तेरी आरजु, तेरी ईबादत, तेरा ही खयाल है।
महोब्बत मे सिफँ महोब्बत का मलाल है।l
तेरी चाहत, तेरी जुस्तजू, तेरा ही इंतजार है l
महोब्बत मे सिफँ महोब्बत का कमाल है ll
तेरी खुशी, तेरी पसंद, तेरा ही सरोकार है l
महोब्बत मे सिफँ महोब्बत का जबाव है ll
तेरी यादे, तेरी मरज़ी, तेरा ही कारोबार है l
महोब्बत मे सिफँ महोब्बत का बबाल है ll
तेरी बाते, तेरी रातें, तेरा ही हवालात है l
महोब्बत मे सिफँ महोब्बत का लगाम है ||
१२-१२-२०२१
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हर इंसान को ख़ुद का आसमाँ चाहिएं l
दुसरों को सुकूं देकर खुद सुकूं पाईऐ ll
कुछ ना कुछ तो लोग कहते रहेगे तो l
चैन दिल का पाने केलिए गम खाईए ll
सुनकर बात दुनिया वालो की आज l
पहाड़ जैसा बड़ा सा सितम न ढ़ाईए ll
बहोत गहरा प्रभाव पड़ा है वजूद पर l
आज जिंदगी मे बासंती बहार लाईए ll
लोगों ने कसके ताने दिए हैं उम्रभर l
प्यार की बरसात हो वहाँ ही जाईए ll
१२-१२-२०२१
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अपनों से सवाल नहीं किया करते l
ऐसे वैसे ख्याल नहीं किया करते ll
इश्क ने जान की बाजी तक लगा दी l
मुहब्बत मे मज़ाक नहीं किया करते ll
जाने वालो को हँसकर रुखसती दो l
पीठ पीछे आवाज नहीं दिया करते ll
चार लम्हे लेकर आए हैं आज मिलने l
प्यारों को नाराज नहीं किया करते ll
फिक्र होती है इस लिए पूछे गये हुए l
जवाब में सवाल नहीं किया करते ll
१२-१२-२०२१
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अपनी मनमानी कर रहे हैं l
प्यार मे हक कर रहे हैं ll
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क्यूँ पूछते हो कौन हमारे साथ है?
क्यों लगता है आप हमारे ख़ास है!
बीच बाजर प्यार का इजहार करोगे ?
सोच लो क्या आप इतने भी बिंदास है?
साथ निभाने का दावा करने वाले को l
अभी आजमा के देख लो कौन पास है!
गैर मौजूदगी आप की नहीं खलती l
लगता है साया आपका आसपास है!
जन्मों जन्म एक-दूजे के साथ रहेगे l
करीबी साथ किसको आया रास है!
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आंसू भी क़ीमती होते हैं l
खुशी से ज्यादा सोते हैं ll
दिलरुबा के बहते आंसू l
चैन दिलबर का खोते है ll
लम्हा लम्हा गिन गिन l
बीज दिलों मैं पिरोते है ll
प्यासी नजर मे क्यूँ देखता है?
लगता है दिल को सेकता है ll
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दर्द इतना बढ़ गया कि हकीम भी बेअसर से निकले l
नाजुक और बिगड़ी तबीयत से बेख़बर से निकले ll
याद है कभी रात दिन का साथ हुआ करता थे l
दिल के करीब दिखने वाले बहोत ही दूर से निकले ll
मुहब्बत की वादी ओ मे गुजारे हुए लम्हे ताज़ा हुए l
दिल गुमशुदा हो गया जब भी राहगुज़र से निकले ll
मिलन की तड़प कुछ इस तरह बढ़ जाए कि l
लौट के वापस आओ साज भीतर से निकले ll
गली से गुज़रे हुए तो एक जमाना बीत गया अब l
दिली ख्वाहिश है जनाज़ा तेरी डगर से निकले ll
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आँखों से आंखे तक़राई l
खूबसूरत आहत आई ll
दूर तो जाना चाहते थे l
फ़िर बीच में चाहत आई ll
सपनों की नगरी से होकर l
यादें घूम के वापस आई ll
ना इलाज दर्द पा लिया l
के दवाई न माफक आई ll
आँखों मे बसाने अकेले l
चुप के छत पे जानम आई ll
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यादों मे बुलाना अकेले अकेले l
आँखों में बसाना अकेले अकेले ll
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कर ले मुहब्बत ये जिन्दगी ना मिलेगी दोबारा l
गुजरे पल न लौटेगे साँस ना पलेगी दोबारा ll
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जीवन मे प्यार का होना जरूरी है l
बिना उसके जिन्दगानी अधूरी है ll
बड़ी नजदीक से देखे है बदलते चेहरे l
परवाह नहीं चाहें जो हो पलटते चेहरे ll
चारो और बेशर्म होकर बने घूमते हैं l
गली नुक्कड़ यहां वहां भटकते चेहरे ll
आज बेपर्दा होकर महफिल मे आये हैं l
आशिक की झलक को मचलते चेहरे ll
सुबह शाम यहाँ वहाँ घूमते फिरते हैं l
दिल की तरफ प्यासे तरसते चेहरे ll
जो कभी भी किसी के नहीं होते वो l
रेत तरह अपनों के सरकते चेहरे ll
सदा ही मन को लुभाते रहते हैं l
बच्चों के ख़ुशी से छलकते चेहरे ll
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मिथ्या है सारी मोह माया l
सब पर घेरा इसका साया ll
कर भरोसा अपने आप पे l
छाव देता खुद का छाया ll
जिसने जो बोया वहीं मिला l
कर्म का फल यहाँ पाया ll
रंगीन दुनिया के मेले मे l
धोखा सभी ने है खाया ll
दिखावे का याराना सब l
अपना ही काम मे आया ll
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मखमली मुहब्बत का जतन तो कीजिए l
मन भर के प्यार का लुफ्त तो लीजिए ll
महफ़िल मे रोज साथ दोस्तों के पीते हो l
आज आँखों से नशीला जाम तो पीजिए ll
बाद मुद्दतों के मुरादों वाली रात आई है l
मुँह दिखाई मे हसी तोहफ़ा तो दीजिए ll
दुआ है, दस्तूर भी है, खुशी मौका भी है l
मिलन के इस लम्हों मे गले तो मीलिए ll
दुनिया और दुनिया वालों से हट के हो l
दिल ए मोमिन है कि फूल तरफ खीलीए ll
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आज चाँद देखु या महेबूब अब तुम ही कहो l
तुझे चाँद लिखू या महेबूब अब तुम ही कहो ll
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प्यार के खूबसूरत पलो को खो दिया है l
आज फ़िर दिल गम के मारे रो दिया है ll
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जिसे देखो जी रहा है मिथ्या जीवन l
फुर्सत ही नहीं के देखे सुन्दर उपवन ll
युगों से गुलों की राह तकता है आँगन l
मुहब्बत का बीज बोके महका दो गुलशन ll
समय के साथ चलने में ही है समझदारी l
सदियों से संसार का नियम है परिवर्तन ll
पत्ता पत्ता पौधा पौधा सींचता प्यार से l
माली की मेहनत से महकता है चमन ll
जूठे और फरेबी लोगों से दुनिया भरी l
कीसी ना दिखाना सच्चाइयों का दर्पन ll
बिना मेहनत किए जिंदगी न गुजरेगी सुनो l
जहां जाओ बस हर कही पैसों का चलन ll
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