हिंदी बाल कथाएँ कहानियाँ मुफ्त में पढ़ेंंऔर PDF डाउनलोड करें

दानी की कहानी
द्वारा Pranava Bharti

----------------- दानी को बिलकुल पसंद नहीं था कि छोटे बच्चे चाय पीएँ | उनका कहना था कि आज का व्यवहार ऐसा हो गया है कि जब हम मित्रों या ...

Tigers of Sherkila
द्वारा R.K Sharma

शेर-किला राष्ट्रीय उद्यान के रॉयल बंगाल टाइगर्स में सबसे मर्दाना और शाही, राणा शान-बहादुर, सूरज की पहली सुनहरी किरणों के रूप में जम्हाई और फैला हुआ था, जिसने उसके ...

यादें बचपन की
द्वारा दिनेश कुमार कीर

यादें बचपन की पांचवीं तक स्लेट की बत्ती को जीभ से चाटकर कैल्शियम की कमी पूरी करना हमारी स्थाई आदत थी लेकिन इसमें पापबोध भी था कि कहीं विद्यामाता ...

गोलू भागा घर से - 29 - अंतिम भाग
द्वारा Prakash Manu

29 रहमान चाचा की चिट्ठी एक हफ्ते बाद रहमान चाचा का एक लंबा पत्र आया। उन्होंने लिखा, “गोलू, तुम्हारी सच्ची कहानी पढ़ी। पढ़कर आँखें नम हो गईं। मुझसे ज्यादा ...

गोलू भागा घर से - 28
द्वारा Prakash Manu

28 अखबारों में छपी कहानी यह रहमान चाचा का जादू ही था कि अब घर में गोलू की इज्जत पहले से कई गुना अधिक बढ़ गई थी। अब कोई ...

पंचतंत्र
द्वारा Rajveer Kotadiya । रावण ।

परिचय संस्कृत नीतिकथाओं में पंचतंत्र का पहला स्थान माना जाता है। इस ग्रंथ के रचयिता पं. विष्णु शर्मा हैं। आज विश्व की 50 से भी अधिक भाषाओं में इनका ...

गोलू भागा घर से - 27
द्वारा Prakash Manu

27 किस्सा रहमान चाचा के साथ घर लौटने का रहमान चाचा जब गोलू को लेकर घर पहुँचे, तो पूरे मक्खनपुर में उत्सव जैसा माहौल बन गया। मक्खनपुर की रहट ...

गोलू भागा घर से - 26
द्वारा Prakash Manu

26 रहमान चाचा अब गोलू पुलिस डी.आई.जी रहमान खाँ के सामने बैठा था और पास ही पुलिस इंस्पेक्टर भी था। रहमान खाँ गौर से गोलू का दिया हुआ नीला ...

गोलू भागा घर से - 25
द्वारा Prakash Manu

25 पुलिस जिप्सी वैन में और जल्दी ही गोलू को मौका मिल गया। एक दिन जर्मन दूतावास के एक अधिकारी के पास गोलू को इसी तरह का लिफाफा पहुँचाना ...

गोलू भागा घर से - 24
द्वारा Prakash Manu

24 यहाँ से भाग जाओ बाबू! गोलू को रहने के लिए जो कमरा दिया गया था, वहाँ दूर-दूर तक एकांत था। बस, आसपास बड़े-बड़े गमलों और खूबसूरत क्यारियों में ...

गोलू भागा घर से - 23
द्वारा Prakash Manu

23 मिसेज नैन्सी क्रिस्टल और फिर अगले हफ्ते गोलू के जिम्मे सचमुच एक काम आ पड़ा। पहले मिस्टर डिकी ने उसे सारी बातें समझाईं, फिर मिस्टर विन पॉल के ...

गोलू भागा घर से - 22
द्वारा Prakash Manu

22 बिग बॉस! पर ये लोग करते क्या होंगे? कोई फैक्टरी वगैरह तो ये लोग चलाते नहीं हैं? फिर कहाँ से आता है इतना पैसा, इतनी दौलत...? गोलू फिर ...

बचपन के दोस्त
द्वारा DINESH KUMAR KEER

दोस्ती एक ऐसा शब्द है जिसके लिए शायद शब्द भी कम पड़ जाय,पर मैं डरता हूँ दोस्ती करने से ऐसा नहीं है कि विश्वास नहीं रहा पर कुछ बचा ...

गोलू भागा घर से - 21
द्वारा Prakash Manu

21 वह आलीशान नीली कोठी डिकी नाम का वह आदमी गोलू को सचमुच एक भव्य, विशालकाय नीली कोठी में ले आया। इतनी आलीशान कोठी...कि वह हर ओर से बस ...

गोलू भागा घर से - 20
द्वारा Prakash Manu

(एक अँधेरी दुनिया में गोलू) ........................ 20 काली पैंट, सफेद कमीज वाला आदमी स्टेशन से बाहर आकर गोलू ने चौकन्नी नजरों से इधर-उधर देखा। सचमुच गेट के आगे ही ...

दानी की कहानी
द्वारा Pranava Bharti

------------------- बच्चे दानी से बहुत सी बड़ी-बड़ी बातें भी करते रहते थे | उन बच्चों में सभी उम्र के बच्चे होते| कई बार बच्चे दानी से बहुत सी बड़ी ...

