डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 61 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 61

अब आगे,

 

अब वो दोनो फीमेल एम्प्लॉय अपना सिर झुका कर वही फर्श पर बैठी हुई थी तो रूही ने उस दोनो फीमेल एम्प्लॉय से कहा, "आप मेरे हाथ को बारी बारी से पकड़ कर उठ जाइए..!"

 

रूही की बात सुन कर, अब वो दोनो फीमेल एम्प्लॉय बारी बारी से रूही का हाथ पकड़ कर के उठ कर खड़ी हो गई तो अब रूही की इकलौती दोस्त खुशी ने उन दोनो फीमेल एम्प्लॉय के पास जाकर उन से कहा, "देखा, जिस लड़की (रूही) की तुम दोनो ने बिना किसी वजह के उस के साथ गलत व्यवहार और इतनी बेज्जती कर रहे थे और बिना की बात के इतनी बातामीजी करी, वही लड़की (रूही) अब तुम दोनो को फर्श से उठा रही हैं और तुम दोनो को किस ने इजाजत दी कि तुम किसी भी लड़की को उस के कपड़ो से जज कर सकती हो..!"

 

अपनी बात कह कर अब रूही की इकलौती दोस्त खुशी ने उस एक्सपेंसिव कपड़ो की शॉप के किसी मेल एम्प्लॉय को अब अपने गुस्से से देखते हुए उस से कहा, "अपने मैनेजर को बुलाओ वो भी इसी वक्त..!"

 

खुशी की बात सुन कर, अब उस के सामने खड़ी दोनो फीमेल एम्प्लॉय घबरा गई और वही वो मेल एम्प्लॉय अब भी वही खड़ा हुआ था..!

 

खुशी ने जिस मेल एम्प्लॉय को बोला था उस को वही खड़ा हुआ देख कर अब खुशी का गुस्सा बढ़ने लगा और अब उस ने अपने गुस्से से लगभग उस मेल एम्प्लॉय पर चिल्लाते हुए उस से कहा, "तुम्हे एक बार मे समझ में नही आया क्या या फिर तुम्हे सुनाई नही दिया कि मैने तुम्हे क्या कहा तो मैं तुम से दुबारा कहती हूं कि जाओ जाकर अपने इस एक्सपेंसिव कपड़े की शॉप के मैनेजर को बुला कर लाओ..!"

 

खुशी के गुस्से को देख कर अब वो मेल एंप्लॉय भी थर थर कांपने लगा था और वहा से ऐसे भागा जैसे अगर वो वहा कुछ देर और खड़ा रह गया तो खुशी कही उस की जान ही न ले ले..!

 

अब रूही की इकलौती दोस्त खुशी उन दोनो फीमेल एम्प्लॉय को अपने गुस्से से लाल हो चुकी आंखो से देख रही थी..!

 

कुछ देर बाद,

 

वो मेल एम्प्लॉय अपने साथ अपने एक्सपेंसिव कपड़ो की शॉप के मैनेजर को बुला कर ले आया और वो मैनेजर ने जैसे ही रूही की इकलौती दोस्त खुशी को देखा तो देखते ही उस के पास जाकर रूही की इकलौती दोस्त खुशी से कहने लगा, "हां कहिए मैम, आप ने मुझे बुलाया और आप को कुछ चाहिए तो मुझे बता दीजिए मैं उस को खुद आप के सामने लाकर रख दूंगा..!"

 

वो दोनो फीमेल एम्प्लॉय के साथ साथ वहा मौजूद सारे मेल और फीमेल एम्प्लॉय अपने मैनेजर को ऐसा व्यवहार करते हुए देख कर हैरान ही रह गए क्यूंकि उन के मैनेजर ने आज तक किसी के सामने ऐसा व्यवहार कभी किया ही नहीं था जो वो रूही की इकलौती दोस्त खुशी के सामने कर रहे थे..!

 

उस एक्सपेंसिव कपड़ो की शॉप के मैनेजर की बात सुन कर, अब रूही की इकलौती दोस्त खुशी ने अपने गुस्से से उस एक्सपेंसिव कपड़ो की शॉप के मैनेजर से कहा, "क्या तुम ने अपने शॉप की एम्प्लॉय को अपने कस्टमर के साथ बातामीजी से बात करना और उन के साथ बिना किसी गलती के गलत व्यवहार और बेज्जती करना ही सिखाया है..!"

 

रूही की इकलौती दोस्त खुशी की बात को सुन कर और साथ मे उस का गुस्सा देख कर अब वो एक्सपेंसिव कपड़ो की शॉप का मैनेजर भी थर थर कांपते हुए रूही की इकलौती दोस्त खुशी से कहने लगे, " नही तो और हम ऐसा क्यों कहेंगे कि हमारी एक्सपेंसिव कपड़ो की शॉप का कोई भी एम्प्लॉय हमारी शॉप में आने वाले कस्टमर के साथ गलत व्यवहार, बेज्जती और उस के साथ बातामीजी करे..!"

 

उस एक्सपेंसिव कपड़ो की शॉप के मैनेजर की बात सुन कर, अब रूही की इकलौती दोस्त खुशी ने उन दोनो फीमेल एम्प्लॉय की तरफ इशारा करते हुए उस एक्सपेंसिव कपड़ो की शॉप के मैनेजर से अपने गुस्से में आकार उस से पूछा, "तो फिर तुम्हारे एक्सपेंसिव शॉप की ये दोनो फीमेल एम्प्लॉय ने मेरी सबसे अच्छी दोस्त रूही के साथ गलत व्यवहार, बेज्जती और बिना किसी बात के बातामीजी क्यू कर रही थी, बताओ मुझे..?"

 

To be Continued......

 

हेलो रीडर्स, यह मेरी पहली नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी पहली नोवेल "डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।