Me and My Feelings - 60 books and stories free download online pdf in Hindi

में और मेरे अहसास - 60

तस्सवुर मे आया करो l
आके फ़िर न ज़ाया करो ll

जूठा दिलासा दे देकर यू l
जी को न जलाया करो ll

गर दिल से चाहते हो तो l
इश्क़ को जताया करो ll

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सुनो तो सही क्या कहता है मन l
बेशुमार आवाज़े सहता है मन ll

जिंदगी जीने को सब-कुछ l
बिना मरजी के ढहता है मन ll

सदा ही मुस्कराता रहता है l
चाहा अनचाहा गहता है मन ll

दिलों दिमाग को बहला कर l
वक्त की धारा में बहता है मन ll

हमेशा उसकी ही सुनो सदा l
सच्ची बातें कहता है मन ll

रेज़ा रेज़ा हो जाता है पर l
फिर भी चुपचाप रहता है ll

मुससल खुशी की तलाश में l
सखी चारो ओर विहरता है मन ll
१५-७-२०२२

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ख्वाबों से चमकते हैं आँखों के मोती l
सितारों से चमकते हैं रातों के मोती ll

मिलन की तड़प बढ़ती तब बारहा l
आँखों में चमकते हैं यादों के मोती ll

बेपनाह बेइंतिहा मुहब्बत मे की हुईं l
मीठी मीठी प्यारी बातों के मोती ll

चादनी रात में नगमा ओ शेर की l
महफिल में गूँजते साज़ों के मोती ll

बहता झरना, पत्तों की झनकार l
फिझाओ में सुनो आवाजों के मोती ll
१६-७-२०२२

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समय अनमोल है गँवाना नहीं l
बेकार की बातों में गँवाना नहीं ll

जीवन से भरपूर है कायनात l
लम्हों को गम से सजाना नहीं ll

हो सके तो खुशी देना सबको l
किसी भी दिल को सताना नहीं ll

सखी जो भी करो दिल से करना l
अनचाहा रिसता निभाना नहीं ll

भरोसा करके दिल खोला है l
राज किसी को बताना नहीं ll

कभी भी वक्त बदल सकता है l
हार कर सर झुकाना नहीं ll

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खुशियो के लिए खोल दर को l
दर्द को सीनेसे लगाना नहीं ll

दिल में जगह बनाले सुन l
रेत पर नक्श बनाना नहीं ll
१९-७-२०२२

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दिल में आश का चाराग जल रहा है l
ये वहम ही सही जीवन पल रहा है ll

हुश्न की डॉली गूजर रहीं हैं सामने l
आज अरमानो का दम निकल रहा है ll

यहां नहीं तो जन्नत में जरूर मिलेगे l
जूठे वादों से हौसला सम्भल रहा है ll
१७ -७-२०२२

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आँखों मे आई है बरखा l
यादों को लाई है बरखा ll

पत्ता पत्ता भीगा भीगा l
चारो और छाई है बरखा ll

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देखी नहीं कोई शिरीन फरहाद के बग़ैर l
आज महफ़िल सुनी है उस्ताद के बग़ैर ll

हथेली में हथेली पोर कर साथ चलना l
कटता नहीं है सफ़र इमदाद के बग़ैर ll

दिल मे जुजून सवार करना चाहिए l
प्यार मिलता नहीं है उन्माद के बग़ैर ll

रुपैया ही बोलता है क़ायनात में,इंसान l
की पहचान नहीं है जायदाद के बगैर ll

सखी ग़ज़लो से फ़िज़ाए गूँजती हो तब l
महफिल में फन नहीं इरशाद के बग़ैर ll
२१-७-२०२२

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देखो दुल्हन सी सजी है आज धरती l
बरखा की ऋतु में वो सजती सँवरती ll

