डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 41 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 41

अब आगे,

 

ऐसे ही हंसी मजाक करते हुए ही रूही के सगे पिता अमर, रूही को सुला कर उस के कमरे से बाहर निकल गए और वही रूही भी आज अपने सगे पिता अमर के साथ होने की वजह से आज सुबह उस के साथ जो कुछ भी हुआ था वो सब लगभग भूल ही चुकी थी और चेन की नींद सो चुकी थी...!

 

दूसरी तरफ, सिंघानिया विला, बनारस में,

 

वही आज किसी की आंखो में नींद नही थी, वैसे तो राजवीर को बहुत कम ही सोने की आदत थी क्योंकि उस को रात रात भर नींद नही आती थी और जिस कारण वो नींद की दवाई खा कर ही सो पता था पर आज राजवीर ने अपनी नींद की दवाई भी खा ली थी..!

 

फिर भी उस को नींद नही आ रही थी, उस को रूही के बहुत करीब होना और फिर उस को किस करना उस की आंखो में किसी रील की तरह बार बार घूम रहा था...!

 

जिस से अब राजवीर ने तंग आकर अपना तकिया ही गुस्से से जमीन पर फेंक दिया और अपने आप से बड़बड़ाते हुए कहने लगा, "आज पहली बार किसी लड़की (रूही) ने "राजवीर सिंघानिया" के दिमाग पर हाभी होने की कोशिश करी है, उस लड़की (रूही) को तो मै छोड़ोगा नही...!"

 

अब राजवीर ने अपने पर्सनल बॉडीगार्ड देव को कॉल करा जब की रात के 3 बज रहे थे फिर भी राजवीर के पर्सनल बॉडीगार्ड देव ने राजवीर के कॉल की पहली ही रिंग पर कॉल रिसीव कर लिया..!

 

और कॉल रिसीव होते ही राजवीर ने अपने पर्सनल बॉडीगार्ड देव से कहा, "मुझे उस लड़की के बारे मे सारी जानकारी चाहिए और हां, वो भी छोटी से छोटी..!"

 

वैसे तो राजवीर का पर्सनल बॉडीगार्ड देव अपने बॉस राजवीर की बात को समझ चुका था कि उस का बॉस राजवीर किस लड़की की बात कर रहा था पर फिर भी राजवीर के पर्सनल बॉडीगार्ड देव ने अब अनजान बनते हुए राजवीर से अनजान बनते हुए राजवीर से पूछा, "बॉस, आप किस लड़की के बारे मे बात कर रहे हैं..?"

 

अपने पर्सनल बॉडीगार्ड देव की बात सुन कर अब राजवीर ने अपने गुस्से से अपने पर्सनल बॉडीगार्ड देव से कहा, "वही लड़की जिसे तुम पहले ही समझ चुके हो कि मैं किस के बारे मे बात कर रहा हूं और कुछ भी जानना चाहते हो..!"

 

राजवीर की बात सुन कर और उस का गुस्सा देख कर अब राजवीर के पर्सनल बॉडीगार्ड देव ने अपना सलायावा गटक लिया..!

 

वही अब राजवीर ने फिर से अपने पर्सनल बॉडीगार्ड देव से कहा, "और मै उस लड़की के बारे मे सब कुछ जानना चाहता हु, समझ में आ गया तुम्हे..!"

 

राजवीर की बात सुन कर अब की बार राजवीर के पर्सनल बॉडीगार्ड देव ने अब राजवीर से कहा, "जी..जी बॉस, काम हो जायेगा...!"

 

अपने पर्सनल बॉडीगार्ड देव की बात सुन कर अब राजवीर ने कॉल कट कर दिया और अपने किंग साइज बेड से उठ कर अपने कमरे की बालकनी में जाकर खड़ा हो गया और अपने आप को शांत करने की कोशिश करने लगा..!

 

पर अब शायद रूही, राजवीर की जिंदगी के हिस्सा बनने वाली थी क्योंकि राजवीर ने अपनी अब तक की पूरी जिंदगी में पहली बार किसी लड़की को खुद से किस किया था, नही तो लड़किया खुद ही राजवीर के करीब जाने की कोशिश करती थी...!

 

शर्मा निवास, रूही का घर, सुबह के 6 बजे,

 

वैसे तो रूही को सुबह के चार बजे ही उठा दिया जाता था और वो भी रूही की सौतेली मां कुसुम के जरिए से पर आज रूही के सगे पिता अमर घर पर ही थे इसलिए रूही की सौतेली मां कुसुम उस को उठाने नही आई थी..!

 

मगर फिर भी रूही की आंख सुबह के छ बजे अपने आप ही खुल गई थी और इसलिए भी कि रूही को आज अपने कॉलेज जाना था क्योंकि उस के एग्जाम फॉर्म भरने की आज लास्ट डेट थी और उस का साल बर्बाद न हो इसलिए वो अपने सगे पिता अमर के साथ अपने कॉलेज जाने वाली थी..!

 

जिस से रूही के सगे पिता अमर, रूही के कॉलेज के प्रिंसिपल से बात कर के उस का एग्जाम फॉर्म भरवा देंगे और वैसे भी रूही का ये हर साल यही रहता था और साथ में रूही की सौतेली मां कुसुम का बस चले तो वो उस को कभी घर के बाहर ही न निकलने दे क्योंकि रूही बहुत ही खूबसूरत थी..!

 

जिस कारण रूही की सौतेली मां कुसुम और सौतेली बहन रीना उस से बहुत ज्यादा नफरत करती थी और इसलिए ही उस पर बहुत सारे कहर ढाए जाते थे..!

 

रूही की सौतेली मां कुसुम, रूही को बस घर में ही रखती थी और वो, कॉलेज भी तभी जाया करती थी जब उस के सगे पिता अमर घर पर होते थे और बाकी दिनों में रूही बस दिन रात घर में काम ही करती रहती थी वो भी एक किसी मशीन के तरह...!

 

रूही ने सोचा कि उस के सगे पिता अमर को आज भी अपने बॉस के पास काम पर जाना था तो उस को आके सारा काम करना तो है ही इसलिए अब उन से अब जल्दी जल्दी झाड़ू पोछा लगा दिया...!

 

और अब वो अपने कमरे के बाथरूम में नहाने चली गई जिस से वो, अपने सगे पिता अमर के साथ कॉलेज जा सके और उस के सगे पिता अमर वहा से ही अपने बॉस (राजवीर) के पास काम पर जा सके...!

 

To be Continued......

 

हेलो रीडर्स, यह मेरी पहली नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी पहली नोवेल "डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।