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नशे की रात By Ratna Pandey

अनामिका एक मध्यम वर्गीय परिवार की बहुत ही खूबसूरत लड़की थी। उसके पापा अरुण और मम्मी वैभवी ने सीमित साधनों में भी उसे बड़े ही लाड़-प्यार से पाला था। वह सिविल इंजीनियर थी, उसने ख़ूब...

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दरिंदा By Ratna Pandey

प्रिया के घर के सामने वाले खाली घर में महीनों से सन्नाटा पसरा था। उस घर के आँगन में धूल से नहाये हुए पत्ते, हवा के साथ यहाँ से वहाँ उड़ते नज़र आते थे। जगह-जगह पत्तों के छोटे-छोटे ढ...

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स्वस्थ, सुंदर, गुणवान, दीर्घायु-दिव्य संतान कैसे प्राप्त करे? By Praveen kumrawat

माँ के आहार-विहार व विचारों से गर्भस्थ शिशु पोषित व संस्कारित होता है। जगत में कुछ भी असम्भव नहीं है। प्रत्येक गर्भवती महिला अपने यहाँ श्रीरामचन्द्रजी, श्रीकृष्ण, अर्जुन, महात्मा ब...

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सौतेली माँ से माँ बनने का सफर...... By Tripti Singh

ये कहानी पूरी तरह से मेरी कल्पना पर आधारित है ये कहानी पूरी तरह से मेरी कल्पना पर आधारित है अगर इस कहानी या इसके किसी भी पात्र से आपको भावनात्मक रूप से ठेस पहुंचाती हैं तो मैं क्षम...

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इतना तो चलता है By Komal Mehta

आज की कविता का टॉपिक थोड़ा सा नाजुक है, ये औरत के लिए है जिन्हे अक्सर ये समझाया जाता है की इतना तो चलता है।

एक औरत एक लड़की ने नई जॉब ली है, यहां उसके लिए तो पूरा ऑफिस स्टाफ उसक...

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सेकेण्ड वाइफ़ By Pradeep Shrivastava

नवंबर का दूसरा सप्ताह बस जाने ही वाला था। मौसम बहुत सुहावना हो रहा था। लेकिन मेरा मन बड़ा अशांत था। थका-थका सा, अपना स्ट्रॉली बैग खींचता हुआ ट्रेन की एक बोगी में चढ़ गया। कई सीटों पर...

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नुसरत By Pradeep Shrivastava

नुसरत मिठाई का डिब्बा लिए हुए के.पी. साहब के चैंबर के सामने पहुँची। अर्दली कुर्सी पर बैठा मोबाईल में व्यस्त था। नुसरत ने उससे पूछा, “साहब बैठे हैं क्या?”

अर्दली ने एक दृष्टि मि...

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लागा चुनरी में दाग By Saroj Verma

शहर का सबसे बड़ा वृद्धाश्रम जिसका नाम कुटुम्ब है,जहाँ बहुत से वृद्धजन रहते हैं,उनमें महिलाएंँ और पुरुष दोनों ही शामिल हैं,सभी हँसी खुशी उस आश्रम में रहते हैं,किसी वृद्ध महिला को उसक...

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रिश्तो की कश्मकश By Naaz Zehra

जल्दी करो बहुत देर हो रही है पाता नहीं सुबह से क्या कर रहे थे जो अब इतना समय लग रहा है अरे आज ही हमें बारात लेकर निकलना है,,, और कितना समय लगाओगे जल्दी करो सुबह समझा रहीं हूं अपनी...

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ब्रुन्धा-एक रुदाली By Saroj Verma

इन्सान सरलता से झूठी हंँसी हँस तो सकता है, लेकिन बिना बात के बड़े बड़े आंँसुओं के साथ उसके लिए रोना लगभग कठिन सा हो जाता है,अगर आपसे कोई कहे कि अब रोने लगो, तो शायद आपके लिए ऐसा कर प...

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नशे की रात By Ratna Pandey

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दरिंदा By Ratna Pandey

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स्वस्थ, सुंदर, गुणवान, दीर्घायु-दिव्य संतान कैसे प्राप्त करे? By Praveen kumrawat

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सौतेली माँ से माँ बनने का सफर...... By Tripti Singh

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इतना तो चलता है By Komal Mehta

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नवंबर का दूसरा सप्ताह बस जाने ही वाला था। मौसम बहुत सुहावना हो रहा था। लेकिन मेरा मन बड़ा अशांत था। थका-थका सा, अपना स्ट्रॉली बैग खींचता हुआ ट्रेन की एक बोगी में चढ़ गया। कई सीटों पर...

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नुसरत By Pradeep Shrivastava

नुसरत मिठाई का डिब्बा लिए हुए के.पी. साहब के चैंबर के सामने पहुँची। अर्दली कुर्सी पर बैठा मोबाईल में व्यस्त था। नुसरत ने उससे पूछा, “साहब बैठे हैं क्या?”

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