दिलवाला प्यार बेशुमार करता है l
इज़हारे इश्क बार बार करता है ll
खुश रहने की भरपूर कोशिश कर l
मिलन के लम्हें यादगार करता है ll
सखी आशिक की बेपन्हा बेइंतिहा l
मुहब्बत का ए - तिबार करता है ll
सुबह शाम हरदम प्यार में पगला l
खुद सबसे दर किनार करता है ll
दरया ए दिल में जब दिखता है तो l
दिलबरा पर जाँ-निसार करता है ll
अपने आप को पिंजरे में बँध करके l
यादों के सफ़र में शिकार करता है l
१-१२-२०२३
जादू मुहब्बत का चल गया l
अनजाने दिल फ़िसल गया ll
मिरी बेहद कामयाबी को l
देखकर ज़माना जल गया ll
महफिल में हुश्न का मिजाज l
एक ही लम्हें में बदल गया ll
दिल अव्वल दर्जे का दिवाना l
वो जुस्तजू देख मचल गया ll
अश्कों ने पलके सजाई तो l
हाथों से दिल निकल गया ll
२-१२-२०२३
ज्यादा मत आजमाओ कि पछताना पड़े l
ढूंढने निकलो तो ख़ाली हाथ जाना पड़े ll
कौन आता है एसे ही मिलने आज कल कि l
गम भुलाने महफिल में बार बार आना पड़े ll
कोई बहुत बड़ी मज़बूरी ही रहीं होगी l
ऐसे भी नादाँ नहीं है कि समझाना पड़े ll
जरा सी बात पे मुँह फुलाके ना बेठ जाओ l
दिखावे का जबरदस्ती से मुस्कराना पड़े ll
अपने इर्द गिर्द अँधेरे ना लिपटा देना की l
हौसलों और उम्मीदों के दीप जलाना पड़े ll
३-१२-२०२३
इश्क के सौदे में मारे गये गुलफ़ाम l
प्यार ने मुकम्मल कर दिया तमाम ll
सब भूल जाने की फितरत है सखी कि l
इंतजार में बर्बाद हुई एक और शाम ll
लाइलाज दर्द सीने में लगा बैठे हैं l
आज दर्द की दवा हो गई हैं जाम ll
मजाक में कहा न आएँगे मिलने अब l
दिन रात की नीद भी हो गई हराम ll
बिना बताये हाथ छुड़ाकर चला गया l
मुहब्बत का जनाज़ा निकला धूमधाम ll
४-१२-२०२३
सर्दियों से ज़िंन्दगी बुला रहीं हैं l
जीने की कहानी पुरानी वहीं है ll
जो जैसा था वहीं का वहीं रहा है l
जैसी थी लोगों की सोच तही है ll
सुनो किसीको भी नसीहत ना देना l
सब अपनी अपनी जगह सही है ll
मंज़िल की तलाश में निकल पड़े l
कोई किसीके लिए रुकता नहीं है ll
लोग है कुछ ना कुछ तो कहेगे ही l
दुनिया की बातेँ दिमाग का दही है ll
५-१२-२०२३
दर्द की दौलत से मालामाल हो गया l
नाम उसके आख़िरी गीत हो गया ll
ठान कर आये थे उनको जिताएगे ही l
उफ्फ आज भूलकर जीत हो गया ll
नाजुक वक्त होता है बिछड़ने के बाद l
दूर जाकर वो और करीब हो गया ll
रास्तें दौनों के अलग हो जाते हैं कि l
ख्वाबों में मिलना ही रीत हो गया ll
नासमझी का सिलसीला चलता रहा l
तन्हाइयों में आईना ही मीत हो गया ll
६-१२-२०२३
मंजिल की तलाश में दो राहें पे खड़े है l
किस और पे जाए यही सोच में पड़े हैं ll
काग़ज़ भर जाते हैं किताबे ख़ाली है l
गजलों में शब्दों के मोती को जड़े है ll
बार बार तस्वीर निहारते रहते हैं पर l
दिल नहीं भरता लेकिन आँखें रड़े है ll
खुद के भरोसे निकल पड़ चाहे जो हो l
इंतजार छोड़ अपने आप से लड़े है ll
गर मंज़िल पानी है तो हौसला बढ़ा l
ख्वाइशे बड़ी है तो रूकावटे बड़े है ll
७-१२-२०२३
कोशिश से मंज़िल का साहिल मिलकर ही रहेगी ll
हौसला रख राहों में हसी कलियां खिलकर ही रहेगी ll
जीत हासिल करनी हो तो फरिश्तों से रिश्ता जोड़ लो l
मेहनत से बड़ी से बड़ी चट्टानें गिरकर ही रहेगी ll
