में और मेरे अहसास - 72 Darshita Babubhai Shah द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ

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में और मेरे अहसास - 72

गम में भी मुस्कुराना सीख लो l
दर्दीले रिसते निभाना सीख लो ll

प्यारी सी मीठी सी मुस्कान l
होठों पर सजाना सीख लो ll

नज़रों से घायल करने नशा l
आँखों में चढ़ाना सीख लो ll

अपनों के अपने लोगों के l
दिल जीत जाना सीख लो ll

दुनियासे हटके पहचान बनाके l
अहमियत कराना सीख लो ll

भीड़ मे मोती सी माला जैसे l
खुद जगह बनाना सीख लो ll

रूठ जाए ग़र जान से प्यारा l
मुहब्बत से मनाना सीख लो ll
१६-१-२०२३


 


चाहे कुछ भी हो मोहब्बत बनाये रखना l
अच्छे लोगों की सोहबत बनाये रखना ll

बेशुमार चाहते बटोरते आए हैं नादाँ पे l
अपनी प्यार की बाबत बनाये रखना ll

अकेले बहुत जीया क़ायनात मे यहां l
इल्तजा है इतनी क़ुर्बत बनाये रखना ll

मिलन की रात में मुलाकात के समय l
जुदाई मे आंसू का शर्बत बनाये रखना ll

सुबह शाम और रात जपमाला रहती है l
रूह से जुड़े हुए जज्बात बनाये रखना ll
१७-१-२०२३

 

 

दिल में ख्वाइशों का मेला है l
दुनिया के मेले में अकेला है ll

किसी के तांबे में नहीं रहते l
नादाँ पागलपन को झेला है ll

किसी की यादों में आज सखी l
आँखों मे अश्कों का रेला है ll

छोटी छोटी बातों में रूठते है l
ये मासूमियत का झमेला है ll

मिलन का पैगाम भेजा गया l
आज फ़िर जुगाड़ खेला है ll
१८-१-२०२३

 

आशकी हर किसी को मिलती नहीं l
तम्मनाओ की तिश्नगी मिटती नहीं ll

सखी रूह से रूह के प्यार बिना l
दिलों की बगिया खिलती नहीं ll

चाहते यूँही ताऊम बरकरार रहेगी l
उम्मीदे जिंदगी में दम भरती नहीं ll

सांसे ठहरती है पर वक्त की सूई l
किसीके जाने से ठहरती नहीं ll

भीड़ मे कहीं दिख जाए तो देखेंगे l
अब भी आश दीदार की छूटती नही ll
१९-१-२०२३

 

गर मिलना हो तो ख़बर कर देना l
एक बार फिर से नज़र कर देना ll

याद न करना चाहो भी तो सखी l
याद भूले से भी मगर कर देना ll

सजी है यार दोस्तों की महफिल l
रात में नहीं तो फ़ज़र कर देना ll
२०-१-२०२३

 

 

महफिलों में गुफ़्तगू होने लगी l
वो चैन और सुकून खोने लगी ll

न आने वालो की राह देखी l
इंतजार के बाद सोने लगी ll

प्यार भरी सजना की पाती l
उम्मीदे दिल में बोने लगी ll

चार दिनों की मुलाकात की l
यादों का बोझ ढोने लगी ll

यादें ही सहारा बन गई l
जिंदगी बसर होने लगी ll
२१ -१ -२०२३

 

इश्क़ की उड़ान रहने दे l
ख्वाबों में जान रहने दे ll

कोई तो परवाह करता है l
जिंदगीभर गुमान रहने दे ll

सबसे परस्पर भाईचारा रख l
खूबसूरत जहान रहने दे ll

खबर रखनेवालों से दूर l
अलग सा मकान रहने दे ll

सभी को उड़ने के लिए l
खुला आसमान रहने दे ll

नफरतों को प्यार से मिटा l
खिला गुलिस्तान रहने दे ll

खुशकिस्मती यू बरकरार l
खुदा यू मेहरबान रहने दे ll
२२-१-२०२३

 

हर हाल में मुस्कुराना सीख ले l
होठों पे हसी सजना सीख ले ll

जग प्यार का गुलिस्तां बना l
नफरतों को जलाना सीख ले ll

अपनी ही मस्ती में जीए जा l
खुद को आजमाना सीख ले ll

रूह के इत्मीनान के लिए l
नजरों को मिलाना सीख ले ll

अपने ही अपनों को दगा देते हैं l
रिस्तों को निभाना सीख ले ll

क़ायनात की ज्वालामुखी की l
आग में जीस्त तपाना सीख ले ll

गर पहचान आला बनानी है तो l
हटके आशियां बनाना सीख ले ll

इमानदारी अपने आप से कर l
सच्ची बात बताना सीख ले ll

फूलों की तरह ख़ुशबू फैला कर l
दिल से दिल मिलाना सीख ले ll

गर रिश्तों को एहमियत जानते l
हो तो रूठो को मनाना सीख ले ll
२३-१-२०२३

जख्म दिल में गहरे रखते हैं l
और तन्हाई के पहरे रखते हैं ll

इश्क़ में चैन-ओ-सुकूं के वास्ते l
उदासी में खुश चहरे रखते हैं ll

दोस्तों की जर्रानवाजी के लिए l
महफिलों को ठहरे रखते हैं ll

कायनात में नाम ऊँचा रखने l
अब जगमगाते शहरे रखते हैं ll

बेतुकी बातेँ दुनिया वालों की l
सुनकर कान बहरे रखते हैं ll
२४-१-२०२३

 

