बाल कथाएँ कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

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  • खरगोश और कछुआ की दोस्ती

    दोस्तीएक समय की बात है। बीहड़ में खरगोश और कछुआ रहते थे। दोनों में दोस्ताना थी।...

  • कबूतरों का झुण्ड

    1. कबूतरों का झुण्डकबूतरों का झुण्ड भोजन की तलाश में इधर - उधर भटक रहा था। वहीं...

  • अमन और चमन

    बाल कहानी - अमन और चमनशरारती अमनअमन और चमन दो बहुत अच्छे दोस्त थे। चमन थोड़ा शान...

डरावनी गुड़िया By sarita baghela

आशा अपने दोस्तों के साथ में गुड़िया से खेल रही थी।"आशा! जल्दी से मैरे पास आओ, बड़ी दीदी के घर चलना है। वहाँ पर कार्यक्रम है। तैयार हो जाओ।"मां ने प्यार से समझाया।"नहीं मुझे कहीं नह...

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मोर और तितलियों की कहानी By MB (Official)

घने जंगल में एक विशाल नदी बहती थी, जिसका पानी नीला और साफ था। नदी के किनारे हरे-भरे पेड़, रंग-बिरंगे फूल और अनेक प्रकार के जानवर रहते थे। उस जंगल में एक सुंदर और आकर्षक मोर रहता था...

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आपकी मुस्कान By DINESH KUMAR KEER

1. विकास और विशालविकास - "विशाल! तुम्हारे पास मेरी पेन्सिल है क्या?"विशाल - "नहीं दोस्त! मेरे पास तुम्हारी पेन्सिल नहीं है।... ये देखो, केवल मेरे पास मेरी ही पेन्सिल है, जो कि मैंन...

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खरगोश और कछुआ की दोस्ती By DINESH KUMAR KEER

दोस्तीएक समय की बात है। बीहड़ में खरगोश और कछुआ रहते थे। दोनों में दोस्ताना थी। दोनों सुन्दर से बीहड़ में दूर - दूर तक सैर करते। दोनों में से कोई भी अगर समय पर एक निश्चित स्थान पर...

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बाल वाटिका By DINESH KUMAR KEER

बाल वाटिकाएक सुदूर गाँव में एक विद्यालय था। वहाँ ग्रामवासियों का मुख्य कार्य खेती और दिहाड़ी मजदूरी का था। माता - पिता के काम पर जाने के बाद उनके छोटे - छोटे बच्चे वहीं मोहल्ले में...

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असर उत्सव का By DINESH KUMAR KEER

1. असर उत्सव काअगस्त महीने की पन्द्रह तारीख थी। पूरे देश में स्वतन्त्रता दिवस का उत्सव लगभग एक सप्ताह से चल रहा था। विद्यालय तथा ग्राम सभा से निकलने वाली रैलियाँ सबको आकर्षित कर रह...

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कबूतरों का झुण्ड By DINESH KUMAR KEER

1. कबूतरों का झुण्डकबूतरों का झुण्ड भोजन की तलाश में इधर - उधर भटक रहा था। वहीं दूसरी तरफ एक शिकारी पक्षियों को पकड़ने की योजना बना रहा था। बहुत कोशिश करने के बाद भी कबूतरों का झुण...

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बगुला और सांप By DINESH KUMAR KEER

बगुला और सांप की कहानी - अनीश और अमितएक बार एक सुंदर व सुशील लड़का था, जिसका नाम अनीश था । वह बहुत ही नेक और ईमानदार और दयालु था । वह सदा पढ़ाई में आगे रहता था । वह सभी गुरुजनों, अ...

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लोमड़ी और मुर्गी By DINESH KUMAR KEER

बाल कहानी :- लोमड़ी और मुर्गीएक बार एक जंगल में एक मुर्गी और लोमड़ी कहीं बाहर भोजन की तलाश में जा रही थीं। उन दोनों में गहरी दोस्ती थी। मुर्गी पेड़ पर चढ़ जाती और जैसे ही उसे लोमड़...

