डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 46 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 46

अब आगे,

 

अपने आर्ट डिपार्टमेंट के हेड सर की बात सुन कर अब रूही ने उन सर ने कहा, "सर, मेरे घर में कुछ प्रोब्लम हो गई थी जिस वजह से मै कॉलेज नही आ पाई थी, प्लीज मेरा एग्जामिनेशन फॉर्म भर दीजिए...!"

 

रूही की बात सुन कर, वो हेड ऑफ डिपार्टमेंट के सर गुस्से ने अब रूही पर गुस्सा करते हुए उस से रूही से कहा, "तुम्हारा हर बार का यही ड्रामा रहता है, मुझे तो समझ में नही आता है कि तुम्हारी फीस का सारा खर्चा सरकार और कॉलेज उठा रहा है फिर भी ये बनारस की टॉपर हमारे कॉलेज का नाम डुबाने में लगी हुई हैं..!"

 

अपने उन हेड ऑफ डिपार्टमेंट के सर की बात सुन कर अब रूही कुछ कहने ही वाली थी कि रूही के हेड ऑफ डिपार्टमेंट के सर ने अब की बार रूही का मजाक बनाते हुए उस से कहा, "और पिछले और उस से भी पिछले बार भी तुम ने कहा था घर में कोई परेशानी हो गई है, आज तो तुम मुझे बता ही दो कि तुम्हारे घर में ऐसी भी कौन सी परेशानी है जिस से न तो तुम डेली कॉलेज आती हो, ना क्लास अटेंड करती हो, ना ही समय से एग्जामिनेशन फॉर्म भरती हो और सब से बड़ी बात तुम अपनी पढ़ाई पर ध्यान तक नही देती हो तो फिर मैं क्यू ही भरू तुम्हारा एग्जामिनेशन फॉर्म और नही चाहिए हमें तुम्हारी जैसी स्टूडेंट्स निकल जाओ मेरे ऑफिस और इस कॉलेज से...!"

 

उन हेड ऑफ डिपार्टमेंट के सर की बात सुन कर, अब रूही की आंखो से अंशु बहने लगे क्योंकि वो अपने घर में हो रहे अपने ऊपर अत्याचारों के बारे मे किसी को नही बता सकती थी और वो हमेशा से ही अच्छे नंबर लाकर अपनी सगी मां सरस्वती का सपना पूरा करके एक बड़ी अफसर बनना चाहती थी..!

 

मगर उस की सौतेली मां कुसुम उस को कभी भी अपने पैरो पर खड़ा नही देखना चाहती थी इसलिए उस ने हमेशा उस को पढ़ने से रोका करती थी मगर हमारी रूही रात को जैसे तैसे पढ़ कर एग्जाम दे ही आती थी और अच्छे नंबरों से पास भी हो जाती थी..!

 

अब रूही ने अपने हेड ऑफ डिपार्टमेंट के सर से कहा, "सर, प्लीज मेरा फॉर्म भर दीजिए क्योंकि आज एग्जाम फॉर्म भरने के लास्ट डेट है और मैं इस बार अच्छे से पढ़ाई करूंगी, प्लीज कर दीजिए नही तो मेरा साल बर्बाद हो जाएगा..!"

 

रूही की बात सुन कर, अब उस के हेड ऑफ डिपार्टमेंट के सर ने उस से कहा, "तुम अभी तक गई नही और तुम्हारा साल बर्बाद होता है तो हो जाए, मुझे कोई भी फर्क नही पड़ता है..!"

 

अपनी बात कह कर अब हेड ऑफ डिपार्टमेंट के सर ने अपने कमरे के बाहर खड़े नोकर को बुलाते हुए कहा, "रामू...रामू...!"

 

अपने हेड ऑफ डिपार्टमेंट के सर की आवाज सुन कर उन के कमरे के बाहर खड़ा हुआ उन का नोकर भागा भागा उन के ऑफिस में आ गया और अब रामू ने अपने साहब से कहा, "जी, साहब आप ने बुलाया..!"

 

उन हेड ऑफ डिपार्टमेंट के सर के नोकर रामू के आने के बाद, अब उस हेड ऑफ डिपार्टमेंट के सर ने रूही की तरफ इशारा करते हुए अपने नौकर से कहा, "इस लड़की (रूही) को मेरी ऑफिस से धक्का देकर निकल दो और खबरदार आइंदा ये लड़की (रूही) मुझे यहां दिखाई ना दे..!"

 

उस हेड ऑफ डिपार्टमेंट के सर की बात सुन कर, उन के नौकर रामू अब रूही को देख रहा था वो, रूही को धक्का देकर नही निकलना चाहता था इसलिए वो, रूही के पास जाकर उस से कहने लगा, "रूही तुम खुद ही बाहर निकाल जाओ क्योंकि तुम एक अच्छी लड़की हो, इसलिए मैं तुम्हारे साथ बातामीजी नही करना चाहता हु..!"

 

जब उस हेड ऑफ डिपार्टमेंट के सर ने अपने नौकर रामू को रूही से कुछ कहते हुए देखा तो अब उस हेड ऑफ डिपार्टमेंट के सर ने अपने नौकर रामू से कहा, "लगता है तुम्हे अपनी नौकरी प्यारी नही है तभी तो इस दो कोड़ी की लड़की (रूही) के लिए तुम्हारा ये प्यार उमड़ रहा है..!"

 

उन हेड ऑफ डिपार्टमेंट के सर की बात सुन कर, अब रूही ने अपने सर से कहा, "नही सर, आप रामू भैया को जॉब से मत निकालिए, मै खुद ही चली जाऊंगी..!"

 

रूही अपनी बात कह कर रोते हुए उस हेड ऑफ डिपार्टमेंट के सर के ऑफिस से बाहर निकल गई क्योंकि वो, अपने उस सर को जानती थी अपना काम ठीक से न होने पर वो कुछ भी कर सकते थे और रूही अपनी वजह से अपने रामू भैया को परेशान नहीं करना चाहती थी..!

 

रूही, उस हेड ऑफ डिपार्टमेंट के सर के ऑफिस से बाहर आई ही थी कि किसी ने उस का नाम पुकारा तो रूही ने पीछे मुड़ कर देखा तो उस को पता चला कि वहा उस के रामू भैया खड़े हुए थे जो उस के पास ही आ रहे थे..!

 

अब रूही के रामू भैया ने रूही से कहा, "रूही तू उदास मत हो और बस अपने बाके बिहारी (भगवान) पर भरोसा रखना और वो जो भी करते हैं न उस के पीछे कोई ने कोई कारण जरूर से होता है और हां एक बार जरूर से याद रखना जब हमारा वक्त खराब होता है ना तो ऊट पर बैठे हुए इंसान को भी कुत्ता काट कर चला जाता है इसलिए तू परेशान मत हो बस अभी तेरा समय खराब है और कुछ नही..!"

 

रूही ने अपने रामू भैया की बात सुन कर कुछ नही कहा और वहा से अपने आंखे से निकल रहे अंशुओ को पोश लिए और फिर अपने आर्ट डिपार्टमेंट के सेक्शन से बाहर निकल कर अपने कॉलेज के गार्डन में पहुंच गई..!

 

To be Continued......

 

हेलो रीडर्स, यह मेरी पहली नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी पहली नोवेल "डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।