लघुकथा कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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कामसूत्र – प्रेम की पूर्ण कथा By Bikash parajuli

प्रस्तावनाकभी-कभी प्रेम को शब्दों से परिभाषित करना मुश्किल हो जाता है। शादी के बाद बहुत से रिश्ते केवल जिम्मेदारियों तक सीमित हो जाते हैं। लेकिन समीर और रागिनी की यात्रा इस बात का...

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तेरी मासूमियत, मेरा इकरार By InkImagination

कहानी शीर्षक: "तेरी मासूमियत, मेरा इकरार"लेखिका: InkImaginationप्रस्तावना : कभी-कभी प्यार एक मजबूरी से शुरू होता है, लेकिन दिल की गहराई में वह एक अनोखी मोहब्बत बन जाता है। यह कहान...

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सरफराज की कहानी: गाँव से IAS तक By iqbaal

सरफराज एक छोटे से गाँव का लड़का था। उसका गाँव हरे-भरे खेतों और संकरी गलियों से घिरा हुआ था। सुबह-सुबह सूरज की पहली किरणें खेतों पर पड़तीं, और सरफराज अपने पिता के साथ खेतों में काम...

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तुमसे ही By p batrae

उसने अपने कमरे का दरवाजा खोला ... अपनी कैप उतार कर टेबल पर रखी...और बिस्तर पर लेट गई.... उसने देखा तो सुबह के पांच बजे थे....थकान उसके चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी... लगातार तीन दि...

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देनदार By Deepak sharma

“टुकटुक की शादी मैं ने तय कर दी है,” बेटी को मेरी पूर्वपत्नी टुकटुक कहती, “शादी इसी चौबीस जुलाई को होगी। और रिसेप्शन पच्चीस को…..” “शादी से पहल...

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मुझे तेरी जरूरत है..... By W.Brajendra

रात के सन्नाटे में खिड़की के पास बैठा, मैं आसमान में टिमटिमाते तारों को देख रहा था। बाहर बारिश हो रही थी, लेकिन मेरे अंदर जो खालीपन था, वो किसी तूफ़ान से भी बड़ा था। ये अजीब है न,...

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तेरे बिना By Bikash parajuli

भाग 1 – पहली मुलाक़ातआयुष और अनामिका की मुलाक़ात कॉलेज के पहले दिन हुई थी। भीड़-भाड़ वाले कैंपस में अनामिका की मासूम मुस्कान ने आयुष का दिल छू लिया। धीरे-धीरे दोनों दोस्त बने और फि...

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दो मन गेहूँ जितना ब्याज By kunal kumar

कच्ची मिट्टी की दीवारों, बाँस की टाटी और खपरैल की छत के नीचे एक छोटा सा घर था। बरसात की रातों में जब पानी की बूँदें छत पर गिरती थीं, तो लगता था जैसे थकान खुद आकर बैठ गई हो | उस घर...

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मैं अधूरा जी रहा हूं...... By W.Brajendra

मैं अधूरा जी रहा हूं…“तेरे बिना साँसें तो हैं, पर ज़िंदगी नहीं…”कमरे की खामोशी अब मेरी साथी बन चुकी है।ये चार दीवारें हर रोज़ मेरी तन्हाई का मज़ाक उड़ाती हैं।अलार्म बजता है, मोबाइल...

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कॉलेज फ्रेंड्स की कहानी By mood Writer

राघव पहली बार अपने शहर से बाहर पढ़ाई करने जा रहा था। उसका एडमिशन एक नामी कॉलेज में हो गया था और परिवार को उससे बहुत उम्मीदें थीं। स्टेशन पर खड़े होकर जब उसने अपने माता-पिता को अलवि...

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दोस्ती का असली मतलब By Nandini Sharma

दोस्ती का असली मतलबराहुल और आरव बचपन से ही सबसे अच्छे दोस्त थे। उनके मोहल्ले में जब भी कोई उनकी जोड़ी को देखता तो कहता, "इनकी दोस्ती की मिसाल दी जा सकती है।" दोनों का रिश्ता इतना ग...