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एक - दूसरे का सहयोग By DINESH KUMAR KEER

किसानबहुत दिनों की बात है । एक गाँव में एक किसान रहता था । उसका स्वभाव बहुत अच्छा था । वह सबकी मदद करता था । किसान के पास एक गाय थी । किसान को गाय बहुत प्रिय थी । खेती का काम करने...

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अमन और चमन By DINESH KUMAR KEER

बाल कहानी - अमन और चमनशरारती अमनअमन और चमन दो बहुत अच्छे दोस्त थे। चमन थोड़ा शान्त और सरल स्वभाव का था, पर अमन को कभी - कभी शरारत सूझती। वह किसी को भी अटपटे से झूठ बोलकर डरा देता औ...

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पर-कटी पाखी - 10. पर-कटी फुर्र. By Anand Vishvas

10. पर-कटी फुर्र. *पर-कटी चिड़िया* से चिरौंटे के मिलने का सिलसिला आज भी बन्द नहीं हुआ था। हाँ, इतना तो जरूर था कि कभी कभार चिरौंटे की जगह *पर-कटी* के बेटा-बेटी आ जाया करते थे। शायद...

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अनोखी सभा By DINESH KUMAR KEER

1. अनोखी सभा आधी रात का समय था। एकदम शान्त सा वातावरण लग रहा था, लेकिन कुछ आवाजें जो नदी तट से आ रही थी, मानों कोई मीटिंग चल रही हो। मैंने बिस्तर से उठकर देखा, वहाँ तो सचमुच मीटिंग...

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दो दोस्त By DINESH KUMAR KEER

दो दोस्त(नीकु और नीशू दोनों दोस्त आपस में वार्तालाप कर रहे हैं)निकु - ये बताओ नीशू दोस्त! आज कई दिनों के बाद हम दोनों दोस्त विद्यालय जा रहे हैं। क्या तुमने गृहकार्य पूरा किया है?नी...

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विद्यालय By DINESH KUMAR KEER

तालियाँ - बाल कहानीइस समय विद्यालय में गणतन्त्र दिवस समारोह के लिए सभी बच्चे और शिक्षक बड़े जोर - शोर से तैयारी में लगे थे । घर जाकर सभी अपने - अपने रोल का रिहर्सल करते थे । कोई बच...

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हैलो मिस मैगी By Kusum Agarwal

हैलो मिस मैगी!“रीना क्या तुमने मिस मैगी को देखा है?” कक्षा में आते ही यामा ने प्रश्न किया।“होगी यहीं कहीं या किसी गैस पर पड़ी उबल रही होगी।” यामा ने हँसते हुए कहा और अपना स्कूल बैग...

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पेड़ पौधे By DINESH KUMAR KEER

पेड़ पौधेएक बार दीपक नाम का लड़का किसी जंगल में गायों को चराने के लिए गाँव के अन्य लोगों के साथ गया। उस समय उसके माता-पिता कहीं बाहर गये थे। घर पर बूढ़े दादा-दादी ही थे, इसलिए गायो...

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बहुत जरूरी By DINESH KUMAR KEER

बहुत जरूरीआज खुशी के परिवार में बेहद ही खुशी का माहौल था। उसकी माँ तो फूले न समा रही थी। वह विद्यालय आकर सभी शिक्षकों से मिलकर उनके द्वारा किये गए सहयोग के लिए नतमस्तक हो आभार व्यक...

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मज़े से होली खेलेंगे By Kusum Agarwal

मजे से होली खेलेंगेजब से इरा आई थी, टीना के पांव जमीन पर नहीं पड़ते थे। वह पूरे दिन इरा के हाथों में हाथ डाले इधर से उधर घूमती रहती थी। नए-नए खेल खेलती थी। तरह-तरह की बातें करती थी।...

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झूठी प्रशंसा By DINESH KUMAR KEER

1. झूठी प्रशंसा : -एक बार की बात है । एक महिला के घर पर कुछ मेहमान आने वाले थे । वह महिला बहुत दिखावा करती थी । उस दिन वह बहुत उत्सुकतावश चहलकदमी करती जा रही थी । उसको सबसे प्रशंसा...

