में और मेरे अहसास - 128 Dr Darshita Babubhai Shah द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ

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में और मेरे अहसास - 128

सफ़र का मजा

सफ़र का मजा उठाते रहो l

जी भर मस्ती लुटाते रहो ll

 

मनचाहे हमसफ़र के साथ l

प्यारे लम्हों को सजाते रहो ll

 

मदमस्त रूमानी फिझाओ में l

जन्नत सी खुशी मनाते रहो ll

 

सफ़र का लुफ्त लेते हुए सखी l

आज नशीली यादें बनाते रहो ll

 

हाथ पकड़ा है तो आख़िर तक l

जिन्दगी में साथ निभाते रहो ll

१-६-२०२५ 

सत्य

सत्य बोलने के लिए हौसलों की जरूरत पड़ती हैं l

दिल खोलने के लिए हौसलों की जरूरत पड़ती हैं ll

 

बड़ी जिगर चाहिए सत्य का सामना करने की तो 

जूठ तोड़ने के लिए हौसलों की जरूरत पड़ती हैं ll

 

बहुत बड़ी कतार होती है जुठे लोगो की वहां पर l

राह मोड़ने के लिए हौसलों की जरूरत पड़ती हैं ll

 

सदाक़त की राह पर अकेले ही चलना होता है सखी l

साथ छोड़ने के लिए हौसलों की जरूरत पड़ती हैं ll

 

किसीको तो सामना करना पड़ता है अन्याय का l

गलती रोकने के लिए हौसलों की जरूरत पड़ती हैं ll

२-६-२०२५  

परोपकार

परोपकार का उपकार नहीं जताना चाहिए l

उसे करते वक्त नजरे नहीं मिलाना चाहिए ll

 

ईश ने जो दिया है वो सब के खातिर है तो l

मदद का अह्सास नहीं दिलाना चाहिए ll

 

कर्म को सत्कर्म बनाना है तो कभी भी l

अमीरी का रोफ़ नहीं दिखाना चाहिए ll

 

किसीको देने लायक बनाया है तो फ़िर l

खुद को ऊंचा नहीं दिखाना चाहिए ll

 

गर खुशियां न बाँट सको तो चलेगा पर l

कभी दुखती रग को नहीं दबाना चाहिए ll

३-६-२०२५ 

सद्भाव

सद्भाव के कर्मों का अच्छा फल मिलेगा l

भरोसा रखो आज नहीं तो कल मिलेगा ll

 

आज किसीको ठारोगे तो ख़ुद भी ठरोगे l 

अमन चैन और सुकून का पल मिलेगा ll

 

ग़र जहाँ में दुसरों के दुःख देखोगे तो l

जीने के लिए हौसला ओ बल मिलेगा ll

 

अपने आप से बात करना सीखिए फ़िर l

अंतर्मन में झांकोगे प्रश्न का हल मिलेगा ll

 

दुनिया मेँ किसीकी माँ के पास जाओ तो l

माँ की निगाहों में ममता का जल मिलेगा ll

४-६-२०२५ 

गुरुकृपा

गुरुकृपा से जीवन में उजियारा हो जाता हैं l

इन्सां अंधकार से प्रकाश की ओर पाता हैं ll

 

ज्ञान की ज्योति से जीवन धन्य होता ओ l

जिंदगी में सुख का नया सवेरा लाता हैं ll

 

गुरु चरणों में स्वर्ग का आनंद मिलता है l

गुरु को नित सेवा करने वाला भाता हैं ll

 

गुरु का आदर और सम्मान करने वाला l

शिष्य नित्य गुरू के गुणगान गाता हैं ll

 

गुरु को भगवान भी शीश झुकाते है l

गुरु ही पिता और गुरू ही माता हैं ll

५-६-२०२५ 

सहयोग

सहयोग की भावना से आगे निकल सकते हैं l

साथ से बयारों का रूख भी बदल सकते हैं ll

 

एकता वो जादुई छड़ी जो सम्भव बनादे सब l

तिनका तिनका बादल भी गरज़ सकते हैं ll

 

एक एक जब हो जाए साथ सीड़ी बने और l

एक दूसरे के साथ साथ हम पनप सकते हैं ll

 

हाथों की उंगलियों से बन जाती है मुट्ठी तो l

साथ मिलकर दुख दर्द को समझ सकते हैं ll

 

दुनिया में आए है साथ जीने मरने के लिए l

अपनों के साथ मुस्कुराकर छलक सकते हैं ll

६-६-२०२५ 

सदाचार

सदेव सदाचार का आचरण करते रहो l

जिंदगी में पुण्य इकठ्ठा करते रहो ll

 

सदा ही निस्वार्थ भाव से सेवा करना l

कर्तव्यों से सुख का सागर भरते रहो ll

 

मन वचन कर्म से सदाक़त में रहकर l

साफ दिल से शांति की और सरते रहो ll

 

विकट परिस्थितियों में भी मर्यादा में रह l

और ग़लती से भी पाप ना हो डरते रहो ll

 

दूसरों की खुशी में ख़ुद की खुशी देख l

हमेशा जनसेवा के लिए नीद हरते रहो ll

७-६-२०२५ 

 

सड़क से लंबे सफ़र की बात करो l

मुकम्मल से रहगुजर की बात करो ll

 

सब कुछ जानते हो उसका क्या करे?

