मे और मेरे अह्सास - 5 Darshita Babubhai Shah द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ

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मे और मेरे अह्सास - 5

मे और मेरे अह्सास

(5)

आप हम से नजर को मिला लीजिये l
जाम नजरो से हमको पीला दीजिये ll

कोई काटा चुभने ना पाए पांव मे l
फूल ही फूल राह मे खिला दीजिये ll

है मना मीठा हमे पीने को सुनो l
घुट दो पीकर शहद मीला दीजिये ll

***

सफर मे चल पड़े है l
यकी है हमे पहचान
मिल ही जाएगी ll

***

गर तू वादा करता है l
कि तू ताउम्र खुश रहेगा l
तेरे लिए टेड़ी बनना
मुजे ताउम्र मंजूर है ll

***

दिल की धड़कनों मे रहते हो l
जिस्मों की दूरी कोई माईने नहीं रखती ll

***

किसी का वेलेंटाइन
होना किस्मत की बात है ll
इस लिए खुद के
वेलेंटाइन खुद ही बनो ll

***

इतने नादा नहीं है कि
खामोशी तेरी समज ना पाए l
बस थोड़ी दुनियादारी
बीच मे आ जाती है ll

***

एक ही रोजगार रह गया है l
तुजे हरपल चाहते रहना है ll

***

स्नेहेस्वर हो तुम l
शायद इसी कारण l
तुम्हें छोड़ नहीं पाते l
वर्ना हम किसी से l
हाथ नही आते हैं ll

***

चाय तो एक बहाना है l
तुजे याद करने का l
तुजे महसूस करने का ll

***

स्मार्ट फोन क्या आए l
डाक डाकिए ही खो गए ll

***

स्त्री गर जिद्दी ना होती l
राधाकृष्णकी मुरत ना होती ll
दिल लगाकर सोचना क्या l
चैन खोकर सोचना क्या ll

***

खो गये हैं जानबूझ कर l
उन्हे गली में ढूढ़ना क्या ll

***

सारा क़ुसूर निगाहों का था l
खामखा दिल बदनाम हुआ ll

***

खामोशी मेरी इस तरह शोर मचाने लगी l
उनकी रूह तक मुझसे बाते करने लगी ll

***

सपने उनके, ख्याल उनका l
मेरी हर साँस में नाम उनका ll

***

जिंदगी की तलाश करने का फैसला लिया है l
इसी बहाने तुजे दिल ने फिर से याद किया है ll

***

उसे बीमारी हमारी सही नहीं जाएगी l
इस लिए बीमार होना नहीं चाहते ll

***

दिल दर्द से भर गया जब उसने कहा l
बीमार ना होना हम तुम्हें देखने l
तुम्हारे घर ना आ सकेंगे ll

***

किताबों ने मीटिंग रखीं है l
गूगल की छुट्टी करने को ll

***

शिव ही जीवन है l
जीवन ही शिव है ll

***

प्यार की हद पर कर दी तेरी चाहत में l
जिंदगी बर्बाद कर दी तेरी चाहत में ll

***

कोई तो रिसता है जमनोजन्म का l
वर्ना दुनिया की भीड़ में कैसे मिले l
वो आज तक समज नहीं पाए l
ख़ैर खुदा का तोहफा जी जान से l
गले से लगाए रखना है ताउम्र ll

