लघुकथा कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • पिता का जन्म

    पिता का जन्म एक एक गुजरता पल मानो दिनों की तरह गुजर रहा था , सीने में वज्र समान...

  • जब अस्पताल में बच्चा बदल गया

                          जब अस्पताल  बच्चा में बदल गया  वह एक अँधेरी रात थी  . बिजल...

  • अदृष्ट

                दिल्ली की कालेज औव आर्ट गैलेरी में &ls...

आशरा की जादुई दुनिया - 4 By IMoni

आशरा ने अग्निरत्न को अपनी हथेलियों में महसूस किया। यह सिर्फ़ एक रत्न नहीं था—इसके भीतर अग्नि की लपटें सजीव थीं, मानो यह स्वयं जीवित हो। जैसे ही उसने इसे छुआ, उसके भीतर एक अजीब-सी ऊ...

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कीमत By Sandeep Tomar

 प्रशांत ने सुबह का अखबार खोला ही था कि उसकी निगाह एक खबर पर पड़ी। साहित्य के अति विशिष्ट सरकारी संस्थान ने साहित्यिक पुरस्कारों की घोषणा की। वह पुरस्कृत नामों पर सरसरी निगाह गड़ाता...

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आंधी-पानी में By Deepak sharma

         संपूर्णा अभी तक घर क्यों नहीं पहुंची थी?          बाबू नेकचंद ने मैंटलपीस को छठी बार उठा कर देखा–घड़ी की सुइयां अढ़...

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मेरी नानी की कहानी By Deepa shimpi

मेरी नानी की कहानीमेरी नानी की कहानी एक ऐसी प्रेरणा है, जो हमेशा मुझे अपने जीवन में सकारात्मक सोच रखने की प्रेरणा देती है। नानी का नाम दुलारी था और वे एक छोटे से गांव में रहती थीं।...

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पिता का जन्म By संदीप सिंह (ईशू)

पिता का जन्म एक एक गुजरता पल मानो दिनों की तरह गुजर रहा था , सीने में वज्र समान के अस्थि पंजरों के बीच बाएं तरफ स्थित दिल घोड़े की गति सा बेतहाशा सरपट धड़के जा रहा था।ट्रेन सी आती जा...

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फिर से By Rashid Nalandvi

Title: प्यार की कहानीएक छोटे से गाँव में रहने वाली एक सुंदर लड़की नाम था राधिका। वह एक साधारण सी जिंदगी जी रही थी, जहाँ उसके परिवार ने उसे एक अच्छी शिक्षा दी थी और उसे एक अच्छी नौक...

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जब अस्पताल में बच्चा बदल गया By S Sinha

                      जब अस्पताल  बच्चा में बदल गया  वह एक अँधेरी रात थी  . बिजली  की डरावनी चमक , गड़गड़हट और बादलों के गरजने के बीच शहर के सिटी हॉस्पिटल के पोर्टिको में दो गाड़ियां...

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अदृष्ट By Deepak sharma

            दिल्ली की कालेज औव आर्ट गैलेरी में ‘उभरते’ हुए युवा चित्रकारों के चित्रों की एक एकल प्रदर्शनी आयोजित की जा रही थी। आगामी सप्ता...

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खामोशी By Asmita Madhesiya

अक्सर हमारे जीवन में ऐसा पल जरूर आता है जब कुछ ऐसी स्तिथि का सामना करना पड़ता है जो him कभी नहीं चाहते, या कोई ऐसी परिस्थिति जिसका सामना करने से हम हमेशा डरते हैं।कुछ ऐसी ही कहानी...

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You Are My Choice - 46 By Butterfly

श्रेया का केबिनआकाश जैसे ही श्रेया के केबिन में आया उसने देखा कि श्रेया अपनी आंखे बंध करके कुर्सी पर बैठी हुई थी। अपने ख्यालों में खोई, शांत चेहरा लेकिन गंभीर भाव के साथ। वो उसके प...

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लाल मिर्च By Deepak sharma

पुराने लोग जानते हैं, आज से पचास साठ साल पहले लोग बाग अपने बच्चों के मुंह से अपने को माता पिता नहीं कहलवाते थे । अपने पिता को चाचा और मां को चाची पुकारते। मेरे चाचा डाक्टर थे और उन...