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जिज्ञासा By DINESH KUMAR KEER

1. जिज्ञासा -"मांँ! आज क्या मैं स्कूल नही जाऊंँ?""क्या हुआ तृप्ति बिटिया, तबियत तो ठीक है? देखूँ, कहीं बुखार तो नहीं है! अरे! तुम्हें बुखार भी तो नहीं है फिर दिक्कत क्या है? आखिर त...

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जंगल की पाठशाला By DINESH KUMAR KEER

1.जंगल की पाठशाला -एक दिन शेर सिंह अपने जंगल में घूमने निकले। घूमते - घामते एक पेड़ पर टंगी एक तख्ती देखी। रुक गए। जोर से दहाड़ा। उनकी दहाड़ सुन चुन्नू चूहा अपने बिल से निकला। शेर सिं...

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रेशम की डोरी से बंधा यह अनमोल बंधन .... By Purnima Kaushik

कभी खट्टा तो कभी मीठा, कभी प्यार तो कभी झगड़ा, कभी एक दूसरे के लिए बेशुमार प्यार और चिंता तो कभी एक दूसरे से अपने खेल खिलौनों और पसंदीदा खाने के लिए लड़ जाना, कभी एक दूसरे के लिए ब...

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तोता और मैना By DINESH KUMAR KEER

तोता और मैना की कहानीएक बार की बात है । एक जंगल में बड़े से पीपल के पेड़ पर एक तोता और मैना ने अपना बसेरा बना रखा था । हाल ही में बारिश का मौसम खत्म हो चुका था । कई जगह - जगह रास्त...

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कहां गए वो बचपन के दिन..... By Purnima Kaushik

वो हसीं ठिठोली के दिन, वो खेलने कूदने के दिन, वो मस्ती भरे हुए दिन न जाने कहां खो गए। जब व्यर्थ की कोई चिंता नहीं थी, जब हमेशा सपनों के ऊंचे ऊंचे महल बनाए जाते थे। जब किसी भी समस्य...

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ईमानदार खरगोश By DINESH KUMAR KEER

ईमानदार खरगोशएक समय की बात है, खरगोश नौकरी की तलाश में था। उसने फैसला कर लिया कि वह मेहनत की कमाई ही खायेगा, पर नौकरी मिलना आसान काम नहीं था। वह इधर - उधर भटकता रहा लेकिन उसे कहीं...

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प्यासा कौआ By DINESH KUMAR KEER

प्यासा कौआएक बार की बात है किसी जंगल में एक कौआ रहता था। एक दिन उसे बड़ी जोर से प्यास लगी । वह पानी की तलाश में वह बहुत दूर तक उड़ता रहा, परन्तु कहीं भी उसे पानी नहीं मिला। जब वह ब...

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मज़ेदार पहाड़े By DINESH KUMAR KEER

मज़ेदार पहाड़े 01 नेकीएक एकम एक, नेक बनो भई नेक।एक दूनी दो, न बुरा कहो - न सुनो।।एक तिया तीन, परोपकार में हो लीन।एक चौक चार, अच्छा रखो व्यवहार ।।एक पंजे पाँच, अच्छाई को नहीं आँच ।ए...

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बाल गीत By DINESH KUMAR KEER

बाल गीत1. घोड़ा... तांगे में भी ये है लगता। और लड़ाई में है लड़ता।। बहादुर भी है इस पर चढ़ता। सरपट दौड़े कभी न अड़ता।। सर्कस में ये खेल दिखाता। घास चने खुश होकर खाता।।2. तोता... हर...

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एक चिड़िया और लड़के की कहानी By Sonam

एक छोटे गाँव में एक चिड़िया रहती । चिड़िया का नाम टोपी था। टोपी बहुत ही प्यारी चिड़िया थी। वह हमेशा खुश रहती थी और अपने आसपास के सभी जानवरों से प्यार से रहती। एक दिन, टोपी पेड़ पर...

