कृष्ण के रंग में रंग गई राधा रानी l
प्रीत के रंग में रंग गई राधा रानी ll
साथ न रहने पर भी साथ जन्मों का l
जीत के रंग में रंग गई राधा रानी ll
सुबह शाम बासुंरी सुनाये एक नाम l
गीत के रंग में रंग गई राधा रानी ll
युग युगांतर कृष्णा के हृदय में रहीं l
नीत के रंग में रंग गई राधा रानी ll
मनमीत मनमोहन चितचोर सखी l
मीत के रंग में रंग गई राधा रानी ll
१-५-२०२३
ये कैसी आजादी जो पंख काट दिये l
अब एसी जिंदगी जिये तो कैसे जिये ll
करने को आसान सुबह शाम को l
बारहा हर लम्हा गम के घूंट पिये ll
आज की खुशी के लिए अगला पिछला l
कुछ भी सोचे बिना जा निसार लिये ll
जो आया सामने चुपके से स्वीकारा l
आंखे खुली रखकर होठों को सिये ll
खुद को दिलासे देकर जीको बहलाया l
रिस्तों को निभाने अपनों के जतन किये ll
२-५-२०२३
निगाहें मिलाने से डरते हैं वो l
फ़िर प्यार क्यूँ करते हैं वो ll
दिन रात बहकी बहकी बातों से l
मुहब्बत का भ्रम भरते हैं वो ll
निगाहें चार हुईं कि मन आवारा हो गया l
दिलों दिमाग़ प्यार की गली में खो गया ll
छत पर गया था एक नजर देखने और l
हृश्न का इंतज़ार करते करते सो गया ll
क़ासिद ख़बर लाया है बेवफाई की l
फ़िर मिलने की उम्मीद भी धो गया ll
मार देगे या खुद को मार देने की l
धमकी देनेवाला जान से वो गया ll
देर रात सपनों में वादा दे गई प्यार से
सखी फिर मिलन की उम्मीद बो गया ll
३-५-२०२३
महके रात की रानी तो यादों को महका जाती है l
फ़िर से जिंदगी के बाग को बहका जाती है ll
जीभरके भीगने की ख्वाहिश है ना जाने कब से l
हिचकियाँ शुरू हो जाती है जब बरखा जाती है ll
घंटों तक एक नज़र देखने की तमन्ना में खड़े हो l
पलभर खिड़कीमें आकर लौटना तरसा जाती है ll
४-५-२०१३
फक्क्ड़ बने क्यूँ फिरते हो l
बिन पीये क्यूँ गिरते हो ll
सुनो कल किसने देखा है l
सखी जुबां क्यूँ सिलते हो ll
अपने आप को सभालो l
जगह पे क्यूँ हिलते हो ll
सभी को अपना समझ के l
सखी गले क्यूँ मिलते हो ll
नादां हो, जूठी चाहत में l
गुलाबों सा क्यूँ खिलते हो ll
बंध कर दो सब दरवाजे l
वार दिलपे क्यूँ ज़िलते हो ll
सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह
४-५-२०२३
ख्वाबी इश्तिहार ना किया करो l
आराम से चुपचाप जिया करो ll
गहरी नींद में सोने के लिये l
थोड़ी थोड़ी शराब पिया करो ll
ग़म देने वाले बहोत सारे मिलेगे l
जहां से मिले खुशी लिया करो ll
अकेले नहीं काटी जाती उम्र तो l
जरूरी हो तो रिसते सिया करो ll
बात की खाल निकालते हैं तो l
जमाने से थोड़ा सा बिया करो ll
सिफ़ारिश
आज की है रब से एक सिफारिश l
करेगा पूरी जरूर देख सिफारिश ll
सब के भले की सोचकर की है l
होनी ही चाहिए नेक सिफारिश ll
गभराना मत बहोत बड़ी नहीं है l
एक पन्ने की है लेख सिफारिश ll
हो सके तो ख्वाईश मुकम्मल हो l
कभी नहीं करेगे फ़िर सिफारिश ll
भरोसा है खुद से ज्यादा रब पे l
भेजा खुदा को संदेश सिफारिश ll
७-५-२०२३
है कमल सा मुख तेरा l
