मे और मेरे अह्सास - 11 (4) 326 1.2k 3 मे और मेरे अह्सास भाग-११ आँख से बरस रहीं हैं बारिसे lकिस ने की है धूप मे साजिसे ll मिलन की आश लगाए बेठे है lजाने कब पूरी होगी ख्वाइशे ll ******* आज प्यार की बारिश होने वाली है lजाम-ए-इश्क की बारिश होने वाली है ll ******* गुस्सा आता है कि वो बिना वज़ह के गुस्सा है lप्यार आता है कि वो बिना वज़ह के गुस्सा है l ******* मे और मेरे अह्सास ही काफी है जीने के लिए lफूल गुलाबी रंग का ही काफी है देने के लिए ll ******* वो मेरा नसीब है lजो मेरे करीब है ll ******* आज गुस्से में प्यार छलक रहा था lपहेली बार मे प्यार छलक रहा था ll ******* पास आके तुम पल दो पल ठहरो जरा lमिले ना मिले फिर ये पल ठहरो जरा ll ******* याद तो उसे किया जाता है lजिसे दिल से भुला दिया हो ll हरपाल हर लम्हा साथ ही है lसांसो की रफ़्तार मे जिया है ll ******* अजीब सा रिसता है हमारे दरमियाँ lना वो जान पाये कभी, ना हम भी ll ******* याद उनको आती भी होगी हमारी क्या?दिन रात यही सोच के पल बिताते हैं ll ******* क्या लिखू? कैसे लिखू? खत लिखूं क्या?जब के लिखने की आदत भी छूट गई है ll ******* बड़ी मुद्दतों के बाद तुम्हें पाया है lमांग के तक़दीर से तुम्हें लाया है ll ******* लोकडाउनमे और मेरे अह्सास लिखते लिखते lमेरी डॉकडाउन हो गई है llलोकडाउन है खत्म हो ही नहीं रहा lमेरी डॉकडाउन हो गई है ll सुबह देरी से उठाना, रात को देरी से सोना lआदत सब बिगड़ती जा रही है lदूध - शब्जी - राशन की डिमांड बढ़ गई है lमेरी डॉकडाउन हो गई है ll बस ट्रैन, प्लेन, मोल, थियेटर, होटल lपानीपुरी सब कुछ बंध है lघर का काम करते करते कमर टूट गई lमेरी डॉकडाउन हो गई है ll आफिस, बैंक, पोस्ट, कूरियर, दुकाने lसलून - पार्लर सब बंध है lचाय,दूध,नास्ता,लंच,डिनर चालू रहता है lमेरी डॉकडाउन हो गई है ll लूडो, केरम,तास, हाऊसी कितना खेले lऑनलाइन - ऑफलाइन भी खेला lकविता लिखी, किताबे पढ़ी, पेंटिंग किया lमेरी डॉकडाउन हो गई है ll बेडरूम - ड्राइंग रूम - किचन - बाल्कनी lके चलकर काट लिये lनीद से उठकर खाना खाया फिर सो गया lमेरी डॉकडाउन हो गई है ll स्कूल की छुट्टियां इतनी लंबी हो गई lमम्मी की हालत खास्ता हुई lघर-घरवालों को सँभालते कमर दर्द हुआ lमेरी डॉकडाउन हो गई है ll ******* चलो घर चले अपने अपने lशहर में कुछ नहीं हमारा l। *******बसाना चाहते थे आशियाना lजीना चाहते चार दिन खुशी के lन घर बसा, न खुशी मिली lभूख प्यास से तड़पकर रह गये lचलो घर चले अपने अपने ll ******* शूरवीरता कमजोर को ऊँचा उठाने मे है lन कि मजबूरी के हाल में छोड़ने मे है ll ******* आखरी अर्ज़ है सदा दिल में रखना lहरपल हर लम्हा दुआओ मे रखना ll ******* कुछ भी नया सीखने की उम्र नहीं होती lकभी भी कुछ भी सीख जाता है lगर सीख की तमन्ना, उमंग और चाहत हो ll ******* कोशिश ही कर रहे हैं जीने की lजिंदगी तो ना जाने कहां खो गई ll अपनी मस्ती में जी रहे थे बेफ़िक्र lबंदगी तो ना जाने कहां खो गई ll ******* उदासी का लिबास कब तक पहने रखोगे lचांदनी मे खुशी के ज़ेवर पहनो हुस्न ए जाना l। ******* आनंद दिल में होना चाहिए lजीवन खुलकर जीना चाहिए ll ******* मन पतंगा उड़ाउड़ क्यों कर रहा है आज?दिल हमारा उड़ाउड़ क्यों कर रहा है आज? ******* खुद का रास्ता खुद ही बना lताकि मनचाही मंजिल मिले ll ******* वो मेरा नसीब है lजो मेरे करीब है ll हाथ की लकीर में है lवो मेरे नसीब में है ll दर्द देने वाला ही lवो मेरे तबीब मे है ll ******* इश्क का दुश्मन lवो मेरे हबीब मे है ll ******* आधी जिंदगी अर्थ थुथने मे बीरा दी lबाकी आधी जी ले वर्ना वो भी गवा देगा ll ******* खुद का प्रकाश खुद ही बनो lअपनी दुनिया को जगमगाओ ll ******* चहेरे पे नूर छाया है lसनम का पैगाम आया है ll ******* मौन मे वो ताक़त है जो दिलों को हिला देती है lजो काम शब्द नहीं करते वो मौन कर देता है ll ******* किसीको हराने के लिए तीर - ए - नजर काफ़ी है lदिलों दिमाग को जीतने तीर - ए - नजर काफ़ी है ll ******* सब के कर्मों का न्याय उपरवाला करता है lउस शक्ति पे भरोसा रख बड़ा दिल रखता है ll *******समाप्त़़******** ‹ पिछला प्रकरण मे और मेरे अह्सास - 10 › अगला प्रकरण मे और मेरे अह्सास - 12 Download Our App रेट व् टिपण्णी करें टिपण्णी भेजें Swatigrover 7 महीना पहले Rupal 7 महीना पहले Doshi Gaurangkumar 7 महीना पहले Zalak Mehta 7 महीना पहले अन्य रसप्रद विकल्प लघुकथा आध्यात्मिक कथा उपन्यास प्रकरण प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान કંઈપણ Darshita Babubhai Shah फॉलो उपन्यास Darshita Babubhai Shah द्वारा हिंदी कविता कुल प्रकरण : 31 शेयर करे आपको पसंद आएंगी Gule Guljar द्वारा Darshita Babubhai Shah कशिश द्वारा Darshita Babubhai Shah आरजू द्वारा Darshita Babubhai Shah चांदनी रात द्वारा Darshita Babubhai Shah में और मेरे अहसास द्वारा Darshita Babubhai Shah में और मेरे अहसास - 2 द्वारा Darshita Babubhai Shah मे और मेरे अह्सास - 3 द्वारा Darshita Babubhai Shah मे और मेरे अह्सास - 4 द्वारा Darshita Babubhai Shah मे और मेरे अह्सास - 5 द्वारा Darshita Babubhai Shah मे और मेरे अह्सास - 6 द्वारा Darshita Babubhai Shah