लघुकथा कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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उड़ान (4) By Asfal Ashok

अकादमी से ट्रेनिंग कंप्लीट होने के बाद दिव्या को संयोगवश एम.पी. कॉडर ही मिल गया। क्योंकि वह उसका गृह राज्य था। सेक्रेटेरिएट में जॉइनिंग के बाद उसे एक जिला में प्रोबेशन पीरियड के अं...

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मालिक By Rajeev kumar

कोड़ा बरसाने के बाद भी बैलों का जोड़ा टस से मस नहीं हुआ तो हरमू ने आकाश की ओर देखा। पसीने से लथपथ हरमू को तब जाकर सुर्यदेव की उग्रता का भान हुआ और उसने बैलों को हल से आजाद कर दिया और...

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और एक बार की सनक By Rajeev kumar

   अपनी असफलता के लिए सिर्फ भाग्य को कोसते-कोसते, वह अपने आप को हीन और तुच्छ समझने लगा था। इच्छा शक्ति की बात अब उसके मन-मस्तिष्क पर किसी कारक का काम नहीं कर रही थी। वो उठा और टेली...

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A Loyal Soul of the Streets By Dr. Ashmi Chaudhari

       मेरी वफादारी आप ने कभी देखी हैं??में डॉगईस्ट भाई आपका , में भी आपकी तरह एक जीव हु , हा फरक इतना है, आप सब बोल सकते हैं, समझ सकते हैं, पर हम क्या करे, हम  जब कुछ बोल देते है,...

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मालपुरा की श्रापित हवेली By Rinku

भाग 1: गाँव की दास्तानमालपुरा गाँव के किनारे पर एक पुरानी हवेली खड़ी थी। उसकी दीवारों पर गहरी दरारें थीं, जर्जर झरोखे हवा में चरमराते थे और लोहे के पुराने ताले जंग खाकर लटक रहे थे।...

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मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 6 By Soni shakya

चिड़िया दोबारा आती है और आसु के करीब से पंख फड़फड़ाते हुए निकल जाती है और सामने डाल पर अपने बच्चों के साथ जाकर बैठ जाती है। चिड़िया के दोनों बच्चे भी आते है,पर वह इतनी लंबी दूरी तय...

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डायरी By Anshu

आज फिर एक बाऱ हाथों में पेन और और डायरी है, ऐसा नहीं की पहली बार लिख रही हूं पर जो शगल था डायरी लिखने का वह कहीं पीछे छूट गया. अपनी भावनाओं को शब्दों मे  उतारना कभी मुझे आया ही नही...

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संगिनी By Bharti 007

“संगिनी”आस्था के कमरे में आज अजीब-सी हलचल थी। दीवार पर टंगी घड़ी की टिक-टिक उसे बार-बार याद दिला रही थी कि शाम होने वाली है। माँ ने हल्के गुलाबी रंग की साड़ी निकालकर बिस्तर पर रख द...

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मुर्दा दिल By Deepak sharma

कहानी : दीपक शर्मा                   इंदिरा की बीमारी का नाम हमें बाद में पता चला था।              ...

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एक खाली पन्ने की कहानी By Nandini Sadvipra

कहते हैं दुनिया की हर चीज कोई ना कोई कहानी होती है कुछ ऊंची आवाज में कही जाती है और कुछ चुपचाप जी जाती है ।लेकिन एक ऐसी कहानी भी है, जिसे किसी ने कभी पूरा सुना ही नहीं ...एक खाली प...

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कितनी राहें  By Dr Sandip Awasthi

      ------------------------------   "अरे यह बिल तो पिछले माह भी पास होने को आया था। तब जो दिक्कतें बताई बताई थीं ,वह दूर हुई या नहीं?" अतिरिक्त अधिशाषी अभियं...

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आ अब लौट चलें By Rakesh Kaul

आ अब लौट चलें आज सुबह से मेरी तबियत कुछ अनमनी सी हो रही है | सिर में भी कुछ भारीपन सा बना हुआ है | किसी काम में मन नहीं लग रहा है | इसीलिए आज काम पर नहीं गई | वहाँ पर फ़ोन कर के न आ...

