डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 7 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 7

अब आगे,

 

उस की सौतेली बहन रीना ने अपनी सौतेली बहन रूही को जब एक दम से छोड़ दिया तो रूही एक दम धड़ाम से जमीन पर गिर गई, फिर रूही की सौतेली मां कुसुम ने अपनी सगी बेटी रीना से पूछा, "तू ठीक तो है न, इतना खून बह रहा है तेरा और इस करमजली (रूही की सौतेली मां कुसुम, रूही को इसी नाम से पुकाराती थी) ने तुझे इतनी चोट पहुंच दी और तूने कुछ करा क्यू नही..?"

 

अपनी मां कुसुम की बात सुन कर, उन की सगी बेटी रीना ने अपनी सगी मां कुसुम से कहा, "क्या आप को लगता हैं ये बदनसीब रूही मुझे चोट पहुंचा देगी और मै उस को कुछ नही कहूंगी जब कि अगर उस ने मुझे हाथ भी लगा दिया न तो मै उस के हाथ को काट कर किसी गंदे नाले में फेंकवा दूंगी..!"

 

अपनी सगी बेटी रीना की बात सुन कर अब रूही की सौतेली मां कुसुम ने अपनी सगी बेटी रीना से पूछा, "तो फिर तुझे ये चोट केसे लग गई..?"

 

अपनी सगी मां कुसुम की बात सुन कर अब उन की सगी बेटी रीना अपनी सगी मां कुसुम को अपना हाथ को दिखाते हुए कहा, "अरे ये तो मैने इस बदनसीब रूही का ही खून अपने हाथ पर लगा लिया था.!"

 

रूही की सौतेली बहन रीना अपनी बात कह कर फिर रूही के ही किसी कपड़े से अपने हाथ पर लगा सारा खून साफ कर दिया तो रूही की सौतेली मां कुसुम, अपनी सगी बेटी रीना को देख कर हैरान ही रह गई क्योंकि उस की सगी बेटी रीना को तो कोई चोट आई ही नहीं थी..!

 

ये सब देख कर रूही की सौतेली मां कुसुम ने अपनी सगी बेटी रीना से पूछा, "तो तूने ये सब ड्रामा क्यू किया, बता मुझे..?"

 

अपनी सगी मां कुसुम की बात सुन कर अब उन की सगी बेटी रीना ने उन से झूठ बोलते हुए कहा, "इस बदनसीब रूही (रीना, रूही को इसी नाम से पुकाराती थी) ने मेरे कमरे से मेरे द्वारा जोड़े हुए रुपए चुरा लिए और जब मै इस से वो लेने आई तो मुझ से जबान लड़ाने लगी तो मुझे इस की बातो पर गुस्सा आ गया और फिर मैने भी गुस्से में आकर इस को दीवार पर धाका दे दिया, जिस से इस के सिर पर चोट लग गई, फिर मैने इस से अपने द्वारा जुड़े हुए रुपए ले लिए और जब मै अपने रुपए लेकर अपने कमरे में जाने लगी तो इस ने मेरे हाथो से पता नही कैसे वो रुपए छीन लिए पर इस के हाथ में लगा खून अब मेरे हाथो पर भी लग चुका था फिर मुझे एक आइडिया आया और फिर मैंने इस को सबक सिखाने के लिए ये सब ड्रामा करा.!"

 

अपनी सगी बेटी रीना की बात सुन कर रूही की सौतेली मां कुसुम को गुस्सा आ गया और वो बेहोश पड़ी रूही को लातों से मारने लगी और मारने के बाद गुस्से से चिल्लाते हुए बेहोश पड़ी रूही से कहा, "इस की इतनी हिम्मत बढ़ गई हैं कि घर से रुपए चुराने लगी है, लगता हैं उस दिन अपने बाप से कम पीटी थी बेल्ट से, आने दो इस के बाप को इस की सारी हेकड़ी निकलवा दूंगी..!"

 

रूही की सौतेली मां कुसुम अपनी बात कहने के बाद अब अपनी सगी बेटी रीना से पूछा, "और ये करामजली रूही, इन रुपयों का क्या करने वाली थी..?"

 

अपनी सगी मां कुसुम की बात सुन कर उन की सगी बेटी रीना ने अब अपनी सगी मां कुसुम से झूठ बोलते हुए कहा, "मैने इस बदनसीब रूही को फोन पर किसी लड़के से बात करते सुना था और ये इन रुपयों से उस के लिए जन्मदिन का गिफ्ट लेने वाली थी, और मुझे तो लगता है वो लड़का ही इस का ब्वॉयफ्रेंड होगा तभी तो इस ने ये सब करा है..!"

 

अपनी सगी बेटी रीना की बात सुन कर रूही की सौतेली मां कुसुम ने अब रूही का कीपैड फोन ले लिया और अपने आप में बड़बड़ाते हुए बोली, "मै भी देखती हूं अब कैसे ये करामजली रूही किसी लड़के से बात करती हैं..!"

 

और जब रूही की सौतेली मां कुसुम बाहर जाने लगी तो उन की सगी बेटी रीना में अपनी सगी मां कुसुम से कहा, "अरे मेरे दो हजार रुपए तो इस बदनसीब रूही के हाथों से निकल के दे दो..!"

 

अपनी सगी बेटी रीना की बात सुन कर अब रूही की सौतेली मां कुसुम ने रूही के हाथ से वो दो हजार रूपए निकल लिए जो उस ने अपने हाथ में भींच रखे थे और अपने साड़ी के पल्लू मे बांध लिए जिसे देख कर अब उन की सगी बेटी रीना ने अपनी सगी मां कुसुम से कहा, "मां, ये रुपए मेरे है..!"

 

अपनी सगी बेटी रीना की बात सुन कर रूही की सौतेली मां कुसुम ने अपनी सगी बेटी रीना से कहा, "तुझे जब जरुरत पड़ेगी तो दे दूंगी, अभी घर का राशन खतम हो गया है तो मै इन रुपयों से ले आऊंगी क्योंकि वो ज्यादा जरूरी है..!"

 

रूही की सौतेली मां कुसुम अपनी बात कह कर, वो अब अपनी सौतेली बेटी रूही के कमरे से बाहर निकल गई..!

 

अपनी सगी मां कुसुम की बात सुन कर अब रीना ने अपना हाथ दीवार पर मार दिया और अपने आप से कहने लगी, "ये मां भी ना, मेरा सारा प्लेन खराब कर दिया, क्या यार इतनी मुश्किल से दो हजार रुपए मिल रहे थे, वो भी हाथ से चले गए अब मैं अपने बेबी (ब्वॉयफ्रेंड) को उस के बर्थडे पर क्या और कैसे गिफ्ट दूंगी..!"

 

To be Continued....

 

हेलो रीडर्स, यह मेरी पहली नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी पहली नोवेल "डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।