***

सुबह से शाम तेरा ही नाम होठो पे रहेगा l
आखरी साँस तेरा ही नाम होठो पे रहेगा ll

***

माँ

मेरी माँ
मेरी आशिक
आशिकी
तमन्ना
खाइश
चाहत
आत्मा
आरजू
चांदनी
कहानी

मेरा खुदा
नशीब
परवादीगर
मेरा प्यार
परमात्मा

मेरे
लबो की
मुस्कुराहट
मेरी जान
मेरी पहचान
मेरी माँ

हमे पहचान ने मे वक्त लगे शायद l
कई किताब ए पढ़नी होगी आपको ll

***

अब रिहाई की बाते मत करो l
पिजरे में बंद रहेना राज आ गया है ll

***

लिबास भले ही बदलो चाहे जितने l
रिश्ते कभी भी ना बदलना अब तुम ll

***

ज़िन्दगी जाम से बहेलाने चले जाएंगे l
ग़म सताएगा तो मयख़ाने चले जाएँगे ll

***

गर मयखाने में भी दिल ना बहला l
तेरे दर पे जी बहलाने चले जाएँगे ll

***

जीने ना बहाना दे दिया खुदा तूने l
जब के हम जीने का वजूद ठूठ रहे थे ll

***

नये लिबास सूरज निकाला l
देखे क्या रंग लाती है दुनिया ll

***

चैन तो दिल का खोना जरूरी नहीं |
रोज યું चोट खाना जरूरी नहीं ||

आँख से पीते रहते हैं जाम पे जाम l
रोज मयखाने जाना जरूरी नहीं ll

हर वक्त नजरो मे समाए हुए हैं l
रोज यादो में लाना जरूरी नहीं ll

***

हुस्न तेरा कत्ल करना चाहता है ए सनम l
नाज नखरे चेन हरना चाहता है ए सनम ||

***

चाहत

मिलने को सारा, जहाँ मिल जाएगा
पर हमसा चाहनेवाला, न मिल पाएगा ||

कहने को जमाना, तुम्हें देखेगा |
पर हमारी तरह, प्यार से न देखेगा ||

महफिल में परवाना, जल के मिट जाएगा ||
पर हमारी तरह, न रोशनी लाएगा ||

आजमा के देख लो, तकदीर जानेजा ||
पर हमसा चाहने वाला, न मिल पाएगा

***

बेसबब दिल पे कोई बोज ना भारी राखिये l
छोड़ ना पाए जिसे, शै वो ना प्यारी राखिये ll

तलब या ताल्लुक कितना ही गहरा क्यू ना हो l
बात अंजाम तक नामुमकिन, ना जारी रखिये ll

कुछ फेसले वक्त ही कराता है हमारे नहीं होते l
दिल में एसी अमूल्य चीज ना न्यारी राखिये ll

***

चाह तो आसमान मे उमंगें उड़ाने की है l
चाह तो आसमान मे पतंगे उड़ाने की है ll

पानी के साथ मिलकर सपने बहाते हैं l
चाह तो आसमान मे तरंगे उड़ाने की है ll

नफरत की आंधी चल रही है चारो ओर l
चाह तो आसमान मे सुरंगें उड़ाने की है ll

१५-२-२०१९

***

लोग क्यों दो पल किसीसे बात करने के लिए भी अब तरस जाते हैं l
होठ क्यों दो पल किसीसे बात करने के लिए भी अब तरस जाते हैं ll

साथ रहते हैं जो कदमो से कदम मिला के वो ना डगमगाते कभी l
रोज क्यों दो पल किसीसे बात करने के लिए भी अब तरस जाते हैं ll

उम्र बिताए यहां जिसने गुडगर्दी में वो गभारते हैं चीती को भी छूने से l
डॉन क्यों दो पल किसीसे बात करने के लिए भी अब तरस जाते हैं ll

१२-२-२०१९

कहने को तो साथ चलते हैं सभी l
उम्रभर कोई नहीं चलता यहा ll

बहते रहते हैं समय के साथ लोग l
साथ पानी के नहीं बहता यहा ll

फोन पर मीठी मुस्काने भेजते हैं l
एक छत के नीचे नहीं रहता यहा ll

१२-२-२०१९

***

उठ जा अपनी राख़ से, उठ जा खुद की तलाश में l
ना कर फिक्र कल की, निक जा खुद की तलाश में ll

गांव तेरा, घर तेरा वापस बुला रहा है पास अपने l
लौट कर घर चला जा, मूड जा खुद की तलाश में ll

मिट्टी से बना है मिट्टी मे मिल जाना है, सोचे क्यू l
खुदकी नजरसे देख जगको,मिट जा खुद की तलाश में ll

***
हमेशा खुश रहते हैं l
ताकि मेरे चाहने l
मेरे चाहने वाले खुश रहें ll

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