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राघवी से रागिनी (भाग 5) By Asfal Ashok

 बाहर लगे सार्वजनिक हेण्डपम्प से पानी भरकर लौटने के बाद मंजीत ने घर का दरवाजा बंद कर लिया। बाल्टी उसने रसोई के पास कच्ची मोरी पर रख दी और राघवी के साथ बर्तन धुलवाने लगा।चाँद की हल्...

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बचपन की आखरी चिट्ठी By InkImagination

बचपन की आख़िरी चिट्ठी(एक हिस्सा, पर पूरी कहानी)हमारा पहला दिन था प्लेस्कूल का।मैं नीली फ्रॉक में थी, नैना पीले में।मैं रो रही थी क्योंकि मम्मी चली गई थीं, और नैना ने बिना कुछ कहे अ...

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शामत By Deepak sharma

                      नंदू मुझे कस्बापुर में मिला था। अपने तेरहवें और मेरे ग्यारहवें वर्ष में।सन उन्नीस सौ बासठ में।   &...

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आखिरी दरवाज़ा — एक औरत की असली ताकत By Tanya Singh

राधिका एक साधारण-सी दिखने वाली, लेकिन अंदर से बेहद संवेदनशील लड़की थी। दिनभर ऑफिस में मेहनत करती, बॉस की डांट सहती, घर लौटकर माँ की दवाइयाँ बनाती—उसकी ज़िंदगी किसी और को बहुत सामान...

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ऊटक नाटक By Deepak sharma

ऊटक नाटक                       सोमा हाथ बांध कर फिर हमारे  सामने खड़ी थी, “सर जी, मेम साहब जी, बिट्टो शादी करना चा...

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चाबुक सवार By Deepak sharma

                    साहित्य के क्षेत्र में मेरी अनभिज्ञता अजेय- अज्ञान के निकट थी और सुमंत्रित उन लोगों की भलाई चाहने के अतिरिक्त...

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शेरू और दया का जादू By Manorama gupta

एक बार की बात है, एक हरे–भरे जंगल में एक छोटा-सा खरगोश रहता था। उसका नाम था शेरू। शेरू पूरा दिन उछल-कूद करता, पेड़ों के पीछे छुपता, तितलियों का पीछा करता और अपने दोस्तों को हँसाता-...

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नौकरी By S Sinha

                                              नौकरी    यह कहानी एक बदनसीब महिला की है जो अपने पति की मौत के बाद जीवन में संघर्ष करती है   ….    “  जरा  ऑफिस में जा कर पूछो  न कि पे...

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‎धुंध में खोई साँसें By vikram kori

‎‎ "यह कहानी भोपाल गैस त्रासदी( भोपाल गैस कांड ) की सच्ची घटना से प्रेरित है।"‎‎  शहर जो कभी सोता नहीं था‎भोपाल कभी एक शांत झीलों का शहर था, पर 1984 की सर्दियों में यहाँ के आसमान म...

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एक रात :एक किशोर की खामोश चीख By RAMESH SOLANKI

# वो रात: एक किशोर की खामोश चीख**एक साहित्यिक संस्मरण**## प्रथम अध्याय: रात्रि का कोलाहलरात के साढ़े तीन बजे थे।गाँव की काली मिट्टी से उठती ओस की ठंडक धीरे-धीरे हवा में घुल रही थी।...

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अभिनेता मुन्नन By Devendra Kumar

अपने छोटे नगर के छोटे मुहल्ले मेंजब मैं छोटा था तब की याद अभी तक सपने में आकर कभी भी झकझोर जाती ही नहीं बल्किपुराने समय में बिताया समय भी बहुत बार सुन्दर सपना लगता है. आज के नजरये...

