Gagan - 19 book and story is written by किशनलाल शर्मा in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Gagan - 19 is also popular in Biography in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
गगन--तुम ही तुम हो मेरे जीवन मे - 19
Kishanlal Sharma
द्वारा
हिंदी जीवनी
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विवरण
दूसरी संतान बेटी हुई थी।मैने पहले ही बोल दिया था।चाहे लड़का हो या लडक़ी नसबंदी करा दूंगा।और ऐसा ही किया था।मैं तो डिलीवरी के समय मौजूद नही था।मेरी सास थी।उन्होंने कागज पर अपने हस्ताक्षर किए थे।उसी समय दो नम्बर के साले की पत्नी ने उसी अस्पताल में लड़के को जन्म दिया था।लेकिन उसकी मृत्यु हो गयी थी।अस्पताल से छुट्टी मिलने पर मेरी सास अपनी बेटी यानी मेरी पत्नी को लेकर नरेना आ गयी थी।उन दिनों मेरे श्वसुर नरेना स्टेशन पर स्टेशन मास्टर के पद पर कार्यरत थे।उन्हें स्टेशन के पीछे ही क्वाटर मिला हुआ था।नरेना ,अजमेर और फुलेरा के रास्ते
Your life partner will be beautiful
But not easy to live with her
ऐसा नही है कि हरेक के साथ इत्तफाक हो।पर किसी के साथ हो भी सकता है।
कहानी तो शुरू...
But not easy to live with her
ऐसा नही है कि हरेक के साथ इत्तफाक हो।पर किसी के साथ हो भी सकता है।
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