You Are My Choice - 8 Butterfly द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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You Are My Choice - 8

काव्या और रॉनित दोनो मैच देखने के लिए जा रहे थे। रोनित ड्राइव कर रहा था तभी काव्या का फोन बजा।

"It's him." काव्या ने फोन की स्क्रीन पर आकाश का नाम देखते हुए खुशी से कहा। 

"निकल गया ना तू?" फोन को स्पीकर करते ही तुरंत उसने कहा।

"नही अभी तो पैकिंग कर रहा हु। लेकिन tujeh कैसे पता?" सामने वाले शक्स ने कहा।

"कैसे पता का क्या मतलब है? हम टेनिस मैच देखने जा रहे है आज।" आकाश की बात सुनते ही रोनित ने कहा।

"Oh... में तो भूल ही गया था। सॉरी यार, मुझे कल बंगलौर में मीटिंग अटैंड करनी है, कंपनी की तरफ से। अभी निकालना पड़ेगा शाम को। No option. Packing करके निकल ही रहा हु" उसकी बात सुनकर काव्या के चेहरे पर उदासी साफ दिख रही थी।

सामने से दोनो में से किसका रिस्पांस न आते देख आकाश ने कहा, "कावू..."

"हम्म.." काव्या ने शांत आवाज में कहा।

"तू हमे ज्वाइन करले और छोड़ दे अपनी जॉब." रोनित ने अपनी आवाज बढ़ाते हुए कहा।

"I'm fine bro." आकाश ने कहा।

"वापिस कब आओगे?" काव्या ने धीमी आवाज में पूछा।

"2 to 3 days." 

"Exact..."

"4th day from today."

"Friday?" रोनित ने पूछा।

"Yesss..." 

इतना सुनते ही काव्या ने रोनित से पूछा, "तू कब जा रहा है?"

"Wensday. Saturday को वापिस आ जाऊंगा।" 

"क्यूं नहीं..!" काव्या ने उसे जवाब दिया। 

"Bye अक्की (आकाश) हम तुझे छोड़ने नही आ सकते। क्या हैं ना हमारा प्लान कैंसल नही हो सकता।" रोनित ने गुस्सा दिखाते हुए कहा।

आकाश ने हल्की सी मुस्कुराहट देते हुए कहा, "enjoy."

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गुरुवार की शाम को 7 बजे के बाद....

जय रेस्टोरेंट में बैठा किसका इंतज़ार कर रहा था। थोड़ी देर बाद उसके पास एक लड़की आई। उसने आते ही कहा, "डॉ. राजशेखर.."

उसे देखते ही जय खड़ा हो गया और उस लड़की को गले लगाते हुए कहा, "डॉ. अवस्थी।" 

वह देखने में काफी सुंदर थी। उसकी आंखे देखके समझ आ जाए की सामने खड़ी लड़की बहुत ही शांत स्वभाव की और सुलझी हुई लड़की है। उसका नाम है – डॉ. श्रेया अवस्थी। वह बहुत फेमस न्यूट्रीशनिस्ट है। जिसकी अपॉइंटमेंट मिलना काफी मुश्किल है। अब वो मुंबई में शिफ्ट कर रही है।


काव्या ड्राइव करते हुए अपने घर जा रही थी। उसने आकाश को फोन लगाया।

आकाश – निकल रहा हु 1 घंटे में। मिलते हैं सुबह। जल्दी से घर जाके सोजा।

काव्या — हा बाबा, पापा जैसी बाते मत कर। 

उसके इतना बोलते ही काव्या ने देखा की दूसरी तरफ से एक ट्रक तेज़ी से उसकी तरफ आ रही है। वो कुछ समझ पाती उससे पहले ही ट्रैक तेज़ी से आके उसकी गाड़ी को टक्कर लगा दी। काव्या के मुंह से बस जोर से चीख निकली, "आकाश..."। आकाश के कानो में इतनी जोर से आवाज आई थी की थोड़ी देर के एहसास ने आकाश को पूरी तरह से डरा दिया था। उसके माथे से पसीना छूटने लगा था। बस वो काव्या को आवाज दे रहा था, " कावु... कावु.. काव्या।" सामने से कोई आवाज न आते वो समझ गया था की काव्या का बहोत बड़ा एक्सीडेंट हो चुका है। आकाश सीधा मेडिकल हेल्प के लिए 108 पे कॉल किया और उन्हें एड्रेस देते हुए कहा कि दिल्ली में औरोरा टेक की ऑफिस के पास ही एक्सीडेंट हुआ है। सामने से उसे जवाब मिला कि ambulance निकल चुकी है। कोई भी जवाब दिए बिना आकाश ने फोन डिस्कनेक्ट करके सीधा दानिश को कॉल लगाया। 

दानिश कुछ कह पाता उससे पहले ही आकाश ने गभराते हुए कहा, "सुन, काव्या अभी निकली है ऑफिस से, में उससे बात कर रहा था। अचानक उसके एक्सीडेंट हो गया। तू बस अभी के अभी..."

दानिश ने उसे बीच में रोकते उदासी भरी आवाज में कहा, "में मेम के पीछे ही था। में उन्हें लेके हॉस्पिटल जा रहा हु। आप प्लीज आ जाइए जल्दी से।" दानिश ambulance में काव्या के साथ हॉस्पिटल के लिए निकल चुका था।

जय और श्रेया डिनर कर रहे थे। जय ने श्रेया से कहा, "घर पे सब सामान एडजस्ट करना पड़ेगा। सेटल होने के बाद चले जाना, तब तक मेरे घर पे रहले।"

श्रेया ने उसे जवाब दिया, "ठीक है। जैसा तुम कहो। वैसे भी तुम कहा मेरी बात मानने वाले हो। पहले खाना खाले हम।"

जय ने अटकते हुए कहा, "वैसे तो में नहीं चाहता.... बट बता देता हु, तनेजा भी अब इसी शहर में वापिस आ गया है। में मिला नही हु। अजित बता रहा था। उससे पहले कैंपस प्लेसमेंट से वो US चला गया था। 3 महीने पहले वापिस आया है।"

श्रेया "वैसे काम कैसा चल रहा है उसका अभी?"

"किसी स्टार्ट अप कंपनी में CEO हैं शायद। कहा वो पता नही। CEO है तो ठीक ठाक सैलरी भी होगी।"

श्रेया कुछ कहने ही वाली थी तभी जय का फोन बजा। जय ने देखा कि कॉल हॉस्पिटल से था तो बिना किसी देरी के उसने फोन उठा लिया। सामने की तरफ से किसीने कहा, "डॉ. जय, there is an emergency case। Please come to hospital as soon as possible।" इतना सुनते ही जय श्रेया का हाथ पकड़ते हुए उसे बाहर ले गया। श्रेया समझ गई थी की कोई emergency है। "Sir, accident case है। पेशेंट का सिर कार की विंडो से टकराया है। ब्लीडिंग भी बहुत है और बॉडी में फ्रैक्चर होने के भी पूरे चांस है। लड़की की उमर तकरीबन 25 से ऊपर होंगी। BP थोड़ा low है। उन्हे हॉस्पिटल पहोचने में 15 में लगेंगे। साथ में मेडिकल टीम है अभी जो vitals control करने की पूरी कोशिश में है। और sir VIP case है। दिन खुद आ रहे है।"

"में 10 मिनट में पहुंच रहा हु।" इतना कह के फोन काट के जय स्पीड से अपनी कार ड्राइव करने लगा।


Continues in next episode....


Stay tuned...