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शशिमुखी By pink lotus

रानी शशिमुखी… सोलह वर्ष की कोमल कली, जिसकी आँखों में सागर-सी गहराई थी और मन में भक्ति की ज्योति।राजा रयशिह — अठारह का, रणभूमि में विजयी, कठोर अनुशासन वाला पर भीतर से नर्म।जब शशिमुख...

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Silent Bounds By pink lotus

जापान के एक छोटे और शांत गाँव में, एक पुराने बौद्ध मंदिर के पास, हानी कामाडो अपनी साधारण और आध्यात्मिक जीवन जी रही थी। 40 साल की हानी दिखने में मात्र 21 साल की लगती थी। भारत से आने...

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मां की आख़िरी चिट्ठी : एक अधूरा सपना By vikram kori

‎‍ एक साधारण औरत, असाधारण सपने‎गांव की गलियों में हर सुबह मंदिर की घंटी और परिंदों की चहचहाहट ️ गूंजती थी।‎उसी गांव के एक छोटे से कच्चे घर ️ में रहती थी आशा, एक साधारण सी औरत लेकि...

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तृप्ति देसाई - रंजन कुमार देसाई By Ramesh Desai

तृप्ति देसाई - लघु कथा       " बचाओ.. बचाओ!! "      फ्लेट के भीतर से किसी स्त्री की चीख सुनाई दी. सुनकर मेरे अंतर मन में खलबली सी मच गई.      आवाज परिचित होने का आभास हुआ. ...

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Band Darwaze Ka Raaz By Vivek Singh

Purane Khandala Junction ke kone par ek laal lohe ka darwaza tha. Log kehte the ki is darwaze ke peeche ek aisa shehar hai jo hamare shehar ki hi nakal hai—bas andhera, khamosh aur...

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यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) By Ramesh Desai

             यादों की सहेलगाह   - प्रकरण  1       उस वक़्त मैं तीन साल का था, मेरा बड़ा भाई सुखेश  पांच साल का था औऱ मेरी छोटी बहन भाविका केवल छह महिने की थी. उस वक़्त मेरी मा असाध्य...

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पलकों पर अधूरे सपने— एक प्रेम और संघर्ष की कहानी By Tanya Singh

राख से उठती चिंगारीशहर की सुबह हमेशा की तरह शोर से भरी थी,पर उस शोर में भी नैना की ज़िंदगी सन्नाटे में डूबी हुई थी।दिल्ली के पुराने मोहल्ले की एक संकरी गली में वो रोज़ अपने छोटे से...

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तृप्ति देसाई - रंजन कुमार देसाई By Ramesh Desai

तृप्ति देसाई - लघु कथा       " बचाओ.. बचाओ!! "      फ्लेट के भीतर से किसी स्त्री की चीख सुनाई दी. सुनकर मेरे अंतर मन में खलबली सी मच गई.      आवाज परिचित होने का आभास हुआ. ...

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एक कप चाय और अधूरी बातें By Tanya Singh

1. वही पुरानी बालकनीदिल्ली की सर्द सुबह थी।माया अपनी पुरानी बालकनी में बैठी थी — हाथ में चाय का कप, सामने वही सड़क, वही आवाज़ें, वही अकेलापन।हर रोज़ की तरह उसने अपने पौधों को पानी...

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पुनर्जन्म By Meenakshi Verma

साक्षी अपने मां बाप और छोटे भाई के साथ बस से सफर को जा रही थी बस जा रही थी मसूरी रास्ते में पेड़ पहाड़ देखते हुए वह मसूरी पहुंच जाते हैं साक्षी का छोटा भाई अनुज मंदिर देखता है और क...

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जब सादगी ने दिल छू लिया By Payal Author

आरव कपूर—एक ऐसा नाम जो बिज़नेस की दुनिया में किसी ब्रांड से कम नहीं था।सिर्फ़ 28 साल की उम्र में उसकी कंपनी “K-Tech Innovations” ने वो मुक़ाम हासिल किया था जहाँ पहुँचने में लोगों क...

