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15. 9th के आखरी दिन 9th हमारे लिए सिर्फ एक कक्षा नहीं थी पर जीवन का एक खुसबूरत ख...
मुर्द्वन्व विद्वान संत योगी विलक्षण व्यक्तित्व आचार्य पण्डित हंस नाथ मणि त्रिपाठ...
अंतर्मन को पुनर्जीवित कैसे करें, जबकि पहले से ही अपनी आत्मा को उजागर करने के सार...
कोई आदमी इतना बातूनी हो सकता है इसका एहसास मुझे आज हुआ जब मैं मुख्तयारभाई के रिक्शे में बैठा। जब मैं रिक्शा में बैठा तो मैं थोड़ा सोच में फंसा था, तो रिक्शावाला भाई ने यह बात भुलान...
वह गगन यानी मेरी पत्नी को बहु के नाम से ही बुलाते थे।उनसे मधुर सम्बन्ध हो गए थे।उन्होंने कभी हमे किरायेदार नही समझा।उनके जितने भी रिश्तेदार आते या हमारे एक दूसरे से घुल जाते थे। इस...
15. 9th के आखरी दिन 9th हमारे लिए सिर्फ एक कक्षा नहीं थी पर जीवन का एक खुसबूरत ख्वाब की तरह था जो हकीकत, अनुभव और ढेर सारी यादों से भरा हुआ था यह यादें जिंदगी की कई यादों में खो जा...
लुई ब्रेल सिर्फ 5 साल का था जब उसकी आंखों की रोशनी चली गई वह बहुत होशियार था और अन्य लोगों जैसी ही जिंदगी जीना चाहता था उसकी सबसे ज्यादा रुचि पढ़ने में थी पेरिस के अंधशाला में भी उ...
चमक पैदा करती उम्मीद की किरणें – वर्ष 2000 शुरू हो रहा है और शुरू हो रहा है अपनी नौकरी का अब उत्तरार्ध | हम उस पीढ़ी के भाग्यशाली लोग हैं जो एक सदी का अंत और दूसरी सदी की शुरुआत देख...
एक दिन मै भी आकाश मे उड़ान भरुगा डॉक्टर अब्दुल कलाम को आकाश मे पक्षियों की उड़ान बहुत अच्छी लगती थी उनके घर से रामेश्वरम् मन्दिर 10 मिनट के रास्ते पर था वे प्राय: रामेश्वरम जाया कर...
कृष्नदास कलि जीति न्यौति नाहर पल दीयो। अतिथि धर्म प्रतिपाल प्रगट जस जग में लीयो॥ उदासीनता अवधि कनक कामिनि नहिं रातो। राम चरन मकरंद रहत निसि दिन मदमातो॥ गलतें गलित अमित गुन सदाचार स...
सन्त-सेवा परायणा श्रीशोभा जी अपने देवर-देवरानी के साथ रहती हुई निरन्तर भजन-साधना में लगी रहती थीं। इनका देवर तो इनकी भक्ति-भावना से सन्तुष्ट था, परंतु देवरानी कुढ़ा करती थी। एक बार...
श्री सोझाजी दम्पती भगवद्भक्त गृहस्थ थे। धीरे-धीरे जगत्की असारता, सांसारिक सुखों की असत्यता और श्रीहरिभजन की सत्यता का सम्यक् बोध हो जाने पर आपके मन में तीव्र वैराग्य उत्पन्न हो गया...
चंद्रगुप्त मौर्य भारत के महान् सम्राट् थे। इन्होंने मौर्य साम्राज्य की स्थापना की थी। वे लगभग संपूर्ण भारत को एक साम्राज्य के अधीन लाने में सफल रहे। चंद्रगुप्त मौर्य के राज्यारोहण...
सम्राट् मिहिर भोज (अनु. 836 ई.-885 ई.) अथवा भोज प्रथम, गुर्जर-प्रतिहार राजवंश के राजा थे। जिन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी हिस्से में लगभग 49 वर्षों तक शासन किया। इनकी राजधानी...
सम्राट् भोज परमार पवार वंश के नवें राजा थे। परमार वंशीय राजाओं ने मालवा की राजधानी धारानगरी से आठवीं शताब्दी से लेकर चौदहवीं शताब्दी के पूर्वार्ध तक राज्य किया था। भोज ने बहुत से य...
सम्राट् हर्षवर्धन (590-647 ई.) ने उत्तरी भारत में 606 ई. से 647 ई. तक राज किया था। वह वर्धन राजवंश के शासक प्रभाकरवर्धन का पुत्र था। उसका बड़ा भाई राज्यवर्धन, थानेसर पर शासन करता थ...
समुद्रगुप्त गुप्त राजवंश के चौथे राजा और चंद्रगुप्त प्रथम के उत्तराधिकारी थे। पाटलिपुत्र उनके साम्राज्य की राजधानी थी। वे वैश्विक इतिहास में सबसे बड़े और सफल सेनानायक एवं सम्राट् म...
कनिष्क कुषाण वंश का तृतीय एवं सर्वाधिक प्रतिभाशाली शासक था, जो विम के बाद सिंहासनारूढ़ हुआ। कनिष्क इस वंश का सर्वाधिक प्रतापी तथा यशस्वी सम्राट् था, जिसे भारतीय इतिहास में एक महान्...