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एक सफल युवा नेता की कहानी By Md Sakib Raza

Md Sakib Raza का जीवन एक प्रेरणा की कहानी है। उनका जन्म 11 नवंबर 2004 को पूर्णिया, बिहार के मिलकी नेकावत टोला में हुआ था। बचपन में ही उन्होंने अपने पिता गुलाम सरवर को खो दिया, जिनक...

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किसी और के पास रहेंगे By HASSU BHAI

गाँव के किनारे एक छोटा सा घर था, जहाँ आर्यन और रिया रहते थे। दोनों बचपन से ही अच्छे दोस्त थे, साथ खेलते, पढ़ते, और एक-दूसरे की मदद करते थे। उनके बीच एक अनजाना सा रिश्ता था, जिसे वे...

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कहानी एक परी की... By ArUu

कुछ दोस्त कम वक्त के लिए मिलकर भी खास बन जाते है और जिंदगी में एक प्यारी सी याद बन कर रह जाते है।बात कुछ 4-5 साल पहले की है...जब मेरा B.ed में एडमिशन हुआ। वहा सब लोग नए थे मेरे लिए...

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खजाने की तलाश By Deepa shimpi

गुमशुदा खजाने की तलाशयह कहानी है अजय और विजय की, जो बचपन के दोस्त थे। दोनों एक छोटे से गाँव में रहते थे, जहाँ हर पहाड़ी, हर जंगल, और हर नदी उनकी खेल की जगह हुआ करती थी। लेकिन इस बा...

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समय का बदलाव By Prachi Tyagi

जिन्दगी समय के साथ नए मोड़ लेती ही रहती है। कब कहा लाकर खड़ा कर दे ,कोई नही जानता। या यूं  कहे कि संघर्ष और समझौते का दूसरा नाम जीवन है। ऐसे ही अनगिनत किस्से अपने दामन मे लपेटकर जि...

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लल्लन जी की अद्भुत नौकरी By IMoni

गाँव के एक छोटे से कस्बे में रहते थे लल्लन जी। उनका नाम ही उनकी कहानी बयान करता था - "लल्लन", यानी जो कुछ भी नया, अलग, और अजीब करना हो, वो वही करते थे। गाँव में सब उन्हें "मिस्त्री...

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ट्यूशन By Piyush Goel

मेरे पिता जी का ट्रांसफर जलालाबाद (थानाभवन) से बदायूं हो गया,बदायूं के पास एक छोटा सा गाँव था तातागंज,वहाँ मैं कुछ दिन ही रहा,मेरे पापा डॉक्टर थे,नीचे अस्पताल था ऊपर मकान जिसमें हम...

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हैवनली हेल By Neelam Kulshreshtha

स्वर्ग नर्क के बीच चुनौती देती व जीतती स्त्री स्वर्गीय चंद्रमौलेश्वर प्रसाद, हैदराबाद स्त्री विमर्श पर आजकल कई लेखिकाएं कलम चला रही हैं जिनमें नीलम कुलश्रेष्ठ का नाम अग्रणी रचनाकार...

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दरियादिली By Deepak sharma

“चार नंबर की यह पेशंट आज आई?” नाइट ड्यूटी का चार्ज अपने सहयोगी डाक्टर से लेते समय मैं ने पूछा ।  “हां,इसके स्पाइनल टैप ने बताया,यह बैक्टीरियल मैनिनजाइटस का क...

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दोस्तों, मदद मीठी होती हैं. By Piyush Goel

मेरे एक मित्र हैं जिनका नाम पीयूष गोयल हैं जो करीब ५७ साल के हैं,मेरी उम्र करीब ३५ साल की हैं, मैं अक्सर पीयूष जी के पास १-२ घंटे जरूर बैठता हूँ,मुझे उनसे बहुत कुछ सीखने को मिलता ह...

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विचित्र संख्या By उषा जरवाल

    भारत विश्वगुरु कहलाता था | आध्यात्म, शिक्षा, चिकित्सा, विज्ञान कोई भी क्षेत्र हो भारत हर क्षेत्र में अग्रणी ही था | जिन चीजों का आविष्कार आज के वैज्ञानिक कर रहे हैं वो भारत के...

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वह बुद्धू लड़का By S Sinha

                                                             वह बुद्धू लड़का      हीरापुर  गाँव में ज्यादातर गरीब किसान रहते थे  .  गाँव न  ज्यादा छोटा न ज्यादा बड़ा था  . करीब 800 ल...

