हिंदी लघुकथा कहानियाँ मुफ्त में पढ़ेंंऔर PDF डाउनलोड करें

अंत्येष्टि कर्म का कड़वा सच
द्वारा गायत्री शर्मा गुँजन

क्या बात कर रही हो अंजना ' हम ठहरे शेड्यूल कास्ट के लोग और आप कहती हैं कि हमे धर्म-ग्रंथ पढ़ना चाहिए ?? आपका दिमाग तो खराब नहीं हो ...

सुहागिन की बिंदी
द्वारा Asha Saraswat

# *सुहागन की बिंदी* # *बाहर फेरीवाला आया हुआ था। कई तरह का सामान लेकर---बिंदिया, काँच की चूड़ियाँ, रबर बैण्ड, हेयर बैण्ड, कंघी, काँच के और भी बहुत सारे ...

प्रभु की भक्ति
द्वारा दिनेश कुमार कीर

एक औरत रोटी बनाते बनाते भगवान के नाम का रोज जाप किया करती थी, अलग से पूजा का समय कहाँ निकाल पाती थी बेचारी, तो बस काम करते - ...

पति पत्नी का रिश्ता
द्वारा दिनेश कुमार कीर

पति पत्नी का रिश्ताहुआ यों कि पति ने पत्नी को किसी बात पर तीन थप्पड़ जड़ दिए, पत्नी ने इसके जवाब में अपना सैंडिल पति की तरफ़ फेंका, सैंडिल ...

यादें
द्वारा Suresh Chaudhary

आखरी पैग को उठाते ही कानों में,, जेम्स अब बस भी करो यह तुम्हारा सातवां पैग है,,।,,This is Last पैग, जैनी,,। बड़बड़ाया जेम्स, फिर अधखुली आंखों से कमरे में ...

पिता की डायरी
द्वारा दिनेश कुमार कीर

पिता की डायरीमाँ, पिता जी कहाँ गये? डॉक्टर अशोक ने घर में आते ही अपनी माँ से पूछा,अशोक की माता जी बोली-“ पता नहीं बेटे देखो पुस्तकालय में होंगे ...

शीतलता
द्वारा दिनेश कुमार कीर

शीतलता"अरे नई प्रतियोगिता आई है कहानी पटल पर जिसमें लिखना हैं ,तू बता क्या लिखेगी?"रूकमनी ने चिड़िया की तरह चहकते हुये सरोज से पूछा फोन पर "अरे कुछ नही ...

माँ का आँचल
द्वारा दिनेश कुमार कीर

माँ का आँचलएक जज अपनी पत्नी को क्यों दे रहे हैं तलाक?"रोंगटे खड़े" कर देने वाली घटना।कल रात एक ऐसा वाकया हुआ जिसने मेरी ज़िन्दगी के कई पहलुओं को ...

अतृप्त वासना
द्वारा Captain Dharnidhar

पहाड़ो से घिरा गांव , गांव के मध्य कालू का घर , कालू के घर में गौर वर्ण सुन्दर सुशीला चंचल नयनी गृह कार्य में दक्ष उसकी पुत्री.. नाम ...

वानर पुत्र नहीं है मानव
द्वारा Yogesh Kanava

  अपनी आदत के अनुसार ही शर्माजी आज भी सुबह ही घूमने निकल गए। कमर का दर्द अब पहले से काफी कम हो गया था इसलिए अब फिर से ...

चावल का दाना
द्वारा दिनेश कुमार कीर

चावल का दाना एक भिखारी एक दिन सुबह अपने घर के बाहर निकला। त्योहार का दिन है। आज गाँव में बहुत भिक्षा मिलने की संभावना है। वो अपनी झोली ...

जिम्मेवारी
द्वारा Swati

जिंदगी ने ऐसी मोड़ पे लाकर खड़ा कर दिया है जहां से आगे जाने का रास्ता पता नही है और पीछे जा नही सकती । जैसे तैसे करके यहां ...

काश्मिरी पंडित - भाग 6
द्वारा Nikita Patil

साल 1989 में कश्मीर की खूबसूरत घाटी में एक भयानक घटना सामने आई। यह हिंसा और अशांति का समय था, क्योंकि कश्मीरी पंडितों को कट्टरपंथियों द्वारा निशाना बनाया जा ...

प्यार का सच
द्वारा Bhanuben Prajapati

दिल का रिश्ता बड़ा प्यारा होता है,लेकिन दिल में रहेने वाला का सच्चा प्यार मिले तब। आज कल प्यार का फेसन हो गया है।दिल से दिल मिलाना मतलब ईश्वर ...

उस रात का सच
द्वारा दिनेश कुमार कीर

उस रात का सच वह लड़की का हाथ पकड़े, उसे प्लेटफार्म से खींचते हुए बाहर ले जाने की कोशिश में लगा हुआ था। लड़की रोते हुए, छूटने के लिए ...

खूनी पंजा
द्वारा Suresh Chaudhary

राकेश की शादी पर छोटे भाई किशोर सहित सभी मित्र बड़े खुश नजर आ रहे थे, गांव में एक परंपरा होती है, भाभी की गोद में छोटे देवर को ...

