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रात का सन्नाटा हमेशा एक अजीब सा सुकून लेकर आता है। जैसे पूरी दुनिया ठहर गई हो, औ...
"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"( पार्ट -२२)कई बार हालात भी अजीब होते हैंलेकिन विश...
आज काजल बहुत गुस्से में ऑफिस से निकली थी। गुस्से का कारण कुछ ऐसा था कि जिससे उसे...
(9)केस ज़रा भी आगे नहीं बढ़ पा रहा था। इससे इंस्पेक्टर आकाश की चिंता बढ़...
(1) -----लम्बी कहानी एपिसोड टाइप ------ ----- मंजिले ----- ...
जैसे ही रॉनित अपने होटल रूम से बाहर निकला तो उसने समाने खड़ी राखी को देखा। राखी...
(नैतिकता अनैतिकता के प्रश्नों को रेखांकित करती पौराणिक प्रसंग पर आधारित काल्पनिक...
अब आगे,जब राजवीर ने कहा कि रूही ने उस के दिमाग में अपनी एक अलग सी जगह बना ली है...
हा सर ये तो बिलकुल सही कहा आपने इस बार अपर वाला मेरी ही सुनेगा. वरना इस बार मेरे...
पिंडोंरा: एक समय चक्र की यात्राहिमानी बचपन से ही रोमांचक जगहों पर जाने की शौकीन...
ग्रीनवुड पब्लिक स्कूल की छुट्टी का समय हो रहा था। स्कूल के बाहर आइसक्रीम बेचने वाले आकर खड़े हो गए थे। एक काले रंग की वैन दो बार स्कूल के सामने से गुज़र चुकी थी। छुट्टी की घंटी...
'और मास्टर जी, आजकल फिर यहीं...?' चंदन ने अपनी लहराती साइकल की तेज़ रफ़्तार को जान- बूझकर ब्रेक लगाया और घंटी बजाकर मास्टर जी को जगाते हुए पूछा। जून की तपती दुपहर...
विवान महज दो महीने का लड़का था जो बालपन में ही बड़ा खुश मिजाज था। उसके चेहरे पर हर पल हल्की सी मुस्कुराहट रहती थी। विवान के होने से पहले उसके माता-पिता ने उसके पालन पोषण, उसको किस...
एक छोटा सा गाँव था जहाँ सुंदर बगीचे, ऊँचे-ऊँचे पेड़ और रंग-बिरंगे फूल खिले रहते थे। इसी गाँव में एक छोटा सा घर था जिसमें एक प्यारी सी बिल्ली मिन्नी और एक नन्हा सा चूहा चीकी रहते थे...
बालक के माता और पिता, दो पंख ही तो होते हैं उसके, जिनकी सहायता से बालक अपनी बुलन्दियों की ऊँचे से ऊँची उड़ान भर पाता है। एक बुलन्द हौसला होतें हैं, अदम्य-शक्ति होते हैं और होते हैं...
दानी अक्सर अपनी तीसरी पीढ़ी के बच्चों को अपने ज़माने की कहानियाँ सुनाती हैं | बच्चों को भी बड़ा मज़ा आता है क्योंकि उनके लिए आज का माहौल ही सब कुछ है | वो कहाँ जानते हैं दानी के ज़माने...
आखिर जिस बात की बिल्कुल उम्मीद नहीं थी, वही हुई। गोलू घर से भाग गया। गोलू के मम्मी-पापा, बड़ा भाई आशीष और दोनों दीदियाँ ढूँढ़-ढूँढ़कर हैरान हो गईं। रोते-रोते उसकी मम्मी का बुरा...
सर्दियों का पूरा मौसम नसरुद्दीन ने अपने बगीचे की देखरेख में बिताया. वसंत आते ही हर तरफ मनमोहक फूलों ने अपनी छटा बिखेरी. बेहतरीन गुलाबों और दूसरे शानदार फूलों के बीच नसरुद्दीन को कु...
मीना अपने लड़के को दवा लाने को कहती है,और मोनू अपनी टूक टूक (सायकल) में सवार हो कर पर्चा हाथ मे लेकर निकलने लगता है। वो अपने घर के मुख्य दरवाजे के पास पहुँचा ही होता है,की तभी घर के...
एक था ठुनठुनिया। बड़ा ही नटखट, बड़ा ही हँसोड़। हर वक्त हँसता-खिलखिलाता रहता। इस कारण माँ का तो वह लाड़ला था ही, गाँव गुलजारपुर में भी सभी उसे प्यार करते थे। गाँव में सभी आकर ठुन...
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