डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 5 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 5

अब आगे,

 

अपनी सौतेली बहन रूही की बात सुन कर, अब उस की सौतेली बहन रीना ने अपनी सौतेली बहन रूही से कहा, "जब तू घर के सारे काम कर रही थी तो मैं तेरे पर कुछ तरस खाकर तेरे कमरे मे अपने खराब हो चुके कपड़े तुझे देने के लिए आई थी और मुझे तेरी अलमीरा में, तेरा ये सफेद रंग का लिफाफा मिल गया और जब मैंने इससे खोला तो उस मे से मुझे रुपए मिले और जब मैंने उन सब को गिना तो पता चला ये तो पूरे दो हजार रुपए है..!"

 

अपनी सौतेली बहन रीना की बात सुन कर, अब रूही ने अपनी सौतेली बहन रीना से कहा, "तो अब ये सफेद रंग का लिफाफा मुझे दे दो, मैने ये रुपए पूरे सात महीनों में जोड़े है..!"

 

अपनी सौतेली बहन रूही की बात सुन कर, अब उस की सौतेली बहन रीना ने अपनी सौतेली बहन से पूछा, "तू क्या करेगी इन रुपयों का..?"

 

अपनी सौतेली बहन रीना की बात सुन कर, अब रूही ने अपनी सौतेली बहन रीना से कहा, "मै इन रुपयों से अपनी इकलौती दोस्त खुशी के लिए उस के जन्मदिन पर एक अच्छा सा गिफ्ट लूंगी..!"

 

अपनी सौतेली बहन रूही की बात सुन कर, उस की सौतेली बहन रीना ने उस को उस का सफेद रंग का लिफाफा देने का नाटक करते हुए उस का सफेद रंग का लिफाफा उस के आगे कर दिया पर रूही जैसे ही अपने उस सफेद रंग के लिफाफे को लेने की कोशिश करती तो...!

 

उस की सौतेली बहन रीना अपना हाथ पीछे खींच लेती और ऐसे ही वो बार बार रूही को परेशान करने लगी और अब थक हार कर रूही ने रोते हुए, अपनी सौतेली बहन रीना से कहा,"दीदी प्लीज मुझे ये सफेद रंग का लिफाफा दे दो ना, मुझे कॉलेज के लिए भी निकालना है.!"

 

अपनी सौतेली बहन रूही की बात सुन कर, उस की सौतेली बहन रीना ने अपनी सौतेली बहन रूही से कहा, "अच्छा बस ये सफेद रंग का लिफाफा ही चाहिए न तुझे तो ले ले..!"

 

और अब रूही की सौतेली बहन रीना ने उस को उस का सफेद रंग का लिफाफा दे दिया और रूही ने खुशी खुशी, अपनी सौतेली बहन रीना से अपना सफेद रंग का लिफाफा ले लिया पर जब रूही ने अपना सफेद रंग का लिफाफा पकड़ा तो उस को पता चला कि उस मे तो उस के इतने महीनो से जोड़े हुए रुपए है ही नही..!

 

और इसी वजह से जो अभी तक रूही के चेहरे पर खुशी अभी नजर आ रही थी वो अचानक से गायब हो गई और अब उस ने अपनी सौतेली बहन रीना से पूछा, "दीदी, इस मे तो रुपए है ही नही..!"

 

अपनी सौतेली बहन रूही की बात सुन कर, उस की सौतेली बहन रीना ने हस्ते हुए अपनी सौतेली बहन रूही से कहा, "तूने ही तो कहा था तुझे बस ये सफेद रंग का लिफाफा चाहिए जो मैने तुझे दे दिया और रही बात रुपयों की तो उस के बारे में तूने मुझे कुछ ही कहा ही नही.!"

 

अपनी सौतेली बहन रीना की बात सुन कर, रूही ने अपनी सौतेली बहन रीना से कहा, "प्लीज दीदी मुझे मेरे रूपए दे दो..!"

 

अपनी सौतेली बहन रूही की बात सुन कर, उस की सौतेली बहन रीना ने अपनी सौतेली बहन रूही से कहा, "नही, ये रुपए मुझे मिले हैं तो अब से ये मेरे है और वैसे भी इस घर के हर समान पर मेरा अधिकार है ना की तुझ जैसी बदनसीब का..!"

 

हां, तो ये रूही की सौतेली बहन थी और इस का पूरा नाम "रीना शर्मा" था, इस की उम्र 24 वर्ष थी और इस की हाइट 5"3 इंच होगी और इस का रंग अपनी सगी मां कुसुम की ही तरह सांबला था और इसी वजह से रूही के सौतेली बहन रीना और सौतेली मां कुसुम, रूही के गोरे रंग से बहुत ज्यादा जलते थे..!

 

और इसलिए ही रूही को न तो वो पेट भर खाना देते थे और न ही पहनने के लिए ढंग के कपड़े और उस के साथ बुरे से भी बुरा व्यवहार करते थे..!

 

और ये बात पुरे मोहल्ले को पता थी पर वो लोग ये भी जानते थे कि रूही की सौतेली मां कुसुम बहुत ही चालक और बातामीज औरत थी इसलिए ही कोई भी उस के मुंह नही लगना चाहता था..!

 

अपनी सौतेली बहन रीना की बात सुन कर, अब रूही को थोड़ा गुस्सा आ गया और उस ने अपनी सौतेली बहन रीना से कहा, "वो रुपए मेरे है, मैने उन्हे अपनी पॉकेट मनी से बचा बचा कर इकट्ठा किया था, ना तुम्हे मिले तो तुम्हारे हो गए..!"

 

रूही वैसे तो अपने लिए बोलती नही थी पर जब उस की किसी बात को सहने की शक्ति खतम हो जाती थी तो वो गुस्सा हो ही जाती थी और ये आज की बात नही है जब भी रूही कुछ रुपए बचाती थी तो उस की सौतेली बहन रीना या उस का सौतेला भाई उस के रुपए उस से छीन लेते थे या फिर चुरा लेते थे और आज भी उस के साथ यही हो रहा था..!

 

रूही का ऐसा व्यवहार देख कर उस की सौतेली बहन रीना को गुस्सा आ गया और अब रूही की सौतेली बहन रीना ने रूही का सिर पकड़ कर दीवार पर मार दिया, जिस से उस के सिर पर चोट लग गई पर जब रूही ने अपने सिर पर हाथ रख के देखा तो वहा पर खून निकल रहा था जो उस के हाथ पर भी लग गया..!

 

To be Continued....

 

हेलो रीडर्स, यह मेरी पहली नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी पहली नोवेल "डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।