वो लुटता है दिल मेरा ll
ज़ुल्फ़े बिखरे गालों पे l
तब होता है सवेरा ll
पर्दे में निकला करो जरा l
खुलेआम घूमता लुटेरा ll
तालाब तो खाली पड़ा है l
क्यूँ लगाते हो वहां डेरा ll
हम न आ सकेंगे मिलने l
वादा रोज मारोगे फेरा ll
अनमोल रतन है मेरा बेटा l
सुनो मेरी जान है मेरा बेटा ll
मेरी आन बान और शान l
सखी फितूर है मेरा बेटा ll
बूरी नजरों से बचाये रखूंगी l
जग में सुरूर है मेरा बेटा ll
क़ायनात में एक ही सहारा l
जीने का जुनून है मेरा बेटा ll
है कृष्ण सा नटखट वो l
मेरा गुरूर है मेरा बेटा ll
९-५-२३
तेरे जाने से आंखें गिली है l
तेरे कहने से होठों पे हसी है ll
खूबसूरत सी गज़ल लिखी है l
महफिलों में कलम खिली है ll
चढ़ा है आवरदगी का जुनून l
अदांओ की नजाकत नीली है ll
बेपन्हा, बेइंतिहा, पाकीज़गी में l
बहकी सी दिवानगी गिली है ll
प्यार तो है पर जूठे गुस्से में l
महबूब की आँखें पीली है ll
झुकी हुई नज़र और खामोशी l
ख़ूबसूरत भावनाएं भीगी है ll
९-५-२०२३
फूलों का राजा बनके दिखाओ l
गुलों का राजा बनके दिखाओ ll
प्यार से चुभने वाले कोमल सा l
शूलों का राजा बनके दिखाओ ll
रेगिस्तान में रात की शीतल सी l
धूलों का राजा बनके दिखाओ ll
बाग में नन्हे मुन्ने बच्चों के लिए l
झूलों का राजा बनके दिखाओ ll
सच पे चलना आसां है शायद l
भूलों का राजा बनके दिखाओ ll
११-५-२०२३
नजरों के इशारे पहचाने l
तब से हम हुईं हैं दीवाने ll
सुनो कब आ रहे हो यहाँ l
दिल से दिल को मिलाने ll
न आओ कोई बात नहीं l
पाती न भेजना रुलाने ll
हो सके तो थोड़ी देर को l
आना मीठी बातेँ सुनाने ll
गर मुलाकात नामुमकिन हो l
फोटो भेजो दिल बहलाने ll
११-५-२०२३
मन मोर नाच रहा है l
पिया के साथ रहा है ll
बुला रहा है साथी को l
देख आसपास रहा है ll
अच्छे बुरे सभी पल l
हमेशा पास रहा है ll
१२-५-२०२३
चितचोर ने चित चुराया l
कहीं लागे न अब जिया ll
वादा करो एक बार फिर l
मिलने जरूर आओगे पिया ll
कब से आँगन मे राह टिकती l
जलाये बैठी आश का दिया ll
साथ साथ जीने के लिए l
युगों से इंतखाब है किया ll
प्यार में दीवानी होकर l
दिल पर है रोग लिया ll
१३-५-२०२३
देख ख्वाबों की चूनर ओढ़ी है रात ने l
अरमानो की महफिल सजाई रात ने ll
वस्ल-ए-यार की उम्मीद जगाकर सखी l
दिल में ख्वाइशों बारात जगाई रात ने ll
१४-५-२०२३
बात भी न करेगे अगर तुम न चाहो l
पास भी न आएंगे अगर तुम न चाहो ll
अकेले रहना चाहते हो रहकर दिखाओ l
साथ भी न रहेगे अगर तुम न चाहो ll
हिचकियाँ परेशान करती है तो वादा l
याद भी न करेगे अगर तुम न चाहो ll
तुम्हारी खुशी के लिए हसतें रहेगे l
दर्द भी न सहेंगे अगर तुम न चाहो ll
प्यार की बातेँ सुकूं न छीने इसलिये l
दिल की न कहेगे अगर तुम न चाहो ll
१५-३-२०२३
वो एक चहरा जो आज तक नहीं भूल सके l
पर्दों का पहरा जो आज तक नहीं भूल सके ll
ढ़ेर सारे प्यार के बदले जो तूने दिये हुए हैं l
वो घाव गहरा जो आज तक नहीं भूल सके ll
१५-३-२०२३