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( बदले की भावना और अनजानी यादें ) अंश अपने ऑफिस में अपने सबसे करीबी आद...
फिल्म रिव्यु श्रीकांत बॉलीवुड में दिव्यां...
वो इक खाब है या हकीकत ये लफ्जों में बयान ना कर सकता है पता नहीं वो क्या है पर दि...
अब तक आपने देखा कैसे ईशान और रॉकी की बहस होती है। और ईशान वीर फिर से इतने दिन बा...
(Present day ) एक सूने से हॉल में दो कमरे हैं । उनके सामने की तरफ दीवार पर घड़ी ल...
किसान और नाग एक गरीब ब्राह्मण अपने खेत में बहुत मेहनत करता था। एक दिन वह थककर ए...
अधूरे जंगल का अमर रहस्य**महल और जंगल से भागने के बाद, तीनों दोस्तों ने राहत की स...
अब तो सिर्फ एक हफ्ते बाकी है सब कुछ ठीक हो रहा है।नैना ने कहा हां सर प्लीज आप टे...
माया ने उन कागजो को पढ़ा था।फिर बोली,"तुंमने तो जिंदगी भर साथ निभाने का वादा किया...
"मेरे बचपन के मजे अब खत्म होने वाले थे चलो अब हॉस्टल तीसरी क्लास मे था मेरी किस्...
पागल खाना पर पाठकीय प्रतिक्रिया याने समय का एक नपुंसक विद्रोह यशवंत कोठारी राजकमल ने ज्ञान चतुर्वेदी का पागलखाना छापा है.२७१ पन्नों का ५९५रु. का उपन्या...
दिव्य प्रकाश दुबे के काफे में मज़ेदार चाय के साथ पराठे वाली फीलिंग कराने वाली कहानी है। क्या हम कभी मिले हैं? हाँ शायद कहाँ? किसी किताब में जो अभी लिखी ही नहीं गई... ऐसी बहुत सारी म...
नारी आंदोलन, स्त्री समानता, नारी विमर्श, स्त्री के अधिकार, इन सबकी विभिन्न कलाओं से अभिव्यक्ति, अपना व्यवसाय के अलावा होता है' स्त्रियों की अपने घर परिवार में उनकी अहम भूमिका&#...
जैसे चाँद, सूरज, ज़मीन, और समुद्र एक बड़ा सच है ऐसे ही स्त्री प्रताड़ना भी एक बड़ा सच है., कुछ अपवादों को छोड़कर. सन ११९९ में मैं डभोई तलुका की महिला सामाख्या की नारी अदालत से चमत्क...
बहुत कुछ कहता 'वह जो नहीं कहा' (लघुकथा संग्रह : स्नेह गोस्वामी )==================000 ॥ पूर्वकथन...
उपनिवेश (कालोनी) किसी राज्य के निवासियों द्वारा अलग (अपने देश के बाहर) किसी दूरस्थ स्थान पर बसाई गई बस्ती को कहते हैं । किसी पूर्ण प्रभुसत्ता संपन्न राज्य (सावरेन स्टेट) के लोगों क...
भारतीय संस्कृति और भक्तिराधारमण वैद्य आचारमूलाः जातिः स्यादाचारः शास्त्रमूलकः। वेदवाक्यं शास्त्रमूलं वेदः साधकमूलकः।। क्रियामूलं साधकश्च क्रियापि फलमूलिका। फलमूलं सुखं चैव सुखमाननन...
ग्वालियर संभाग के कहानीकारों के लेखन में सांस्कृतिक मूल्य 1डॉ. पदमा शर्मासहायक प्राध्यापक, हिन्दीशा. श्रीमंत माधवराव सिंधिया स्नातकोत्तर महाविद्यालय शिवपुरी (म0 प्र0) पुरोवाक् कहान...
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