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मेरी चुनिंदा लघुकथाएँ - 17 By राज कुमार कांदु

  लघुकथा क्रमांक : 45  चिर युवा - गाँधी राष्ट्रपिता की प्रतिमा के समक्ष कुछ झुकते हुए वह स्वयंघोषित महामानव बुदबुदाया, "खुद पर और ना इतराना ! झुका तो मैं अपने गुरु के पाँ...

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स्वप्न बसेरा ... हुआ मेरा By उषा जरवाल

दो साल पहले की बात है, जब  हमने गुरुग्राम में अपना नया घर लिया था | हमारा बजट अधिकतम 80 – 90 लाख का ही था लेकिन जब घर खरीदने निकले तो गुरुग्राम जैसी जगह पर इतने बजट में घर तो खूब म...

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बृजलाल की ज़िद By Deepak sharma

छूत के डर से घर वालों ने मां को छत वाला कमरा दे रखा था । हम नीचे वालों को इस कड़े आदेश के साथ,ऊपर अब कोई नहीं जाएगा । मां के पास केवल बहन बनी रहती थीॅ । वह हम पांचों भाइयों से बड़ी...

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आदत By Aditya Kori

हम सभी को कभी न कभी किसी न किसी की आदत जरूर लगी होगी फिर वो चाहे आदत चीजों की हो या फिर इंसानों की पर हम ये भूल जाते है कि ये आदतें अंत में हमारे ही दुख का कारण बन जाती है तो ऐसी ह...

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रक्षण By Deepak sharma

मेरी नींद नए आए यात्रियों ने तोड़ी।  “देखो तो यह सवारी कैसे मुंह ढांप कर सो रही है।” “जब कि अभी शाम के आठ ही तो बजे हैं।” दोनों पुरुष स्वर थे। निष्ठुर...

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True Love By Misha Nayra

Hello everyone this is a short story so, please give me ratings about this because I am not good in writing short stories. A girl name Ashika and Aman is in relationship but Ashika...

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भूखे मरने की नौबत By LOTUS

पूरे देश योजना प्राणी संगतों ने बांग्लादेश में धार्मिकथाको करने, प्रति करने, हिंदू बहू-बेटियों की संपतीतों पर कल्यण करने मंदिरों की करके पैरों से कुचलने जैसी बढ़ती वारदातों से आज ल...

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जंगल, पेड़ और बाज By DINESH KUMAR KEER

  मृत्यु से बड़ा भयजंगल में एक पेड़ पर दो बाज प्रेमपूर्वक रहते थे। दोनों शिकार की तलाश में निकलते और जो भी हाथ लगता शाम को उसे मिल बांटकर खाते। लंबे काल-खंड से यही क्रम चल रहा था। ए...

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बांग्लादेश के खिलाफ गुस्सा By LOTUS

बा वर्ष में भारी नाराजगी देखी जा रही है। भारत का हर राष्ट्रभक्तमें इस हो निव को इदुर सोम पर टक ही चार नक र नाएस्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ पूरे भारत खफा है। लगभग...

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डाकखाने में By Deepak sharma

 उन्नीस सौ बानवे के जिन दिनों कस्बापुर के एक पुराने डाकखाने में जब मैं सब पोस्ट मास्टर के पद पर नियुक्त हुआ था,तो मैं नहीं जानता था अस्सी वर्षीय मणिराम मेेरे डाकखाने पर रोज़ क...

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उसकी यादों की तस्वीर By R B Chavda

सर्द सुबह का मौसम था। कमरे में हल्की सी ठंडक थी, लेकिन दिल में एक गर्मी थी, जो उसे याद करने से पैदा हो रही थी। सूरज की हल्की किरणें खिड़की से छनकर कमरे में आ रही थीं, पर मेरे दिल क...

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उत्तराधिकारी By DINESH KUMAR KEER

 राजा का उत्तराधिकारी एक बार की बात है। एक राज्य में नंदाराम नाम का एक राजा हुआ करता था। वह बहुत ईमानदार और साहसी था। उसे अपनी प्रजा से बहुत प्यार था। उसके राज्य में सभी लोग उससे ख...

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मज़बूत बनकर लौटा समन्दर By LOTUS

भा आह के मुख्यमंत्री के रूप में तीसरी बार शपथ लेकरसतीष करता पार्टी के कुशल रणनीतिकार देवेंद्र फडणवीस ने यह प्रमाणित कर दिया कि महाराष्ट्र के असली चाणक्य यही हैं। बाकी भी अपने को चा...