गोलू भागा घर से - 19
द्वारा Prakash Manu

19 नीला लिफाफा तभी किसी ने उसके कंधे पर हाथ रखा। गोलू ने अचकचाकर आँखें खोल दीं। उसने देखा, एक अजनबी आदमी उसके पास खड़ा है—खासा लंबा और पतला। ...

गोलू भागा घर से - 18
द्वारा Prakash Manu

18 अलविदा रंजीत जिस दिन रंजीत को मुंबई की गाड़ी पकड़नी थी, गोलू उसे रेलवे स्टेशन पर छोड़ने गया। रंजीत का रास्ता उसे भले ही पसंद न हो, पर ...

गोलू भागा घर से - 17
द्वारा Prakash Manu

17 रंजीत मुंबई की राह पर फिर एक दिन गोलू को पता चला, रंजीत ने अपना अच्छा खासा फैशन डिजाइनर का काम छोड़ दिया। “क्यों?” गोलू ने हैरान होकर ...

मेरे बाबा
द्वारा DINESH KUMAR KEER

दिवाली पर एक बच्ची का अपने पापा से आने का गुहार मेरे अल्फ़ाज़ में शायद अच्छा लगे!सबके पापा घर आ गए, आप भी घर आओ ना पापा!हर दिवाली की ...

दानी की कहानी
द्वारा Pranava Bharti

दानी की कहानी---खुल जा सिमसिम ------------------------ अलंकार कितना सुंदर नाम है। दानी ने ही तो रखा था लेकिन सारे बच्चे उसे अल्लू अल्लू कहते। कभी-कभी तो अल्लू से वह ...

मुल्ला नसरुद्दीन के चंद छोटे किस्से - 4 - अंतिम भाग
द्वारा MB (Official)

भाग - 4 मुल्ला नसरुद्दीन और गरीब का झोला एक दिन मुल्ला कहीं जा रहा था कि उसने सड़क पर एक दुखी आदमी को देखा जो ऊपरवाले को अपने ...

गोलू भागा घर से - 16
द्वारा Prakash Manu

16 कथा पागलदास की! “अच्छा...! दिल्ली के रेलवे स्टेशन पर आए, फिर क्या किया?...क्या खाने वगैरह के लिए, गुजारा करने लायक पैसे थे तुम्हारे पास?” गोलू ने उत्सुकता से ...

मुल्ला नसरुद्दीन के चंद छोटे किस्से - 3
द्वारा MB (Official)

भाग - 3 मुल्ला नसरुद्दीन के चंद छोटे किस्से मुल्ला अपने शागिदोर्ं के साथ एक रात अपने घर आ रहा था कि उसने देखा एक घर के सामने कुछ ...

गोलू भागा घर से - 15
द्वारा Prakash Manu

15 गोलू ने देखी दिल्ली दो दिन। खूब चहल-पहल, गहमागहमी और चुस्ती-फुर्ती वाले दो दिन। घुमक्कड़ी के आनंद से भरे दो दिन। दिल्ली की सुंदरता को नजदीक से देखने-जानने ...

मुल्ला नसरुद्दीन के चंद छोटे किस्से - 2
द्वारा MB (Official)

भाग - 2 मुल्ला नसरुद्दीन की दो बीवियाँ मुल्ला नसरुद्दीन की दो बीवियाँ थीं जो अक्सर उससे पूछा करती थीं कि वह उन दोनों में से किसे ज्यादा चाहता ...

गोलू भागा घर से - 14
द्वारा Prakash Manu

14 एक दुनिया रंजीत की रंजीत!...तभी गोलू की रंजीत से थोड़ी जान-पहचान हुई। कौन रंजीत? ठीक-ठीक तो गोलू को भी उसके बारे में कुछ पता नहीं है। पर हाँ, ...

मोनू ,बब्बू और शेर महाशय - भाग 2
द्वारा Premyad kumar Naveen

अब तक आपने पढ़ा ... मोनू ― आंटी जी आप ठीक कह रही है पर मुझे दवा ले जाने में तीन से चार बार गड़बड़ी हो गई है। पर्चे ...

मुल्ला नसरुद्दीन के चंद छोटे किस्से - 1
द्वारा MB (Official)

मुल्ला नसरुद्दीन भाग - 1 जंगली फूल सर्दियों का पूरा मौसम नसरुद्दीन ने अपने बगीचे की देखरेख में बिताया. वसंत आते ही हर तरफ मनमोहक फूलों ने अपनी छटा ...

गोलू भागा घर से - 13
द्वारा Prakash Manu

13 क्या कह रहे हो बेटा? एक-एक दिन करके कोई महीना भर बीता। गोलू का मन कुछ उखड़ा हुआ था। उसने मास्टर जी के पास जाकर कहा, “मास्टर जी, ...

गोलू भागा घर से - 12
द्वारा Prakash Manu

12 कहीं तू बदमाशी तो नहीं कर रहा? फिर एक दिन सरिता शर्मा की सहेली मालती सक्सेना आईं। वह भी शायद सरिता मैडम के स्कूल में ही पढ़ाती हैं। ...

एक अनोखी प्रेम कहानी
द्वारा दिनेश कुमार कीर

यारों की यारियां... उन तीनों को होटल में बैठा देख, रमेश हड़बड़ाहट सा गया... लगभग 22 सालों बाद वे फिर उसके सामने दिखे थे... शायद अब वो बहुत बड़े ...