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पृष्ठभूमि में नैनीताल: By महेश रौतेला

पृष्ठभूमि में नैनीताल:1973 से 1977 का नैनीताल पृष्ठभूमि में जा चुका था। सोच ही रहा था-"जीवन हैकहीं से निकल लेगा,ठोकर लगेगी,गिरेगा फिर उठ जायेगा।उसका अन्त नहीं मिलेगागायेगा,नाचेगा स...

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अमीर बाप का औलाद By Bikash parajuli

पहला भाग – शुरुआतदिल्ली के एक पॉश इलाके में विशाल कोठी में रहने वाला अर्जुन मल्होत्रा सिर्फ़ 22 साल का था। उसका बाप राकेश मल्होत्रा शहर के सबसे बड़े बिज़नेसमैन में से एक था। पैसों...

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पूस की रात By Deepak sharma

सूत्रों के अनुसार ‘पूस की रात’ कहानी पहली बार माधुरी के मई, 1930 अंक में प्रकाशित हुई थी। कैसे तो प्रेमचंद ने अपनी इस कहानी की भूमिका बांधी है!   ‘पूस की अंध...

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कौसी सुपरफास्ट एक्सप्रेस By kunal kumar

कौसी सुपरफास्ट एक्सप्रेस ————————————   6 दिसंबर 2023 पूर्णिया कोर्ट रेलवे स्टेशन | रात 12:00 बजे   दिसंबर की ठंड हड्डियों तक उतर चुकी थी। प्लेटफॉर्म पर कोसी सुपरफास्ट की सीटी गूंज...

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गिरहकट By dilip kumar

पन्ना, मैक, लंबू,हीरा, छोटू इनके असली नाम नहीं थे लेकिन दुनिया अब इसे ही इनका असली नाम मानती थी।मंगल प्रसाद गुप्ता ही पन्ना था, मथुरादास पांडे मैक बन चुका था। लंबू का असली नाम खलील...

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तरू सिख By Manjibhai Bavaliya મનરવ

 सोमन जब छोटा था ।तब से उसमें कई कला का आविर्भाव बहता था । सब उसका बखान कर थकता ।गांव की शेरी गलि मे सब जगह उसकी ही बोल बाला रहती ।स्कुल से आते ही मम्मी उसको खिलाकर अपने भावी का भा...

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You Are My Choice - 64 By Butterfly

Happy Reading --------------------------   लिफ़्ट की हल्की-सी टनटनाहट पूरे कॉरिडोर में गूँज उठी, जैसे ही उसके दरवाज़े खुले। सबसे पहले जय बाहर निकला, उसके हाथ में काव्या का बैग था ज...

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मैं खुश हूं उसकी यादों में... By W.Brajendra

मैं उसकी यादों में खुश हूँरात के अंधेरे में अक्सर मैं खुद से बातें करता हूँ। खिड़की पर टिमटिमाती चाँदनी जब मेरे कमरे में उतरती है, तो लगता है जैसे वह चुपके से मेरे पास बैठ गई हो।वह...

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साया-ए-दिल By InkImagination

कहानी शीर्षक: "साया-ए-दिल"लेखिका: InkImaginationप्रस्तावना : कभी-कभी जिंदगी हमें ऐसे इंसानों से मिलाती है, जो हमारे साए की तरह हमारे साथ चलते हैं, बिना किसी शोर के, बिना किसी शर्त...

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टीपू सुल्तान नायक या खलनायक ? - 7 By Ayesha

 5निंदनीय टेली-सीरियलप्रकाश चंद्र असधीर"क्या टीपू पर धारावाहिक प्रसारित किया जाना चाहिए?" — यह प्रश्न प्रत्येक हिन्दू के ध्यान का पात्र है।धारावाहिक 'द स्वॉर्ड ऑफ़ टीपू सुल्तान...

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खून की प्यास: सुनसान सड़क का श्राप - 5 By Vivek Singh

भाग 5 – आख़िरी रात का खेलहवा में एक अजीब सी ठंडक घुली हुई थी। हवेली की दीवारों पर पुराने तेल के दीये टिमटिमा रहे थे, जिनकी लौ हर थोड़ी देर में कांप जाती, मानो कोई अदृश्य साया पास स...