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आओ कुछ सीखे By Sonam

१) एक चिड़ीया की कहानी   एक छोटे से गाँव में एक छोटी सी चिड़िया रहती थी। चिड़िया का नाम टोपी था। टोपी बहुत ही प्यारी और मासूम चिड़िया थी। वह हमेशा खुश रहती थी और अपने आसपास के सभी...

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डरावनी गुड़िया By sarita baghela

आशा अपने दोस्तों के साथ में गुड़िया से खेल रही थी।"आशा! जल्दी से मैरे पास आओ, बड़ी दीदी के घर चलना है। वहाँ पर कार्यक्रम है। तैयार हो जाओ।"मां ने प्यार से समझाया।"नहीं मुझे कहीं नह...

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मोर और तितलियों की कहानी By MB (Official)

घने जंगल में एक विशाल नदी बहती थी, जिसका पानी नीला और साफ था। नदी के किनारे हरे-भरे पेड़, रंग-बिरंगे फूल और अनेक प्रकार के जानवर रहते थे। उस जंगल में एक सुंदर और आकर्षक मोर रहता था...

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आपकी मुस्कान By DINESH KUMAR KEER

1. विकास और विशालविकास - "विशाल! तुम्हारे पास मेरी पेन्सिल है क्या?"विशाल - "नहीं दोस्त! मेरे पास तुम्हारी पेन्सिल नहीं है।... ये देखो, केवल मेरे पास मेरी ही पेन्सिल है, जो कि मैंन...

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खरगोश और कछुआ की दोस्ती By DINESH KUMAR KEER

दोस्तीएक समय की बात है। बीहड़ में खरगोश और कछुआ रहते थे। दोनों में दोस्ताना थी। दोनों सुन्दर से बीहड़ में दूर - दूर तक सैर करते। दोनों में से कोई भी अगर समय पर एक निश्चित स्थान पर...

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बाल वाटिका By DINESH KUMAR KEER

बाल वाटिकाएक सुदूर गाँव में एक विद्यालय था। वहाँ ग्रामवासियों का मुख्य कार्य खेती और दिहाड़ी मजदूरी का था। माता - पिता के काम पर जाने के बाद उनके छोटे - छोटे बच्चे वहीं मोहल्ले में...

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असर उत्सव का By DINESH KUMAR KEER

1. असर उत्सव काअगस्त महीने की पन्द्रह तारीख थी। पूरे देश में स्वतन्त्रता दिवस का उत्सव लगभग एक सप्ताह से चल रहा था। विद्यालय तथा ग्राम सभा से निकलने वाली रैलियाँ सबको आकर्षित कर रह...

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कबूतरों का झुण्ड By DINESH KUMAR KEER

1. कबूतरों का झुण्डकबूतरों का झुण्ड भोजन की तलाश में इधर - उधर भटक रहा था। वहीं दूसरी तरफ एक शिकारी पक्षियों को पकड़ने की योजना बना रहा था। बहुत कोशिश करने के बाद भी कबूतरों का झुण...

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बगुला और सांप By DINESH KUMAR KEER

बगुला और सांप की कहानी - अनीश और अमितएक बार एक सुंदर व सुशील लड़का था, जिसका नाम अनीश था । वह बहुत ही नेक और ईमानदार और दयालु था । वह सदा पढ़ाई में आगे रहता था । वह सभी गुरुजनों, अ...

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लोमड़ी और मुर्गी By DINESH KUMAR KEER

बाल कहानी :- लोमड़ी और मुर्गीएक बार एक जंगल में एक मुर्गी और लोमड़ी कहीं बाहर भोजन की तलाश में जा रही थीं। उन दोनों में गहरी दोस्ती थी। मुर्गी पेड़ पर चढ़ जाती और जैसे ही उसे लोमड़...

