मौत की है तलब सखी l
जिंदगी ने रुलाया बहुत ll
मोहब्बत के लिए लोगों के ll
सामने सर झुकाया बहुत ll
गर जिंदगी एसी भी होती है l
चलो जी लेते हैं हसते हसते ll
किस्मत की बात है मिलना l
दिल में किसी से सदा बसना ll
प्यार में कैसे भूल जाए वो l
आँखों से दिल ने उतरना ll
बहुत अच्छा लगता है सखी l
हमसफर का साथ चलना ll
२३-८-२०२२
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आओ मिलकर एक बने l
साथ रहने के सपने बुने ll
दो दिल एक जान है हम l
रास्ता मंजिल एक चुने ll
फिजाओ में गूँजते हुए l
गीत खुशियो के सुने ll
पुरानी ज़ंजीर तोड़कर l
सोच आज नई गुने ll
आज सुहाने मौसम में l
कोयल की पुकार सुने ll
२४ .८ .२०२२
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गर्दिशों की रौशनाई को तरसे l
दो लम्हे की ख़ुदाई को तरसे ll
हमसफ़र की तलाश में निकले l
रास्ते में रहनुमाई को तरसे ll
महफिल में जाते हैं फिर भी l
बरसो से शानासाई को तरसे ll
प्यार का ताना बाना बुनते रहे l
प्यार में आशनाई को तरसे ll
ज़ख्म पे ज़ख्म मिलते रहते हैं l
दर्दो-ग़मों की विदाई को तरसे ll
एक मुद्दत से हुस्न पर्दे में है ll
प्यार भरी बिनाई को तरसे ll
२५-८-२०२२
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सपना सा लगता है हमारा मिलना l
पलभर मुलाकात में दिल में उतरना ll
हाथो मे हाथ देकर वादा किया है l
उम्रभर के लिए एक साथ चलना ll
प्यारो की महफ़िल में दिल को l
ललचाने आँखों में सूरमा भरना ll
चाहें कितते आँधी तूफ़ान आए l
क़सम देते हैं कभी ना बिछड़ना ll
चाँदनी रात में साथ देखा हुआ l
आज पास लाया पुराना सपना ll
२६-८-२०२२
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बेवजह भी कभी मुस्कुराइए l
एकमेक की हसी में खो जाइए ll
आधे अधूरे मन से कुछ न करो l
पूरे दिलो दिमाग़ से अपनाईए ll
अंदर के अहम से निकलकर l
जल्द ही खुद को जगाइये ll
जो कहना है बिना झिझक के l
तुरंत दिल की बात बताइये ll
बार बार मुलाकात करने की l
जूठी जिद करे तो समझिये ll
२७-८-२०२२
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दिए तो दिए दिल बुझे जा रहे हैं l
इश्क़ में जुदाई का गम खा रहे हैं ll
अश्क में डुबोकर सनम बेफ़िक्री से l
सखी आज दिल तोड़कर जा रहे हैं ll
प्यार की बरसात में भीगा मन ll
पिया मिलन की रात में भीगा मन ll
पीपल के पेड़ के नीचे बैठाकर l
सालो पुरानी बात में भीगा मन ll
पलभर की जुदाई से डर जाते हैं l
मीठी सी एहतियात में भीगा मन ll
झूठमूठ जाने की बात क्या कि l
हलके से सदमात में भीगा मन ll
दो पल ख़ुदाई के पास जा बैठे तो l
खुदा की इल्तिफ़ात में भीगा मन ll
२८-८-२०२२
सदमात - सदमे
एहतियात - सावधानी
इल्तिफ़ात - कृपा
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अपनी पहचान जहां को करवाऊँगी l
प्यारी सी निशानी छोड़ जाऊँगी ll
एक बार फर्माइश कर जानेमन तू l
आसमान से तारे तोड़कर लाऊँगी ll
पास ना रहूँ या साथ ना चलूँ सुन l
तेरी मंज़िल पे सितारे टंकवाऊँगी ll
तेरी हर कामयाबी के सदके में l
सर पर हीरो का ताज़ चढ़ाऊँगी ll
लबालब पीकर प्यास बुझा लेना l
खुशी के जाम पे जाम भरवाऊँगी ll
नज़रों से पीला रहा यूँही जानेजा l
नशीली रात में प्रेम-गीत गाऊँगी ll
दिल से पाक रिश्ता जुड़ गया है कि l
तेरी ख्वाहिश को मुकदस बताऊँगी ll
२९-८-२०२२
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नज़र के सामने मुकम्मल मंज़िल है l
मनचाहे साथी का साथ हासिल है ll
सुनो सभी प्यार की बोली समझते है l
अब कौन तय करेगा कौन क़ाबिल है?
ज़माने की साज़िशों के शिकार हैं l
दोस्तों की महफ़िल ही साहिल है ll
३१-८-२०२२