न पुछो हमसे की महोब्बत मे वो कीतना खयाल रखती है।
लाखो की भीड मे भी वो मेरा सबके सामने हाल पुछती है।
मुझे देखकर ना वक़्त देखती है, ना वक़्त का तकाज़ा देखती है l
भरी महफिल मे भी वो मेरा सबके सामने हाल पुछती है।
मेरा नाम सुनते ही गाल शर्म से लाल हो जाते हैं आज भी और l
उम्र के इस दौर मे भी वो मेरा सबके सामने हाल पुछती है।
हर अदा निराली, हर बात पे मीठी सी मुस्कान दिया करना l
शर्मो हया के पर्दे मे भी वो मेरा सबके सामने चाल पुछती है।
बेपनाह बेइंतिहा मुहब्बत मे नादाँ दिल से मजबूर होकर l
इशारों ही इशारों मे भी वो मेरा सबके सामने हाल पुछती है।
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आँखों से बारिस हो रहीं हैं l
बातों से बारिस हो रहीं हैं ll
चांदनी बरस रहीं हैं अर्श से l
रातों से बारिस हो रहीं हैं ll
मौसम का मिजाज देख कर l
यादों की बारिस हो रहीं हैं ll
प्यार मे साथ गुनगुनाए हुए l
गानों की बारिस हो रहीं हैं ll
दिल से दिल मिला ने वाले l
रागों की बारिस हो रहीं हैं ll
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सच्चा प्यार खोया नहीं करते हैं l
चांदनी रात में सोया नहीं करते हैं ||
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फरिश्ते सोया नहीं करते हैं l
सरहद पर पहरा भरते हैं ll
खून की बाजी लगा कर l
सदा जी जान से लड़ते हैं ll
वतन - ए - इश्क़ के मारे l
अपनों की जुदाई सहते है ll
बेमिसाल बहादुर जांबाज l
दस को मार कर मरते हैं ll
खुद को जख्म देके भी l
चैन दुश्मन का हरते है ll
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अपनी दिवानगी पे हम गुरुर कयो न करे?
अपनी मुहब्बत पे हम गुरुर कयो न करे?
खुद और खुदा से बढ़कर चाहा है उनको l
अपने पागलपन पे हम गुरुर कयो न करे?
दिल जार जार है फिर भी मुस्कराता हूँ l
अपनी नादानी पे हम गुरुर कयो न करे?
सीधी और सच्ची राह पर चलते जाता हूँ l
अपने बचपने पे हम गुरुर कयो न करे?
पीठ पीछे कोई बात नहीं करता हू कभी l
अपनी सादगी पे हम गुरुर कयो न करे?
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मुझ से वफ़ा की उम्मीद रखनेवाले l
खुद भी वफ़ा करना सिखले ll
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समंदर रोया नहीं करते l
सुकून खोया नहीं करते ll
गुमसुम किनारे को देख के l
आंख भिगोया नहीं करते ll
वफ़ा की उम्मीद रखनेवाले l
खाराश बोया नहीं करते ll
मोजो से मिलन के वक़्त l
साहिल सोया नहीं करते ll
पूनम की भीगी रातों मे l
उफान संजोया नहीं करते ll
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रात है बाकी बात है बाकी l
दिलों की मुलाकात है बाकी ll
वादा था मुँह दिखाई देना का l
तुमको देनी सौगात है बाकी ll
किश्तों मे जब मुहब्बत आए l
समज लेना आपात है बाकी ll
मिलने मिलाने के लम्हें कम है l
तुम्हें समझने जज्बात है बाकी ll
नाजुक पलों को सँभाल लेगे l
अभी बदलने हालात है बाकी ll
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नहीं है आपने हाथ में जन्म मरण l
सब लो लेनी पड़ती है उनकी शरण ll
सब उसकी माया मे फंसे रहते हैं l
सदा सर झुकाते रहो प्रभु के चरण ll
सोते जागते सम्भाला है जिस ने l
वहीं करता है कायनात का भरण ll
साथ देता अंजाम तक पहुंचाने l
होती है मनोकामना पूरी करण ll
कभी किसी को बीच में न छोड़े l
संसार नैया को करता है तरण ll
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तुम सृष्टि के उपहार हो l
अल्लाह का उपकार हो ll
संसार सागर पार करने l
जीवन की पतवार हो ll
कमसिन दुल्हन की l
पायल की झनकार हो ll
दिखते हो दिवाने से l
बेहतरीन फनकार हो ll
बाहर से पत्थर हो l
भीतर से दमदार हो ll
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आज निगाहों मे अश्कों की वज़ह मत पूछना कभी l
मुहब्बत मे पीछे हटने की वज़ह मत पूछना कभी ll
एक अरसे बाद गुज़रे थे उनकी गली से हम l
चलते चलते रुकने की वज़ह मत पूछना कभी ll
किसी भी गिले शिकवे के बिना गुजार दी l
अक़ीदत मे झुकने की वज़ह मत पूछना कभी ll
मुद्दतों इंतजार किया है मुरादों वाले लम्हों का l
दोनों हाथों से लुटने की वज़ह मत पूछना कभी ll
यार दोस्तों के साथ मिलकर लुफ्त उठाते देख l
महफ़िल मे रूठने की वज़ह मत पूछना कभी ll
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गुरूर मत करना कभी ताकत का l
अक़ीदत करना तुम मेरी चाहत का ll
जानते हो तुम्हारे वादे पे जीते हैं l
हमेशा ख्याल रखा है आदत का ll
पानी आने से पहले दीवार बना ली l
कुछ अंदाजा तो था आफ़त का ll
कई दिनों से न कोई नामा उनका l
खबर मिलते ही दम लेगे राहत का ll
जो भी होगा हमारे हक्क मे होगा l
आज एतबार करेंगे नसीहत का ll
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मेरे सपने मेरे अपनोने तोडे है,
अब महोब्बत से हाथ जोडे है।l
ख़ुदा हाफिस कह कर हमने l
अब महोब्बत से मुहँ मोडे है।l
हार कर पीछा छोड़ दे इसलिए l
मीठे शब्दों के बारूद फोड़े है ll
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मिलने वाले ऐसे नहीं मिलते l
खुदा ने खास मकसद से उसे l
हमारे पास भेजा होता है ll
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आज हाथ क्यूँ छुड़ाया मत पूछना कभी l
वादा नहीं क्यूँ निभाया मत पूछना कभी ll
उम्रभर साथ नहीं निभाना था तो फिर l
अपना क्यूँ बनाया मत पूछना कभी ll
जूठे वादो की लंबी कतार हो गई थी l
दिल से क्यूँ भुलाया मत पूछना कभी ll
पैग़ाम भेजकर भी नहीं आना चाहते l
छत पे क्यूँ बुलाया मत पूछना कभी ll
ना चाहते हुए भी तुमसे दूर रह कर l
बार बार क्यूँ रुलाया मत पूछना कभी ll
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प्यार मेरा ना बिसरा देना l
दिल से ना खिसका देना ll
सुहाने पलों की यादों को l
हवा में ना सरसरा देना ll
मेरी याद मे लिखी हुईं हैं l
किसीको ना मिसरा देना ll
निगाहों मे मेरी जगह पे l
आसूं को ना आसरा देना।l
अपनी मुहब्बत को तुम l
जग में ना पसरा देना।l
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