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सार्वजनिक शौचालय By LOTUS

नमस्कार ! मैं एक टॉयलेट बोल रहा हूँ। जी हाँ, वही टॉयलेट जिसे संडास, पाखाना और शिष्ट भाषा में शौचालय के नाम से जाना जाता है, मैं वही चार दीवारों वाला शौचालय बोल रहा हूँ। वैसे मेरी ज...

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प्रबोध By Deepak sharma

  सन उन्नीस सौ पचास का वह दशक साल दर साल नया पन लाता रहा था। हमारी कस्बापुर रोड पर यदि किसी साल बर्फ़ का नया कारखाना खुला तो दूसरे साल कपास से धागा बनाने का। और यदि तीसरे...

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प्यार और विश्वास By DINESH KUMAR KEER

 गजराज और मूषकराज की दोस्तीएक बार की बात है, किसी नदी के किनारे एक शहर बसा हुआ था। एक बार वहां बहुत बारिश हुई, जिससे नदी ने अपना रास्ता बदल लिया। इससे शहर में पानी की कमी होने लगी,...

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आशरा की जादुई दुनिया - 4 By IMoni

आशरा ने अग्निरत्न को अपनी हथेलियों में महसूस किया। यह सिर्फ़ एक रत्न नहीं था—इसके भीतर अग्नि की लपटें सजीव थीं, मानो यह स्वयं जीवित हो। जैसे ही उसने इसे छुआ, उसके भीतर एक अजीब-सी ऊ...

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कीमत By Sandeep Tomar

 प्रशांत ने सुबह का अखबार खोला ही था कि उसकी निगाह एक खबर पर पड़ी। साहित्य के अति विशिष्ट सरकारी संस्थान ने साहित्यिक पुरस्कारों की घोषणा की। वह पुरस्कृत नामों पर सरसरी निगाह गड़ाता...

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आंधी-पानी में By Deepak sharma

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मेरी नानी की कहानी By Deepa shimpi

मेरी नानी की कहानीमेरी नानी की कहानी एक ऐसी प्रेरणा है, जो हमेशा मुझे अपने जीवन में सकारात्मक सोच रखने की प्रेरणा देती है। नानी का नाम दुलारी था और वे एक छोटे से गांव में रहती थीं।...

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पिता का जन्म By संदीप सिंह (ईशू)

पिता का जन्म एक एक गुजरता पल मानो दिनों की तरह गुजर रहा था , सीने में वज्र समान के अस्थि पंजरों के बीच बाएं तरफ स्थित दिल घोड़े की गति सा बेतहाशा सरपट धड़के जा रहा था।ट्रेन सी आती जा...

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फिर से By Rashid Nalandvi

Title: प्यार की कहानीएक छोटे से गाँव में रहने वाली एक सुंदर लड़की नाम था राधिका। वह एक साधारण सी जिंदगी जी रही थी, जहाँ उसके परिवार ने उसे एक अच्छी शिक्षा दी थी और उसे एक अच्छी नौक...

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जब अस्पताल में बच्चा बदल गया By S Sinha

                      जब अस्पताल  बच्चा में बदल गया  वह एक अँधेरी रात थी  . बिजली  की डरावनी चमक , गड़गड़हट और बादलों के गरजने के बीच शहर के सिटी हॉस्पिटल के पोर्टिको में दो गाड़ियां...

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अदृष्ट By Deepak sharma

            दिल्ली की कालेज औव आर्ट गैलेरी में ‘उभरते’ हुए युवा चित्रकारों के चित्रों की एक एकल प्रदर्शनी आयोजित की जा रही थी। आगामी सप्ता...

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खामोशी By Asmita Madhesiya

अक्सर हमारे जीवन में ऐसा पल जरूर आता है जब कुछ ऐसी स्तिथि का सामना करना पड़ता है जो him कभी नहीं चाहते, या कोई ऐसी परिस्थिति जिसका सामना करने से हम हमेशा डरते हैं।कुछ ऐसी ही कहानी...

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श्रेया का केबिनआकाश जैसे ही श्रेया के केबिन में आया उसने देखा कि श्रेया अपनी आंखे बंध करके कुर्सी पर बैठी हुई थी। अपने ख्यालों में खोई, शांत चेहरा लेकिन गंभीर भाव के साथ। वो उसके प...