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आईना झूठ नहीं बोलता By Tanya Singh

1. शुरुआत एक आईने सेशहर – भोपाल।रात – 11:47।और कमरा – सिमरन का।वो तीन महीने से एक प्राइवेट हॉस्पिटल में psychologist थी।लोगों के डर सुन-सुनकर खुद डरना भूल चुकी थी।पर उस रात, उसे अप...

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अतुल्या By Deepak sharma

                    “सपाट सड़कों पर गाड़ी बहुत दौड़ा ली। आज ऊबड़- खाबड़ रास्ते नापते हैं। शहर के बाहर निकलेंगे,” सन उन...

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खामोशियाँ: एक अकेलापन की कहानी By InkImagination

नमस्ते दोस्तों! ये कहानी उन सबके लिए है जो रात के तीन बजे छत पर खड़े होकर सोचते हैं – “क्या मैं सच में अकेला हूँ या सिर्फ़ ऐसा महसूस कर रहा हूँ?” मैंने इसे अपने दिल की गहराई से लिख...

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बैड फ़ेथ By Deepak sharma

                   घर मैं शुक्रवार की सुबह आ पहुंचता हूं।                    मेर...

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शनिवार की शपथ By Dhaval Chauhan

अमन हर हफ्ते अपनी जेब में एक छोटी-सी लाल डायरी रखता था, जिसमें पूरे सप्ताह उसे मिले अन्याय की सूचियाँ लिखी रहतीं—किसी का रिश्वत मांगना, किसी का कमजोर पर हाथ उठाना, किसी का सच को झू...

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लचीले फ़ीते By Deepak sharma

                      “यह सज्जन आज के विज़िटर्ज़ हैं, सर,” मेरे दफ़्तर के विज़िटर्ज़ टाइम पर मेरा निजी सचिव मेरे...

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भूख By kunal kumar

गया का मानपुर इलाका जहाँ हर गली में कोई न कोई कहानी आधी जली बीड़ी की तरह पड़ी रहती है।वहीँ की एक कहानी है , थकी देह और खून से लबरेज़ कृति की ।मैं उस रात गया में था, किसी काम से, बस...

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अधूरी मोहब्बत की आख़िरी चिट्ठी By Tanya Singh

कव्या और आरव की कहानी बारिश से शुरू हुई थी — और एक अधूरी चिट्ठी पर ख़त्म हुई।दो दिल, जो एक-दूसरे के लिए बने थे, मगर हालात, समाज और मजबूरी ने उन्हें जुदा कर दिया।यह कहानी है उस प्या...

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उड़ान (4) By Asfal Ashok

अकादमी से ट्रेनिंग कंप्लीट होने के बाद दिव्या को संयोगवश एम.पी. कॉडर ही मिल गया। क्योंकि वह उसका गृह राज्य था। सेक्रेटेरिएट में जॉइनिंग के बाद उसे एक जिला में प्रोबेशन पीरियड के अं...

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मालिक By Rajeev kumar

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और एक बार की सनक By Rajeev kumar

   अपनी असफलता के लिए सिर्फ भाग्य को कोसते-कोसते, वह अपने आप को हीन और तुच्छ समझने लगा था। इच्छा शक्ति की बात अब उसके मन-मस्तिष्क पर किसी कारक का काम नहीं कर रही थी। वो उठा और टेली...

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A Loyal Soul of the Streets By Dr. Ashmi Chaudhari

       मेरी वफादारी आप ने कभी देखी हैं??में डॉगईस्ट भाई आपका , में भी आपकी तरह एक जीव हु , हा फरक इतना है, आप सब बोल सकते हैं, समझ सकते हैं, पर हम क्या करे, हम  जब कुछ बोल देते है,...

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मालपुरा की श्रापित हवेली By Rinku

भाग 1: गाँव की दास्तानमालपुरा गाँव के किनारे पर एक पुरानी हवेली खड़ी थी। उसकी दीवारों पर गहरी दरारें थीं, जर्जर झरोखे हवा में चरमराते थे और लोहे के पुराने ताले जंग खाकर लटक रहे थे।...