 

नजरों को पढ़ना आता है l
पतंगों सा उड़ना आता है ll

भीड़ के संग चल के देखा है l
अब अकेले चलना आता है ll

दुनिया की दुनियादारी देखी l
ख़ुद को छलना आता है ll

ज़िन्दगी ज़िंदादिली से जिएंगे l
वक्त के साथ ढलना आता है ll

रंग बदलती है दुनिया हरपल l
काटों संग पलना आता है ll

मुखौटे पहनकर जीते हैं लोग l
मौसम सा बदलना आता है ll
२५-१-२०२३

 

 

मिलन की रात अधूरी रह गई l
और मुलाकात अधूरी रह गई ll

माहिर नहीं है बातचीत के तो l
दो मीठी बात अधूरी रह गई ll

सुकून ए दिल चाहा उम्रभर l
तो क़ायनात अधूरी रह गई ll

निगाहों से छलक रहीं थीं वो l
प्यारी बरसात अधूरी रह गई ll

बिना हुनर के इश्क़ कर लिया l
सखी सौगात अधूरी रह गई ll
२६-१-२०२३

 

 

अकेले जीने का हुनर सीख लो l
एक बार अहले-नज़र सीख लो ll

कई तरह के लोग मिलेगे जहां में l
बात करना मुख़्तसर सीख लो ll

पतझड़ का मौसम आ गया लो l
जुदाई में तन्हा सफ़र सीख लो ll
२७-१-२०२३

 

सूरज की तपिश सा तेज़ होना चाहिए l
इश्क़ की तपिश में चैन खोना चाहिए ll

देर से ही सही उम्मीदे पूरी होती है l
रातभर सुकूं की नीद सोना चाहिए ll

ग़र मिल जाए कोई दोस्त का कंधा l
करने दिल को हलका रोना चाहिए ll

उम्मीद पर टिकी है दुनिया आजतक l
बेशुमार चाहत का बीज बोना चाहिए ll

बेपनाह बेइंतिहा इश्क़ में पागल को l
दिल बहलाने को खिलौना चाहिए ll
२८-१-२०२३

 

नमन है उसे जिसने देश की ख़ातिर खून बहाया l
कायनात में अपना-अपने देश का ऊँचा नाम बनाया ll

धन्यवाद उसे जिसने ख़ुद के सीने में गोली खाकर ll
और अपनों की परवाह किए बिना इतिहास  रचाया ll

चैन और सुकून के साथ मौत की गोद में समाकर l  
माँ की ममता और माँ के नाम पर चार चाँद लगाया ll
२८-१-२०२३

 

जीवन में सुखी होने के लिए सकारात्मक सोच रखे l
आगे ही आगे बढ़ने के लिए हकारात्मक सोच रखे ll

खुद की सुजबुझ से परीक्षा के लिए तैयारी करो l
अव्वल नंबर पाने के लिए परिणात्मक सोच रखे ll

हाथों की रेखाओं ओ से नहीं मेहनत से सफ़ल हो l
सखी प्रसिद्ध होने के लिए प्रतीकात्मक सोच रखे ll

जो हो रहा है और जो होने वाला है अच्छा ही होगा l
खुदा की रजामंदी के लिए आध्यात्मक सोच रखे ll

रात में यार दोस्तों की महफिलों में सुनाने वाले हर l
गीत गजलों में जान के लिए काव्यात्मक सोच रखे ll
२९ -१-२०२३

 

काश कि बदले नसीब कोई l
आ जाए बहुत करीब कोई ll

जीना आसान हो जायेगा l
ग़र मिले प्यारा हबीब कोई ll
३०-१-२०२३

 

 

खुद की जिम्मेदारी निभाना सीख लो l
बहाने पे तालों को लगाना सीख लो ll

बना रहा है आशियांना नया कोई l
हाल ए दिल को बताना सीख लो ll

कितने दिन किसी के सहारे जीओगे l
उठो ज़मीर को जगाना सीख लो ll

नये रास्ते ढूंढता है आराम को l
जिद्दी मन को मनाना सीख लो ll

एक दिन सफलता कदमों को चुमेगी l
जिगर जुस्से को चढ़ाना सीख लो ll
३१-१-२०२३