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लाल मिर्च By Deepak sharma

पुराने लोग जानते हैं, आज से पचास साठ साल पहले लोग बाग अपने बच्चों के मुंह से अपने को माता पिता नहीं कहलवाते थे । अपने पिता को चाचा और मां को चाची पुकारते। मेरे चाचा डाक्टर थे और उन...

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एक सफल युवा नेता की कहानी By Md Sakib Raza

Md Sakib Raza का जीवन एक प्रेरणा की कहानी है। उनका जन्म 11 नवंबर 2004 को पूर्णिया, बिहार के मिलकी नेकावत टोला में हुआ था। बचपन में ही उन्होंने अपने पिता गुलाम सरवर को खो दिया, जिनक...

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किसी और के पास रहेंगे By HASSU BHAI

गाँव के किनारे एक छोटा सा घर था, जहाँ आर्यन और रिया रहते थे। दोनों बचपन से ही अच्छे दोस्त थे, साथ खेलते, पढ़ते, और एक-दूसरे की मदद करते थे। उनके बीच एक अनजाना सा रिश्ता था, जिसे वे...

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कहानी एक परी की... By ArUu

कुछ दोस्त कम वक्त के लिए मिलकर भी खास बन जाते है और जिंदगी में एक प्यारी सी याद बन कर रह जाते है।बात कुछ 4-5 साल पहले की है...जब मेरा B.ed में एडमिशन हुआ। वहा सब लोग नए थे मेरे लिए...

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खजाने की तलाश By Deepa shimpi

गुमशुदा खजाने की तलाशयह कहानी है अजय और विजय की, जो बचपन के दोस्त थे। दोनों एक छोटे से गाँव में रहते थे, जहाँ हर पहाड़ी, हर जंगल, और हर नदी उनकी खेल की जगह हुआ करती थी। लेकिन इस बा...

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समय का बदलाव By Prachi Tyagi

जिन्दगी समय के साथ नए मोड़ लेती ही रहती है। कब कहा लाकर खड़ा कर दे ,कोई नही जानता। या यूं  कहे कि संघर्ष और समझौते का दूसरा नाम जीवन है। ऐसे ही अनगिनत किस्से अपने दामन मे लपेटकर जि...

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लल्लन जी की अद्भुत नौकरी By IMoni

गाँव के एक छोटे से कस्बे में रहते थे लल्लन जी। उनका नाम ही उनकी कहानी बयान करता था - "लल्लन", यानी जो कुछ भी नया, अलग, और अजीब करना हो, वो वही करते थे। गाँव में सब उन्हें "मिस्त्री...

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ट्यूशन By Piyush Goel

मेरे पिता जी का ट्रांसफर जलालाबाद (थानाभवन) से बदायूं हो गया,बदायूं के पास एक छोटा सा गाँव था तातागंज,वहाँ मैं कुछ दिन ही रहा,मेरे पापा डॉक्टर थे,नीचे अस्पताल था ऊपर मकान जिसमें हम...

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हैवनली हेल By Neelam Kulshreshtha

स्वर्ग नर्क के बीच चुनौती देती व जीतती स्त्री स्वर्गीय चंद्रमौलेश्वर प्रसाद, हैदराबाद स्त्री विमर्श पर आजकल कई लेखिकाएं कलम चला रही हैं जिनमें नीलम कुलश्रेष्ठ का नाम अग्रणी रचनाकार...

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दोस्तों, मदद मीठी होती हैं. By Piyush Goel

मेरे एक मित्र हैं जिनका नाम पीयूष गोयल हैं जो करीब ५७ साल के हैं,मेरी उम्र करीब ३५ साल की हैं, मैं अक्सर पीयूष जी के पास १-२ घंटे जरूर बैठता हूँ,मुझे उनसे बहुत कुछ सीखने को मिलता ह...

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विचित्र संख्या By उषा जरवाल

    भारत विश्वगुरु कहलाता था | आध्यात्म, शिक्षा, चिकित्सा, विज्ञान कोई भी क्षेत्र हो भारत हर क्षेत्र में अग्रणी ही था | जिन चीजों का आविष्कार आज के वैज्ञानिक कर रहे हैं वो भारत के...

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वह बुद्धू लड़का By S Sinha

                                                             वह बुद्धू लड़का      हीरापुर  गाँव में ज्यादातर गरीब किसान रहते थे  .  गाँव न  ज्यादा छोटा न ज्यादा बड़ा था  . करीब 800 ल...