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चायवाले से नेता तक – एक प्रेरक यात्रा By mood Writer

भाग 1 – साधारण शुरुआतगुजरात के एक छोटे कस्बे में, रेलवे स्टेशन के किनारे, एक पुरानी लकड़ी की गुमटी थी। सुबह-सुबह भाप उड़ाती चाय की खुशबू दूर तक फैल जाती।यहीं खड़ा होता था मनोज, अपन...

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बर्डस ऑफ पैसेज By Devendra Kumar

  बर्ड्स ऑफ़ पैसेज  विदेश मंत्रालय की विदेश सेवा में राजनयिक बन कर जाना हमारे समय में सर्वोत्कृष्ट सर्विस माना जाता था| इसीलिये आईए.एस. की परीक्षा के फार्म भरते समय लगभग सभी उम्मीदव...

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डॉ. श्यामा प्रसाद मुकर्जी By Mini Kumari

डॉ. श्यामा प्रसाद मुकर्जी के प्रति दुर्व्यवहार डॉ. श्यामा प्रसाद मुकर्जी (1901-1953) सर आशुतोष मुखर्जी (1864-1924) के पुत्र थे, जो ‘बंगलार बाघ’ या ‘टाइगर अ‍ॉफ बंगाल’ के नाम से प्रस...

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कुछ दिल के दर्द By Mahira Khan

---कहानी का नाम: कुछ कहानियां अनकही होती हैंलेखक: Writer Queen---मैं और यश… बचपन में हमारी एक ऐसी डोर बंध गई थी जिसके बारे में मैंने कभी सोचा भी नहीं था। कहते हैं कि मेरी और उसकी म...

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जनता के प्रति दुर्व्यवहार By Mini Kumari

जनता के प्रति दुर्व्यवहार ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) बी.एन. शर्मा ने अपनी पुस्‍तक ‘इंडिया बिट्रेड’ में एक किस्सा सुनाया, जो काफी परेशान करने वाला है। (बी.एन.एस./2-4) लेखक तब एक युवा,...

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एहसास: एक कहानी By Miss Chhoti

एहसास: एक कहानीएक महसूस होती हुई उदासी थी, जो किसी दिन अचानक से दिल के एक कोने में ठहर गई थी। यह उदासी न तो बारिश की बूंदों जैसी थी, न ही सूरज ढलने जैसी। यह बस थी, एक खामोश, अनकहा...

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मैं महत्वपूर्ण नहीं हूँ: बरगद की कहानी - 1 By Dr. Gyanendra Singh

.मैं महत्वपूर्ण नहीं हूँ: बरगद की कहानीगाँव के बीचों-बीच, पुराने मंदिर के पास, एक प्राचीन बरगद खड़ा था। उसकी जड़ें धरती के भीतर ऐसे फैली थीं, जैसे धरती की धमनियाँ हों, जो पूरे गाँव...

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बाबर को सम्मान By Mini Kumari

उज्बेकिस्तान में जनमा जहीर-उद्-दीन मुहम्मद बाबर (1483-1530), जो सामूहिक हत्यारे तामेरलेन (तैमूर) का प्रत्यक्ष वंशज था, भारत में मुगल वंश का संस्थापक था और वर्ष 1526 से 1530 तक भारत...

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सच्ची पहचान By Rakesh Kaul

सच्ची पहचान एक हफ़्ते की रौनक के बाद आज अचानक घर में सूना-सूना लग रहा है | करीब एक हफ़्ते पहले बड़ा बेटा साबिर अपनी बेगम फरीदा और दोनों बच्चों के साथ घर आया था | उसकी बड़ी बेटी हिना पा...

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इंतज़ार By vishwa singh

इंतज़ार बाबा चारपाई पर लेटे हैं और पिछले दो दिनों से उनका खाना-पीना भी बंद है। हालत इतनी खराब है कि वे बाथरूम-टॉयलेट भी नहीं जा पा रहे हैं।ऐसे में सबसे बड़े साहब और छोटे बाबू दिल्ल...