खबर से भी बेखबर की बात करो ll

 

सफ़र में साथ चलने वाले हमसफर l

सखी लख्ते ए जिगर की बात करो ll

 

सर ए महफिल में साजन की नशीली l

ज़ख्मी सी तीर ए नजर की बात करो ll

 

बेइंतिहा और बेपनाह इश्क़ में डूबे हुए l

खुशी के गुलों के शजर की बात करो ll

८-६-२०२५ 

संगीत

संगीत मन को प्रफुल्लित करता हैं l

मन में चैन औ सुकून को भरता हैं ll

 

संगीत बिना सारा संसार सुना है l

मन्त्रमुग्ध हो ध्यान में सरता हैं ll

 

रागों के प्रभाव से शान्ति मिलती l

जब सच्चे सुरों का सागर बहता हैं ll

 

सो सो दिप जले दीपक राग से ओ l  

बारिस होती जब मल्हार बजता हैं ll

 

पशु पक्षियों भी हो जाते है मुग्ध तों l

राग रागिनी का अलंकार झरता हैं ll

९-६-२०२५ 

 

लगागा लगागा लगागा लगागा ल 

 

सुहाना सफ़र साथ काटे चलो आज l

सफ़र बीच दुख दर्द बाटे चलो आज ll

 

गुमां में फसे है हठीले से नादान l

दिलों से वफ़ा को निभाले चलो आज ll

 

य मौसम य पल फ़िर ना आयेगे l

यहीं साथ आओ बिताले चलो आज ll

 

मिले है बड़ी मुश्किलों से य लम्हें को l 

इसे और प्यारे बनालें चलो आज ll

 

इश्क़ को छुपायेगा कबतक दुनिया से तु l

जहाँ को सखी से मिलादे चलो आज ll

९-६-२०२५ 

 

आखरी साँस तक हमसफर साथ रहना l

भूल ना जाना यूहीं दिल से याद क़रना ll

 

चाहत

रंग चाहत का चढ़ा है आज देखो l

नूर आँखों का बढ़ा है आज देखो ll

 

हुस्न ने पर्दा उठाया जब वहां तो l

हरतरफ भगदड़ मचा है आज देखो ll

 

इंतिहा तो प्यार की हो गई सखी ने l

नाम हाथों में लिखा है आज देखो ll

 

फ़िर रहे पागल बने दुनिया में साजन l

वो दिवाना सा बना है आज देखो ll

 

खुशबु आई है मिट्टी की हरतरफ से l

शहरों में मेला लगा है आज देखो ll

१० -६-२०२५ 

 

आज आसमाँ का रंग रंगीला लगता हैं l 

देख क़ायनात का ढ़ंग रंगीला लगता हैं ll

 

हम उम्र के साथ साथ गप्पे लगाते हुए l

प्यारे दोस्तों का संग रंगीला लगता हैं ll

 

इन्द्रधनुषी सप्तरंग छाया है फिजा में l

होली में छबीला उमंग रंगीला लगता हैं ll

 

आनंद उठाओ महफ़िल में बज रहे l

मृदंगी नृत्य तरंग रंगीला लगता हैं ll

 

खुली बयार में अपनी मस्ती में उड़ते l

हुए रंगबिरंगी विहंग रंगीला लगता हैं ll

१२-६-२०२५ 

 

हादसा दस्तक देकर नहीं आता हैं l

वो बहुत बड़ा सदमा देकर जाता हैं ll

 

वक़्त बे वक़्त बिना इत्तला किये l

साथ अपने उफान को लाता हैं ll

 

उसके रास्ते में जो भी आता है वो l

सब कुछ अपने अंदर समाता हैं ll

 

ना जाने क्या लेने आया होता है कि l

तबाही के बाद चैन सुकू पाता हैं ll

 

जिंदगी को तहस नहस करके ही l

ज्यादातर दुःख का ही नाता हैं ll

१३-६-२०२५ 

 

प्रेम में किसीको कोई इनाम नहीं मिला l

दिल में किसीके कभी मुकाम नहीं मिला ll

 

जन्मोजन्म के तलबगार आकुल व्याकुल l

प्यासे को शराब घर में जाम नहीं मिला ll

 

ह्रदय में प्रेम प्यार की ज्योति जलाती l

राधा को आज तक शाम नहीं मिला ll

 

दिल-ए-बेताब सीने से निकल कर l

मोहब्बत में यहां आराम नहीं मिला ll

 

वादा किता था हररोज खत लिखेंगे l

इन्तजार करते रहे पैगाम नहीं मिला ll

 

प्यार ने इतना निकम्मा बनाया की l

ढूंढते रहे फ़िर भी काम नहीं मिला ll

 

भेजी थी बहुत सारी यादे बदले में l 

कोई दुआ ओर सलाम नहीं मिला ll

१४-६-२०२५ 

 

प्रेम का दस्तूर निभा नहीं सकता l

सरे आम आँसू बहा नहीं सकता ll

 

चाहे लाख कोशिस कर फ़िर भी l

दिल से यादे मिटा नहीं सकता ll

 

नजरों के सामने रखते है हर पल l

प्यारी तसवीर छुपा नहीं सकता ll

 

बातें करने की आदत पड़ गई तो l

रात अकेले बिता नहीं सकता ll

 

मोहब्बत की रस्म को निभाते हुए l

हुस्न को दर्द दिखा नहीं सकता ll

१५-६-२०२५