डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 35 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 35

अब आगे,

वो आदमी मोहित, राजवीर से कहने लगता है, " डेविल, मुझे माफ कर दो...!"

मोहित अपनी बात पूरी कर पता उस से पहले ही राजवीर ने उस के माथे के बीचों बीच में एक गोली मारकर उस को वही ढेर कर देता है और साथ में कहता है, "मुझे झूठ बोलने वालो से सक्त नफरत है...!"

अपनी बात कहकर राजवीर, अपने पर्सनल बॉडीगार्ड देव से कहता है, " कही फेक दो इस को और कल के हर न्यूज चैनल पर इस की ही फोटो आनी चाहिए क्योंकि मेरे दुश्मनों को भी तो पता चलना चाहिए कि मुझ से उलझने वालो का क्या हाल करता है ये राजवीर सिंघानिया...!"

अपनी बात कहकर राजवीर को एक बार फिर से उस की आंखो के सामने रूही की वो डरी सहमी आंखे आने लगती हैं जिस के बारे मे वो तब से सोच रहा है जब से उस से मिल कर आया है।

राजवीर ने अपनी बात कही ही होती हैं तब अभय उस से कहता है, " तो अब दिल्ली वापस चले...!"

अभय की बात सुन, राजवीर उस से कहता है, " अभी नही, मै अभी कुछ दिन यही बनारस में ही रुकना चाहता हूं...!"

राजवीर की बात सुन, अभय को समझ में नही आ रहा होता है कि अब आखिर इस का और क्या काम करना बाकी रह गया है...!

वही दूसरी तरफ, रूही का घर,

रूही जल्दी जल्दी कर के किसी भी तरह अपने घर पहुंचना चाहती हैं पर अब वो चलते चलते थक रही होती हैं पर वो कही बैठने के बजाए अपना चलना बंद नही करती हैं और न ही कोई रिक्शा ले पाती है क्योंकि उस की सौतेली मां कुसुम ने उस को पूरे रुपए दिए थे जो सारा सामान लेने में ही खर्च हो चुके थे।

करीब एक घंटे बाद,

अब रूही की लगातार चलते चलते हालत खराब हो रही होती हैं मगर जब को देखती है कि वो अपने मोहल्ले वाले राशन की दुकान तक आ गई है तो वो अपने आप को समझाते हुए कहती हैं, " देख रूही अब तुझे रुकना नही है बस 15 मिनट का रास्ता और बचा है फिर तो अपना घर आ ही गया समझ....!"

अपनी बात अपने को ही समझाकर रूही हिम्मत न हारते हुए फिर से चलने लगती हैं और चलते चलते किसी घर के दरवाजे तक आ कर रुक जाती हैं और अपने आप से कहती है, "मै अब और नही कर सकती हु...!" अपनी बात कहकर वही बेहोश हो जाती हैं।

तभी कोई रूही के मुंह पर पानी से भरा गिलास फेक देता है जिस से रूही को होश आता है।

तभी उस को अपनी सौतेली मां कुसुम की आवाज आती हैं, " कहां चली गई थी राशन लेने, जो इतना समय लगा दिया है और अब ये घर के दरवाजे पर क्यू बैठ गई और तेरा बाप रात तक घर आए उस से पहले सारा खाना बना दे...!"

अपनी सौतेली मां की बात सुन, उनके द्वारा पानी फेके जाने से रूही को होश आता है और वो फिर जैसे तैसे उठने की कोशिश करती हैं पर उस से उठा नही जाता हैं तभी कोई लड़का उस को उठने मे मदद करने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाता है, रूही उस हाथ के देख हैरान रह जाती हैं कि ये कौन हो सकता है पर तभी जब वो उस लड़के को देखती है तो दो कदम पीछे हो जाती हैं क्योंकि वो लड़का उस के मोहल्ले का गुंडा था जो उस के पीछे तब से पड़ा हुआ है जब वो दसवीं कक्षा में थी।

और साथ में उस का नाम रोहित दिवाकर होता है वो रूही से पूरे 9 साल बड़ा है और साथ में रूही की सौतेली बहन रीना का ब्वॉयफ्रेंड भी है पर वो रीना के साथ फिजिकल रिलेशन के अलावा उस से ज्यादा कोई भाव नहीं देता है बस वो किसी भी कीमत पर रूही को पाना चाहता है, उस को रूही से ज्यादा उस की सुंदरता पसंद है जिस के लिए वो कुछ भी कर सकता है।

और इसी कारण रूही उस से नफरत करती है, उस ने कही बार उस के साथ बातामीजी की भी कोशिश की है और जब भी उस ने अपने पिता को बताने की कोशिश करी तो उस की सौतेली मां कुसुम और बहन रीना ने उस को ही गलत साबित कर दिया था जिस कारण ही अब उस के पिता उस पर अब थोड़ा कम और उसकी सौतेली मां कुसुम और बहन रीना पर बहुत ज्यादा भरोसा करते हैं।

रूही अपने आप को संभालते हुए जैसे तैसे कर के खड़ी हो जाती हैं तो रोहित उस की तरफ बढ़ने लगता है और रूही अपने कदम पीछे लेने लगती है और जब वो दीवार से बिलकुल चिपक सी जाती हैं तो रोहित अपने चेहरे पर एक गंदी मुस्कान के साथ रूही को ऊपर से नीचे तक देख रहा होता है।

To be Continued......❤️✍️

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