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एक - दूसरे का सहयोग By DINESH KUMAR KEER

किसानबहुत दिनों की बात है । एक गाँव में एक किसान रहता था । उसका स्वभाव बहुत अच्छा था । वह सबकी मदद करता था । किसान के पास एक गाय थी । किसान को गाय बहुत प्रिय थी । खेती का काम करने...

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अमन और चमन By DINESH KUMAR KEER

बाल कहानी - अमन और चमनशरारती अमनअमन और चमन दो बहुत अच्छे दोस्त थे। चमन थोड़ा शान्त और सरल स्वभाव का था, पर अमन को कभी - कभी शरारत सूझती। वह किसी को भी अटपटे से झूठ बोलकर डरा देता औ...

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पर-कटी पाखी - 10. पर-कटी फुर्र. By Anand Vishvas

10. पर-कटी फुर्र. *पर-कटी चिड़िया* से चिरौंटे के मिलने का सिलसिला आज भी बन्द नहीं हुआ था। हाँ, इतना तो जरूर था कि कभी कभार चिरौंटे की जगह *पर-कटी* के बेटा-बेटी आ जाया करते थे। शायद...

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अनोखी सभा By DINESH KUMAR KEER

1. अनोखी सभा आधी रात का समय था। एकदम शान्त सा वातावरण लग रहा था, लेकिन कुछ आवाजें जो नदी तट से आ रही थी, मानों कोई मीटिंग चल रही हो। मैंने बिस्तर से उठकर देखा, वहाँ तो सचमुच मीटिंग...

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दो दोस्त By DINESH KUMAR KEER

दो दोस्त(नीकु और नीशू दोनों दोस्त आपस में वार्तालाप कर रहे हैं)निकु - ये बताओ नीशू दोस्त! आज कई दिनों के बाद हम दोनों दोस्त विद्यालय जा रहे हैं। क्या तुमने गृहकार्य पूरा किया है?नी...

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विद्यालय By DINESH KUMAR KEER

तालियाँ - बाल कहानीइस समय विद्यालय में गणतन्त्र दिवस समारोह के लिए सभी बच्चे और शिक्षक बड़े जोर - शोर से तैयारी में लगे थे । घर जाकर सभी अपने - अपने रोल का रिहर्सल करते थे । कोई बच...

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हैलो मिस मैगी By Kusum Agarwal

हैलो मिस मैगी!“रीना क्या तुमने मिस मैगी को देखा है?” कक्षा में आते ही यामा ने प्रश्न किया।“होगी यहीं कहीं या किसी गैस पर पड़ी उबल रही होगी।” यामा ने हँसते हुए कहा और अपना स्कूल बैग...

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पेड़ पौधे By DINESH KUMAR KEER

पेड़ पौधेएक बार दीपक नाम का लड़का किसी जंगल में गायों को चराने के लिए गाँव के अन्य लोगों के साथ गया। उस समय उसके माता-पिता कहीं बाहर गये थे। घर पर बूढ़े दादा-दादी ही थे, इसलिए गायो...

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बहुत जरूरी By DINESH KUMAR KEER

बहुत जरूरीआज खुशी के परिवार में बेहद ही खुशी का माहौल था। उसकी माँ तो फूले न समा रही थी। वह विद्यालय आकर सभी शिक्षकों से मिलकर उनके द्वारा किये गए सहयोग के लिए नतमस्तक हो आभार व्यक...

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मज़े से होली खेलेंगे By Kusum Agarwal

मजे से होली खेलेंगेजब से इरा आई थी, टीना के पांव जमीन पर नहीं पड़ते थे। वह पूरे दिन इरा के हाथों में हाथ डाले इधर से उधर घूमती रहती थी। नए-नए खेल खेलती थी। तरह-तरह की बातें करती थी।...

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झूठी प्रशंसा By DINESH KUMAR KEER

1. झूठी प्रशंसा : -एक बार की बात है । एक महिला के घर पर कुछ मेहमान आने वाले थे । वह महिला बहुत दिखावा करती थी । उस दिन वह बहुत उत्सुकतावश चहलकदमी करती जा रही थी । उसको सबसे प्रशंसा...