मासूम बचपन
द्वारा दिनेश कुमार कीर

1मासूम बचपनमेरे मन में यदा - कदा यह सवाल उठता कि ," क्या बचपन बिल्कुल ही होशमंद नहीं होता या चालाकी की हद तक होशमंद होता है ?" …मैं ...

कार्यालयीन आध्यात्म (महेश अनघ)
द्वारा Niti Singh Shrivastava

सेवानिवृत आदमी के पास और कुछ हो, न हो, लेकिन दो महत्वपूर्ण चीजें जरूर होती हैं। एक- उम्र के अनुसार 'आध्यात्मिक चिन्तन की और स्वाभाविक झुकाव, औरदो- सरकारी कार्यालयों ...

काश्मिरी पंडित - भाग 5
द्वारा Nikita Patil

एक बार, 1990 में, मीरा नाम की एक कश्मीरी पंडित लड़की ने कश्मीर में एक भीषण नरसंहार के दौरान एक भयानक घटना देखी। उनकी मां शालिनी के साथ मुस्लिम ...

बिन मांगी दुआ
द्वारा Rakesh Rakesh

राम सेवक दो दिन बाद घर वापस आता है तो उसकी पत्नी लाजवंती राम सेवक से बहुत झगड़ा करती है राम सेवक भी उसकी जली कटी बातें चुपचाप सुनता ...

हमसफर भी तुम ही हो
द्वारा Sumit Singh

अविनाश सुबह समय पर उठा नहीं तो संस्कृति को चिंता हुई. उस ने अविनाश को उठाते हुए उस के माथे पर हाथ रखा. माथा तप रहा था. संस्कृति घबरा ...

ईमानदारी की कीमत
द्वारा दिनेश कुमार कीर

ईमानदारी की कीमतसीमा ने अपनी मैम से सिफ़ारिश कर धरमा को ड्राइवर की नौकरी पर लगवाया । क्योंकि धरमा को गलत बात पसंद नहीं थी, इसलिए हमेशा नौकरी से ...

अमृत मंथन
द्वारा Abhishek joshi

यदि  आज  के  समय  के  हिसाब  से  सोचा  जाए  तो  अमृत मंथन  क्या  है  ? यह  प्रश्न  कही  ना  कही  दिमाग  मे  उठता  ही  है ।  अमृत मंथन  यानि  ...

माता - पिता का प्यार
द्वारा दिनेश कुमार कीर

*एक बच्चे को आम का पेड़ बहुत पसंद था।**जब भी फुर्सत मिलती वो आम के पेड के पास पहुंच जाता।* *पेड के उपर चढ़ता,आम खाता,खेलता और थक जाने पर ...

पिता और पुत्री की कहानी
द्वारा दिनेश कुमार कीर

एक घर में एक बेटी ने जन्म लिया और होते ही माँ का स्वर्गवास हो गया। बाप ने बेटी को गले से लगा लिया रिश्तेदारों ने लड़की के जन्म ...

काश्मिरी पंडित - भाग 3 और 4
द्वारा Nikita Patil

एक समय की बात है, कश्मीर में एक पंडित रहता था जिसका नाम विशाल था। विशाल एक बहुत ही संवेदनशील और बुद्धिमान युवक था। उसके दिल में सदैव एक ...

मैं कौन हूं
द्वारा Suresh Chaudhary

रेलवे स्टेशन पर आ कर मैने सबसे पहले गाड़ियों की सूची देखी। देख कर पता लगा कि प्रयाग राज जाने वाली गाड़ी शाम के छह बजे जायेगी, थोड़ी भूख ...

प्रभाव या परिणाम
द्वारा RAMAN KUMAR JHA

रमा घर का सारा काम निपटा कर कमरे में सोने आई। रोहित पहले ही आ चुका था, और लेटे-लेटे कब उसकी, आँख लग गई पता ही नहीं चला। रमा ...

जीवनसाथी
द्वारा दिनेश कुमार कीर

जीवनसाथीसीमा कि शादी को अभी आठ महीने ही हुए थे बात तो अच्छे से होती है पतिदेव से पर प्यार होगा या नहीं ये कहना अब भी मुश्किल है...ठीक ...

कलम
द्वारा Anita Sinha

कलम। कलम को नमन हे मां शारदे। कलम को चलाती तुम हो हे मां शारदे। कलम को शक्ति प्रदान करती तुम हो हे मां शारदे। कलम की अधिष्ठात्री देवी ...

राधा और कृष्ण की कहानी
द्वारा दिनेश कुमार कीर

एक बार श्री राधा अपनी सखियों के संग यमुना किनारे बैठी होती हैं। सभी सखी आपस में श्री राधा और श्यामसुन्दर के प्रेम की बातें करती हैं। कोई कहती ...

काश्मिरी पंडित - भाग 2
द्वारा Nikita Patil

धीरज ने कश्मीर के इस यात्रा को बहुत सोच समझकर तैयार किया था। वह अपनी नववधू शालू के साथ हनीमून मनाने के लिए यहां आया था। उन्होंने सोचा था ...