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ऊर्जा का विज्ञान — आज्ञा से मूलाधार तक — 𝓐𝓰𝔂𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲--- प्रस्तावना जिस दिन मनु...
आदमखोर जानवर अब आगे..........विवेक तुरंत अपनी जेब से फोन निकालकर उसकी फ़्लैश लाइ...
हम मिले फिर से मगर इस तरह - 2((((((((((((((((ऐपीसोड - 2))))))))))))))))){बुरा सप...
Chapter 5: ShadowRix : एक छुपा हुआ रहस्य(Draxon और Kevin रहस्यमयी लड़के के साथ उ...
ये... ये ..क्या हो रहा है...? मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है??अभी अभी मेरे सामने एक...
रात की वो ठंडी हवा आज फिर कुछ यादें लेकर आई थी। बालकनी में खड़ी मैं आसमान को देख...
चोर सिपाही ️ लेखक – विजय शर्मा एरी---रात का सन्नाटा था। अमृतसर शहर के पुराने इला...
दक्षराज को एक गेरुआ वस्त्र पहनने ध्यान में लीन एक बाबा दिखई देता है। जिनकी बड़ी...
सुबह साढ़े छह बजे तेजस ने ट्रेडमील की स्पीड बढ़ायी और साथ ही अपने पै...
अगले दिन अस्पताल की हवा कुछ बदली हुई-सी थी। बाहर हल्की-हल्की धूप थी, लेकिन Raj औ...
जल्दी करो बहुत देर हो रही है पाता नहीं सुबह से क्या कर रहे थे जो अब इतना समय लग रहा है अरे आज ही हमें बारात लेकर निकलना है,,, और कितना समय लगाओगे जल्दी करो सुबह समझा रहीं हूं अपनी...
इन्सान सरलता से झूठी हंँसी हँस तो सकता है, लेकिन बिना बात के बड़े बड़े आंँसुओं के साथ उसके लिए रोना लगभग कठिन सा हो जाता है,अगर आपसे कोई कहे कि अब रोने लगो, तो शायद आपके लिए ऐसा कर प...
मेरी यह कहानी में एक बहन आपने भाई के खातिर अपनी पुरी जिंदगी कुर्बान कर देती है तो शुरू करते हैंएक छोटा सा गांव जिसका नाम है ( सोन पुर ) वही एक घर है जो मिट्टी से बना हुआ था उसी घर...
दूर से आती लाठी की ठक ठक की आवाज सुनकर रज्जो और गुलाबो चौकन्नी हो गई। दोनों ऊपर छत पर से पड़ोसी की बहू के संग अपना अपना दुखड़ा एक दूसरे से साझा कर रही थी। जैसे ही लाठी की आवाज कान...
शारीरिक विकलांगता किसी का मुंह नहीं देखती ना ही किसी में कोई लिंग भेद ही करती है. यहाँ मैं विकलांगता शब्द का प्रयोग कर रही हूँ जो देखने, पढ़ने, सुनने, आदि में कठोर शब्द है बहुत से ल...
दुनिया के इस आपाधापी में राधिका अपने आप को धकेलते हुए आगे बढती जा रही थी। उसे सिर्फ इतना पता था कि किसी भी तरह उसे अपने आप को संभालते हुए आगे बढना है आत्मनिर्भर बनना है।, और अगर ऐस...
प्राचीन युग से ही हमारे समाज में नारी का विशेष स्थान रहा है ,हमारे पौराणिक ग्रन्थों में नारी को पूज्यनीय एवं देवीतुल्य माना गया है , हमारी धारणा रही है कि देव शक्तियाँ वहीं पर निवा...
सन् ८० का दशक,बुन्देलखण्ड का चम्बल इलाका जो डकैतों के लिए भी मशहूर है , जितने भी लोगों के घर में रेडियो मौजूद हैं तो वें मध्यप्रदेश के बुदेलखंड जिले के छतरपुर जिले की आकाशवाणी से प...
जीवन बड़ा कठिन है एक एक सांस के लिए संघर्ष कभी जंगली जानवरों का भय कभी मौसम कि मार कभी कुदरत का कहर कभी भूख भय पल प्रहर हांफती कांपती जिंदगी माई तू तो कहती है कि अपने कबीले के देवता...
बसंती अपने माता पिता और बड़ी बहन जयंती के साथ झोपड़ पट्टी की एक खोली में रहती थी। उसकी उम्र अभी 15 साल ही थी। बसंती के पूरे परिवार में उसे छोड़कर बाक़ी सभी श्याम रंग के थे लेकिन वह...
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