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जिज्ञासा By DINESH KUMAR KEER

1. जिज्ञासा -"मांँ! आज क्या मैं स्कूल नही जाऊंँ?""क्या हुआ तृप्ति बिटिया, तबियत तो ठीक है? देखूँ, कहीं बुखार तो नहीं है! अरे! तुम्हें बुखार भी तो नहीं है फिर दिक्कत क्या है? आखिर त...

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जंगल की पाठशाला By DINESH KUMAR KEER

1.जंगल की पाठशाला -एक दिन शेर सिंह अपने जंगल में घूमने निकले। घूमते - घामते एक पेड़ पर टंगी एक तख्ती देखी। रुक गए। जोर से दहाड़ा। उनकी दहाड़ सुन चुन्नू चूहा अपने बिल से निकला। शेर सिं...

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रेशम की डोरी से बंधा यह अनमोल बंधन .... By Purnima Kaushik

कभी खट्टा तो कभी मीठा, कभी प्यार तो कभी झगड़ा, कभी एक दूसरे के लिए बेशुमार प्यार और चिंता तो कभी एक दूसरे से अपने खेल खिलौनों और पसंदीदा खाने के लिए लड़ जाना, कभी एक दूसरे के लिए ब...

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तोता और मैना By DINESH KUMAR KEER

तोता और मैना की कहानीएक बार की बात है । एक जंगल में बड़े से पीपल के पेड़ पर एक तोता और मैना ने अपना बसेरा बना रखा था । हाल ही में बारिश का मौसम खत्म हो चुका था । कई जगह - जगह रास्त...

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कहां गए वो बचपन के दिन..... By Purnima Kaushik

वो हसीं ठिठोली के दिन, वो खेलने कूदने के दिन, वो मस्ती भरे हुए दिन न जाने कहां खो गए। जब व्यर्थ की कोई चिंता नहीं थी, जब हमेशा सपनों के ऊंचे ऊंचे महल बनाए जाते थे। जब किसी भी समस्य...

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ईमानदार खरगोश By DINESH KUMAR KEER

ईमानदार खरगोशएक समय की बात है, खरगोश नौकरी की तलाश में था। उसने फैसला कर लिया कि वह मेहनत की कमाई ही खायेगा, पर नौकरी मिलना आसान काम नहीं था। वह इधर - उधर भटकता रहा लेकिन उसे कहीं...

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प्यासा कौआ By DINESH KUMAR KEER

प्यासा कौआएक बार की बात है किसी जंगल में एक कौआ रहता था। एक दिन उसे बड़ी जोर से प्यास लगी । वह पानी की तलाश में वह बहुत दूर तक उड़ता रहा, परन्तु कहीं भी उसे पानी नहीं मिला। जब वह ब...

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मज़ेदार पहाड़े By DINESH KUMAR KEER

मज़ेदार पहाड़े 01 नेकीएक एकम एक, नेक बनो भई नेक।एक दूनी दो, न बुरा कहो - न सुनो।।एक तिया तीन, परोपकार में हो लीन।एक चौक चार, अच्छा रखो व्यवहार ।।एक पंजे पाँच, अच्छाई को नहीं आँच ।ए...

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बाल गीत By DINESH KUMAR KEER

बाल गीत1. घोड़ा... तांगे में भी ये है लगता। और लड़ाई में है लड़ता।। बहादुर भी है इस पर चढ़ता। सरपट दौड़े कभी न अड़ता।। सर्कस में ये खेल दिखाता। घास चने खुश होकर खाता।।2. तोता... हर...

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एक चिड़िया और लड़के की कहानी By Sonam

एक छोटे गाँव में एक चिड़िया रहती । चिड़िया का नाम टोपी था। टोपी बहुत ही प्यारी चिड़िया थी। वह हमेशा खुश रहती थी और अपने आसपास के सभी जानवरों से प्यार से रहती। एक दिन, टोपी पेड़ पर...

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आओ कुछ सीखे By Sonam

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