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    बहू बैठो।हिना बैठ गयी थी।सास अंदर किचन में चली गयी थी।तब नरेश बोलारात को स्विट्ज...

  • कुआँ

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  • डॉक्टर ने दिया नया जीवन

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  • आई कैन सी यू - 34

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  • अर्धांगिनी-अपरिभाषित प्रेम... - एपिसोड 69

    मैत्री से पार्लर जाने के लिये तैयार होने का कह कर बबिता उसके कमरे से अपने कमरे म...

  • कोन थी वो?

    वो इक खाब है या हकीकत ये लफ्जों में बयान ना कर सकता है पता नहीं वो क्या है पर दि...

  • क से कुत्ते

    हर कुत्ते का दिन आता है, ये कहावत पुरानी है,हर कोई न्याय पाता है, ये सच्चाई जानी...

  • दिल से दिल तक- 7

    (part-7)अब राहुल भी चिड़चिड़ा सा होने लगा था. एक तो आभा की बीमारी ऊपर से उस की स...

  • Venom Mafiya - 1

    पुणे की सड़कों पर रात की ठंडी हवा चल रही थी। चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ था। उस सन्...

  • बारिश की बूंदें और वो - भाग 6

    तकरार एक दिन, आदित्य ने स्नेहा से गंभीरता से कहा, "क्या हम इसे खत्म कर दें? यह स...

गुलाबो By Neerja Pandey

दूर से आती लाठी की ठक ठक की आवाज सुनकर रज्जो और गुलाबो चौकन्नी हो गई। दोनों ऊपर छत पर से पड़ोसी की बहू के संग अपना अपना दुखड़ा एक दूसरे से साझा कर रही थी। जैसे ही लाठी की आवाज कान...

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प्यार की अर्जियां By Mini

चंडीगढ़...

सुबह के सात बजे..

दिन शुक्रवार....

"एक खूबसूरत ऊंचा पूरा, स्लिम शरीर वाले नौजवान ब्लैक जॉगिंग शर्ट पहने, नीचे ब्लैक हाफ पैंट , पैरों पर ब्लैक रनिंग जूते पहन...

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मुझे न्याय चाहिए By Pallavi Saxena

शारीरिक विकलांगता किसी का मुंह नहीं देखती ना ही किसी में कोई लिंग भेद ही करती है. यहाँ मैं विकलांगता शब्द का प्रयोग कर रही हूँ जो देखने, पढ़ने, सुनने, आदि में कठोर शब्द है बहुत से ल...

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एक कदम आत्मनिर्भरता की ओर By डॉ अनामिका

दुनिया के इस आपाधापी में राधिका अपने आप को धकेलते हुए आगे बढती जा रही थी। उसे सिर्फ इतना पता था कि किसी भी तरह उसे अपने आप को संभालते हुए आगे बढना है आत्मनिर्भर बनना है।, और अगर ऐस...

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अन्धायुग और नारी By Saroj Verma

प्राचीन युग से ही हमारे समाज में नारी का विशेष स्थान रहा है ,हमारे पौराणिक ग्रन्थों में नारी को पूज्यनीय एवं देवीतुल्य माना गया है , हमारी धारणा रही है कि देव शक्तियाँ वहीं पर निवा...

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वीरा हमारी बहादुर मुखिया By Pooja Singh

"हैलो !इशिता"
"हाय!पायल "
"तेरी फाइटींग की ट्रेनिंग पूरी हो गयी"
"हां!"
"अब क्या करगी "
"मैं सोशल वर्क करूंगी मां की यही इच्छा थी&#...

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एक थी नचनिया By Saroj Verma

सन् ८० का दशक,बुन्देलखण्ड का चम्बल इलाका जो डकैतों के लिए भी मशहूर है , जितने भी लोगों के घर में रेडियो मौजूद हैं तो वें मध्यप्रदेश के बुदेलखंड जिले के छतरपुर जिले की आकाशवाणी से प...

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एहिवात By नंदलाल मणि त्रिपाठी

जीवन बड़ा कठिन है एक एक सांस के लिए संघर्ष कभी जंगली जानवरों का भय कभी मौसम कि मार कभी कुदरत का कहर कभी भूख भय पल प्रहर हांफती कांपती जिंदगी माई तू तो कहती है कि अपने कबीले के देवता...

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क्या तुमने By Ratna Pandey

बसंती अपने माता पिता और बड़ी बहन जयंती के साथ झोपड़ पट्टी की एक खोली में रहती थी। उसकी उम्र अभी 15 साल ही थी। बसंती के पूरे परिवार में उसे छोड़कर बाक़ी सभी श्याम रंग के थे लेकिन वह...

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यत्र पूज्यन्ते नार्यस्तु - भारत वर्ष By संदीप सिंह (ईशू)

हम उस गौरवशाली और प्राचीन सभ्यता की अद्भुत मिसाल और सबसे उत्कृष्ट, प्राचीन सांस्कृतिक महत्व वाले देश भारत वर्ष ?? की संतति हैं। आज की उन संकीर्ण विचारधारा को पल भर के लिए विमुक्त ह...

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