You Are My Choice - 7 Butterfly द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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You Are My Choice - 7

THE FINAL CALL


दोनो के बीच में चल रही बात काफी इंटरेस्टिंग तरीके से आगे बढ़ रही थी। 

"में भी तो आपसे यही कह रही हु। अगर फाइनल कॉल डॉक्टर का ही है, तो उनकी permission के बिना मशीन वर्क की कैसे करेगा?" काव्या ने थोड़ा एग्रेसिव होके पुछा।

"Of course, now you prove it your self that it doesn’t replace our judgment. If a machine errs, it’s still on us to catch that error, and we would be held accountable, as we should be.” जय ने जवाब देते हुए कहा।

"That’s an idealistic view, and I respect it. But let’s be practical—what happens in the real world isn’t always that black and white. When systems become more complex, failures become harder to pinpoint. My concern is ensuring that companies like mine don’t become scapegoats for incidents beyond our control, and that patients don’t lose trust in the technology that could ultimately save their lives.” काव्या ने बड़े ही polite तरीके से शांति से जवाब दिया।

 काव्या का शांति से दीया गया जवाब सुनके काव्या ने कहा, "It’s not about finding scapegoats; it’s about collaboration. Engineers, doctors, and tech companies need to work together to create reliable systems with clear protocols for addressing failures. But at the end of the day, doctors are on the front line. If something goes wrong, we’re the ones who have to answer for it. I don’t see how that can be any clearer.”

“And what about when a system works perfectly but a doctor misinterprets the data? Would that be a failure of the technology or human error? You see, it’s not just about placing blame—it’s about designing systems that anticipate these interactions and minimize risks. That’s what I’m advocating for, not dodging responsibility. मेने कई स्टडीज रीड की है, पिछले कई सालो की। आपके प्रोफेशन में ऐसे कई डॉक्टर देखे गए है जिन्होंने अपना ब्लेम किसी और पे लगाया हो। और machines पे ब्लेम करना तो आसान हैं।"

तभी वहा बैठे एक स्टूडेंट ने खड़े होते हुए कहा, “I think we shouldn't get lost in hypotheticals. The focus should be on how we can make these technologies as safe and effective as possible, not on who’s to blame when something goes wrong. Trust in technology comes from transparency and cooperation, not from creating a culture of suspicion."

"Agreed, but that cooperation must include candid conversations about where the responsibilities lie. The future of medicine depends on it. We’re on the same side here—we both want to see better outcomes for patients. और humans तो हैं ही कॉम्प्लिकेटेड।” काव्या ने टाईम देखते हुए बात को यही खतम करना चाहा।

काव्या की यह बात सुनके सबके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आ गई।

तकरीबन एक घंटे बाद जब इवेंट खतम हुआ तो काव्या Dean से मिलके वापिस आ रही थी। लिफ्ट को रोका तो जय ऑलरेडी अंदर ही था। काव्या useh इग्नोर करते हुए अंदर चली गई। 

"फ्लोर?" जय ने उससे पूछा।

"Same." काव्या ने बिना देखे ही जवाब दिया।

थोड़ी देर की चुप्पी के बाद काव्या जय से कहने ही वाली थी की लिफ्ट ग्राउंड फ्लोर पे पहोच गई। जैसे ही लिफ्ट का दरवाजा खुला सामने रोनित खड़ा था। रॉनित को देखके काव्या भूल गई की वो जय से कुछ बात करना चाहती थी। जय को फिरसे इग्नोर करते हुए उसने रोनित को hug करते हुए कहा, "I'm tired."

उसकी इतनी बात सुनते ही रोनित के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई। उसने काव्या के सामने देखते हुए कहा, "हम मैच देखने जा रहे है।"

"आकाश आ रहा है?" तुरंत ही काव्या ने पूछा।

"Yes"

इतना सुनते ही काव्या के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई।

जय ज्यादा दूर तो नही गया था, उसे दोनो की इतनी बाते सुनाई दे रही थी। दोनो के बीच के हसी मजाक के रिश्ते को उसने आज भी गलत ही समझा था।


Continues in next episode....