सामाजिक कहानियां कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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उजाले की ओर –संस्मरण By Pranava Bharti

=================== मत नाराज़गी ओढ़िए, बिछाइए, चंद दिन को आए हैं, मुस्कुराइए! परेशान हो उठती हूँ जब देखत...

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शोहरत का घमंड - 96 By shama parveen

अपनी मम्मी की बाते सुन कर आलिया बोलती है, "मम्मी आप ये कैसी बात कर रही है"।तब आलिया की मम्मी चिल्लाती है और बोलती है, "मैं तुम्हारी मम्मी नही हू, मत कहो मुझे तुम मम्मी, और निकल जाओ...

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My Devil Hubby Rebirth Love - 23 By Naaz Zehra

1 घंटे बाद रुद्र रूही के कमरे में आया रूही जो मोबाइल चला रही थी उसने जैसे ही अपने कमरे में किसी आहट सुनी दरवाजे की तरफ देखा तो रुद्रा खड़ा हुआ था उसका एक हाथ पेंट की जेब में था और...

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सावन का फोड़ - 2 By नंदलाल मणि त्रिपाठी

बाढ़ कि बिगड़ती स्थिति से बेबस लाचार प्रशासन अपनी पूरी क्षमता एव संसाधनों से आम जन को राहत पहुंचाने कि पूरी ईमानदारी से कोशिश कर रहा था लेकिन निरंतर हो रहीं बारिस से कोइ भी प्रयास...

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शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 5 By Kaushik Dave

"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"(Part -5)किसी व्यक्ति की मानसिक स्थिति क्यों ख़राब होती है?  एक इन्सान जुनूनी क्यों हो जाता है? ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से कोई व्यक्ति उदास हो जाता...

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सन्यासी -- भाग - 17 By Saroj Verma

अब जयन्त ने सुमेर सिंह को सबक सिखाने का सोच ही लिया था और फिर वो उसके बारें में तहकीकात करने लगा,बहुत जगह पूछताछ के बाद पता चला कि सुमेर सिंह ने लखनलाल से बदला लेने के लिए वो घिनौन...

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 104 By Captain Dharnidhar

बदली ने अभय को सॉरी कहा तो अभय मुस्कुराकर बोला ..बदली ! तुम्हारा शकिया दिमाग किसी दिन जीव का जंजाल बन जायेगा । तुम्हारी शादी होजाने पर तो तुम्हारे हसबैंड की वाट लग जायेगी । बदली ने...

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कच्ची उम्र का प्रेम - एक अभिशाप By Nikku

एक शांत शहर में, नदियों के बीच बसा लखीमपुर, अनीका नाम की एक लड़की रहती थी। अनीका सुंदर और मासूम थी। उसका जीवन सरल था, दोस्तों की हंसी और परिवार की खुशियों से भरा हुआ। फिर भी, इस सर...

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पर्दाफाश - भाग - 9 (अंतिम भाग) By Ratna Pandey

आहुति की दर्द और डर से भरी बातें सुनते ही वंदना वह पत्र लेकर अंदर कमरे में आ गई और वहाँ खड़ी होकर रोने लगी। उसे देखते ही आहुति और पार्वती उठकर बैठ गए। आहुति ने पूछा, "मम्मा क्या हु...

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ख्वाहिश,,,,कत्ल उम्मीदों का - भाग 4 By Paramjeet Kaur

भाग 4जहां एक ओर पुलिस थाने से इंस्पेक्टर द्वारा सुखविंदर जी को जबर्दस्ती भेज दिया गया था तो वही दूसरी ओर रिश्तेदारों के ताने सुन रही अल्का जी को रह रह कर जब भी अपनी बेटी की याद आती...

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गुनगुनाते पंछी By DINESH KUMAR KEER

1. शरारती बच्चाचिंटू बहुत शरारती बच्चा था । वह अक्सर शरारत करता था और लोगों को परेशान करके खूब हँसता था । एक दिन चिंटू को शरारत सूझी । उसके पास कुछ रुपये थे । चिंटू को भूख लगी थी ।...

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लोकतंत्र का उत्सव By DINESH KUMAR KEER

1. लोकतंत्र का उत्सवएक छोटे से गाँव में एक साधारण - सा परिवार रहता था । परिवार में सभी लोग एक - दूसरे को बहुत ही प्यार करते थे और बहुत ही प्यार से रहते थे । उस परिवार में दो बेटे थ...

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दिनेश (एक साधारण लड़का) By DINESH KUMAR KEER

1. दिनेश (एक साधारण लड़का) दिनेश गाँव में एक बहुत ही सीधा - साधा लड़का था। वह अपने माँ - बाप के साथ गाँव में रहता था। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद में उसने नौकरी करने की सोची। कुछ द...

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गुलकंद - पार्ट 10 (अंतिम भाग) By श्रुत कीर्ति अग्रवाल

गुलकंद पार्ट - 10 अंतिम भाग अनरसे वाकई बहुत अच्छे बने थे। भौंचक खड़ा वीरेश देख रहा था कि उत्साह से भरी अम्मा बड़े प्यार से तीनों के टिफिन में ठूंस-ठूंस कर भर रही थीं... गुलकंद भरे...

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अनोखी मित्रता By DINESH KUMAR KEER

अनोखी मित्रताराजा रोमपाद अयोध्या के चक्रवर्ती राजा दशरथ के बहुत ही घनिष्ठ मित्र थे। राजा रोमपाद के कोई सन्तान नहीं थी। एक बार राजा रोमपाद अपने मित्र से मिलने अयोध्या पहुँचे। राजा द...

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मां से ही बच्चों की दुनियां होती हैं .... By Purnima Kaushik

मां एक ऐसा शब्द है, जिसे कभी भी किसी भी परिभाषा में आंका जाना संभव नहीं है। मां तो अपने में समस्त संसार को समेटे हुए है। जिनके होने से कभी अकेला महसूस नहीं होता और न ही कभी डर भी ल...

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उजाले की ओर –संस्मरण By Pranava Bharti

=================== मत नाराज़गी ओढ़िए, बिछाइए, चंद दिन को आए हैं, मुस्कुराइए! परेशान हो उठती हूँ जब देखत...

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शोहरत का घमंड - 96 By shama parveen

अपनी मम्मी की बाते सुन कर आलिया बोलती है, "मम्मी आप ये कैसी बात कर रही है"।तब आलिया की मम्मी चिल्लाती है और बोलती है, "मैं तुम्हारी मम्मी नही हू, मत कहो मुझे तुम मम्मी, और निकल जाओ...

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My Devil Hubby Rebirth Love - 23 By Naaz Zehra

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शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 5 By Kaushik Dave

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अनोखी मित्रता By DINESH KUMAR KEER

अनोखी मित्रताराजा रोमपाद अयोध्या के चक्रवर्ती राजा दशरथ के बहुत ही घनिष्ठ मित्र थे। राजा रोमपाद के कोई सन्तान नहीं थी। एक बार राजा रोमपाद अपने मित्र से मिलने अयोध्या पहुँचे। राजा द...

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मां एक ऐसा शब्द है, जिसे कभी भी किसी भी परिभाषा में आंका जाना संभव नहीं है। मां तो अपने में समस्त संसार को समेटे हुए है। जिनके होने से कभी अकेला महसूस नहीं होता और न ही कभी डर भी ल...

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