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सफ़र खूबसूरत सा (आखिरी भाग) By p batrae

ये "कस्तूरी ने किचन से बाहर झांकते हुए कहा...." ये तो यही के बच्चों ने बनाया है "कस्तूरी ने कहा तो वो हैरान रह गया "'जानती हो बिल्कुल ऐसा ही लैंप मैंने बाजार से खरीदा था ... मु...

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डॉ. राजेंद्र प्रसाद By Mini Kumari

डॉ. राजेंद्र प्रसाद के प्रति दुर्व्यवहार स्वतंत्रता सेनानियों के बीच डॉ. राजेंद्र प्रसाद का अकादमिक रिकॉर्ड सबसे बेहतर था (डॉ. आंबेडकर को छोड़कर)। उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से...

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जिस्म बिना रूह By Vivek Singh

 जिस्म बिना रूह (A Body Without Soul)> "इंसान सिर्फ तब तक जिंदा होता है, जब तक उसमें रूह होती है... जिस्म तो बस एक खोल है। पर अगर किसी जिस्म को रूह छोड़ दे, और वो फिर भी ज़िंदा रहे...

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सच्ची संवेदनाएँ बनाम सोशल मीडिया By vishwa singh

"एक संवेदनात्मक कथा जो झूठे दिखावे और असलियत के बीच की दूरी को उजागर करती है।" दौर है ये सोशल मीडिया का जब ऐसे हर मौके पे गजब के सतरंगी मेसेज की बाढ़ सी दिखती है। बेशक रियल लाइफ मे...

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वीर सावरकर By Mini Kumari

वीर सावरकर के प्रति दुर्व्यवहार सावरकर का मामला बिल्कुल अनोखा, चौंकाने वाला, सभी देशभक्तों एवं चाहने वाले लोगों के लिए बेहद दर्दनाक है। उन्होंने ब्रिटिश जेल (कालापानी) में सबसे अधि...

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सहोदरा By Deepak sharma

                      उस दिन मां का बुखार तेज़ था।                     &nbs...

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भगत सिंह और चंद्र शेखर आजाद By Mini Kumari

भगत सिंह और आजाद के प्रति दुर्व्यवहार लोगों द्वारा गांधी और वायसराय इरविन के बीच चल रही बातचीत में शहीद भगत सिंह और अन्य लोगों के जीवन को बचाने की प्रार्थना किए जाने के बावजूद 5 मा...

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झरोखे से निकले शब्द By Priyanka Soni

वर्नालय — एक ऐसी भूमि जहाँ प्रकृति साँस लेती है, जहाँ झरनों की सरगम में कविता बहती है, जहाँ हर हवा के झोंके में कोई भूला हुआ अफ़साना छुपा होता है। इसी स्वप्नवत् दुनिया के हृदय में...

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नेताजी सुभाषचंद्र बोस By Mini Kumari

आजाद हिंद फौज (आई.एन.ए.) के प्रति दुर्व्यवहार आजाद हिंद फौज (आई.एन.ए.) दक्षिण-पूर्व एशिया में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारतीय स्वतंत्रता की रक्षा के लिए नेताजी के नेतृत्व में भ...

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पहुनाई By Deepak sharma

“कौन हो सकता है?” दरवाज़े की घंटी सुन कर हम दोनों चौंके। शोध छात्रों के लिए आरक्षित इस परिसर में वह हमारी पहली रात थी। “आप?” दरवाज़ा खुलने की आवाज़ के साथ स...

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कामसूत्र – प्रेम की पूर्ण कथा By Bikash parajuli

प्रस्तावनाकभी-कभी प्रेम को शब्दों से परिभाषित करना मुश्किल हो जाता है। शादी के बाद बहुत से रिश्ते केवल जिम्मेदारियों तक सीमित हो जाते हैं। लेकिन समीर और रागिनी की यात्रा इस बात का...

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तेरी मासूमियत, मेरा इकरार By InkImagination

कहानी शीर्षक: "तेरी मासूमियत, मेरा इकरार"लेखिका: InkImaginationप्रस्तावना : कभी-कभी प्यार एक मजबूरी से शुरू होता है, लेकिन दिल की गहराई में वह एक अनोखी मोहब्बत बन जाता है। यह कहान...

