मिन्नी और चीकी की दोस्ती MB (Official) द्वारा बाल कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • You Are My Choice - 41

    श्रेया अपने दोनो हाथों से आकाश का हाथ कसके पकड़कर सो रही थी।...

  • Podcast mein Comedy

    1.       Carryminati podcastकैरी     तो कैसे है आप लोग चलो श...

  • जिंदगी के रंग हजार - 16

    कोई न कोई ऐसा ही कारनामा करता रहता था।और अटक लड़ाई मोल लेना उ...

  • I Hate Love - 7

     जानवी की भी अब उठ कर वहां से जाने की हिम्मत नहीं हो रही थी,...

  • मोमल : डायरी की गहराई - 48

    पिछले भाग में हम ने देखा कि लूना के कातिल पिता का किसी ने बह...

श्रेणी
शेयर करे

मिन्नी और चीकी की दोस्ती

एक छोटा सा गाँव था जहाँ सुंदर बगीचे, ऊँचे-ऊँचे पेड़ और रंग-बिरंगे फूल खिले रहते थे। इसी गाँव में एक छोटा सा घर था जिसमें एक प्यारी सी बिल्ली मिन्नी और एक नन्हा सा चूहा चीकी रहते थे। मिन्नी सफेद रंग की सुंदर बिल्ली थी और चीकी भूरे रंग का छोटा सा चूहा था।

मिन्नी और चीकी की दोस्ती बहुत पुरानी थी। मिन्नी को हमेशा से चीकी की चंचलता और उसकी बुद्धिमानी बहुत पसंद थी। चीकी को मिन्नी का स्नेह और उसकी सुरक्षा पसंद थी। 

एक दिन, गाँव के बच्चों ने मिन्नी और चीकी को खेलते हुए देखा और उनकी दोस्ती को देखकर बहुत खुश हुए। बच्चे भी अक्सर मिन्नी और चीकी के साथ खेलते और उनकी कहानियाँ सुनते। गाँव में एक बच्चा था जिसका नाम था रोहन। रोहन बहुत चतुर और साहसी बच्चा था। वह हमेशा नई-नई कहानियाँ सुनने और खेलने के लिए उत्सुक रहता था।

एक दिन, गाँव में एक मेले का आयोजन हुआ। पूरे गाँव में खुशियाँ ही खुशियाँ थीं। सभी गाँववासी मेले की तैयारियों में जुटे हुए थे। रोहन भी बहुत उत्साहित था और उसने मिन्नी और चीकी को भी मेले में आने के लिए कहा।

मिन्नी और चीकी ने कभी मेला नहीं देखा था, इसलिए वे बहुत उत्साहित थे। मेला बहुत बड़ा और रंगीन था। वहाँ तरह-तरह की मिठाइयाँ, खिलौने और खेल थे। मिन्नी और चीकी ने पूरे मेले का आनंद लिया। वे झूले पर झूलते, गुब्बारे उड़ाते और मिठाइयाँ खाते रहे।

अचानक, मेला में एक बड़ा सा कुत्ता आ गया। वह कुत्ता बहुत खतरनाक दिखता था और सभी जानवर उससे डरते थे। मिन्नी और चीकी भी डर गए और एक कोने में छिप गए। लेकिन रोहन ने देखा कि मिन्नी और चीकी डर के मारे छिपे हुए हैं। उसने अपनी बुद्धिमानी से एक योजना बनाई।

रोहन ने एक बड़ी सी रस्सी उठाई और धीरे-धीरे कुत्ते के पास गया। उसने रस्सी से कुत्ते को बाँध दिया और उसे मेले से दूर ले गया। मिन्नी और चीकी ने देखा कि रोहन ने उन्हें बचा लिया है, तो वे बहुत खुश हुए। 

रोहन की बहादुरी ने मिन्नी और चीकी को बहुत प्रभावित किया। वे दोनों रोहन के पास आए और उसे धन्यवाद दिया। रोहन ने कहा, "दोस्तों, हमें हमेशा एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए और डर से कभी हार नहीं माननी चाहिए।"

उस दिन के बाद, मिन्नी, चीकी और रोहन की दोस्ती और भी मजबूत हो गई। वे हमेशा साथ खेलते और गाँव में खुशियाँ बाँटते रहते। उनकी दोस्ती की कहानी गाँव भर में प्रसिद्ध हो गई और सभी ने उनसे सिखा कि सच्ची दोस्ती क्या होती है।

गाँव के सभी बच्चे, मिन्नी, चीकी और रोहन की कहानियाँ सुनते और उनसे प्रेरणा लेते। मिन्नी और चीकी ने भी बच्चों को सिखाया कि डरना नहीं चाहिए और हमेशा एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए।

एक दिन, गाँव में एक बड़ा तूफान आया। सभी गाँववासी अपने-अपने घरों में सुरक्षित थे, लेकिन कुछ जानवर तूफान में फँस गए थे। मिन्नी और चीकी ने देखा कि गाँव के बाहर के जंगल में कुछ जानवर फँसे हुए हैं। उन्होंने तुरंत रोहन को बताया और तीनों ने मिलकर एक योजना बनाई।

रोहन ने अपने दोस्तों को बुलाया और सब मिलकर जंगल में गए। मिन्नी और चीकी ने अपनी चतुराई से जानवरों को खोजा और रोहन ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया। सभी जानवर बहुत खुश हुए और उन्होंने मिन्नी, चीकी और रोहन को धन्यवाद दिया।

तूफान के बाद, गाँव में एक बड़ा उत्सव मनाया गया। सभी गाँववासी मिन्नी, चीकी और रोहन की बहादुरी की तारीफ कर रहे थे। गाँव के मुखिया ने भी उनकी प्रशंसा की और उन्हें इनाम दिया। 

इस तरह, मिन्नी, चीकी और रोहन ने सभी को सिखाया कि सच्ची दोस्ती और साहस से हम किसी भी कठिनाई का सामना कर सकते हैं। उनकी कहानी हमेशा के लिए गाँववालों के दिलों में बस गई और वे सभी उनके जैसे बनने की कोशिश करने लगे।

समाप्त।