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मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 6 By Soni shakya

चिड़िया दोबारा आती है और आसु के करीब से पंख फड़फड़ाते हुए निकल जाती है और सामने डाल पर अपने बच्चों के साथ जाकर बैठ जाती है। चिड़िया के दोनों बच्चे भी आते है,पर वह इतनी लंबी दूरी तय...

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डायरी By Anshu

आज फिर एक बाऱ हाथों में पेन और और डायरी है, ऐसा नहीं की पहली बार लिख रही हूं पर जो शगल था डायरी लिखने का वह कहीं पीछे छूट गया. अपनी भावनाओं को शब्दों मे  उतारना कभी मुझे आया ही नही...

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संगिनी By Bharti 007

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मुर्दा दिल By Deepak sharma

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कितनी राहें  By Dr Sandip Awasthi

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आ अब लौट चलें By Rakesh Kaul

आ अब लौट चलें आज सुबह से मेरी तबियत कुछ अनमनी सी हो रही है | सिर में भी कुछ भारीपन सा बना हुआ है | किसी काम में मन नहीं लग रहा है | इसीलिए आज काम पर नहीं गई | वहाँ पर फ़ोन कर के न आ...

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राघवी से रागिनी (भाग 5) By Asfal Ashok

 बाहर लगे सार्वजनिक हेण्डपम्प से पानी भरकर लौटने के बाद मंजीत ने घर का दरवाजा बंद कर लिया। बाल्टी उसने रसोई के पास कच्ची मोरी पर रख दी और राघवी के साथ बर्तन धुलवाने लगा।चाँद की हल्...

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बचपन की आखरी चिट्ठी By InkImagination

बचपन की आख़िरी चिट्ठी(एक हिस्सा, पर पूरी कहानी)हमारा पहला दिन था प्लेस्कूल का।मैं नीली फ्रॉक में थी, नैना पीले में।मैं रो रही थी क्योंकि मम्मी चली गई थीं, और नैना ने बिना कुछ कहे अ...

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शामत By Deepak sharma

                      नंदू मुझे कस्बापुर में मिला था। अपने तेरहवें और मेरे ग्यारहवें वर्ष में।सन उन्नीस सौ बासठ में।   &...

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आखिरी दरवाज़ा — एक औरत की असली ताकत By Tanya Singh

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ऊटक नाटक By Deepak sharma

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शेरू और दया का जादू By Manorama gupta

एक बार की बात है, एक हरे–भरे जंगल में एक छोटा-सा खरगोश रहता था। उसका नाम था शेरू। शेरू पूरा दिन उछल-कूद करता, पेड़ों के पीछे छुपता, तितलियों का पीछा करता और अपने दोस्तों को हँसाता-...

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नौकरी By S Sinha

                                              नौकरी    यह कहानी एक बदनसीब महिला की है जो अपने पति की मौत के बाद जीवन में संघर्ष करती है   ….    “  जरा  ऑफिस में जा कर पूछो  न कि पे...

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एक रात :एक किशोर की खामोश चीख By RAMESH SOLANKI

# वो रात: एक किशोर की खामोश चीख**एक साहित्यिक संस्मरण**## प्रथम अध्याय: रात्रि का कोलाहलरात के साढ़े तीन बजे थे।गाँव की काली मिट्टी से उठती ओस की ठंडक धीरे-धीरे हवा में घुल रही थी।...

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शशिमुखी By pink lotus

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Silent Bounds By pink lotus

जापान के एक छोटे और शांत गाँव में, एक पुराने बौद्ध मंदिर के पास, हानी कामाडो अपनी साधारण और आध्यात्मिक जीवन जी रही थी। 40 साल की हानी दिखने में मात्र 21 साल की लगती थी। भारत से आने...

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मां की आख़िरी चिट्ठी : एक अधूरा सपना By vikram kori

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तृप्ति देसाई - रंजन कुमार देसाई By Ramesh Desai

तृप्ति देसाई - लघु कथा       " बचाओ.. बचाओ!! "      फ्लेट के भीतर से किसी स्त्री की चीख सुनाई दी. सुनकर मेरे अंतर मन में खलबली सी मच गई.      आवाज परिचित होने का आभास हुआ. ...