हर कही प्यार की बूँदों को समेटे वो l
हर छोटे बड़े पैमाने पर पालती पलटी ll

दुल्हन की तरह सजी हैं क़ायनात आज l
बादलों की खुशी देख ख़ुदा सी मलकी ll

युगों से निरंतर अपनी ही मस्ती में l
दिन रात लगातार बिना रूके चलती ll

किसी भी तरह की सिकवा किये वगैर l
अंगिनत बोझ सहकर लगातार हसती ll
२२-७-२२

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संघर्ष करते रहो सफलता क़दम चूमेगी l
फ़िर रूठी हुई क़िस्मत भी क़दम छू लेगी ll
२३-७-२०२२

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खुशबु से भरी भीनी माटी की महक है l
बरखा से सारे क़ायनात में रौनक है ll

एक छाते के साथ बाहिर घूमने जाते l
भीगना भिगोना याद आज तलक है ll
२४-७-२०२२

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आँखों के सामने हमनज़र है l
वो राहे दिल के हमसफ़र है ll

उम्रभर साथ चलने का वादा l
चाहत है फ़िर अगर मगर है ll

उलझन में है कहा जाएगे l
मयखाने के सामने घर है ll

मालूम है राहे जिंदगी की l
कठिन सही अहले सफ़र है ll

सकून कहा जाके ढूँढे बोलो l
सखी दिल का चैन किधर है ll

खामोशी भी सुन सकते हैं l
पास हुश्न के अहले-हुनर है ll
२५-७-२०२२

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कल रात ख्वाबों मे वो आया था l
सुन्दर रंगबेरंगी तोहफ़े लाया था ll

सजना के आने का पैगाम आया l
फ़िजा मे अजीब शुरुर छाया था ll

हुश्न को रिझाने के लिए ख़ुदा ने l
आसमाँ मे इंद्रधनुष रचाया था ll

आशिक ही रहनुमा बना हुआ तो l
क़ायनात मे अब्र का साया था ll

वस्ले-यार की ख़ातिर लैला ने l
सखी गजब का ज़ज्बा पाया था ll
२६-७-२०२२

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प्यार के गुल खिल गये l
दिल से दिल मिल गये ll

जुदाई की बात सुनकर l
सर से पाँव हिल गये ll

अचानक सामने आने से l
मुस्कराते होठ सिल गये ll

ख्वाबों की ताबीर हुईं तो l
अजीज के पास दिल गये ll

हसरत दिल में लिए फ़िर l
समंदर से साहिल गये ll
२७-७-२०२२

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बरसात मे भीगा सूखा मन l
बेहद खुशियो मे डूबा मन ll

पलकों में छुपा लेना चाहते हैं l
मौसमी वातावरण ने लूटा मन ll

अंदर की तपिश यू बढ़ी कि l
बादलो की तरह टूटा मन ll

गुमसुम वीरानी छाई हुई है l
यार के बिना बेहद सूना मन ll

दर्द मे भी मुस्कुराता रहता है l
सखी अनपढ़ है अजूबा मन ll
२८-७-२०२२

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तस्सवुर मे आया करो l
आके फ़िर न ज़ाया करो ll

जूठा दिलासा दे देकर यू l
जी को न जलाया करो ll

गर दिल से चाहते हो तो l
इश्क़ को जताया करो ll

बन ठन कर जो निकले हो l
काला टीका लगाया करो ll

मुहब्बत मे इक़रार के लिए l
हौसलों को बढ़ाया करो ll

चाँद सा मुखड़ा देखने दो l
सखी यू न सताया करो ll

आधी अधूरी ना कहो l
बात पूरी बताया करो ll

अपने और अपनों के लिए l
रुख से पर्दा हटाया करो ll
२९-७-२०२२

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जान जानेके बाद वो आया था l
प्यार का तोहफा लाया था ll

गम में भी मुव्कुराती हूँ l
हँसती हूँ और हँसाती हूँ ll

नसीब को बदलने को l
मंदिर मस्जिद जाती हूँ ll

दिन तो गुजर जाते है l
ख्वाबो से रात सजाती हूँ l

ज़िंदगी में लम्हा लम्हा l
संजोके खूबसूरत बनाती हूँ ll

हर पल को जी भरके जीती हूँ l
ख़ुशी के गौहर न गँवाती हूँ ll

३१-७-२०२२ 

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