Kaisa ye ishq hai book and story is written by Apoorva Singh in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Kaisa ye ishq hai is also popular in फिक्शन कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
कैसा ये इश्क़ है.... - उपन्यास
Apoorva Singh
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
लखनऊ नवाबों की नगरी है मियां यहाँ के जर्रे जर्रे मे तहजीब और नजाकत बसी हुई है।यहाँ की तहजीब के किस्से इतने सुनाये जाते है तो सोचिये जनाब तहजीब और नजाकत के इस खूबसूरत शहर मे इश्क़ के कितने किस्से सुनाये जाते होंगे।इश्क़ की कितनी ही कहनियो ने इस शहर मे रुहानियत को जिया होगा कितने ही किस्सो ने इस शहर की फिजाओ को अपने प्रेम की महक से महकाया होगा।यहाँ के तो इश्क़ मे भी तह्जीब और नजाकत की झलक ही देखने को मिलती है।वो इश्क़ जो हमे इस दुनिया से उस दुनिया मे ले जाता है जिसे
लखनऊ नवाबों की नगरी है मियां यहाँ के जर्रे जर्रे मे तहजीब और नजाकत बसी हुई है।यहाँ की तहजीब के किस्से इतने सुनाये जाते है तो सोचिये जनाब तहजीब और नजाकत के इस खूबसूरत शहर मे इश्क़ के कितने ...और पढ़ेसुनाये जाते होंगे।इश्क़ की कितनी ही कहनियो ने इस शहर मे रुहानियत को जिया होगा कितने ही किस्सो ने इस शहर की फिजाओ को अपने प्रेम की महक से महकाया होगा।यहाँ के तो इश्क़ मे भी तह्जीब और नजाकत की झलक ही देखने को मिलती है।वो इश्क़ जो हमे इस दुनिया से उस दुनिया मे ले जाता है जिसे
अर्पिता उसकी तरफ देखती है।न जाने क्या दिखता है उसे उस चेहरे में कि वो उसकी तरफ खिंचती चली जाती है। सुनिए...कहां खोई है आप अर्पिता को अपनी तरफ यूं देखता पाकर वो उससे दोबारा कहता है। अ ... ...और पढ़ेअर्पिता ने हड़बड़ाते हुए कहा। आपका दुपट्टा! ये मेरे हाथो पर। प्लीज़ हटाइए इसे।उस लड़के ने बड़ी शालीनता से कहा। स...स.सॉरी!अर्पिता ने कहा और वो अपना दुपट्टा सम्हाल लेती है। लड़का मुड़कर वापस से अपने कार्य में लग जाता है। अर्पिता उसे एक पल को देखती है और वापस से बुक पढ़ने में लग जाती है। उसके मन में अभी
किरण और अर्पिता दोनों ही घर के लिए निकलती है। कुछ ही देर में दोनों घर पहुंच जाती है।जहां बीना दोनों का इंतजार कर रही होती है। आ गई दोनों।मै कब से राह देख रही थी।बीना ने चिंतित होते ...और पढ़ेदोनों से कहा। वो मासी अब मॉल में गए थे शॉपिंग के लिए तो समय तो लगना ही है।आप चिंता न किया करे अगर फिर भी मन नहीं माने न तो बस एक फोन कॉल और आपको हमारी पूरी खबर मिल जाएगी।जिससे आपकी चिंता कम हो जाएगी।अर्पिता ने बीना के गले लगते हुए कहा। हां अर्पिता ये बात तो मै
उन्हे बेवजह हंसते हुए जवाब देते देख अर्पिता उनसे कहती है...।लगता है टेलीविजन पर वो क्लोज अप वाला एड बहुत देखते हो।तभी बिना वजह दांत निकल आते है।बात तो सुनाई पड़ती नहीं बस दांत ही दांत दिखते है वो ...और पढ़ेपीले पीले। अर्पिता की बात सुन कक्षा में मौजूद बाकी लड़कियों की हंसी छूट पड़ती है।और उन लडको की बत्तीसी मुंह के अंदर ही दुबक जाती है। फिर भी उनमें से एक हिम्मत कर कहता है।बहुत बोल रही हो इतने सब लोगो के सामने हमारी बेइज्जती कर दी बहुत महंगा पड़ेगा तुम्हे। उसकी बात सुन कर अर्पिता सभी लड़कियों की
अर्पिता तुम बताओ तुम्हारी फ़ैमिली में कौन कौन है? मुझे भी तो पता चले।आखिर इतनी बोल्ड लड़की को कौन कौन झेलता है घर में।श्रुति मुस्कुराते हुए कहती है। हमारे घर में यहां पर तो मासी, मौसा जी,उनके दो बच्चे ...और पढ़ेदादी इतने सब है। ओह तो तुम यहां लखनऊ में अपने मौसा मौसी के साथ रहती हो। हां जी।अर्पिता ने कहा।तभी श्रुति का फोन बजता है जो उसके घर से होता है।अर्पिता घर से फोन है मै तुमसे बाद में बात करती हूं ठीक है। ओके श्रुति! नो प्रॉब्लम।तुम आराम से बात कर लो।हम यहीं पढ़ते है तुम बात कर