अब आगे,
रूही, राजवीर के हाथो से अपनी कलाई छुड़वाने की कोशिश कर ही रही होती हैं कि तभी राजवीर, रूही को अपनी कार के दरवाजे से सटा कर खड़ा कर देता है।
अब राजवीर, रूही के बहुत करीब खड़ा होकर उस की आंखो मे देख रहा होता है और उस से गुस्से से कहता है, " तुम्हे माफी चाहिए थी ना तो वही दे रहा हु..!"
रूही, राजवीर की बातो का मतलब समझ पाती उस से पहले ही राजवीर, रूही के होटों पर अपने होंठ रख कर उस को जबरदस्ती किस करने लगता है..!
जिसे देख रूही के होश ही उड़ जाते है और वो अपने आप को छुड़वाने की कोशिश करनी लगती हैं। और जैसे तैसे कर के रूही अपनी कलाई को राजवीर के हाथ से छुड़वा लेती हैं तो अपने पूरी ताकत से राजवीर को धक्का देकर देती है जिस से राजवीर एक कदम पीछे हट जाता हैं।
राजवीर अपने आप को संभालता उस से पहले रूही सबके सामने राजवीर को चाटा मार देती हैं। जिस से राजवीर का सिर एक और झुक जाता हैं और रूही गुस्सा करते हुए राजवीर से कहती है, " तुम्हारी हिम्मत भी केसे हुई मेरे साथ ये सब करने की...!"
राजवीर ने रूही की बात सुनी ही होती हैं कि अब राजवीर गुस्से से रूही के दोनो हाथो को पकड़ उस की कमर पर लगा देता है और फिर अपने दूसरे हाथ से रूही के बालों को पकड़ अब बिना की धमकी के रूही को जबरदस्ती किस करने लगता है...!
इस बार राजवीर जब रूही को जबरदस्ती किस करता है तो उस का गुस्सा साफ झलक रहा होता है और राजवीर, रूही के होटों को बुरी तरह टॉर्चर कर रहा होता है, और रूही, राजवीर से अपने आप को छुड़वाने की कोशिश कर रही होती हैं मगर राजवीर की ताकत के आगे रूही कुछ नही कर पाती हैं..!
कुछ देर बाद रूही की सांसे उखड़ने लगती हैं तो राजवीर उस से दूर हो जाता हैं मगर उस को छोड़ता नही है, अब तक रूही की सांसे बहुत तेज हो चुकी थी और अब रूही का शरीर घबराहट की वजह से कांप रहा होता है।
और उस की खूबसूरत आंखो में अब तक आंसू निकल ने लगते है और अब रूही अपनी सहमी नजरो से राजवीर को देख रही होती है। राजवीर को गुस्से में देख कर इस बार रूही के उस से कुछ नही कहा होता है।
रूही को चुप देख कर राजवीर उस को एक डेविल स्माइल देता है और रूही के पास आते हुए उस से कहता है, " याद रखना मेरा नाम राजवीर सिंघानिया है, जिसे झुकाना मुश्किल ही नही नामुमकिन है, और रही बात माफी की तो वो भूल ही जाओ क्योंकि राजवीर सिंघानिया ने ना कभी किसी से माफी मांगी है और न ही कभी मांगेगा...!"
रूही के गले पर राजवीर की गरम सांसे टकरा रही होती हैं। जिस से रूही ने अपनी आंखे कसके बंद कर ली, राजवीर ने रूही की कलाई को इतनी मजबूती से पकडा होता है कि रूही के हाथ में जो चूड़ियां पहनी होती हैं वो टूट कर रूही के हाथ में ही चुब रही होती है।
राजवीर ने जब रूही की बंद पलकों को देखा जो नम हो चुकी थी तो राजवीर, रूही को छोड़ देता है तो रूही झट से अपनी आंखे खोल लेती है।
अब राजवीर, रूही के होटों के किनारों पर लगे खून को अपने हाथ के अंगूठे से साफ करते हुए उस से कहता है, " अगली बार मुझसे उलझने से पहले उस के अंजाम के बारे मे भी जरूर से सोच लेना, क्योंकि तुम सोच भी नहीं सकती हो उस से भी कही ज्यादा बुरा कर सकता है ये राजवीर सिंघानिया तुम्हारे साथ...!"
अपनी बात कहकर राजवीर ने अपने हाथ के अंगूठे पर लगे खून को अपने होटों पर लगा लेता है और अपनी कार के पास आ जाता हैं और कार में से दो नोटो के गड्डी निकल कर उस फल वाले बूढ़े बाबा के हाथ में देते हुए उन से कहता है, " और ये तुम्हारे जितना भी नुकसान हुआ उस के लिए है...!"
अपनी बात कहकर राजवीर एक नजर रूही को देखते हुए अपनी कार में बैठ जाता है और वहा खड़ी भीड़ राजवीर के लिए अपने आप ही रास्ता बना देती है। और फिर वो वहा से चला जाता है।
रूही बुत बनकर अपनी उसी जगह पर ही खड़ी होती हैं जहा राजवीर ने उस को छोड़ा था, तभी फल वाले बूढ़े बाबा उस के पास आते हैं और रूही से कहते हैं, " बेटी तुम बहुत ही बहादुर हो, लेकिन तुम्हे मेरे लिए ये सब करने की क्या जरूरत थी, अगर वो साहब तुम्हारे साथ कुछ ज्यादा ही बुरा कर देते तो...पर फिर भी मैं तुम्हे धन्यवाद देता हूं क्योंकि आज जो कुछ भी तुम ने मेरे लिए किया वो मै कभी नही भूल पाऊंगा...!" अपनी बात कहकर फल वाले बूढ़े बाबा वहा से अपना ठेला लेकर चले जाते है।
To be Continued......❤️✍️
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