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मेरी चुनिंदा लघुकथाएँ - 17 By राज कुमार कांदु

  लघुकथा क्रमांक : 45  चिर युवा - गाँधी राष्ट्रपिता की प्रतिमा के समक्ष कुछ झुकते हुए वह स्वयंघोषित महामानव बुदबुदाया, "खुद पर और ना इतराना ! झुका तो मैं अपने गुरु के पाँ...

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स्वप्न बसेरा ... हुआ मेरा By उषा जरवाल

दो साल पहले की बात है, जब  हमने गुरुग्राम में अपना नया घर लिया था | हमारा बजट अधिकतम 80 – 90 लाख का ही था लेकिन जब घर खरीदने निकले तो गुरुग्राम जैसी जगह पर इतने बजट में घर तो खूब म...

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बृजलाल की ज़िद By Deepak sharma

छूत के डर से घर वालों ने मां को छत वाला कमरा दे रखा था । हम नीचे वालों को इस कड़े आदेश के साथ,ऊपर अब कोई नहीं जाएगा । मां के पास केवल बहन बनी रहती थीॅ । वह हम पांचों भाइयों से बड़ी...

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आदत By Aditya Kori

हम सभी को कभी न कभी किसी न किसी की आदत जरूर लगी होगी फिर वो चाहे आदत चीजों की हो या फिर इंसानों की पर हम ये भूल जाते है कि ये आदतें अंत में हमारे ही दुख का कारण बन जाती है तो ऐसी ह...

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जंगल, पेड़ और बाज By DINESH KUMAR KEER

  मृत्यु से बड़ा भयजंगल में एक पेड़ पर दो बाज प्रेमपूर्वक रहते थे। दोनों शिकार की तलाश में निकलते और जो भी हाथ लगता शाम को उसे मिल बांटकर खाते। लंबे काल-खंड से यही क्रम चल रहा था। ए...

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बांग्लादेश के खिलाफ गुस्सा By LOTUS

बा वर्ष में भारी नाराजगी देखी जा रही है। भारत का हर राष्ट्रभक्तमें इस हो निव को इदुर सोम पर टक ही चार नक र नाएस्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ पूरे भारत खफा है। लगभग...

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डाकखाने में By Deepak sharma

 उन्नीस सौ बानवे के जिन दिनों कस्बापुर के एक पुराने डाकखाने में जब मैं सब पोस्ट मास्टर के पद पर नियुक्त हुआ था,तो मैं नहीं जानता था अस्सी वर्षीय मणिराम मेेरे डाकखाने पर रोज़ क...

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उसकी यादों की तस्वीर By R B Chavda

सर्द सुबह का मौसम था। कमरे में हल्की सी ठंडक थी, लेकिन दिल में एक गर्मी थी, जो उसे याद करने से पैदा हो रही थी। सूरज की हल्की किरणें खिड़की से छनकर कमरे में आ रही थीं, पर मेरे दिल क...

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उत्तराधिकारी By DINESH KUMAR KEER

 राजा का उत्तराधिकारी एक बार की बात है। एक राज्य में नंदाराम नाम का एक राजा हुआ करता था। वह बहुत ईमानदार और साहसी था। उसे अपनी प्रजा से बहुत प्यार था। उसके राज्य में सभी लोग उससे ख...

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मज़बूत बनकर लौटा समन्दर By LOTUS

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सार्वजनिक शौचालय By LOTUS

नमस्कार ! मैं एक टॉयलेट बोल रहा हूँ। जी हाँ, वही टॉयलेट जिसे संडास, पाखाना और शिष्ट भाषा में शौचालय के नाम से जाना जाता है, मैं वही चार दीवारों वाला शौचालय बोल रहा हूँ। वैसे मेरी ज...

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प्रबोध By Deepak sharma

  सन उन्नीस सौ पचास का वह दशक साल दर साल नया पन लाता रहा था। हमारी कस्बापुर रोड पर यदि किसी साल बर्फ़ का नया कारखाना खुला तो दूसरे साल कपास से धागा बनाने का। और यदि तीसरे...

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प्यार और विश्वास By DINESH KUMAR KEER

 गजराज और मूषकराज की दोस्तीएक बार की बात है, किसी नदी के किनारे एक शहर बसा हुआ था। एक बार वहां बहुत बारिश हुई, जिससे नदी ने अपना रास्ता बदल लिया। इससे शहर में पानी की कमी होने लगी,...

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