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सरफराज की कहानी: गाँव से IAS तक By iqbaal

सरफराज एक छोटे से गाँव का लड़का था। उसका गाँव हरे-भरे खेतों और संकरी गलियों से घिरा हुआ था। सुबह-सुबह सूरज की पहली किरणें खेतों पर पड़तीं, और सरफराज अपने पिता के साथ खेतों में काम...

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तुमसे ही By p batrae

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देनदार By Deepak sharma

“टुकटुक की शादी मैं ने तय कर दी है,” बेटी को मेरी पूर्वपत्नी टुकटुक कहती, “शादी इसी चौबीस जुलाई को होगी। और रिसेप्शन पच्चीस को…..” “शादी से पहल...

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मुझे तेरी जरूरत है..... By W.Brajendra

रात के सन्नाटे में खिड़की के पास बैठा, मैं आसमान में टिमटिमाते तारों को देख रहा था। बाहर बारिश हो रही थी, लेकिन मेरे अंदर जो खालीपन था, वो किसी तूफ़ान से भी बड़ा था। ये अजीब है न,...

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तेरे बिना By Bikash parajuli

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दो मन गेहूँ जितना ब्याज By kunal kumar

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मैं अधूरा जी रहा हूं...... By W.Brajendra

मैं अधूरा जी रहा हूं…“तेरे बिना साँसें तो हैं, पर ज़िंदगी नहीं…”कमरे की खामोशी अब मेरी साथी बन चुकी है।ये चार दीवारें हर रोज़ मेरी तन्हाई का मज़ाक उड़ाती हैं।अलार्म बजता है, मोबाइल...

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कॉलेज फ्रेंड्स की कहानी By mood Writer

राघव पहली बार अपने शहर से बाहर पढ़ाई करने जा रहा था। उसका एडमिशन एक नामी कॉलेज में हो गया था और परिवार को उससे बहुत उम्मीदें थीं। स्टेशन पर खड़े होकर जब उसने अपने माता-पिता को अलवि...

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दोस्ती का असली मतलब By Nandini Sharma

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पृष्ठभूमि में नैनीताल: By महेश रौतेला

पृष्ठभूमि में नैनीताल:1973 से 1977 का नैनीताल पृष्ठभूमि में जा चुका था। सोच ही रहा था-"जीवन हैकहीं से निकल लेगा,ठोकर लगेगी,गिरेगा फिर उठ जायेगा।उसका अन्त नहीं मिलेगागायेगा,नाचेगा स...

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अमीर बाप का औलाद By Bikash parajuli

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पूस की रात By Deepak sharma

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कौसी सुपरफास्ट एक्सप्रेस By kunal kumar

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गिरहकट By dilip kumar

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तरू सिख By Manjibhai Bavaliya મનરવ

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मैं खुश हूं उसकी यादों में... By W.Brajendra

मैं उसकी यादों में खुश हूँरात के अंधेरे में अक्सर मैं खुद से बातें करता हूँ। खिड़की पर टिमटिमाती चाँदनी जब मेरे कमरे में उतरती है, तो लगता है जैसे वह चुपके से मेरे पास बैठ गई हो।वह...

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साया-ए-दिल By InkImagination

कहानी शीर्षक: "साया-ए-दिल"लेखिका: InkImaginationप्रस्तावना : कभी-कभी जिंदगी हमें ऐसे इंसानों से मिलाती है, जो हमारे साए की तरह हमारे साथ चलते हैं, बिना किसी शोर के, बिना किसी शर्त...

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टीपू सुल्तान नायक या खलनायक ? - 7 By Ayesha

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खून की प्यास: सुनसान सड़क का श्राप - 5 By Vivek Singh

भाग 5 – आख़िरी रात का खेलहवा में एक अजीब सी ठंडक घुली हुई थी। हवेली की दीवारों पर पुराने तेल के दीये टिमटिमा रहे थे, जिनकी लौ हर थोड़ी देर में कांप जाती, मानो कोई अदृश्य साया पास स...

