डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 74 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 74

अब आगे,

जब राजवीर ने कहा कि रूही ने उस के दिमाग में अपनी एक अलग सी जगह बना ली है तो उस को सुन खुद अभय, उस का पी ए आकाश, उस का पर्सनल ड्राइवर रवि और उस का पर्सनल बॉडीगार्ड राज हैरानी से ही राजवीर को देख रहे थे..! 

वही राजवीर का पी ए दीप और उस का पर्नसल बॉडीगार्ड देव तो एक पल के लिए अपने बॉस को देखते ही रह गए क्योंकि आज पहली बार होगा कि जब खुद राजवीर के दिमाग में किसी लड़की ने अपनी जगह बनाई होगी..! 

अब अभय ने अपने पी ए आकाश से कहा, "जाओ मेरे लिए एक गिलास में ठंडा पानी लेकर आओ..!" 

अभय की बात सुन कर, अब उस का पी ए आकाश ने अपने बॉस से कहा, "जी बॉस..!" 

अपनी बात कह कर अभय का पी ए आकाश जल्दी से राजवीर के विला की हाईटेक रसोई की तरफ बढ़ गया..! 

अब अभय कुछ बोलने ही वाला था कि उस से पहले ही राजवीर का फोन रिंग करने लगा और राजवीर के पर्सनल बॉडीगार्ड देव ने जैसे ही राजवीर का फोन उस को देने के लिए वहा रखी शीशे की टेबल पर से उठाया..!

तो राजवीर के फोन में जिस का कॉल आ रहा था उस का नाम पढ़ कर उस ने अपना सलाइवा ही गटक लिया जिस को देख अब राजवीर ने दोस्त अभय ने राजवीर के पर्सनल बॉडीगार्ड देव से पूछा, "दादू का कॉल आ रहा है क्या..?" 

राजवीर के दोस्त अभय की बात सुन कर, अब राजवीर के पर्सनल बॉडीगार्ड देव ने उस से कहा, "हां, बो..बॉस के दादा जी का कॉल आ रहा है..!" 

वैसे तो राजवीर का पर्सनल बॉडीगार्ड देव किसी से नहीं डरता था शिवाए दो लोगो के एक तो खुद उस का बॉस "राजवीर सिंघानिया" और दूसरा अपने बॉस के दादा जी (रघुवीर सिंघानिया) से..!

और वो भी इसलिए क्योंकि उस को पता था कि दोनो का गुस्सा एक से बढ़ कर एक था और खास कर उस के बॉस राजवीर का गुस्सा तो किसी से संभालता ही नही था..! 

वही राजवीर ने अपने चेहरे पर बिना किसी भाव के अब अपने पर्सनल बॉडीगार्ड देव से कहा, "तो अब मेरा फोन मुझे दोगे या फिर मुझे उस के लिए कोई मूर्हत निकलवा पड़ेगा..!" 

राजवीर की बात मे अपने लिए टोंट सुन कर, अब राजवीर के पर्सनल बॉडीगार्ड देव ने झेपते हुए अपने बॉस राजवीर को उस का फोन दे दिया और फोन देने के बाद सिर झुका कर अपने बॉस राजवीर के पास जाकर खड़ा हो गया..! 

राजवीर ने अपना फोन अपने पर्सनल बॉडीगार्ड देव से लेने के बाद, जैसे ही अपने दादा रघुवीर जी को कॉल करने ही वाला था कि अब उस से दोस्त अभय ने उस से कहा, "राजवीर, फोन को स्पीकर पर रख देना क्यूंकि तेरे दादा जी अभी कुछ दिन पहले ही मेरे दादा जी (अमर प्रताप सिंह) से मिल कर आए हैं और उन को ये भी पता है कि मै, तेरे साथ हु बस इसलिए ही..!" 

अपने दोस्त अभय की पूरी बात सुन कर, अब राजवीर ने अपने दादा रघुवीर जी को कॉल लगा दिया और पहली ही रिंग में राजवीर के दादा रघुवीर जी ने अपने बड़े पोते राजवीर का कॉल रिसीव कर लिया..!

और कॉल रिसीव होते ही राजवीर ने अब कॉल को अपने दोस्त अभय के कहे अनुसार अपने फोन को स्पीकर पर रख दिया..! 

अब राजवीर के दादा रघुवीर जी ने अपने बड़े पोते राजवीर से पूछा, "कब तक घर आने का इरादा है तुम्हारा..?" 

राजवीर के दादा रघुवीर जी को सीधे ही अपनी बात कहने की आदत थी और उन को कोई भी बात घुमा फिरा कर पूछना बिलकुल भी पसंद नही था..!

और इसलिए ही उन्होंने सीधे सीधे ही अपने बड़े पोते राजवीर से पूछ लिया था..! 

अब अपने दादा रघुवीर जी की बात सुन कर अब राजवीर ने अपने दादा जी से कहा, "कुछ दिन के बाद दिल्ली वापस आऊंगा..!" 

To be Continued......❤️✍️

हेलो रीडर्स, यह मेरी पहली नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी पहली नोवेल "डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।