You Are My Choice - 41 Butterfly द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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You Are My Choice - 41

श्रेया अपने दोनो हाथों से आकाश का हाथ कसके पकड़कर सो रही थी। आकाश ने धीरे से खुद को श्रेया से दूर किया। आकाश धीरे से उसके रूम से निकलके लिविंग रूम के सोफा पे जाके बैठ। वह सोफा के ऊपर अपना सिर टिकाए आंखे बंध करके बैठा हुआ था। थोड़ी देर बाद उसने अपना फोन निकाला और देखा कि रात के सादे तीन बज चुके थे। उसने बिना कुछ सोचे समझे जय को फोन लगाया। जय का कॉल बिजी आ रहा था। उसने तुरंत ही फिरसे जय को फोन लगाया। इस बार थोड़ी देर में जय ने फोन रिसीव कर लिया।


फोन पर

आकाश: इतनी रात को, तेरा फोन बिजी क्यों आ रहा है?

जय: क्यों? तुझे क्या प्रॉब्लम है? और तू मुझे इतनी रात को फोन क्यों कर रहा है? में तेरी गर्लफ्रेंड नहीं हु। जो तू मुझे फोन करे और में तुझे एक्सप्लेनेशन दु।

आकाश: मुझे तुझसे कुछ पूछना है..

आकाश की बात अनसुनी कर जय बोला.. : वो सब छोड़, तू घर नहीं पहुंचा न अभी तक। 

आकाश: तुझे कैसे पता? और तू मेरी गर्लफ्रेंड्स नहीं है जो में तुझे बताओ कि में घर क्यों नहीं पहुंचा?

जय: तू.. तू घर पंचोच जाता तो.. शायद मुझे फोन नहीं करता। वैसे भी अब तू मुझे अपना दोस्त कहा मानता है।

आकाश: तू मेरी गर्लफ्रेंड नहीं है, तो मुझसे ऐसे बात मत कर। 

जय: हा तो जल्दी बक.. क्या काम है?

आकाश: ऑल धोझ इयर्स.., श्रेया, श्रेया कैसी थी?

जय: कैसी थिं का क्या मतलब है? अभी भी वैसी ही है जैसी तू छोड़ के गया था। तेरी कभी नहीं हो सकी.. गर्लफ्रेंड।

आकाश: बकवास मत कर राजशेखर।

जय: तो सीधे सीधे पूछना। क्या पता चला?

आकाश: क्या वो कभी ज्यादा परेशान हुई है? स्ट्रेस्ड? इमोशनली डिसटर्ब्ड?

जय: अहूजा, श्रेया ठीक है ना?

आकाश: सो रही है अभी तो। शी टोल्ड मि, उसने ऐसे रिएक्ट क्यों किया था उस दिन। बट, शी वास वेरी डिस्टर्ब्ड। बहुत रोई है वो आज। मुश्किल से एक घंटे पहले सुलाया है। 

जय: माय पूअर सोल।

आकाश: तू मुझे बताएगा, वाय इस शी लाइक घिस?

जय: मिलके बात करते है।

आकाश: कल सुबह?

जय: कल मेरी दो पहर तक सर्जरीज शेड्यूल्ड है। और.. उसके बाद एक इंपॉर्टेंट मीटिंग है। डिनर?

आकाश: नहीं। मुझे किसीसे मिलना है.. डिनर पे। नहीं गया तो जान से जाऊंगा।

जय: डे आफ्टर टुमारो ? लंच टाइम?

आकाश: डन।

जय: एट माई हॉस्पिटल। 

आकाश: ठीक है। कभी तो वह से बाहर निकल।जय कर।

जय: कल जा रहा हु।

आकाश: ऐसी तो कैसी मीटिंग है? कुछ ज्यादा ही एक्साइटेड नहीं है तू?



जैसे ही आकाश का फोन खत्म हुआ, जय ने काव्या को फोन लगाया। 

काव्या: क्या हुआ?

जय: आपने फोन क्यों कट किया था। मेने बोला था ना म्यूट करके सिर्फ बात सुनना। सब ठीक है ना?

काव्या: आकाश डोंट वांट मि टू गेट इन्वॉल्व्ड विथ श्रेया, आई गैस। आई डिड नोट नो हर नेम बिफोर वी मेट। लेट हिम हैव सम स्पेस। जब उसे ठीक लगेगा वो बता देगा मुझे। आई नौ, ही इस साफ़ोकेटेड इनसाइड। ऑल घिस इयर्स, बहुत मुश्किल रहे है उसके लिए। सो... जब आप दोनों ने आपके पास्ट की बात स्टार्ट की मेने फोन डिस्कनेक्ट कर दिया।

जय: हम्म। गॉट ईट। 

दोनो के बीच शांति छा गई थी थोड़ी देर।

जय: ठीक है फिर, कल मिलते है हम। बाई। हम हॉस्पिटल से साथ में ही निकलेंगे। ठीक है..?

काव्या: हम्म।

जय: सो जाओ, बहुत लेट हो गया है। गुड नाइट।

काव्या: गुड नाइट।



जय का फोन रखने के बाद काव्या बहुत अलग फील कर रही थी। 


"डॉक्टर राजशेखर इस मेड, आई गैस। ऐसे क्यों बात कर रहे थे? पहली बार किसीने मुझे नर्वस किया है। लाइक काव्या सेहगल को नर्वस करना इस अ बिग थिंग।" काव्या की धड़कने थोड़ी सी तेज लग रही थी। उसने अपना फोन साइड टेबल पे रखा और आंखे बंध कर लैट गई। 

"आइम वेटिंग आकाश, आखिर कब बताने वाले हो तुम मुझे। क्या हम अभी भी दोस्त नहीं बन पाए?" काव्या के मन में इस वक्त आकाश के ही खयाल चल रहे थे। आकाश के बारे में सोचते सोचते उसकी आंख लग गई और वह सो गई।



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Countinues in the next episode....


Happy Reading ✨