सामाजिक कहानियां कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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उजाले की ओर –संस्मरण By Pranava Bharti

================== स्नेहिल नमस्कार प्रिय साथियों प्रतिदिन जीवन में टर्नस् एंड ट्विस्टस आते ही रहते हैं और हम...

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शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 16 By Kaushik Dave

"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"( पार्ट -१६)घर की जान होती हैं बेटियाँपिता का गुमान होती हैं बेटियाँईश्वर का आशीर्वाद होती हैं बेटियाँयूँ समझ लो कि बेमिसाल होती हैं बेटियाँबेटो से ज्...

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आज के भारत में हिंदी की स्थिति By Neelam Kulshreshtha

नीलम कुलश्रेष्ठ ये बात अपने देश की बहुत दिलचस्प है कि देश में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा का सितंबर में पखवाड़ा मनाया जाता है। चौदह सितम्बर, हिन्दी दिवस पर नये संकल्प लिए जाते हैं,...

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सॉरी यार By praveen singh

शिवा और अमित बचपन से ही एक-दूसरे के सबसे अच्छे दोस्त थे। दोनों ने साथ में स्कूल, कॉलेज और यहां तक कि अपने करियर की शुरुआत भी की। उनकी दोस्ती इतनी गहरी थी कि लोग उन्हें एक दूसरे का...

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सन्यासी -- भाग - 30 By Saroj Verma

जयन्त उस वक्त तो वहाँ से चला गया लेकिन उसके मन में कुछ और ही चल रहा था,वो सुहासिनी की जिन्दगी ऐसे बरबाद नहीं होने दे सकता था,उसके मन में जो चल रहा था,उसके लिए वो योजना बना रहा था औ...

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प्रेम चंद्र कि कहानी मंत्र कि समीक्षा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

मंत्र तत्कालीन दो समाजों कि सामाजिक पारिवारिक पृष्ठभूमि विचार व्यक्तित्व के द्वंद कि कहानी है ।डॉ चड्डा जो पेशे से डॉक्टर है और उच्च जीवन शैली के आदि है जिसके कारण वह अपनी मूल जिम्...

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धोखा या इश्क - 2 By aruhi

5 दिन बाद रियांश ने सच में स्नेहा को रास्ते पर ला खड़ा कर दिया था ,,,,आज स्नेह के पास कुछ नहीं था,,,,,ना ही उसकी इंडस्ट्री ,,,,और ना ही उसका घर,,,,वह इस वक्त एक किराए के घर पर रहती...

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सावन का फोड़ - 13 By नंदलाल मणि त्रिपाठी

अद्याप्रसाद रजवंत मुन्नका एव सुभाषिनी लाडली बेटी जो मात्र चार वर्ष कि ही थी एव बीमार मृत्यु कि प्रतीक्षा कर रही शामली को साथ लेकर कलकत्ता रवाना हुए ।कलकत्ता पहुँचने के बाद शामली कि...

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शोहरत का घमंड - 98 By shama parveen

तब ईशा बोलती है, "वैसे भी हम स्कूल से दोपहर में आ जाते है और स्कूल से आने के बाद हम फ्री ही रहते हैं"।तब मीनू बोलती है, "मगर इस तरह के आलीशान घर में रह कर हम, रेहड़ी लगाएंगे तो कैस...

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कामवासना से प्रेम तक - भाग - 5 By सीमा कपूर

मुकेश:- मैं कल फ्री हूं तो मिलते हैं कल डिनर पर, ऐसा करो तुम चाहें छुट्टी ले लो।अजय:- पर छुट्टी सर /आप तो रात में आ रहे हों।मुकेश:- हां भाई एक दिन तो मेनेज हो ही जाएगा अजय:-जी सर।"...

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लाचार By Suresh Chaudhary

,, तुमने आज तक दिया ही क्या है, पूरे साल में केवल एक सूट, कई कई दिन में एक बार सब्जी और दिन चटनी के साथ रोटी वो पेट भराई नही,,। पत्नी अंजुम की आवाज में आज बहुत ही कड़वे अंदाज का एह...

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शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 16 By Kaushik Dave

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