Devil Ceo Ki Mohabbat book and story is written by Saloni Agarwal in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Devil Ceo Ki Mohabbat is also popular in प्रेम कथाएँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट - उपन्यास
Saloni Agarwal
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
ये कहानी है बनारस की रूही की जो अपनी जिंदगी से परेशान हो चुकी है आप उस की जिंदगी में कोई नही बचा जिसे वो अपना कह सके। और दूसरी तरफ है राजवीर सिंघानिया जो है सिंघानिया ग्रुप कंपनी के सीईओ और अंडर वर्ड की दुनिया उन्हे डेविल के नाम से जानती है। राजवीर बहुत ही गुस्सैल स्वभाव का है पर जब राजवीर रूही को देखता है तो देखता ही रह जाता हैं और उस पर अपना दिल हार बैठता है पर अगले ही पल उस से बेहद नफरत करने लगता हैं तो क्या रूही, राजवीर की नफरत से बच पाएगी या फिर रूही, राजवीर की ज़िंदगी बन जायेगी...
ये कहानी है बनारस की रूही की जो अपनी जिंदगी से परेशान हो चुकी है आप उस की जिंदगी में कोई नही बचा जिसे वो अपना कह सके। और दूसरी तरफ है राजवीर सिंघानिया जो है सिंघानिया ग्रुप कंपनी ...और पढ़ेसीईओ और अंडर वर्ड की दुनिया उन्हे डेविल के नाम से जानती है। राजवीर बहुत ही गुस्सैल स्वभाव का है पर जब राजवीर रूही को देखता है तो देखता ही रह जाता हैं और उस पर अपना दिल हार बैठता है पर अगले ही पल उस से बेहद नफरत करने लगता हैं तो क्या रूही, राजवीर की नफरत से बच पाएगी या फिर रूही, राजवीर की ज़िंदगी बन जायेगी....
अमर ने गुस्से में चिल्लाते हुए, रूही से कहा, "तूने एक बार भी मेरी इज्जत की नही सोची, आज तूने साबित कर ही दिया कि तू मेरी औलाद है ही नही।" बचपन से ही रूही अपनी सौतेली मां, बहन ...और पढ़ेभाई के जुल्म सहती आई है पर उस को लगता था कि उस के पिता उस से बहुत प्यार करते हैं पर आज उन्होंने भी साबित कर दिया कि रूही, उनके लिए कोई मायेने नही रखती हैं और वो अब अपने पिता पर एक बोझ से ज्यादा कुछ नहीं है। इस छोटी सी उम्र में आज रूही को इतना बड़ा
रूही अपने कमरे मे बैठ कर रो रही होती हैं तो उस के पास उस की सौतेली बहन रीना आ जाती हैं और रूही के बाल पकड़ लेती है और उस से गुस्से से कहती हैं, " अगर पापा ...और पढ़ेकुछ भी बताया ना तो तुझे घर के बाहर फिकवा दूंगी और मेरे पर्सनल लाइफ से दूर रहेगी तभी इस घर में जिंदा रह पाएगी...!" अपनी सौतेली बहन रीना की बात सुन, रूही रोते हुए कहती हैं, "मै तो तुम्हारी छोटी बहन हूं ना, तो मेरे साथ ऐसा मत करो और वो जो लड़का है ना जो तुम्हारा ब्वॉयफ्रेंड है
रूही को अपने लिए आवाज उठानी नही आती थी वो तो बस अपने ऊपर होने वाले सारे जुल्म सह कर भी चुप ही रह जाती थी। कोई भी उस के भोलेपन और मासूमियत का फायदा उठा सकता था। और ...और पढ़ेउस की सौतेली मां कुसुम और सौतेली बहन रीना उस को मिले महीने के खर्च के रुपए जो रूही के पिता अमर अपने तीनो बच्चो को देकर जाते थे। वो भी उस से छीन लेते थे इसलिए वो कॉलेज की कैंटीन में पार्ट टाइम जॉब कर के अपना खर्चा निकाला करती थी, और इसी पैसों की कमी की वजह से
रूही की बात सुन, उस की सौतेली बहन रीना उस से कहती हैं, "जब तू घर के काम कर रही थी तो मैं तेरे पर कुछ तरस खाकर तेरे कमरे मे अपने खराब हो चुके कपड़े तुझे देने के ...और पढ़ेआई थी..!" रीना आगे कहती हैं, "तेरी अलमीरा में मुझे, तेरा ये सफेद लिफाफा मिल गया और जब मैंने इससे खोला तो उस मे से मुझे रुपए मिले और जब मैंने उन सब को गिना तो पता चला ये तो पूरे दो हजार रुपए है...!" रीना की बात सुन, रूही उस से कहती है, "तो अब ये मुझे दे दो,