उम्मीदों का दीपक सदा हॉसो हवास में जलाए रखना l
दिल में भरोसा रख रूठी किस्मत फिरकर ही रहेगी ll
खामोशी से अपनी राह पे चलते जा बिना रुकावट के l
सुन मान कहना हार के पीछे जीत छिपकर ही रहेगी ll
अक्सर देर से ही सही पर मंज़िल का साहिल मिलेगी l
सखी विधाता भाग्य में खुशियां लिखकर ही रहेगी ll
८-१२-२०२३
आख़िरी वक़्त नगमा सुनाने आ जाना l
लम्बी गहरी नीद में सुलाने आ जाना ll
कांटो की राह पर चलते रहे हैं सदा l
गुलाबों के झूले में झुलाने आ जाना ll
खुदा हाफ़िज़ कहने का समय हो गया l
हो सके तो साथ रोने रुलाने आ जाना ll
जिन्दगी भर एकदूसरे के साथ जीया है l
फ़िर वापस आने को बुलाने आ जाना ll
दिल में मीठी सी यादें छोड़ना चाहते हैं l
प्यारा आख़िरी गीत गुनगुनाने आ जाना ll
दिल में कोई कसक बाकी न रहने देना l
जीतने गिले शिकवे हो मिटाने आ जाना ll
कैसे भी हो कैसे भी करके आखिरी बार l
दिल की बातेँ कहने सुनने बस आ जाना ll
कसमें खाई थी आख़िर साँस लेते वक़्त तो l
बाहों में सुलाने का वादा निभाने आ जाना ll
९-१२-२०२३ २० मिनिट
अच्छाई की आदत से लाचार हूँ l
इसलिए तो ख़ुदा का प्यार हूँ ll
एक आंख नहीं भाता सभी को l
हर जूठे की रास्तों का खार हूँ ll
आसमाँ से शक्ति चाहता हूं कि l
सच्चाइयों का आमूल आधार हूँ ll
यूही सच्चई और सीधी राह चलू l
नेक ओ पाक जीवन का सार हूँ ll
निष्पाप प्रेम से खुदा को प्यारा हूँ l
शुरू से ही बुराईयों से अग्यार हूँ ll
अग्यार-अजनबी
१०-१२-२०२३
आईने से दोस्ती कर ली l
मुकम्मल यादें भर ली ll
बेवफा पे यकीन कर l
खामखा नीदें हर ली ll
पाक इश्क़ की तलाश में l
क़ायनात ही तर ली ll
रात की वीरानियों में l
तन्हाइयों से डर ली ll
तरस खाकर नसीब ने l
सखी करवटे ग़र ली ll
११-१२-२०२३
आशिकों के लिए इश्क ही भक्ति हैं l
जीने की चाहत जीने की शक्ति है ll
शराबी क्या जाने चाय का नशा l
लब्जों में नजाकत ही संस्कृति है ll
सीखना, उभरना ओ विनम्र रहेना l
वो मुकम्मल शख्सियत आकृति है ll
कोई तो साथ देगा हमराही बनकर l
खामोश एहसास कराना युक्ति है ll
बस यही पता है कि बेपन्हा चाहा है l
सुकून का ताल्लुक प्यारी स्तुति है ll
१२-१२-२०२३
प्रेम क़ायनात की खूबसूरत अनुभूती है l
सच्चे पाक दिल से करो तो इबादत है ll
छोटे छोटे किस्से ज़िंन्दगी के हिस्से है l
एहसास ए प्यार इश्क़ की इनायत है ll
बहुत बड़ी मिशाल होनी चाहिए प्यार l
दिल ओ जान से निभाना रवायत है ll
साँसों से साँसों की तालमेल से ही l
रूह में छिपी हुईं प्यारी नजाकत है ll
खामोशी से तीर की तरह दिल से लगे l
प्यार तो शोख नज़रों की शरारत है ll
१३-१२-२०२३
लोग तो प्रेम में छलते है l
नादाँ दिल से खेलते है ll
१४-१२-२०२३
मुरली की धुन राधा को दिवाना बनाती है l
अपने सुरों से गोपी को दिवाना बनाती है ll
ग्वाल बाल झूम झूम के नाचते गाते तान पर l
वन उपवन ओ पँखी को दिवाना बनाती है ll
जान डाल के मोह देती है पूरी क़ायनात को l
सहियर संगी साथी को दिवाना बनाती है ll
राग रागिनी को सच्चे दिल से छेड़कर आज l
सुधबुध भुलाकर राही को दिवाना बनाती है ll
सखी गली गली गाँव गाँव ढूँढती कृष्ण की l
दीवानी जोगण मीरा को दिवाना बनाती है ll
१५-१२-२०२३