात है । एक गाँव में एक किसान रहता था । उसका स्वभाव बहुत अच्छा था । वह सबकी मदद करता था । किसान के पास एक गाय थी । किसान को गाय बहुत प्रिय थी । खेती का काम करने...

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अमन और चमन By DINESH KUMAR KEER

बाल कहानी - अमन और चमनशरारती अमनअमन और चमन दो बहुत अच्छे दोस्त थे। चमन थोड़ा शान्त और सरल स्वभाव का था, पर अमन को कभी - कभी शरारत सूझती। वह किसी को भी अटपटे से झूठ बोलकर डरा देता औ...

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पर-कटी पाखी - 10. पर-कटी फुर्र. By Anand Vishvas

10. पर-कटी फुर्र. *पर-कटी चिड़िया* से चिरौंटे के मिलने का सिलसिला आज भी बन्द नहीं हुआ था। हाँ, इतना तो जरूर था कि कभी कभार चिरौंटे की जगह *पर-कटी* के बेटा-बेटी आ जाया करते थे। शायद...

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अनोखी सभा By DINESH KUMAR KEER

1. अनोखी सभा आधी रात का समय था। एकदम शान्त सा वातावरण लग रहा था, लेकिन कुछ आवाजें जो नदी तट से आ रही थी, मानों कोई मीटिंग चल रही हो। मैंने बिस्तर से उठकर देखा, वहाँ तो सचमुच मीटिंग...

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दो दोस्त By DINESH KUMAR KEER

दो दोस्त(नीकु और नीशू दोनों दोस्त आपस में वार्तालाप कर रहे हैं)निकु - ये बताओ नीशू दोस्त! आज कई दिनों के बाद हम दोनों दोस्त विद्यालय जा रहे हैं। क्या तुमने गृहकार्य पूरा किया है?नी...

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पंकज एस चाइल्डहुड ? By PC Publisher

पंकज एस चाइल्डहुड लेखक के बारे में:-मेरा नाम पंकज मोदक है। में एक लघु कहानीकार हुं।‌ मेरा जन्म इंडिया देश के एक गांव चन्दाहा में हुआ। जो झारखंड राज्य में स्थित है। मेरे पिताजी शंकर...

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तेरी मेरी यारी - 9 By Ashish Kumar Trivedi

       (9)केस ज़रा भी आगे नहीं बढ़ पा रहा था। इससे इंस्पेक्टर आकाश की चिंता बढ़ रही थी। उन्होंने एक बार फिर मि.लाल के पुराने पार्टनर मनीष के बारे में पड़ताल की। लेकिन किसी भी तरह स...

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Thursty Crow By Vikash Kumar

 यह एक गर्म गर्मी का दिन था। एक प्यासा कौआ पानी की तलाश में एक गाँव में पहुँचा। कौआ घरों, खेतों और पेड़ों पर उड़ गया। लेकिन उसे कही पानी नहीं मिला। बहुत समय बाद, वह एक खेत में आया।...

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बाल कविताएँ By DINESH KUMAR KEER

बाल कविताएँ ### 1. **सूरज की किरण**सूरज की किरण आई,  संग में उजियारा लाई।  बच्चों ने ताली बजाई,  खुशियों की टोली आई।### 2. **नन्हा तारा**आसमान में तारा चमका,  नन्हा सा वो प्यारा चम...

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कौवा बाबा By Kishore Sharma Saraswat

कौवा बाबा   गोपी यूँ तो सुबह जल्दी उठने में कंजूसी बरतता था, परन्तु आजकल गर्मियों की सुस्ती भरी भोर भी उसे बिस्तर पर रोक पाने में अपने को ठगा सा महसूस कर रही थी। मानो अस्सी वर्ष का...

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आम का बगीचा - भाग 3 By pooja

'जन्मदिन, 10 जून... हम तो भूल ही गए थे।' रानी ख़ुशी के मारे तालियां बजानेमास्टर जी गहरी सोच में डूब गए। सबकुछ तो ठीक है, लेकिन सालों से जिसे आम भेज रहे हैं, वह बेटा उनकी सु...

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एक बस स्टॉप By Birendrapatel

    [Bk] एक बस स्टॉप डरावनी कहानीबच्चों के लिए भूत की कहानियाँ || बस स्टॉप डरावनी कहानी || डरावनी कहानी || असली डरावनी कहानी || भूत उपन्यास  ·अनुसरण करना3 मिनट पढ़ें·26 अगस्त 2024 ...

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जादू वाला बर्तन By Bharati babbar

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विवान द सुपर स्टार - 3 By Himanshu Singh

अपने माता-पिता के इस तरह के व्यवहार से अब विवान बदतमीज भी हो चुका था। वह फोन मे जिस भी तरह की वीडियो देखता या सुनता वह उसी तरह का व्यवहार अपने माता पिता के साथ करने लगा।वह कभी अपने...