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चायवाले से नेता तक – एक प्रेरक यात्रा By mood Writer

भाग 1 – साधारण शुरुआतगुजरात के एक छोटे कस्बे में, रेलवे स्टेशन के किनारे, एक पुरानी लकड़ी की गुमटी थी। सुबह-सुबह भाप उड़ाती चाय की खुशबू दूर तक फैल जाती।यहीं खड़ा होता था मनोज, अपन...

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डॉ. श्यामा प्रसाद मुकर्जी By Mini Kumari

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जनता के प्रति दुर्व्यवहार By Mini Kumari

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मैं महत्वपूर्ण नहीं हूँ: बरगद की कहानी - 1 By Dr. Gyanendra Singh

.मैं महत्वपूर्ण नहीं हूँ: बरगद की कहानीगाँव के बीचों-बीच, पुराने मंदिर के पास, एक प्राचीन बरगद खड़ा था। उसकी जड़ें धरती के भीतर ऐसे फैली थीं, जैसे धरती की धमनियाँ हों, जो पूरे गाँव...

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बाबर को सम्मान By Mini Kumari

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सच्ची पहचान By Rakesh Kaul

सच्ची पहचान एक हफ़्ते की रौनक के बाद आज अचानक घर में सूना-सूना लग रहा है | करीब एक हफ़्ते पहले बड़ा बेटा साबिर अपनी बेगम फरीदा और दोनों बच्चों के साथ घर आया था | उसकी बड़ी बेटी हिना पा...

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इंतज़ार By vishwa singh

इंतज़ार बाबा चारपाई पर लेटे हैं और पिछले दो दिनों से उनका खाना-पीना भी बंद है। हालत इतनी खराब है कि वे बाथरूम-टॉयलेट भी नहीं जा पा रहे हैं।ऐसे में सबसे बड़े साहब और छोटे बाबू दिल्ल...

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सफ़र खूबसूरत सा (आखिरी भाग) By p batrae

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डॉ. राजेंद्र प्रसाद By Mini Kumari

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जिस्म बिना रूह By Vivek Singh

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सच्ची संवेदनाएँ बनाम सोशल मीडिया By vishwa singh

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वीर सावरकर By Mini Kumari

वीर सावरकर के प्रति दुर्व्यवहार सावरकर का मामला बिल्कुल अनोखा, चौंकाने वाला, सभी देशभक्तों एवं चाहने वाले लोगों के लिए बेहद दर्दनाक है। उन्होंने ब्रिटिश जेल (कालापानी) में सबसे अधि...

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सहोदरा By Deepak sharma

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भगत सिंह और चंद्र शेखर आजाद By Mini Kumari

भगत सिंह और आजाद के प्रति दुर्व्यवहार लोगों द्वारा गांधी और वायसराय इरविन के बीच चल रही बातचीत में शहीद भगत सिंह और अन्य लोगों के जीवन को बचाने की प्रार्थना किए जाने के बावजूद 5 मा...

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झरोखे से निकले शब्द By Priyanka Soni

वर्नालय — एक ऐसी भूमि जहाँ प्रकृति साँस लेती है, जहाँ झरनों की सरगम में कविता बहती है, जहाँ हर हवा के झोंके में कोई भूला हुआ अफ़साना छुपा होता है। इसी स्वप्नवत् दुनिया के हृदय में...

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नेताजी सुभाषचंद्र बोस By Mini Kumari

आजाद हिंद फौज (आई.एन.ए.) के प्रति दुर्व्यवहार आजाद हिंद फौज (आई.एन.ए.) दक्षिण-पूर्व एशिया में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारतीय स्वतंत्रता की रक्षा के लिए नेताजी के नेतृत्व में भ...

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पहुनाई By Deepak sharma

“कौन हो सकता है?” दरवाज़े की घंटी सुन कर हम दोनों चौंके। शोध छात्रों के लिए आरक्षित इस परिसर में वह हमारी पहली रात थी। “आप?” दरवाज़ा खुलने की आवाज़ के साथ स...

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