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यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) By Ramesh Desai

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पलकों पर अधूरे सपने— एक प्रेम और संघर्ष की कहानी By Tanya Singh

राख से उठती चिंगारीशहर की सुबह हमेशा की तरह शोर से भरी थी,पर उस शोर में भी नैना की ज़िंदगी सन्नाटे में डूबी हुई थी।दिल्ली के पुराने मोहल्ले की एक संकरी गली में वो रोज़ अपने छोटे से...

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तृप्ति देसाई - रंजन कुमार देसाई By Ramesh Desai

तृप्ति देसाई - लघु कथा       " बचाओ.. बचाओ!! "      फ्लेट के भीतर से किसी स्त्री की चीख सुनाई दी. सुनकर मेरे अंतर मन में खलबली सी मच गई.      आवाज परिचित होने का आभास हुआ. ...

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एक कप चाय और अधूरी बातें By Tanya Singh

1. वही पुरानी बालकनीदिल्ली की सर्द सुबह थी।माया अपनी पुरानी बालकनी में बैठी थी — हाथ में चाय का कप, सामने वही सड़क, वही आवाज़ें, वही अकेलापन।हर रोज़ की तरह उसने अपने पौधों को पानी...

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पुनर्जन्म By Meenakshi Verma

साक्षी अपने मां बाप और छोटे भाई के साथ बस से सफर को जा रही थी बस जा रही थी मसूरी रास्ते में पेड़ पहाड़ देखते हुए वह मसूरी पहुंच जाते हैं साक्षी का छोटा भाई अनुज मंदिर देखता है और क...

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जब सादगी ने दिल छू लिया By Payal Author

आरव कपूर—एक ऐसा नाम जो बिज़नेस की दुनिया में किसी ब्रांड से कम नहीं था।सिर्फ़ 28 साल की उम्र में उसकी कंपनी “K-Tech Innovations” ने वो मुक़ाम हासिल किया था जहाँ पहुँचने में लोगों क...

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आईना झूठ नहीं बोलता By Tanya Singh

1. शुरुआत एक आईने सेशहर – भोपाल।रात – 11:47।और कमरा – सिमरन का।वो तीन महीने से एक प्राइवेट हॉस्पिटल में psychologist थी।लोगों के डर सुन-सुनकर खुद डरना भूल चुकी थी।पर उस रात, उसे अप...

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अतुल्या By Deepak sharma

                    “सपाट सड़कों पर गाड़ी बहुत दौड़ा ली। आज ऊबड़- खाबड़ रास्ते नापते हैं। शहर के बाहर निकलेंगे,” सन उन...

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खामोशियाँ: एक अकेलापन की कहानी By InkImagination

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अमन हर हफ्ते अपनी जेब में एक छोटी-सी लाल डायरी रखता था, जिसमें पूरे सप्ताह उसे मिले अन्याय की सूचियाँ लिखी रहतीं—किसी का रिश्वत मांगना, किसी का कमजोर पर हाथ उठाना, किसी का सच को झू...

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लचीले फ़ीते By Deepak sharma

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भूख By kunal kumar

गया का मानपुर इलाका जहाँ हर गली में कोई न कोई कहानी आधी जली बीड़ी की तरह पड़ी रहती है।वहीँ की एक कहानी है , थकी देह और खून से लबरेज़ कृति की ।मैं उस रात गया में था, किसी काम से, बस...

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अधूरी मोहब्बत की आख़िरी चिट्ठी By Tanya Singh

कव्या और आरव की कहानी बारिश से शुरू हुई थी — और एक अधूरी चिट्ठी पर ख़त्म हुई।दो दिल, जो एक-दूसरे के लिए बने थे, मगर हालात, समाज और मजबूरी ने उन्हें जुदा कर दिया।यह कहानी है उस प्या...

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