सामाजिक कहानियां कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • गुलकंद - पार्ट 4

    गुलकंद पार्ट - 4 पद में छोटी होने के बावजूद वह काकी का प्रभाव ही था कि हर दो-चार...

  • उजाले की ओर –संस्मरण

    उजाले की ओर ----संस्मरण नमस्कार स्नेही मित्रों जीवन जहाँ आसान है, वहीं कठिन भी ह...

  • सन्यासी -- भाग - 11

    जयन्त बुझे मन से अपने कमरे में आया,उसे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था,धनिया के...

गुलकंद - पार्ट 4 By श्रुत कीर्ति अग्रवाल

गुलकंद पार्ट - 4 पद में छोटी होने के बावजूद वह काकी का प्रभाव ही था कि हर दो-चार दिन पर बाऊजी किसी न किसी काम के लिये उनकी मदद करने को, समय मिलते ही, उनके यहाँ चले जाने फरमान अम्मा...

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उजाले की ओर –संस्मरण By Pranava Bharti

उजाले की ओर ----संस्मरण नमस्कार स्नेही मित्रों जीवन जहाँ आसान है, वहीं कठिन भी है जैसे जहाँ कठिनाई आती है वहाँ कोई न कोई सरल मार्ग भी सामने आ जाता है | बस, थोड़ा हमें चैतन्य रहने की...

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बेटा-बेटी (दोनों कुल का नाम करते हैं) By DINESH KUMAR KEER

1. बेटा - बेटीएक छोटे - से गाँव में एक परिवार रहता था । परिवार बहुत ही समझदार और खुशहाल था । परिवार में एक बुजुर्ग दादी माँ थीं, जिनकी बात हर किसी को माननी पड़ती थी । परिवार में ती...

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दूसरे के जीवन में घुसपैठ By bhagirath

दूसरे के जीवन में घुसपैठ   कामना बड़ी जिद्दी लड़की थी। वह बचपन से ही ऐसी थी, कोई चीज चाहिए तो बस चाहिए, जब तक नहीं मिलती रोती रहती और मुंह फुलाकर बैठी रहती। हर बार पिता को उसकी जिद्द...

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सन्यासी -- भाग - 11 By Saroj Verma

जयन्त बुझे मन से अपने कमरे में आया,उसे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था,धनिया के मरने की खबर उसे आहत कर गई थी,वो स्नान करने के लिए स्नानघर में घुस गया और तब तक स्नान करता रहा ,जब तक...

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अधिकार By prabha pareek

                                                   अधिकारबत्तीस वर्षीय संदीप को दूसरा विवाह करते समय इस बात की पूरी जानकारी थी कि परिवार को बांधे रखने के लिये उन्हें कुछ अलग तरह के...

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दुश्मन By Rakesh Rakesh

समाज सुधारक राजा राममोहन राॅय जी की तरह अगर पूरा देश सोच तो…. “बस बस अपना भाषण बंद करो आपका भाषण गांव के कुत्ते भी नहीं सुन रहे हैं, वह भी एक हड्डी के लिए आपस में युद्ध कर रहे हैं,...

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सर्कस - 20 (अंतिम भाग) By Madhavi Marathe

                                                                                                 सर्कस:२०             दुसरे दिन सुबह छह बजे के बाद भोपाल गॅस दुर्घटना की खबर चारों ओ...

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अदिति By Kishanlal Sharma

"आपको जरूर आना हैपत्नी फोन पर बात कर रही थी।मैं भी कमरे में ही बैठा अपनी पत्नी की बाते सुन रहा था।बाते खत्म होने पर पत्नी बोली,"अदिति का फोन था"क्या कह रही थी"घर खरीदा है।गृहप्रवेश...

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बिग ब्रदर भाग - 2 By अजय भारद्वाज

विजय ने जब दरोगा नरेश को ये बताया ये डेडबॉडी मेरे पिता गोपाल की नही है तो ये सुनकर नरेश ने हैरान होकर विजय से पूछा तुम कैसे कह सकते हो ये डेड बॉडी गोपाल की नही है विजय तुरंत बोला क...

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कंचन मृग - 46. तो कौन बच सकेगा?(भाग-2) By Dr. Suryapal Singh

रात्रि में कुँवर, उदयसिंह, देवा, तालन, धन्वा, व्यूह रचना पर विमर्श ही कर कर रहे थे कि रूपन उपस्थित हुआ। उसने बताया कि कुमार की चिता यहीं जलेगी। माण्डलिक महाराज परमर्दिदेव के साथ प्...