7 अप्रैल 2024 को गोरखपुर एक साहित्यिक आयोजन में आमंत्रित किया गया था। स्वास्थ्य को लेकर बहुत आश्वस्त तो नहीं था। लेकिन माँ शारदे की ऐसी कृपा हुई कि उक्त तिथि से कूछ दिन पूर्व मैं अ...
[ नीलम कुलश्रेष्ठ ] उनकी आँखों से झर झर आंसू झर रहे हैं, गालों पर बह रहें हैं -नहीं नहीं ये उनके दिल में बिंधी तीखे दंशों की डोरियाँ हैं जो गालों से आगे तक बहकर लगातार आँचल में गिर...
साक्षात्कार " कर्नाटक का हिंदी का सूरज : बी. एस. शांता बाई " [ नीलम कुलश्रेष्ठ ] [ 15 मार्च 2024 को 97 की उम्र में निधन ] “हिंदी राजभाषा है तो राष्ट्रभाषा क्यों नहीं बन...
श्रीविष्णुपुरीजीने कलियुगके प्रपंची जीवोंके कल्याणके लिये बड़े भारी खजानेको (भक्तिको) इकट्ठा किया। उन्होंने वैष्णवधर्मको ही सर्वश्रेष्ठ माना। अन्य अवैदिक धर्मोकी ओर देखा भी नहीं। ज...
सत्यवती के चित्रांगद और विचित्रवीर्य नामक दो पुत्र हुये। जब चित्रांगद और विचित्रवीर्य के छोटे ही थे तभी शान्तनु का स्वर्गवास हो गया था इसलिये उनका पालन पोषण भीष्म ने किया। भीष्म ने...
महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक हैं। वे वसुदेव की बहन और भगवान श्रीकृष्ण की बुआ थीं। महाराज कुन्तिभोज से इनके पिता की मित्रता थी। कुन्तीभोज की कोई सन्तान नहीं थी, अत: ये कुन्ति...
एक महाकवि श्रीजयदेवजी संस्कृतके कविराजोंके राजा चक्रवर्ती-सम्राट् थे। शेष दूसरे सभी कवि आपके सामने छोटे-बड़े राजाओंके समान थे। आपके द्वारा रचित 'गीतगोविन्द' महाकाव्य तीनों...
जल-थल और अग्नि आदिमें सर्वत्र अपने इष्टका ही दर्शन करूंगा—यह प्रतिज्ञा श्रीनामदेवजीकी उसी प्रकार निभी, जैसे कि त्रेतायुगमें नरसिंहभगवान्के दास श्रीप्रह्लादजीकी निभी थी। बचपनमें ही...
शंकरावतार भगवान् श्री शंकराचार्य के जन्म समय के सम्बन्ध में बड़ा मतभेद है। कुछ लोगों के मतानुसार ईसा से पूर्व की छठी शताब्दी से लेकर नवम शताब्दी पर्यन्त किसी समय इनका आविर्भाव हुआ...
आकाशवाणी इलाहाबाद केंद्र पर जबरन दूसरी बार भेज दिए जाने और उस अवधि में वहाँ बेमन से काम करने के बाद मैनें 13 जुलाई 1984 को समान पद पर आकाशवाणी गोरखपुर ज्वाइन कर लिया | यहाँ मेरे सह...
मुर्द्वन्व विद्वान संत योगी विलक्षण व्यक्तित्व आचार्य पण्डित हंस नाथ मणि त्रिपाठी--संदर्भ---अनूठा व्यक्तित्वसंसार और समय अपनी गति की निरंतरता से चलते रहते है जहाँ करोड़ो प्राणि जन्म...
[40 वर्ष तक फ़िल्मी गीतों को संगीत बद्ध करने वाली अकेली महिला फ़िल्म संगीतकार ] नीलम कुलश्रेष्ठ कहते हैं दुनियाँ में किसी के जाने के बाद कोई जगह नहीं खाली रहती लेकिन ऐसा हो गया है। स...
१९६० दशक के शुरुवाती सालो तक "मुग़ल ए आझ़म", "मदर इंडिया" और "प्यासा" जैसी बेहतरीन फिल्मों ने हिंदी फिल्म जगत में तहलका मचा दिया था।१९५७ में आई मदर इंडिया हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की...
अंतर्मन को पुनर्जीवित कैसे करें, जबकि पहले से ही अपनी आत्मा को उजागर करने के सारे रास्ते बंद करके रखें हो। और क्या अंतर्मन को पूरी तरह से खोल कर रख देने से अपना जीवन आनंदित हो उठेग...
जीवन परिचय- ( क)-जन्म -लीलाधर जोशी न्याय विभाग में मुंसिफ पद पर कार्यरत थे जिला शहर उनका ताबादला होता रहता था सफीपुर जिला उन्नाव उत्तर प्रदेश में उन दिनों तैनाती थी जब 23 अगस्त सन...
आज कुछ ऐसा हुआ जो मै ना लिखूँ तो यह बचपन पर मेरा कुठारधात होगा।मै लिखना चाहता हु शायाद आप के बच्चे भी, कुछ ऐसा ही सोचते होंगे या फिर ऐसे सवाल का कभी ना कभी आपने भी सामने किया होगा।...
संविधान शिल्पी - बाबा साहब 1-जन्म बचपन एवं शिक्षा -बाबा साहब भीम राव अंबेडकर भारतीय इतिहास के ऐसे विराट व्यक्तित्व जिनके बिना ना तो वर्तमान भारत कल्पनीय है ना ही भारत कि स्वतंत्रता...
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