अब आगे,
अब रूही अपने आर्ट डिपार्टमेंट्स से निकल कर बाहर गार्डन तक पहुंच चुकी थी और वहा उस ने अपने सगे पिता अमर को फोन पर किसी से बात करते हुए देखा तो फिर रूही वही उस गार्डन की बेंच पर बैठ गई..!
रूही के सगे पिता अमर अपने बॉस दीप से बात कर रहे थे, दरअसल राजवीर का सारा बिजनेस का काम उस का पी ए दीप ही संभालता था और वही राजवीर की छोटी से लेकर बड़ी कंपनियों में जाकर सारी चीज़ों को चेक करता था..!
और इसी वजह से किसी ने भी राजवीर को नही देखा उन सब के लिए तो राजवीर का पी ए दीप ही उन लोगो का बॉस था..!
वही रूही के सगे पिता अमर अपने बॉस दीप यानी राजवीर के पी ए से कह रहे थे, "सर, मै अभी रास्ते में ही हु बस थोड़ी देर में ऑफिस पहुंच जाऊंगा..!"
रूही के सगे पिता ने अपने बॉस दीप यानी राजवीर के पी ए को सच न बता कर झूट बोल दिया था क्योंकि उन को डर था कि कही राजवीर उन पर भड़क न जाएं..!
और उस का एक कारण ये भी है कि राजवीर को कामचोरी बिलकुल भी पसंद नही थी जिस के लिए वो बहुत जल्दी लोगो को उन की नौकरी से निकाल देता था..!
और रूही के सगे पिता अमर इस बात का रिस्क नहीं ले सकते थे क्योंकि अब उन की भी उम्र हो चली थी ऐसे में उन को अब कही जॉब मिलेगी भी या नही इस बात का कोई भरोसा नही था..!
और अब उन की दोनो बेटियां (रूही और रीना) भी शादी लायक हो रही ऐसे में वो अपनी जॉब नही गवाना चाहते थे..!
वही रूही के सगे पिता अमर का जबाव सुन कर, दीप यानी राजवीर का पी ए ने कॉल कट कर दिया और अपने सामने बैठे राजवीर से कहा, "बॉस, रूही मैम के पिता अमर अभी कुछ ही देर में यहां आ पहुंच जाएंगे..!"
अपने पी ए दीप की बात सुन कर, अब राजवीर ने उस से कहा, "जो, मैंने तुम्हे करने के लिए कहा था, वो हो चुका है या नही...!"
राजवीर की बात सुन कर, अब उस के पी ए दीप ने राजवीर से कहा, "बॉस, जैसा आप ने करने को बोला था ठीक वैसा किया जा चुका है अब "प्राइवेट यूनिवर्सिटी ऑफ बनारस" इस बार रूही मैम को अपने कॉलेज में एग्जाम देने नही देंगे जबकि बहुत दिन बाकी है एग्जामिनेशन फॉर्म भरने के लिए मगर हमारे द्वारा कहने पर जल्दी ही लास्ट डेट को घोषित किया जा चुका है, इस वजह से रूही मैम को अपना फॉर्म भरने में परेशानी हो रही है..!"
राजवीर ने जब अपने पी ए दीप की बात सुना तो उस के चेहरे पर एक डेविल मुस्कान आ गई..!
वही अब राजवीर के विला जो कि बनारस में भी मौजूद है वहा पर अभय आ गया और राजवीर के विला के हॉल में पहुंच कर उस की किंग साइज कुर्सी के ठीक बराबर मे रखे किंग साइज सोफे पर जाकर बैठ गया और साथ में अपने दोस्त राजवीर से पूछने लगा, "कौन है ये रूही और तू उस से साथ करना क्या चाहता है...?"
अपने दोस्त अभय की बात सुन कर, अब राजवीर ने अपने दोस्त अभय से कहा, "अभी तक तो वो लड़की मेरे लिए कुछ भी नही थी पर हां वो बहुत जल्द अब मेरे लिए कुछ बनाने वाली है..!"
राजवीर की बात सुन कर अब उस का दोस्त अभय अब अपने दोस्त राजवीर को ही देख रहा था और फिर अभय ने अपने दोस्त राजवीर से कहा, "तू कहना क्या चाहता है, साफ साफ बताएगा..!"
अपने दोस्त अभय की बात सुन कर, अब राजवीर ने अपने दोस्त अभय से कहा, "तुझे जल्द ही समझ में आ जायेगा कि मै क्या कहना चाहता हूं..!"
राजवीर अपनी बात कह कर, अपने दोस्त अभय को देख एक स्माइल दे रहा था और जिसे देख अभय ने अपने मन में कहा, "जरूर कुछ बड़ा होने वाला है, पता करना पड़ेगा कि ये रूही आखिर राजवीर की जिंदगी में आई तो आई केसे..!"
वही दूसरी तरफ, रूही का कॉलेज,
रूही के सगे पिता अमर का कॉल कट होने पर वो जैसे ही पीछे मुड़े तो उन्हे वहा वही उस गार्डन में बैठी हुई रूही दिख गई और जो अपनी किसी ख्याल मे खाई हुई थी कि उस का अब साल बर्बाद हो जाएगा..!
क्यूंकि उस के आर्ट्स डिपार्टमेंट के हेड सर उस का एग्जामिनेशन फॉर्म भरने को तैयार ही नहीं हो रहे थे तो वो अब क्या करेगी, उस को कुछ भी समझ में नही आ रहा था..!
वही रूही के सगे पिता अमर ने अब अपनी सगी बेटी रूही को देख कर उस से पूछा, "भर लिया तूने अपना एग्जामिनेशन फॉर्म...?"
To be Continued......
हेलो रीडर्स, यह मेरी पहली नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी पहली नोवेल "डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।