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कलयुग का उत्कर्ष By नंदलाल मणि त्रिपाठी

समय के साथ समाज मे घटित कुछ घटनाएं समाज पर इतना गहरा प्रभाव छोड़ जाती है जिसके परिणाम स्वरूप समाज त्वरित प्रतिक्रिया देता सकारात्मकता एव नकारात्मकता का विश्लेषण कर अपने आचरण में ही...

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ग़रीबी By Rakesh Rakesh

सेठ जी गाड़ी का एसी खराब होने की जरा सी बात पर आपने अपने पिता के जमाने के ड्राईवर की पीठ पीठ कर हत्या कर दी।” पुलिस इंस्पेक्टर सिद्धार्थ कहता है सेठ होरीलाल अपने वकील के समझाएं हुए...

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खुशी का राज By Rakesh Rakesh

कालिया झूठ भी दिल से बोलता था इसलिए उसका झूठ भी इंसानों को नहीं बल्कि पशु पक्षियों को भी सच लगता था, वह शाकाहारी पशुओं के सामने थोड़ा सा चारा डालकर मांसाहारी पशुओं के सामने मांस का...

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दिये जलते हैं फूल खिलते हैं By DINESH KUMAR KEER

1. खुशीछोटे से एक गाँव में लड़कों के जन्मदिन पर हलुआ और पूड़ी - पकौड़े बनाकर बाँटकर खुशी मनाते हैं, लेकिन किसी भी लड़की का अभी तक जन्मदिन नहीं मनाया गया। उसी गाँव की अनिता का यह नया व...

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समाज की सत्यता By Tripti Singh

आज से दो तीन महीने पहले मेरे कॉलेज में उसके स्थापना दिवस का आयोजन किया गया था! जिसका उस दिन समापन समारोह था, और उस दौरान हुई प्रतियोगिताओं का परिणाम आने के बाद प्रतियोगियों को मुख्...

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वह आखिरी पल - (अंतिम भाग) By Ratna Pandey

इस समय कावेरी अम्मा को ग्लूकोस की बोतल चढ़ रही थी। प्रतीक और नमिता पूरी रात उनके सिरहाने बैठे अपने और उनके आँसू पोछते रहे, भगवान का शुक्रिया अदा करते रहे कि उन्होंने अम्मा को बचा ल...

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आधुनिक दुनिया By Vinit

मम्मी यार …अपने आप को एक बार तो आईने के सामने देख लिया करो, आप तो रहने ही दो, मैं पीटीएम में पापा को लेकर चली जाऊंगी! पता है मम्मी.. मेरी सभी दोस्तों की मम्मी इतनी टिप टॉप अप टू डे...

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गुलकंद - पार्ट 4 By श्रुत कीर्ति अग्रवाल

गुलकंद पार्ट - 4 पद में छोटी होने के बावजूद वह काकी का प्रभाव ही था कि हर दो-चार दिन पर बाऊजी किसी न किसी काम के लिये उनकी मदद करने को, समय मिलते ही, उनके यहाँ चले जाने फरमान अम्मा...

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उजाले की ओर –संस्मरण By Pranava Bharti

उजाले की ओर ----संस्मरण नमस्कार स्नेही मित्रों जीवन जहाँ आसान है, वहीं कठिन भी है जैसे जहाँ कठिनाई आती है वहाँ कोई न कोई सरल मार्ग भी सामने आ जाता है | बस, थोड़ा हमें चैतन्य रहने की...

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बेटा-बेटी (दोनों कुल का नाम करते हैं) By DINESH KUMAR KEER

1. बेटा - बेटीएक छोटे - से गाँव में एक परिवार रहता था । परिवार बहुत ही समझदार और खुशहाल था । परिवार में एक बुजुर्ग दादी माँ थीं, जिनकी बात हर किसी को माननी पड़ती थी । परिवार में ती...

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दूसरे के जीवन में घुसपैठ By bhagirath

दूसरे के जीवन में घुसपैठ   कामना बड़ी जिद्दी लड़की थी। वह बचपन से ही ऐसी थी, कोई चीज चाहिए तो बस चाहिए, जब तक नहीं मिलती रोती रहती और मुंह फुलाकर बैठी रहती। हर बार पिता को उसकी जिद्द...

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कलयुग का उत्कर्ष By नंदलाल मणि त्रिपाठी

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वह आखिरी पल - (अंतिम भाग) By Ratna Pandey

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