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डरावनी गुड़िया By sarita baghela

आशा अपने दोस्तों के साथ में गुड़िया से खेल रही थी।"आशा! जल्दी से मैरे पास आओ, बड़ी दीदी के घर चलना है। वहाँ पर कार्यक्रम है। तैयार हो जाओ।"मां ने प्यार से समझाया।"नहीं मुझे कहीं नह...

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मोर और तितलियों की कहानी By MB (Official)

घने जंगल में एक विशाल नदी बहती थी, जिसका पानी नीला और साफ था। नदी के किनारे हरे-भरे पेड़, रंग-बिरंगे फूल और अनेक प्रकार के जानवर रहते थे। उस जंगल में एक सुंदर और आकर्षक मोर रहता था...

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1. विकास और विशालविकास - "विशाल! तुम्हारे पास मेरी पेन्सिल है क्या?"विशाल - "नहीं दोस्त! मेरे पास तुम्हारी पेन्सिल नहीं है।... ये देखो, केवल मेरे पास मेरी ही पेन्सिल है, जो कि मैंन...

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खरगोश और कछुआ की दोस्ती By DINESH KUMAR KEER

दोस्तीएक समय की बात है। बीहड़ में खरगोश और कछुआ रहते थे। दोनों में दोस्ताना थी। दोनों सुन्दर से बीहड़ में दूर - दूर तक सैर करते। दोनों में से कोई भी अगर समय पर एक निश्चित स्थान पर...

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बाल वाटिका By DINESH KUMAR KEER

बाल वाटिकाएक सुदूर गाँव में एक विद्यालय था। वहाँ ग्रामवासियों का मुख्य कार्य खेती और दिहाड़ी मजदूरी का था। माता - पिता के काम पर जाने के बाद उनके छोटे - छोटे बच्चे वहीं मोहल्ले में...

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असर उत्सव का By DINESH KUMAR KEER

1. असर उत्सव काअगस्त महीने की पन्द्रह तारीख थी। पूरे देश में स्वतन्त्रता दिवस का उत्सव लगभग एक सप्ताह से चल रहा था। विद्यालय तथा ग्राम सभा से निकलने वाली रैलियाँ सबको आकर्षित कर रह...

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कबूतरों का झुण्ड By DINESH KUMAR KEER

1. कबूतरों का झुण्डकबूतरों का झुण्ड भोजन की तलाश में इधर - उधर भटक रहा था। वहीं दूसरी तरफ एक शिकारी पक्षियों को पकड़ने की योजना बना रहा था। बहुत कोशिश करने के बाद भी कबूतरों का झुण...

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बगुला और सांप By DINESH KUMAR KEER

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लोमड़ी और मुर्गी By DINESH KUMAR KEER

बाल कहानी :- लोमड़ी और मुर्गीएक बार एक जंगल में एक मुर्गी और लोमड़ी कहीं बाहर भोजन की तलाश में जा रही थीं। उन दोनों में गहरी दोस्ती थी। मुर्गी पेड़ पर चढ़ जाती और जैसे ही उसे लोमड़...

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एक - दूसरे का सहयोग By DINESH KUMAR KEER

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अमन और चमन By DINESH KUMAR KEER

बाल कहानी - अमन और चमनशरारती अमनअमन और चमन दो बहुत अच्छे दोस्त थे। चमन थोड़ा शान्त और सरल स्वभाव का था, पर अमन को कभी - कभी शरारत सूझती। वह किसी को भी अटपटे से झूठ बोलकर डरा देता औ...

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पर-कटी पाखी - 10. पर-कटी फुर्र. By Anand Vishvas

10. पर-कटी फुर्र. *पर-कटी चिड़िया* से चिरौंटे के मिलने का सिलसिला आज भी बन्द नहीं हुआ था। हाँ, इतना तो जरूर था कि कभी कभार चिरौंटे की जगह *पर-कटी* के बेटा-बेटी आ जाया करते थे। शायद...

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अनोखी सभा By DINESH KUMAR KEER

1. अनोखी सभा आधी रात का समय था। एकदम शान्त सा वातावरण लग रहा था, लेकिन कुछ आवाजें जो नदी तट से आ रही थी, मानों कोई मीटिंग चल रही हो। मैंने बिस्तर से उठकर देखा, वहाँ तो सचमुच मीटिंग...

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दो दोस्त By DINESH KUMAR KEER

दो दोस्त(नीकु और नीशू दोनों दोस्त आपस में वार्तालाप कर रहे हैं)निकु - ये बताओ नीशू दोस्त! आज कई दिनों के बाद हम दोनों दोस्त विद्यालय जा रहे हैं। क्या तुमने गृहकार्य पूरा किया है?नी...

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