डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 36 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 36

अब आगे,

 

रूही दीवार से चिपक कर खड़ी हुई थी और साथ में रात का समय होने की वजह से रूही को बहुत ज्यादा डर लग रहा था वही रोहित उस को अपनी गंदी नजर से ऊपर से नीचे तक कही बार देखने के बाद भी अपनी नजर रूही पर से नही हटा रहा था..!

 

जिस से रूही को बहुत ज्यादा डर लग रहा था क्योंकि रोहित ने बहुत सी लड़कियों की जिंदगी बर्बाद कर दी थी पर उस के खिलाफ कोई सबूत न मिलने पर उस को रिहा कर दिया गया था..!

 

रूही अब वहा से जाने की कोशिश कर रही थी तो रोहित ने अपने एक हाथ से रूही का रास्ता रोक लिया और जिस से अब रूही डर से कांप रही थी और अब रोहित ने रूही के कान के पास जाकर उस से कहा, "आज तो चांद खुद नीचे उतर आया है पर जानती तो होगी ही कि चांद पर भी दाग है तो फिर तुम कैसे बिना किसी...!"

 

रोहित अपनी बात पूरी कर पता उस से पहले ही रूही अपनी पूरी ताकत से उस को धक्का दे दिया जिस से वो पीछे नाली में गिर गया और ऐसा इसलिए भी हुआ क्योंकि रोहित का सारा ध्यान रूही की फिगर को देखने में था और जिस का फायदा उठा कर रूही ने उस को धक्का दे दिया..!

 

जब रोहित नाली में गिर गया तो रूही जल्दी से अपना राशन और सामान का थैला उठा कर डरते हुए अपने घर के अंदर जल्दी जल्दी जाने लगी और साथ में अपने घर का दरवाजा पर कुंडी भी लगा दी जिस से रोहित उस का पीछा करते हुए उस के घर में अंदर न घुस जाए..!

 

और अब सारे सामान का थैला "शर्मा निवास" की दहलीज पर रख कर अपने कमरे की तरफ भाग गई और अपने कमरे के बाथरूम में जाकर गेट बंद कर के वही बैठ गई..!

 

और अब रोते हुए अपने बाके बिहारी (भगवान) से शिकायत करते हुए कहने लगी, "ये बाके बिहारी (भगवान), मैने ऐसा भी कौन सा पाप किया है जिस की मुझे इतनी बड़ी सजा दे रहे हो, पहले वो रोहित कम था जो अब आप ने मुझे उस शख्स (राजवीर) से मिलवा दिया और क्यों उस शख्स (राजवीर) ने मेरे साथ इतने सारे लोगो के सामने बातामीजी करी..!"

 

अपनी बात कह कर अब रूही रोने लगी और उस को कुछ भी समझ मे नही आ रहा था कि आखिर उस के साथ ही सब बुरा क्यू करते थे जबकि उन से आज तक किसी के साथ बुरा करना तो दूर उन के साथ कभी बुरा व्यवहार तक नही किया था फिर ये सब लोग उस के साथ ऐसा क्यू कर रहे थे..!

 

कुछ देर बाद,

 

रूही की सौतेली मां कुसुम अब अपने कमरे से बाहर आई तो उस ने देखा कि उस की सौतेली बेटी रूही ने अभी तक तो न राशन अपनी जगह पर रखा था और न ही बाकी सामान को, जिसे देख रूही की सौतेली मां कुसुम का पारा चढ़ गया और अब वो अपनी सौतेली बेटी रूही का नाम चिल्लाने लगी, "रूही...रूही...!"

 

जब रूही ने अपनी सौतेली मां कुसुम की बात का कोई जवाब नही दिया तो अब उस की सौतेली मां कुसुम ने अपने आप में बड़बड़ाते हुए कहा, "कहां मर गई है ये करमजली...!"

 

अपनी बात कह कर अब रूही की सौतेली मां कुसुम, अपनी सौतेली बेटी रूही के कमरे की ओर बढ़ गई और वहा पर भी अपनी सौतेली बेटी रूही को ना देख कर वहा से वापस ही जाने लगी कि तभी रूही अपना मुंह धोकर बाथरूम से बाहर आ गई जिसे देख, रूही की सौतेली मां कुसुम ने अब उस के बालो को पकड़ लिया तो रूही ने अपनी सौतेली मां कुसुम से कहा, "छोड़ दो मां, मुझे दर्द हो रहा है..!"

 

अपनी सौतेली बेटी रूही की बात सुन कर भी उस की सौतेली मां कुसुम ने उस के बाल नही छोड़ा था बल्कि अब वो अपनी सौतेली बेटी रूही से कहने लगी, "तेरी इतनी हिम्मत हो गई कि मेरे बुलाने पर भी नही आ रही थी और बाथरूम में जाकर बैठ गई, लगता है तू फिर से अपने बाप से पीटना चाहती हैं और वो भी बाल्टो से...!"

 

अपनी सौतेली मां कुसुम की बात सुन कर अब रूही के आंखो में वही दिश्य घूमने लगा जब उस के पिता अमर ने गुस्से में आकर उस को बेरहमी से बेल्टो से मारा था जिस पर रूही ने रोते और गिरगिराते हुए अपनी सौतेली मां कुसुम से कहा, "नही मां ऐसा मत करना, मै आप के हाथ जोड़ती हूं अब जो कहेंगी मै वो करने को तैयार हु, बस ये मत करना...!"

 

अपनी सौतेली बेटी रूही की बात सुन कर, अब उस की सौतेली मां कुसुम ने उस को छोड़ दिया जिस से वो जमीन पर गिर गई और अब अपनी सौतेली बेटी रूही से कहा, "अगले एक घंटे में मुझे रात का खाना तैयार चाहिए नही तो तू जानती ही है मै क्या क्या करवा सकती हु तेरे बाप से...!"

 

अपनी बात कह कर रूही की सौतेली मां कुसुम मुस्कराते हुए वहा से चली गई और रूही हिम्मत कर के अपने कमरे से बाहर निकल आई और फिर बरामदे में जाकर सारा राशन और सामान अपनी अपनी जगह पर रख दिया..!

 

और अब रसोई घर में जाकर रात के खाने के लिए चावल भिगो कर, आटा गूंधने लगी और फिर सब्जी काट कर, दाल कुकर में चढ़ा दी और ऐसे ही कर के अब रूही ने सारा काम कर लिया और रूही ने रात का पूरा खाना तैयार कर लिया..!

 

To be Continued......

 

हेलो रीडर्स, यह मेरी पहली नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी पहली नोवेल "डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।