आरज़ू मेरी इस तरह मुकम्मल हुईं l
याद उनकी दीदार ए यार दे गईं ll
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हर लम्हा हर पल हर वक्त मैं ग़ज़ल लिखता हूँ l
हिमाकत तो देख इबादत मैं ग़ज़ल लिखता हूँ ll
मौसम की तरह बदलते देखा है हसीनो को l
बेवफा ओ की मुहब्बत मैं ग़ज़ल लिखता हूँ ll
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दुनियावाले क्या कहेगे परवाह नहीं l
अब किसी के डर से मोड़ेगे राह नहीं ll
बस एक बार दीदार ए यार हो जाए l
दिल मे इस के सिवाय कोई चाह नहीं ll
अजनबी जहाँ मे सिर्फ़ तुमसे मतलब l
किसी और से यहां सरोकार नहीं ll
आज तुम बुलाओ और हम ना आए l
सुनो इतना भी बड़ा कारोबार नहीं ll
छिपते छिपाते कहा भागे जा रहे हो l
प्यार करने वाले है गुनेहगार नहीं ll
२७-१२-२०२१
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वादा करके वो मुकर गया वो अफ़वाह थी,
जाम पीकर वो बहक गया वो अफ़वाह थी।
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चांद को बादलों का हिजाब है l
चांदनी में छाया रुआब है ll
तेरे आने से रोशन हुई रात l
आभ में सितारा भी शादाब है ll
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जीवन है ज्ञान का भंडार l
जिंदगी मे करो सत्कार ll
एक एक शब्द की झंकार l
भरपूर मिलता है संस्कार ll
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गर एक बार समझो सार l
उम्रभर का चाहिए आधार ll
इसके कई तरह के प्रकार l
विचार को मिलते आकर ll
भाव को जानो आर पार l
सब सपने होते हैं साकार ll
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नासमझ को समझा ना बेकार है l
इशारो मे समझें वो समझदार हैं ll
आपत्ति से पहेले ही तैयारी रखे l
हरवक्त चौकन्ना वो ख़बरदार है ll
बिना मतलब के कही हुई हर l
दम वाली बातेँ ही असरदार है ll
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तबाही का मंझर देखने के बाद भी इंसान संभलने वाला नहीं l
तुम चाहे कितनी भी कोशिशे कर लो नादान सुधरने वाला नहीं ll
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दिलों मे मुहब्बत की आग भड़कानी पड़ेगी l
बुझी हुईं चिनगारी फ़िर सुलगानी पड़ेगी ll
नफरत को दिल मे लिए सालो से जीते हैं l
दुनिया को नई दिशा दिखलानी पड़ेगी ll
न जाने किस आधी में फंसे हुए हैं ये l
घिसी-पिटी सोच को बदलवानी पड़ेगी ll
अपने आप मे गुम रहते हैं हर वक्त l
कैसे भी करके बात मनवानी पड़ेगी ll
नस्ल गुमराह हो न जाए इसलिए l
क़ीमत एकता की समझानी पड़ेगी ll
चलो आओ पहले सरहदों को मिटा दे l
भाइचारे की ज्योत को जलानी पड़ेगी ll
औरों का हौसला बढ़ाने के लिए l
खुद की हिम्मत आजमानी पड़ेगी ll
२१-१२-२०२१
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मेरी साँस तुम, मेरा उच्छ्वास तुम l
मेरी अगन तुम, मेरी लगन तुम ll
मेरी चाहत तुम, मेरी राहत तुम l
मेरी रात तुम, मेरी चांदनी तुम ll
मेरा चांद तुम, मेरा सितारा तुम l
मेरी आंख तुम, मेरा काजल तुम ll
मेरी दिवानगी तुम, मेरी आवारदगी तुम l
मेरी बाँकपन तुम, मेरा अल्हड़पन तुम l
मेरे आचार तुम, मेरे विचार तुम l
मेरा मान तुम, मेरी जान तुम ll
मेरे ख्वाबों मे तुम, मेरे ख्यालो मे तुम l
मेरी नीदो मे तुम, मेरी यादो मे तुम ll
मेरे पास तुम, मेरे साथ तुम l
मेरी राह तुम, मेरी मंजिल तुम ll
मेरी आरज़ू तुम, मेरी जुस्तजू तुम l
मेरी यार तुम, मेरी यारी तुम ll
मेरी माही तुम, मेरी संगिनी तुम l
मेरी साथी तुम, मेरी संजीवनी तुम ll
२०-१२-२०२१
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जिंदगी की नई शुरुआत की है l
दुनिया को राज़ की बात की हैll
मुहब्बत मे दो दिलों का मिलना l
प्यारे लम्हों ने रोशन रात की है ll
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आज कल कलम क्यों रुक गई है l
दुनिया की बातें क्यो चुभ गई है ll
प्यार भरे लम्हे याद कर के l
शरम के मारे क्यों झुक गई है ll
क्या तुम्हें भी नीद आने लगी हैं ?
किताबों के भीतर क्यों छुप गई है ll
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मुहब्बत से दूर रहती सदा ही l
अहसाने प्यारे क्यों लिख गई है ll
एक हाथ में जाम काफी नही था l
साथ सिगरेट के क्यों फुक गई है ll
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जूठे दोस्त को पहचान गई हूँ में l
जालिम है दुनिया मान गई हूँ में ll
सालों से लगातार छुपाया हुआ l
अनजाना राज़ जान गई हूँ में ll
रिश्ते हर हाल में निभाते रहेगे l
दिलों दिमाग में ठान गई हूँ में ll
हर वक्त नज़रे बिछा के रहते हैं l
ये दुनियारी पे कुर्बान गई हूँ में ll
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अब सह नहीं सकते तेरी ये नादानियाँ l
जान लें लेंगी एक दिन, ये शैतानियाँ ll
किसी भी तरह से बात अपनी मनाते हो l
आज से छोड़ दो करना ये मनमानियाँ ll
जो दिल में आता है बंध कर दो बोलना l
चुप कर लो, दो गज लम्बी ये जबानियाँ ll
बिना बात के मुँह फूलाए फिरती रहती हो l
कब तक रूठी रहोगी ओ दिलजानियाँ ll
हद से ज्यादा लाड़ पान अब न मिलेगा l
बहोत सह ली मैंने तेरी ये नादानियाँ ll
14.12.2021
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याद तेरी इस तरह सता रही है l
दिलो दिमाग हच मचा रहीं हैं ll
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हर वक्त अपनी मनमानी ना किया करो l
औरों की बात को अहमियत दिया करो ll
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